भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत अप्रैल-सितंबर 2005 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत अप्रैल-सितंबर 2005
30 दिसंबर 2005
भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत अप्रैल-सितंबर 2005
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग द्वारा अप्रैल-नवंबर 2002 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत पर किये गये अध्ययन के निष्कर्ष पर 31 जनवरी 2003 को प्रेस नोट जारी किया था । इसके पश्चात भारतीय रिज़र्व बैंक "विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत" पर जानकारी को नियमित रूप से अद्यतन करके प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जारी करता रहा है जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।
अब अप्रैल-सितंबर 2005-06 की अवधि के भुगतान संतुलन संबंधी आंकड़े उपलब्ध हैं जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 30 दिसंबर 2005 को डाल दिया गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-सितंबर 2005
अप्रैल-सितंबर 2005 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के मुख्य घटक निम्नलिखित सारणी में दिए गए हैं :
सारणी 1 : विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत
(बिलियन अमेरिकी डॉलर)
मदें | अप्रैल-सितंबर 2005 | अप्रैल-सितंबर 2004 | ||
I. | चालू खाता शेष राशियां | -13.0 | -0.5 | |
II. | पूंजी लेखा (निवल) (क से ज) | 19.5 | 7.4 | |
क | विदेशी निवेश | 7.4 | 2.5 | |
ख | बैंकिंग पूंजी | 3.0 | 0.6 | |
जिसमें से : अनिवासी जमाराशियां | 0.2 | -1.3 | ||
ग | अल्पकालिक ऋण | 0.9 | 1.9 | |
घ | बाहरी सहायता | 0.4 | 0.3 | |
ड़. | बाह्य वाणिज्यिक उधार | 2.7 | 1.5 | |
ज | पूंजी लेखे में अन्य मदें | 5.1 | 0.6 | |
III. | मूल्यन परिवर्तन | -5.0 | -0.3 | |
जोड़ (घ्+घ्घ्+घ्घ्घ्) | 1.5 | 6.6 |
अप्रैल-सितंबर 2005 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के मुख्य स्रोत विदेशी निवेश, बैंकिंग पूंजी, बाहय वाणिज्यिक उधार और अन्य पूंजी रहे हैं। अप्रैल-सितंबर 2005 के दौरान भुगतान संतुलन आधार पर (मूल्यांकन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि अमरीकी डॉलर 6.5 बिलियन थी। अप्रैल-सितंबर 2005 के दौरान कुल भंडारों में मूल्यांकन हानि में 5.0 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट हुई जो कि अमरीकी डॉलर की तुलना में प्रमुख मुद्राओं के मूल्यह्रास को प्रतिबिंबित करती है, जबकि अप्रैल-सितंबर 2004 में मूल्यांकन हानि 0.3 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। 5.0 बिलियन अमरीकी डॉलर की मूल्यांकन हानि को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल-सितंबर 2005 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडारों ने 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की ( अप्रैल-सितंबर 2004 के दौरान उक्त वृद्धि 6.6 बिलियन अमरीकी डॉलर थी)।
पी. वी. सदानंदन
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/807