अध्याय I – प्रस्तावना
परिचय
रिज़र्व बैंक ("बैंक") द्वारा 02 सितंबर, 2016 को एनबीएफसी-एकाउंट एग्रीगेटर (एनबीएफसी-एए) के लिए विनियामक फ्रेमवर्क प्रयुक्त किया गया था। एनबीएफसी-एए खाता समेकन का कारोबार करते हैं, अर्थात, विभिन्न वित्तीय क्षेत्र विनियामकों (एफएसआर) के दायरे में आने वाले वित्तीय सूचना प्रदाताओं (एफआईपी), जैसे कि भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण तथा राजस्व विभाग से निर्दिष्ट वित्तीय जानकारी प्राप्त / एकत्र करते हैं और ऐसी जानकारी को एकत्रित, समेकित और ग्राहकों या वित्तीय सूचना उपयोगकर्ताओं (एफआई-यू) को प्रस्तुत करते हैं।
2. यद्यपि एए पारिस्थितिकी तंत्र में हितधारकों की विस्तृत श्रृंखला समाहित है, ऐसी संस्थाएं जो ग्राहकों की वित्तीय जानकारी के संचारण में सीधे शामिल हैं, अर्थात, एनबीएफसी-एए, एफआईपी और एफआई-यू, उन्हें एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों के रूप में माना जाता है। जानकारी के संचारण में विभिन्न एफएसआर द्वारा विनियमित कई संस्थाएं शामिल हैं जो एए पारिस्थितिकी तंत्र को जटिल और अनोखा बनाती हैं। रिज़र्व बैंक ने पारिस्थितिकी तंत्र में भाग लेने के लिए बैंक की एनबीएफसी-एए और विनियमित संस्थाओं (आरई) के परिचालन के लिए विनियामक फ्रेमवर्क जारी किया है। इसी प्रकार, संबंधित विनियामकों ने अपनी विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। हालांकि, वित्तीय जानकारी के संचारण में कई संस्थाओं (एनबीएफसी-एए, एफआईपी और एफआई-यू) की भागीदारी और प्रतिभागियों की संख्या में वृद्धि के परिणामस्वरूप पारिस्थितिकी तंत्र में लेनदेन में वृद्धि के कारण, प्रतिभागियों में कई परिचालन मुद्दों के लगातार उभरने की उम्मीद है। चूंकि स्वैच्छिक आधार पर एए पारिस्थितिकी तंत्र को तेजी से अपनाने को प्रोत्साहित करने के कारण इन मुद्दों का समाधान करने के लिए बाजार आधारित तंत्र के साथ विनियामक ढांचे को पूरक करना वांछनीय होगा।
3. एए पारिस्थितिकी तंत्र की विशिष्टताओं और विनियमन तथा नवाचार में संतुलन बनाने के लिए यह महसूस किया गया कि एए पारिस्थितिकी तंत्र के लिए स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ) महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके मद्देनजर, एए पारिस्थितिकी तंत्र (एसआरओ-एए) के लिए एसआरओ को मान्यता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जो कि व्यापक रूप से 21 मार्च, 2024 को जारी किए गए भारतीय रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए ‘रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाओं की स्व-विनियामक संगठनों को मान्यता देने हेतु बहुप्रयोजन ढांचा’ के अनुरूप है।
अध्याय II - एसआरओ-एए - विशेषताएँ और उद्देश्य
4. एसआरओ-एए से अपेक्षित है कि वह एए पारिस्थितिकी तंत्र के स्वस्थ और धारणीय विकास का संवर्धन करने के लिए रिज़र्व बैंक की समग्र निगरानी में विश्वसनीयता, निष्पक्षता और जिम्मेदारी से कार्य करे। एए पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु एसआरओ-एए में कुशल कामकाज के लिए निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए:
i. एए पारिस्थितिकी तंत्र का वास्तविक प्रतिनिधित्व: एसआरओ-एए को एए पारिस्थितिकी तंत्र का वास्तविक प्रतिनिधि बनने का प्रयास करना चाहिए, जिसमें एनबीएफसी-एए, एफआईपी और एफआई-यू के रूप में कार्य करने वाले वित्तीय क्षेत्र विनियामकों की विनियमित संस्थाएँ सम्मिलित हों। इस प्रतिनिधि संरचना की समावेशिता को प्रोत्साहित करना चाहिए और एसआरओ-एए को अपने सदस्यों को सामूहिक विशेषज्ञता तथा अनुभव का लाभ उठाने में सक्षम बनाना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप ऐसे नियमों का विकास होगा जो पारिस्थितिकी तंत्र में व्यावहारिक, अनुकूल और व्यापक रूप से स्वीकार किए जाते हैं। इस ढांचे में प्रयुक्त शब्द 'सदस्य', एसआरओ-एए की सदस्यता स्वीकार करनेवाले एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों को संदर्भित करता है। एसआरओ-एए और इसके सदस्यों के बीच सदस्यता समझौतो से एसआरओ-एए को पारिस्थितिकी तंत्र के कुशल कामकाज के लिए नियम और शर्तें परिभाषित करने में मदद मिलेगी।
ii. आचार संहिता और निगरानी: एसआरओ-एए को एए पारिस्थितिकी तंत्र में सहभागिता के संबंध में नैतिक, पेशेवर और शासन संहिताएं निर्धारित करनी चाहिए और सदस्यों द्वारा इन संहिताओं के अनुपालन की निगरानी करनी चाहिए। इसमें मजबूत अभिशासन तंत्र होना चाहिए, जिसमें स्वतंत्र बोर्ड, पारदर्शिता और अपने सदस्यों की गतिविधियों की देखरेख के लिए उचित रूप से परिभाषित प्रक्रियाओं का पालन सम्मिलित है।
