लक्षद्वीप द्वीप समूह में डिजिटल वित्तीय साक्षरता की स्थिति: बाधाएँ एवं भावी योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
लक्षद्वीप द्वीप समूह में डिजिटल वित्तीय साक्षरता की स्थिति: बाधाएँ एवं भावी योजना
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने परियोजना अनुसंधान अध्ययन के अंतर्गत अपनी वेबसाइट पर ‘लक्षद्वीप द्वीप समूह में डिजिटल वित्तीय साक्षरता की स्थिति: बाधाएँ एवं भावी योजना' शीर्षक से एक अनुसंधान अध्ययन प्रकाशित किया।1 यह अध्ययन डिजिटल वित्तीय साक्षरता और डिजिटल वित्तीय समावेशन की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने के लिए लक्षद्वीप के सभी दस आबादी वाले द्वीपों- अगत्ती, अमिनी, एंड्रोट, बितरा, चेटलाट, कदमत, कल्पेनी, कवरत्ती, किल्टान और मिनिकॉय, से एकत्र किए गए प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित है। यद्यपि सर्वेक्षण में गणना की प्राथमिक इकाई परिवार थे, तथापि द्वीपों में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, बैंक कर्मचारियों, स्कूल प्राधिकारियों, छात्रों और व्यापारियों का भी साक्षात्कार लिया गया। अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:
संक्षेप में, भौगोलिक रूप से दूर होने और मुख्य रूप से मत्स्य पालन और पर्यटन से जुड़ी सीमित आर्थिक गतिविधियों के बावजूद, लक्षद्वीप द्वीप समूह में वित्तीय क्षेत्र मुख्य रूप से बैंकों के कारण सुस्थापित है। द्वीपों के वित्तीय समावेशन में बैंकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आगे चलकर, इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी को मजबूत करना द्वीपों में डिजिटल वित्तीय समावेशन का विस्तार करने की कुंजी हो सकती है। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1162
[1]यह अध्ययन भारतीय रिज़र्व बैंक की कार्यक्रम निधीयन योजना के भाग के रूप में ग्रामीण प्रबंधन केंद्र, केरल द्वारा किया गया था। रिज़र्व बैंक ने बाह्य अनुसंधान संस्थानों/विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रम निधीयन योजना शुरू की ताकि बैंक के लिए विशिष्ट रुचि वाली दीर्घकालिक प्रकृति की अनुसंधान परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाया जा सके। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर इन रिपोर्टों/ अध्ययनों को पेशेवर अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के बीच रचनात्मक चर्चा के उद्देश्य से व्यापक परिचालन हेतु रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर जारी किया जाता है। अनुसंधान परियोजना अध्ययन/रिपोर्ट सहित रिज़र्व बैंक के सभी अनुसंधान प्रकाशनों में व्यक्त किए गए विचार जरूरी नहीं कि रिज़र्व बैंक के विचारों को प्रतिबिंबित करें। इन अनुसंधान परियोजना रिपोर्टों / अध्ययनों का कॉपीराइट भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है।
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