एसजीएल लेनदेनों के लिए ऊ + 1 सेटलमेंट - आरबीआई - Reserve Bank of India
एसजीएल लेनदेनों के लिए ऊ + 1 सेटलमेंट
एसजीएल लेनदेनों के लिए T + 1 सेटलमेंट
29 मई 2001
वर्ष 2001-02 के लिए घोषित मौद्रिक और ऋण नीति में यह प्रस्ताव किया गया था कि दूसरी जून 2001 से सहायक सामान्य खाता बही (एसजीएल)/भुगतान पर वितरण (डीवीपी) प्रणाली के माध्यम से निपटायी गयी सरकारी प्रतिभूतियों के सभी लेनदेन T + 1 आधार पर होंगे। बाज़ार सहभागियों जिनके साथ रिज़र्व बैंक ने अनेक बार परामर्श किया, से प्राप्त फीडबैक यह है कि सहायक सामान्य खाता बही के माध्यम से निपटाये जानेवाले लेनदेन जिस तारीख से T + 1 आधार पर होना प्रारंभ होते हैं उसीके साथ साथ निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम (एनडीएस) का परिचालन भी होना चाहिए। क्योंकि दोनों उपायों के लिए बाज़ार सहभागियों की आंतरिक प्रणालियों में परिवर्तन आवश्यक होगा। यह भी प्रतीत होता है कि कतिपय शर्तों के अंतर्गत T + O सेटलमेंट के लिए प्रावधान जरूरी है।
तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी प्रतिभूतियों में एसजीएल के माध्यम से किये जानेवाले लेनदेनों के लिए T + 1 सेटलमेंट की तारीख आगे बढ़ायी जाये ताकि उसे एनडीएस के साथ-साथ शुरू किया जा सके जो शीघ्र ही शुरू होने की संभावना है। बाज़ार सहभागियों से परामर्श के बाद अधिसूचित तारीख घोषित की जाएगी।
अजीत प्रसाद
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2000-2001/1618