iii. विकासोन्मुख गतिविधि: एसआरओ-एए को विकास-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जो पारिस्थितिकी तंत्र की वृद्धि और विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे सके। एसआरओ-एए को अपने सदस्यों को एए पारिस्थितिकी तंत्र की तकनीकी आवश्यकताओं को सहजता से अपनाने और लागू करने में सक्षम बनाने के लिए सहायता, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और क्षमता निर्माण पहल का प्रयास करना चाहिए। एसआरओ-एए को खाता समेकन, खुले वित्त आदि से संबंधित पहलुओं के बारे में जनता को शिक्षित करना चाहिए। एसआरओ-एए को अधिक लचीला, मजबूत और कुशलता से कार्य करने वाले एए पारिस्थितिकी तंत्र का संवर्धन करना चाहिए।
iv. प्रभाव से स्वतंत्रता: यह अपेक्षा की जाती है कि एसआरओ-एए द्वारा किसी भी प्रकार के स्व-हित से परे होकर कार्य किया जाएगा तथा समग्र रूप से पारिस्थितिकी तंत्र और वित्तीय प्रणाली की व्यापक चिंताओं का समाधान किया जाएगा। इसकी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, एसआरओ-एए द्वारा किसी एक सदस्य अथवा सदस्यों के समूह के प्रभाव से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से कार्य किया जाना चाहिए। इससे परिष्कृत निर्णय-प्रक्रिया सुनिश्चित होगी तथा संगठन को कुछ प्रभावशाली लोगों के हितों से प्रभावित होने से रोका जा सकेगा। एसआरओ-एए द्वारा निष्पक्षता बनाए रखी जानी चाहिए, हितों के टकराव से परे होना चाहिए तथा अपने सदस्यों की निष्पक्ष निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए। एसआरओ-एए की स्वतंत्रता से एक निरपेक्ष और विश्वसनीय इकाई के रूप में इसकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी, जो प्रतिभागियों और वित्तीय क्षेत्र विनियामकों दोनों का विश्वास और भरोसा प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। उद्योग प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए, एसआरओ-एए से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने सभी सदस्यों के लिए न्यायसंगत और पारदर्शी व्यवहार सुनिश्चित करे।
v. शिकायत निवारण और विवाद समाधान: एसआरओ-एए द्वारा शिकायत निवारण और सदस्यों के विवादों से निपटने के लिए मानकीकृत प्रक्रियाएं तैयार की जानी चाहिए और कार्यान्वित की जानी चाहिए, जिसमें पारदर्शी और सुसंगत विवाद समाधान/मध्यस्थता तंत्र के माध्यम से विवादों का समाधान करने की प्रक्रियाएं सम्मिलित हों।
उद्देश्य
5. एसआरओ-एए द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति की अपेक्षा की जाती है:
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एसआरओ-एए द्वारा व्यापक सदस्यता करारों के माध्यम से अपने सदस्यों के आचरण से संबंधित नियम बनाने के लिए वस्तुनिष्ठ, सुपरिभाषित और परामर्शात्मक प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए तथा वह इन नियमों के अनुपालन की निगरानी करने में सक्षम होना चाहिए।
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एसआरओ-एए को एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों के माध्यम से विनियामक अनुपालन और जन-कल्याण की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए।
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एसआरओ-एए को भारतीय रिज़र्व बैंक, अन्य वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों और हितधारकों को सुझाव/सम्बद्धता प्रदान करने में अपने सदस्यों की सामूहिक आवाज के रूप में कार्य करना चाहिए। एसआरओ-एए का उद्देश्य व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र संबंधी चिंताओं का प्रतिनिधित्व करना और उनका समाधान करना तथा एए पारिस्थितिकी तंत्र के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होना चाहिए।
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एसआरओ-एए द्वारा नीति निर्माण में सहायता के लिए प्रासंगिक जानकारी एकत्रित की जानी चाहिए तथा उसे रिज़र्व बैंक के साथ साझा किया जाना चाहिए।
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एसआरओ-एए को अनुपालन और स्व-शासन के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करते हुए नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने के लिए एए पारिस्थितिकी तंत्र में अनुसंधान और विकास की संस्कृति को अपनाना/प्रोत्साहित करना चाहिए।
