अप्रैल-सितंबर 2010-11 के दौरान भारत में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोत
31 दिसंबर 2010 अप्रैल-सितंबर 2010-11 के दौरान भारत में पहले आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 2010 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए भुगतान संतुलन के आंकड़े जारी किए। पूर्व तिमाहियों के लिए संशोधित आंकड़ों के साथ-साथ इन आंकड़ों के आधार पर, अप्रैल-सितंबर 2010 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोतों पर इस नोट में संकलन किया गया है। विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोत:अप्रैल-सितंबर 2010-11 अप्रैल-सितंबर 2010 के दौरान भुगतान संतुलन के अर्थ में (अर्थात मूल्यन प्रभावों को छोड़कर) विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में वृद्धि हुई। विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में घट-बढ़ के स्रोत सारणी 1 में दिए गए हैं।
भुगतान संतुलन आधार पर (अर्थात मूल्यन प्रभाव को छोड़कर), विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियां अप्रैल-सितंबर 2010 के दौरान 7.0 बिलियन बढीं जबकि अप्रैल-सितंबर 2009 के दौरान इनमें 9.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई थी। अप्रैल-सितंबर 2010 के दौरान विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियां (मूल्यन प्रभाव सहित) 13.8 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ीं जबकि अप्रैल-सितंबर 2009-10 के दौरान इनमें 29.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई (सारणी 2)।
मूल्यन लाभ, जो प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर में मूल्यहसा को दर्शाता है, अप्रैल-सितंबर 2010 के दौरान 6.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया जबकि अप्रैल-सितंबर 2009 के दौरान मूल्यन लाभ 19.8 बिलियन अमरीकी डॉलर था। तदनुसार, अप्रैल-सितंबर 2010 के दौरान मूल्यन लाभ विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों में कुल वृद्धि के 49.3 प्रतिशत थे। आर.आर.सिन्हा प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/930 |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: