अप्रैल-दिसंबर 2010-11 के दौरान भारत में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोत - आरबीआई - Reserve Bank of India
अप्रैल-दिसंबर 2010-11 के दौरान भारत में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोत
31 मार्च 2011 अप्रैल-दिसंबर 2010-11 के दौरान भारत में भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 2010-11 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर 2010) के लिए भुगतान संतुलन के आंकड़े जारी किए। पूर्व तिमाहियों के लिए संशोधित आंकड़ों के साथ-साथ इन आंकड़ों के आधार पर, अप्रैल-दिसंबर 2010 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोतों पर इस नोट का संकलन किया गया है। विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोत:अप्रैल-दिसंबर 2010 अप्रैल-दिसंबर 2010 के दौरान, विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में वृद्धि हुई। विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं।
भुगतान संतुलन आधार पर (अर्थात मूल्यन प्रभाव को छोड़कर), विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियां अप्रैल-दिसंबर 2010 के दौरान 11.0 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ी जबकि अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान इनमें 11.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। अप्रैल-दिसंबर 2010 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियां (मूल्यन प्रभाव सहित) 18.3 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ीं जबकि अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान इनमें 31.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई थी (सारणी 2)।
मूल्यन लाभ, जो प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर में मूल्यहसा को दर्शाता है, अप्रैल-दिसंबर 2010 के दौरान 7.3 बिलियन अमरीकी डॉलर था जबकि अप्रैल-दिसंबर 2009 के दौरान मूल्यन लाभ 20.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था। तदनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2010 के दौरान मूल्यन लाभ विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में कुल वृद्धि के 39.9 प्रतिशत था। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/1413 |