अध्याय III – एसआरओ-एए - पात्रता मानदंड और सदस्यता
आवेदक के लिए पात्रता मानदंड
6. एसआरओ-एए के उद्देश्यों और जिम्मेदारियों की पूर्तत: सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि इसकी स्थापना और संरचना में स्वतंत्रता और अखंडता सुनिश्चित हो। इसलिए, एसआरओ के रूप में कार्य करने की इच्छुक संस्थाओं को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
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आवेदक को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के अंतर्गत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में स्थापित होना चाहिए।
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आवेदक को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एसआरओ-एए के रूप में मान्यता प्राप्त होने के बाद एक वर्ष की अवधि के भीतर अथवा एसआरओ-एए के रूप में परिचालन प्रारम्भ करने से पहले, जो भी पहले हो, न्यूनतम दो करोड़ रुपये की निवल संपत्ति प्राप्त करनी होगी/प्रदर्शित करनी होगी। इसके बाद, एसआरओ-एए द्वारा धारणीय आधार पर न्यूनतम आवश्यक निवल संपत्ति बनाए रखनी होगी।
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एसआरओ-एए की शेयरधारिता पर्याप्त रूप से विविधीकृत होनी चाहिए तथा कोई भी संस्था एकल अथवा संयुक्त रूप से इसकी चुकता शेयर पूंजी का 10% या इससे अधिक शेयरधारिता नहीं रखेगी।
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आवेदक के पास एसआरओ-एए की जिम्मेदारियों को प्रभावी रूप से और निरंतर पूरा करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को बनाने की क्षमता होनी चाहिए/ प्रदर्शन होना चाहिए। एसआरओ-एए के पास सुदृढ़ आईटी अवसंरचना के लिए सामर्थ्य और संसाधन होने चाहिए तथा उचित समय-सीमा के भीतर तकनीकी सोल्यूशन परिनियोजित करने की क्षमता होनी चाहिए।
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आवेदक और प्रमुख अधिकारियों में व्यावसायिक क्षमता होनी चाहिए तथा रिज़र्व बैंक की संतुष्टि के अनुरूप निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा की सामान्य प्रतिष्ठा होनी चाहिए। आवेदक किसी भी विधिक कार्रवाई में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे कि क्षेत्र (सेक्टर) के हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो। इसके अलावा, आवेदक का अतीत में नैतिक अधमता/आर्थिक अपराध सहित किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं होना चाहिए।
सदस्यता मानदंड
7. यह आवश्यक है कि एसआरओ-एए पारिस्थितिकी तंत्र और उसके सदस्यों का वास्तविक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करे। विशेष रूप से, एसआरओ-एए को निम्नलिखित मानदंडों का भी पालन करना होगा:
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एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागी अर्थात एनबीएफसी-एए, एफआईपी और एफआई-यू, एसआरओ-एए के सदस्य बनने के पात्र हैं। एए पारिस्थितिकी तंत्र में भाग लेने वाले सभी वित्तीय क्षेत्र विनियामकों की विनियमित संस्थाएं सदस्य के रूप में एसआरओ-एए में सम्मिलित हो सकती हैं।
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यद्यपि एसआरओ-एए की सदस्यता स्वैच्छिक है, तथापि सभी एनबीएफसी-एए को पारिस्थितिकी तंत्र के कुशल विकास के उद्देश्य से एसआरओ-एए में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, एसआरओ-एए को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके सदस्यों में सभी प्रकार/वर्गों के एफआईपी और एफआई-यू समान रूप से शामिल हों। संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए, एसआरओ-एए में हर समय एफआईपी और एफआई-यू से कम से कम 25 विशेषीकृत संस्थाएं सदस्य रहेंगी, जो समीक्षा के अधीन होंगी। इसका अनुपालन न करने पर एसआरओ-एए को दी गई मान्यता रद्द करने के लिए उत्तरदायी माना जाएगा।
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एसआरओ-एए द्वारा विकसित सदस्यता शुल्क संरचना उचित और भेदभाव रहित होनी चाहिए। यद्यपि सदस्यता शुल्क आकार, उद्देश्य, क्षमता आदि के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, तथापि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सदस्यता का स्वरूप गैर-भेदभावपूर्ण बना रहे।
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एसआरओ-एए को सदस्यता करारों के माध्यम से अपने सदस्यों के लिए नियम, आचार संहिता आदि निर्धारित करने तथा उनके अनुपालन की निगरानी करने के लिए आवश्यक अधिकार प्राप्त करना चाहिए।
