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भारतीय रिज़र्व बैंक की विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य

7 जून 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक की विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य बैंकिंग विनियामकीय ढांचे को मजबूत बनाने के लिए समष्टि-विवेकपूर्ण उपाय तथा विदेशों में बॉन्ड निर्गमों के संबंध में दिशानिर्देश प्रस्तुत करता है।

I. सांविधिक चलनिधि अनुपात में कमी (एसएलआर)

मौजूदा रूपरेखा के अनुसार, वाणिज्यिक बैंकों को 1 जनवरी 2019 तक 100 प्रतिशत का न्यूनतम चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) पर पहुंचना है। बैंकों द्वारा न्यूनतम एसएलआर अपेक्षा से अधिक धारित सरकारी प्रतिभूतियां, चलनिधि कवरेज अनुपात के लिए चलनिधि का लाभ उठाने की सुविधा (एफएएलएलसीआर) और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) को उच्च गुणवत्ता चलनिधि आस्तियों (एचक्यूएलए) के स्टॉक में शामिल किया गया है। एक सक्षम तरीके में एलसीआर अपेक्षा का अनुपालन करने के लिए बैंकों को अधिक लचीलापन उपलब्ध कराने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि एसएलआर को 24 जून 2017 से शुरू होने वाले पखवाड़े से एनडीटीएल के 20.5 प्रतिशत से घटाकर 20.0 प्रतिशत कर दिया जाए। एलसीआर प्रयोजन के लिए एसएलआर से प्राप्त एफएएलएलसीआर और एमएसएफ के संबंध में अन्य निर्धारण अपरिवर्तित रहेंगे।

चूंकि वर्तमान में एसएलआर अपेक्षा सभी बैंकों में एक समान है, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक भी 24 जून 2017 से शुरू होने वाले पखवाड़े से एसएलआर एनडीटीएल का 20.0 प्रतिशत बनाए रखेंगे।

विस्तृत परिपत्र आज जारी किया जा रहा है।

II. आवास ऋणों के लिए जोखिम भार में कमी

आवास क्षेत्र के महत्व पर विचार करते हुए और अर्थव्यवस्था से इसके अग्र और पश्चवर्ती लिंकेजों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि प्रतिचक्रीय उपाय के रूप में आज और बाद में स्वीकृत किए जाने वाले आवास ऋणों की कतिपय श्रेणियों पर जोखिम भार कम किया जाए। यह भी निर्णय लिया गया है कि ऐसे ऋणों पर मानक आस्ति प्रावधानीकरण दर भी कम किया जाए।

विस्तृत परिपत्र आज जारी किया जा रहा है।

III. विदेशों में रुपया मूल्यवर्गांकित बॉन्डों का निर्गम

विदेशों में रुपया मूल्यवर्गांकित बॉन्डों का ढांचा कुछ समय से परिचालन में है। मौजूदा ढांचे के विभिन्न पैरामीटरों को ईसीबी दिशानिर्देशों के अनुरूप बनाने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि परिपक्वता अवधि, समग्र लागत सीमा तथा रुपया मूल्यवर्गांकित बॉन्डों के निर्गम के लिए मान्यताप्राप्त निवेशकों से संबंधित प्रावधान संशोधित किए जाएं।

विस्तृत परिपत्र आज जारी किया जा रहा है।

जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/3305

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