द उधना सिटीजन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत (गुजरात) - आरबीआई - Reserve Bank of India
द उधना सिटीजन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत (गुजरात)
26 अप्रैल 2012 द उधना सिटीजन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत (गुजरात) भारतीय रिज़र्व बैंक ने द उधना सिटीजन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड सूरत, (गुजरात) को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनहित में 2 नवंबर 2010 को कारोबार की समाप्ति से एक निर्देश जारी किया था जिसके अनुसार, उपर्युक्त बैंक लिखित रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन लिए बिना किसी ऋण और अगिम की स्वीकृति अथवा नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियों के उधार और नई जमाराशियों की स्वीकृति सहित कोई देयता नहीं लेगा, किसी भुगतान को संवितरित नहीं करेगा अथवा संवितरण के लिए सहमत नहीं होगा चाहे वह कार्य उसकी देयताओं और दायित्वों अथवा अन्य प्रकार से संबंधित हो, कोई समझौता अथवा व्यवस्था नहीं करेगा अथवा 26 अक्टूबर 2010 की भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशावली जिसकी एक प्रति इच्छुक आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथा अधिसूचित के अलावा अपनी किसी संपत्ति अथवा परिसंपत्ति की बिक्री, अंतरण अथवा अन्य कोई निपटान नहीं करेगा। विशेषत: प्रत्येक बचत बैंक अथवा चालू खाता अथवा अन्य किसी जमा खाते के कुल शेष की ₹1000 (एक हजार रुपए मात्र) तक की राशि उपर्युक्त भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशावली में व्यक्त शर्तों के अधीन आहरित करने की अनुमति दी जा सकती है। इस निर्देश की अवधि अंतिम बार दिनांक 14 अक्टूबर 2011 के संशोधित निर्देश सं. यूबीडी. सीओ. बीएसडीII/डी-59/12.21.354/2010-11 के अनुसार 2 मई 2012 तक बढ़ाई गई थी। बैंक पर लागू निर्देश की अवधि उसके बाद बैंकिंग विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 ए की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक 24 अप्रैल 2012 के संशोधित निर्देश सं. यूबीडी. सीओ. बीएसडीII/डी-81/12.21.354/2011-12 के अनुसार समीक्षा के अधीन पुन: 1 नवंबर 2012 तक बढ़ाई गई है। इच्छुक आम जनता की कार्रवाई के लिए विस्तृत संशोधित निर्देश बैंक परिसर में प्रदर्शित है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1712 |