अध्याय IV – एसआरओ - एए - अभिशासन और प्रबंधन
8. एसआरओ-एए से यह अपेक्षा की जाती है कि वह पारदर्शिता, व्यावसायिकता और स्वतंत्रता के साथ कार्य करेगा, ताकि पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता में अधिक विश्वास निर्माण हो सके। कंपनी अधिनियम, 2013 में निर्धारित अभिशासन के उच्चतम मानकों का अनुपालन प्रभावी एसआरओ-एए की पूर्व-आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, एसआरओ-एए द्वारा निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा:
(ए) सामान्य
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एसआरओ-एए को पेशेवर रूप से प्रबंधित किया जाएगा और इसे सुनिश्चित करने के लिए इसके संस्था के अंतर्नियमों (एओए)/उपनियमों में उपयुक्त प्रावधान होंगे। संस्था के अंतर्नियमों (एओए)/उपनियमों में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया जाएगा कि निदेशक मंडल (बीओडी) किस प्रकार कार्य किया जाएगा तथा हितों के टकराव से संबन्धित मामलो का समुचित समाधान किया जाएगा।
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एसआरओ-एए के संस्था के अंतर्नियमों (एओए)/उपनियमों में इसके मुख्य उद्देश्यों में से एक के रूप में इसके द्वारा निर्वहन किए जाने वाले कार्यों को निर्दिष्ट किया जाएगा। संस्था के अंतर्नियमों (एओए)/उपनियमों में सदस्यों का प्रवेश, निष्कासन, निलंबन, पुनः प्रवेश आदि के मानदंड भी स्पष्ट रूप से निर्धारित किए जाएंगे।
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बोर्ड द्वारा अन्य बातों के साथ-साथ बोर्ड के महत्वपूर्ण पदों के लिए निदेशकों के कार्य-आवर्तन (रोटेशन) पर नीति तैयार की जाएगी। निदेशक के पद में कोई भी परिवर्तन अथवा किसी निदेशक के बारे में कोई प्रतिकूल सूचना हो तो तुरंत भारतीय रिज़र्व बैंक को दी जाएगी।
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बोर्ड द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि एसआरओ-एए के पास अपनी जिम्मेदारियों का प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए पर्याप्त रूप से कुशल मानव संसाधन और सुदृढ़ तकनीकी क्षमता है। बोर्ड अपनी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को स्थापित करने के लिए पारदर्शी प्रथाओं का पालन करेगा।
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एसआरओ-एए अपने सदस्यों द्वारा प्रासंगिक अधिनियमों, लागू विनियमों, दिशानिर्देशों, निदेशों अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक/अन्य वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों द्वारा समय-समय पर जारी परिपत्रों के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
(बी) निदेशक
बेहतर अभिशासन बनाए रखने और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए निदेशक मंडल की संरचना निम्नानुसार होनी चाहिए:
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निदेशकों को एसआरओ-एए बोर्ड द्वारा निर्धारित 'उपयुक्त एवं उचित' मानदंडों को निरंतर रूप से पूरा करना होगा। निदेशक मंडल की ‘उपयुक्त एवं उचित’ स्थिति के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा।
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निदेशकों की पेशेवर योग्यता होनी चाहिए तथा उनकी सामान्य प्रतिष्ठा निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा की होनी चाहिए जो रिजर्व बैंक की संतुष्टि के अनुरूप हो।
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निदेशक ऐसी किसी भी विधिक कार्यवाही में शामिल नहीं होना चाहिए, जिसका पारिस्थितिकी तंत्र के हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता हो। इसके अलावा, निदेशकों को अतीत में नैतिक अधमता/आर्थिक अपराध सहित किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं पाया जाना चाहिए।
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बोर्ड में अध्यक्ष सहित कम से कम एक तिहाई सदस्य स्वतंत्र होने चाहिए तथा उनका एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों के साथ कोई सक्रिय संबंध नहीं होना चाहिए।
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एनबीएफसी-एए द्वारा एक-चौथाई से अधिक सदस्य बोर्ड में नामित नहीं किए जाएंगे।
