भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में घटबढ़ के स्रोत: अप्रैल-दिसंबर 2009-10 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में घटबढ़ के स्रोत: अप्रैल-दिसंबर 2009-10
31 मार्च 2010 भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में घटबढ़ के स्रोत: अप्रैल-दिसंबर 2009-10 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 2009-10 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर 2009) के भुगतान संतुलन (बीओपी) के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों और पूर्ववर्ती तिमाहियों के संशोधित आंकड़ों के आधार पर, अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान के विदेशी मुद्रा भंडार में घटबढ़ के स्रोत संकलित किए गए हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में घटबढ़ के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2009 अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई थी जिसका मुख्य कारण मूल्यांकन लाभ था। इसके अलावा, विदेशी निवेश, अनिवासी भारतीय जमाराशियों और अल्पावधि व्यापार ऋणों के तहत के अंतर्वाहों के कारण भी अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में काफी वृद्धि हुई। विदेशी मुद्रा भंडार में घटबढ़ के स्त्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार (मूल्यन प्रभाव सहित) में अप्रैल-दिसंबर 2008 की 53,755 मिलियन अमरीकी डालर की गिरावट के विरुद्ध अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान 31,485 मिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई (सारणी 2)।
भुगतान संतुलन आधार पर (अर्थात मूल्यन प्रभाव छोड़कर), विदेशी मुद्रा भंडार में अप्रैल-दिसंबर 2008 की 20,380 मिलियन अमरीकी डालर की गिरावट के विरुद्ध अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान 11,300 मिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई। प्रमुख मुद्राओं के प्रति अमरीकी डालर में मूल्यह्रास दर्शाते हुए, अप्रैल-दिसंबर 2008 के दौरान की 33,375 मिलियन अमरीकी डालर की मूल्यांकन हानि की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान मूल्यांकन लाभ 20,185 मिलियन अमरीकी डालर था। तदनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान मूल्यांकन लाभ विदेशी मुद्रा भंडार में कुल वृद्धि के 64.1 प्रतिशत था। अजीत प्रसाद |