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अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेवा व्यापार सर्वेक्षण, 2013-14 के आंकड़ों का प्रकाशन

16 जनवरी 2015

अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेवा व्यापार सर्वेक्षण, 2013-14 के आंकड़ों का प्रकाशन

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेवा व्यापार सर्वेक्षण के वर्ष 2013-14 दौर से संबंधित आंकड़े जारी किए।

वार्षिक अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेवा व्यापार सर्वेक्षण विदेशों में परिचालनरत भारतीय बैंकों और भारत में परिचालनरत विदेशी बैंकों की शाखाओं/सहायक कंपनियों पर सूचना उपलब्ध कराता है। ग्राहकों पर प्रभारित स्पष्ट/निहित शुल्क/कमीशन के आधार पर बैंकों द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायक सेवाओं पर अनुरूप और तुलनीय आंकड़े प्राप्त किए जाते (इन सेवाओं के ब्यौरे अनुलग्नक में दिए गए हैं)। इस सर्वेक्षण में 188 समुद्रपारीय शाखाएं, भारतीय बैंकों की 260 समुद्रापारीय सहायक संस्थाएं और भारत में परिचालनरत विदेशी बैंकों की 307 शाखाएं कवर की गई। चूंकि इस सर्वेक्षण में सभी सीमापार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने प्रतिक्रिया दी, इसलिए परिणाम गणना स्थिति प्रस्तुत करते हैं।

मुख्य निष्कर्ष:

  • रोजगार वितरण और वृद्धि: विदेशों में कार्यरत भारतीय बैंकों की शाखाओं ने वर्ष 2013-14 में स्थानीय स्रोतों से 62.3 प्रतिशत, भारत से 29.8 प्रतिशत और शेष 7.9 प्रतिशत कर्मचारियों को अन्य देशों से नियुक्त किया। इसके विपरीत भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों के कुल कर्मचारियों में स्थानीय कर्मचारियों की बड़ी हिस्सेदारी (99.4 प्रतिशत) रही। विदेशों में परिचालनरत भारतीय बैंकों में कर्मचारियों की संख्या वर्ष 2013-14 के दौरान 5.5 प्रतिशत तक बढ़ी। भारत में परिचालनरत विदेशी बैंकों के मामले में कर्मचारियों की संख्या में 1.6 प्रतिशत तक कमी आई (तालिका 1)।

  • क्रेडिट और जमा वृद्धि: विदेशों में परिचालनरत भारतीय बैंकों की शाखाओं द्वारा दिया गया ऋण वर्ष 2013-14 में 31.2 प्रतिशत बढ़कर 7,684.4 बिलियन (127.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया। इसके विपरीत भारत में विदेशी बैंकों का ऋण 3.1 प्रतिशत घटकर 2,982.1 बिलियन (49.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया। विदेशों में कार्यरत भारतीय बैंकों की शाखाओं की जमाराशि 30.8 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2013-14 के दौरान 5,143 बिलियन हो गया जबकि भारत में परिचालनरत विदेशी बैंकों की जमाराशि 23.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज कर मार्च 2014 में 3,501 बिलियन (58.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गई (तालिका 2)।

  • आय और व्यय: भारतीय बैंकों की समुद्रापारीय शाखाओं की कुल आय 7.7 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2013-14 में 393.7 बिलियन (6.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गई। इसकी तुलना में भारत में परिचालनरत विदेशी बैंकों 11.8 प्रतिशत की अधिक आय वृद्धि रही और उनकी कुल आय की राशि भी 590.6 बिलियन (9.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) पर उच्चतर थी। कुल आय की तुलना में कुल व्यय का अनुपात क्रमशः भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं और भारत में परिचालनरत विदेशी बैंकों के लिए 76.4 प्रतिशत और 76.1 प्रतिशत रहा (तालिका 3)।

  • सृजित शुल्क आय: वर्ष 2013-14 के दौरान भारतीय बैंकों की समुद्रपारीय शाखाओं द्वारा सृजित शुल्क आधारित आय पिछले वर्ष की 93.5 बिलियन (1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की तुलना में 98.6 बिलियन (1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) थी (तालिका 4)।

  • गतिविधि-वार बैंकिंग सेवाएं: विदेशों मे परिचालनरत भारतीय बैंकों की शाखाओं ने ‘क्रेडिट संबंधित सेवाएं’, ‘डेरिवेटिव, स्टॉक, प्रतिभूतियां, विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग सेवाएं’ और ‘ट्रेड वित्त संबंधित सेवाएं’ प्रदान कर शुल्क आधारित आय का बड़ा भाग सृजित किया। भारत में परिचालनरत विदेशी बैंकों के लिए ‘वित्तीय परामर्शदात्री और सलाहकार सेवाओं’ तथा ‘भुगतान और मुद्रा अंतरण सेवाओं’ के साथ ‘डेरिवेटिव, स्टॉक, प्रतिभूतियां, विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग सेवाएं’, ‘ट्रेड वित्त संबंधित सेवाएं’ शुल्क आधारित आय के प्रमुख स्रोत रहीं (तालिका 4)।

  • देशवार बैंकिंग सेवाएं: शुल्क आधारित आय के मामले में, बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने में यूके में भारतीय बैंकों की शाखाओं का सबसे अधिक योगदान रहा जिसके बाद हांग कांग और सिंगापुर रहे (तालिका 5)।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1510

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