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एए पारिस्थितिकी तंत्र के सभी क्षेत्रों/प्रकार के प्रतिभागियों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड में एफआईपी और एफआई-यू से विविध विशेषज्ञता और अनुभव वाले निदेशकों का अच्छा संयोजन होना चाहिए। कम से कम एक निदेशक की बैंक और वित्तीय सेवाओं के विनियमन में विशेषज्ञता होनी चाहिए।
(सी) समितियां
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एसआरओ-एए सदस्यों के प्रतिनिधियों/विशेषज्ञों की विशिष्ट क्षेत्रों पर केंद्रित समितियों और कार्य समूहों का गठन कर सकता है।
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एसआरओ-एए की विभिन्न बोर्ड स्तरीय प्रत्येक समितियों में, यथासंभव और व्यावहारिक हो, स्वतंत्र अध्यक्ष होना चाहिए।
अध्याय V – एसआरओ-एए - कार्य और जिम्मेदारियां
कार्य
9. एसआरओ-एए की अपने सदस्यों के प्रति मुख्य जिम्मेदारी सर्वोत्तम कारोबार प्रथाओं और नियंत्रणों का संवर्धन होगी। एसआरओ-एए अपने सदस्यों में पेशेवर बाजार आचरण के लिए न्यूनतम बेंचमार्क और परिपाटी स्थापित करेगा। अपने सदस्यों के हित के लिए, एसआरओ-एए को पारिस्थितिकी तंत्र में ग्राहकों, प्रतिभागियों और अन्य हितधारकों के हितों की रक्षा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। विशेष रूप से, एसआरओ-एए द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाने चाहिए:
ए) संहिता और बेंचमार्क
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एसआरओ-एए को अपने सदस्यों के साथ-साथ प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं जैसी आउटसोर्स संस्थाओं द्वारा पालन की जाने वाली आचार संहिता तैयार करनी चाहिए तथा अपने सदस्यों द्वारा संहिता के अनुपालन के साथ-साथ विनियामक और सांविधिक अनुदेशों के अनुपालन की निगरानी करनी चाहिए।
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एसआरओ-एए को विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मानकीकृत मॉडल प्रारूप तैयार करना चाहिए, उदाहरण के लिए, एफआईपी/एफआई-यू और एनबीएफसी-एए के साथ-साथ प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं जैसी आउटसोर्स संस्थाओं के बीच करार के लिए प्रारूप। प्रारूपों को विभिन्न विनियामक तथा सांविधिक अपेक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए और आधारभूत मानकों के रूप में कार्य करना चाहिए।
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एसआरओ-एए को पारिस्थितिकी तंत्र-व्यापी मानदंड स्थापित करके पारिस्थितिकी तंत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना चाहिए तथा सहयोगपूर्ण प्रयासों के माध्यम से प्रतिभागियों द्वारा अनुचित व्यापार पद्धतियों से परिवर्जन करना चाहिए।
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एसआरओ-एए को पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों द्वारा वित्तीय सूचना का जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के सहयोग से कार्य करना चाहिए ।
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एसआरओ-एए को पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकताओं का निरंतर मूल्यांकन करना चाहिए तथा पारिस्थितिकी तंत्र की कार्यप्रणाली को प्रभावित किए बिना प्रतिभागियों और ग्राहकों की अपेक्षाओं के अनुरूप संहिताओं में समय-समय पर संशोधन करने के लिए तंत्र विकसित करना चाहिए।
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एसआरओ-एए द्वारा विकसित संहिताएं/सर्वोत्तम प्रथाएं लागू सांविधिक/विनियामक अनुदेशों के अनुरूप तथा इनके अंतर्गत होनी चाहिए। यह एए पारिस्थितिकी तंत्र के लिए निर्धारित विनियामक ढांचे का विकल्प नहीं होंगी।
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एसआरओ-एए द्वारा अपने सदस्यों के विभिन्न कार्यों के संबंध में बेंचमार्क स्थापित किया जाएं तथा इन बेंचमार्क को पारिस्थितिकी तंत्र के कार्य-निष्पादन के साथ गतिशील रूप से संरेखित किया जाएं और अपने सदस्यों को इन्हें प्राप्त करने हेतु सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जाएं।
बी) अन्वेक्षण और बाजार अनुशासन
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एसआरओ-एए के पास अपने अन्वेक्षण और बाजार अनुशासन कार्यों का मार्गदर्शन करने के लिए एक संरचित ढांचा होना चाहिए। आधारभूत निगरानी मानकों और अन्वेक्षण ढांचे को धोखाधड़ी की रोकथाम, व्यापार प्रथाओं, विवाद समाधान, आचरण, निष्पक्ष उपयोग आदि जैसे पहलुओं पर विनियामक अपेक्षाओं को पूरा करना चाहिए तथा पारिस्थितिकी तंत्र में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।
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एसआरओ-एए को व्यक्तिगत डेटा की कड़ी गोपनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए और डेटा संग्रह को पारिस्थितिकी तंत्र के विकास हेतु आवश्यक अनिवार्य जानकारी तक सीमित रखना चाहिए तथा इसे विनियामक और सांविधिक प्रावधानों के अनुपालन में करना चाहिए। एसआरओ-एए द्वारा प्रासंगिक डेटा संरक्षण विधियों का पालन किया जाएगा।
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एसआरओ-एए को आचरण के स्पष्ट मानक स्थापित करने चाहिए तथा अनुमत नियमों/संहिताओं के उल्लंघन के नतीजे निर्दिष्ट करने चाहिए, जैसे परामर्श देना, चेतावनी देना, फटकार लगाना, सदस्यों को निलंबित और निष्कासित करना। यह ध्यान दिया जाए कि ऐसे परिणामों के लिए किसी भी प्रकार से मौद्रिक दंड नहीं लगाया जाएगा।
सी) विकासात्मक
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एसआरओ-एए को सांविधिक/विनियामक प्रावधानों संबंधी जानकारी का प्रसार करना चाहिए तथा सदस्यों में विशेषज्ञता और अनुभव आदान-प्रदान के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए। एसआरओ-एए द्वारा अपने सदस्यों के लिए समसामयिक मुद्दों पर कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते है।
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एसआरओ-एए को जनता को उनके लिए उपलब्ध खाता एकत्रीकरण, खुले वित्त, शिकायत निवारण तंत्र और विवाद समाधान तंत्र से संबंधित उपलब्ध पहलुओं के बारे में शिक्षित करना चाहिए तथा पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में सामान्य जागरूकता भी फैलानी चाहिए।
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एसआरओ-एए द्वारा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों से पत्रिकाओं, बुलेटिनों, पैम्फलेट, पत्रिकाओं आदि के माध्यम से क्षेत्र-विशिष्ट जानकारी सदस्यों के हित के बारें में जागरूकता निर्माण करने के लिए प्रसारित की जानी चाहिए। एसआरओ-एए द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित आंकड़े रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करने चाहिए। इस तरह का प्रसार डिजिटल माध्यम से भी किया जाना चाहिए।
डी) सामान्य सेवाएं और बुनियादी ढांचा
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एसआरओ-एए द्वारा आवश्यकता अनुसार और रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों को विभिन्न अनुमेय सामान्य सेवाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करना चाहिए। इस प्रयोजन के लिए एसआरओ-एए के पास एक परिमाप्य प्रौद्योगिकी समाधान होना चाहिए।
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एसआरओ-एए द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करना चाहिए तथा कार्यान्वयन सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि प्रतिभागियों को तकनीकी विशिष्टताओं को अपनाने तथा सामान्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे के उपयोग/प्रयोग हेतु सक्षम बनाया जा सके।
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एसआरओ-एए को पारिस्थितिकी तंत्र में सम्मिलित प्रतिभागियों और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं का रिकॉर्ड रखना चाहिए।
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एसआरओ-एए को प्रतिभागियों और अन्य हितधारकों सहित वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों के लिए सरल, सहज डैशबोर्ड/मैट्रिक्स/कार्य-निष्पादन संकेतक रखने चाहिए।
ई) शिकायत निवारण/ विवाद समाधान
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एसआरओ-एए को एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों के लिए शिकायत निवारण तंत्र और विवाद समाधान/ मध्यस्थता ढांचे की स्थापना करनी चाहिए। एसआरओ-एए को प्रतिबंधात्मक, अस्वास्थ्यकर और अन्य ऐसे व्यवहारों पर परामर्श देना चाहिए, जो पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
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विवाद समाधान ढांचे को प्रभावी, निष्पक्ष और पारदर्शी नीतियों और प्रक्रियाओं का लगातार उपयोग करना चाहिए जो विनियामक और संविधिक आवश्यकताओं के अनुरूप हों और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समझौता/सुलह और मध्यस्थता करते हुए समय पर और प्रभावी विवाद समाधान किया जाए।
एफ) रिज़र्व बैंक और अन्य वित्तीय क्षेत्र विनियामकों के प्रति जिम्मेदारियाँ
सामान्य तौर पर, एसआरओ-एए से विनियामकीय दिशानिर्देशों का बेहतर अनुपालन, क्षेत्र का विकास, हितधारकों के हितों की रक्षा, नवाचार को बढ़ावा और प्रारंभिक चेतावनी संकेतों का पता लगाने में रिज़र्व बैंक और अन्य वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों की भूमिका का अनुपूरक और समपूरक बनने की अपेक्षा की जाती है। एसआरओ-एए से प्रतिभागियों और रिज़र्व बैंक तथा अन्य वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करने की भी उम्मीद है।
विशेष रूप से, एसआरओ-एए द्वारा वित्तीय क्षेत्र विनियामकों के प्रति निम्नलिखित जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाएगा:
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एसआरओ-एए द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र में विकास/प्रवृत्तियों/चिंताओं के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक को नियमित रूप से सूचित किया जाना चाहिए ताकि निगरानी पूरी की जा सके। एसआरओ-एए के सदस्यों द्वारा अधिनियमों के प्रावधानों या रिज़र्व बैंक/अन्य वित्तीय क्षेत्र नियामकों द्वारा जारी नियमों/दिशानिर्देशों/विनियमों/निर्देशों के किसी भी उल्लंघन के बारे में, जो उसके संज्ञान में आता है, रिज़र्व बैंक और अन्य वित्तीय क्षेत्र नियामकों को तुरंत सूचित किया जाएगा।
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एसआरओ-एए को रिज़र्व बैंक द्वारा सौंपे गए किसी भी कार्य को पूरा करना चाहिए और उसे संदर्भित प्रस्तावों या सुझावों की जांच करनी चाहिए।
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रिज़र्व बैंक/अन्य वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों द्वारा समय-समय पर या जैसा भी सूचित किया जाए, एसआरओ-एए द्वारा अपेक्षित डेटा/जानकारी प्रदान की जाएगी।
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लेखा वर्ष के पूरा होने के तीन महीने के भीतर रिज़र्व बैंक और अन्य वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों को एसआरओ-एए द्वारा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। एसआरओ-एए द्वारा रिज़र्व बैंक/ अन्य वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों द्वारा मांगी गई आवधिक/ आकस्मिक विवरणी प्रस्तुत करनी चाहिए।
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एसआरओ-एए को आवधिक रूप से रिज़र्व बैंक के संपर्क में रहना चाहिए। यह अपेक्षित है कि एसआरओ-एए द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र के व्यापक परिदृश्य पर अपने विचार/इनपुट/सुझाव दिए जाएंगे।
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एसआरओ-एए को अन्य कार्यों का निष्पादन करना चाहिए और साथ ही रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट अन्य निदेशों का अनुपालन करना चाहिए।
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आवश्यकता प्रतीत होने पर रिज़र्व बैंक द्वारा एसआरओ-एए की बहियों का निरीक्षण किया जा सकता है या किसी लेखा-परीक्षा फर्म द्वारा बहियों का निरीक्षण कराने की व्यवस्था कर सकता है। एसआरओ-एए द्वारा निरीक्षण टीम को निरीक्षण हेतु आवश्यक जानकारी प्रदान की जाएगी। इस प्रकार के निरीक्षण खर्चों का वहन एसआरओ-एए द्वारा किया जाएगा।
अध्याय VI – एसआरओ – एए – आवेदन प्रक्रिया
मान्यता के लिए आवेदन
10. एसआरओ को मान्यता प्रदान करने की प्रक्रिया सुदृढ़ होगी, ताकि महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आवश्यक कठोर मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इस ढांचे के तहत एसआरओ के रूप में कार्य करने की आकांक्षा रखने वाली संस्था को मान्यता प्राप्त करने हेतु आवेदन करते समय निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करना होगा/ निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे। आवश्यकताएँ इस प्रकार हैं:
i. आवेदक द्वारा दिए जानेवाले आवेदन के साथ निम्न दस्तावेज़ होने चाहिए:
ए. एसआरओ-एए के गठन से संबंधित संस्था के बहिर्नियम की एक प्रति;
बी. एसआरओ-एए के संस्था के अंतर्नियम / उप-विधि की एक प्रति;
सी. पहले से विद्यमान कंपनियों के लिए, कंपनी के अस्तित्व की सम्पूर्ण अवधि की या पिछले तीन वर्षों की, जो भी कम हो, का लेखा-परीक्षित तुलन-पत्र;
डी. बोर्ड और निदेशकों का गठन, प्रबंधन की भूमिकाएँ/जिम्मेदारियाँ और इसके परिचालन की प्रणाली का विवरण.
ई. एसआरओ-एए के पदाधिकारियों1 के अधिकार एवं कर्तव्य।
एफ. आवेदक की ओर से, उसके निदेशक मंडल द्वारा दिए गए प्राधिकार के तहत, अधिकृत व्यक्ति द्वारा आवेदन पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
जी. रिजर्व बैंक द्वारा संस्था से ऐसी कोई भी अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जा सकती है जो आवश्यक समझी जाए।
ii. कोई भी आवेदन, जो सभी पहलुओं में परिपूर्ण नहीं है या आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं करते है उन्हें रिज़र्व बैंक द्वारा अस्वीकार किया जा सकता है। तथापि, ऐसे किसी भी आवेदन को अस्वीकार करने से पहले रिज़र्व बैंक द्वारा आवेदक को रिज़र्व बैंक द्वारा सूचना भेजे जाने की तिथि से 15 दिनों के भीतर ऐसी आपत्तियों का समाधान करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
iii. जहाँ आवेदक को उपयुक्त समझा जाएगा वहां रिज़र्व बैंक, एसआरओ-एए के रूप में, "मान्यता पत्र" जारी करने की प्रक्रिया प्रारम्भ करेगा। किसी भी आवेदक को मान्यता नहीं देने का अधिकार रिज़र्व बैंक सुरक्षित रखता है। इस संबंध में रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा।
मान्यता प्रदान करने शर्तें
11. एसआरओ-एए को दी गई मान्यता निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी:
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एसआरओ-एए द्वारा प्रदान की गई जानकारी या विवरण सही होने चाहिए और किसी भी महत्वपूर्ण पहलू के संबंध में भ्रामक नहीं होने चाहिए।
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इस ढांचे में निर्धारित आवश्यकताएँ जिसमें निर्धारित सदस्यता भी शामिल है, का निरंतर आधार पर पालन किया जाएगा।
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आवेदक को एसआरओ-एए के रूप में मान्यता प्राप्ति के लिए अन्य सभी पहलुओं में उपयुक्त और उचित होना चाहिए।
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आवेदक को इस ढांचे के तहत निर्धारित उद्देश्यों और जिम्मेदारियों के अनुसार कार्य करने का वचन देना चाहिए। आवेदक को कोई भी अन्य गतिविधि में संलग्न नहीं होना चाहिए जिससे एसआरओ-एए के मुख्य उद्देश्यों के हितों का टकराव निर्माण हो।
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एसआरओ-एए द्वारा अपनी मान्यता संचालित करनेवाले नियमों और शर्तों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। एसआरओ-एए को दी गई मान्यता, आवश्यकतानुसार रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर समीक्षा के अधीन होगी।
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एसआरओ-एए के रूप में मान्यता देते समय, रिज़र्व बैंक द्वारा यदि आवश्यक समझा जाता है तो अन्य आवश्यक शर्तें निर्धारित की जा सकती है ताकि एसआरओ-एए का परिचालन सार्वजनिक हित के प्रतिकूल न हो।
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यदि रिज़र्व बैंक को प्रतीत होता है कि एसआरओ-एए की गतिविधियाँ जनहित या किसी अन्य हितधारक के लिए हानिकारक हैं और/या एसआरओ-एए उन गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है जो एसआरओ-एए के लक्ष्यों के अनुरूप नहीं हैं, तो रिज़र्व बैंक द्वारा उचित सुनवाई का अवसर प्रदान करने के उपरांत एसआरओ-एए को दी गई मान्यता को रद्द कर कर दी जाएगी।