शिकायत निवारण का बदलता स्वरूप: एआइ का लाभ श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक का उद्घाटन भाषण आरबीआई ओम्बड्समैन का वार्षिक सम्मेलन, 17 मार्च 2025, मुंबई - आरबीआई - Reserve Bank of India
शिकायत निवारण का बदलता स्वरूप: एआइ का लाभ श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक का उद्घाटन भाषण आरबीआई ओम्बड्समैन का वार्षिक सम्मेलन, 17 मार्च 2025, मुंबई
श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
उद्बोधन दिया मार्च 17, 2025
मुझे भारतीय रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन के इस वर्ष के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। रिज़र्व बैंक इस सम्मेलन का आयोजन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, अर्थात् 15 मार्च को या इसके आसपास करता आ रहा है। उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। हम उपभोक्ता सेवाओं के संबंध में अपनी उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करने और सेवाओं को और बेहतर बनाने और शिकायतों को कम करने के तरीके पर चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं। हमें उपभोक्ता सेवाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, न केवल इसलिए कि ऐसा करना हमारा कर्तव्य है, बल्कि इसलिए कि ऐसा करना हमारे अपने हित में है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में, यदि हम अपने उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान नहीं करते हैं तो हम लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे। 2. हमने पिछले कुछ वर्षों में उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की हैं। हमने इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को सक्षम किया है। अधिकांश बैंकिंग सेवाएं, चाहे वह जमा खाता खोलना हो, या छोटा ऋण लेना हो, डिजिटल हो गई है जिससे सुविधा और गति में वृद्धि हुई है। हम यूपीआइ और डिजिटल भुगतान के अन्य माध्यमों से रिकॉर्ड संख्या में डिजिटल लेनदेन कर रहे हैं। युवा पीढ़ी में से कई लोग कभी बैंक शाखा में नहीं गए होंगे। हमने वीडियो केवाईसी का उपयोग करके खाते खोलने की सुविधा भी प्रदान की है। 3. हालांकि हमने पिछले कुछ वर्षों में ग्राहक अनुभव में सुधार लाया है, लेकिन ग्राहकों की शिकायतों की बड़ी संख्या एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। मुझे बताया गया है कि पिछले वर्ष (2023-24), अकेले 95 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को ही अपने ग्राहकों से 10 मिलियन से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई है। अगर हम अन्य आरबीआई-विनियमित संस्थाओं (आरई) में प्राप्त शिकायतों को भी जोड़ लें, तो संख्या और भी अधिक होगी। कोई यह तर्क दे सकता है कि यह प्रति वर्ष प्रति हजार खातों में केवल चार शिकायतों के बराबर है क्योंकि लगभग 2.5 बिलियन बैंक खाते हैं। लेकिन हमारे लिए एक भी शिकायत चिंता का कारण है। हमारे पास 10 मिलियन शिकायतें हैं और अगर हम इनका समाधान शीघ्र नहीं करते हैं तो तेजी से बढ़ते ग्राहक आधार और उत्पादों के बढ़ते प्रकारों के साथ, यह बढ़ सकती हैं। ग्राहक संतुष्टि - बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए आधारशिला 4. उत्कृष्ट ग्राहक सेवा, दरअसल में उत्कृष्ट ग्राहक अनुभव किसी भी सेवा उद्योग में एक अनिवार्य शर्त है। हमारा प्रयास संपूर्ण ग्राहक अनुभव को उन्नत करने का होना चाहिए। अनुभव ऐसा होना चाहिए कि शिकायत का कोई ऐसा कारण ही न हो जिसके निवारण की आवश्यकता हो। मैं एक बुनियादी सच बताता हूं: हर शिकायत विश्वास की परीक्षा है। जब कोई उपभोक्ता शिकायत दर्ज करता है - चाहे वह विवादित लेनदेन के लिए हो, सेवा में चूक के लिए हो, अनुचित मूल्य निर्धारण या शुल्क के लिए हो या फिर अनुचित व्यवहार के लिए - यह एक संकेत है कि हमारी प्रणाली में कुछ खामी है। अनसुलझे छोड़ दिए जाने पर, ऐसे मुद्दे उपभोक्ता विश्वास को खत्म कर सकते हैं और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को खराब कर सकते हैं। 5. मुझे ग्राहक सेवा के बारे में एक वास्तविक कहानी याद आ रही है। आप में से कुछ लोगों ने, विशेष रूप से प्रबंधन स्नातकों ने, इसे सुना होगा लेकिन यह आज के विषय के लिए इतना उपयुक्त है कि यह फिर से बताने लायक है। सन 1975 की सर्दियों में, अलास्का के एक शहर में, एक आदमी एक स्टोर में गया और सेल्समैन से शिकायत की कि कुछ समय पहले उसने जो बर्फ में चलनेवाले टायर खरीदे थे, वह ठीक से चल नहीं रहे हैं, उनमें पकड़ कम है। सेल्समैन थोड़ा हैरान हुआ। उसने कहा कि वह उन्हें बदल तो नहीं सकता, लेकिन जांच करेगा कि वह क्या कर सकता है और स्टोर के पीछे चला गया। आपमें से जो अमरिका के डिपार्टमेंटल स्टोर में कभी गए हैं, उन्हें पता होगा कि धन वापसी की प्रक्रिया स्टोर के पीछले हिस्से में होती है। सेल्समैन कुछ समय बाद वापस आया और धन वापसी के रूप में कुछ पैसे दे दिए और ग्राहक संतुष्ट होकर चला गया। क्या कोई अनुमान लगा सकता है कि यह अनोखा क्यों था, क्योंकि कोई भी प्रश्न पूछे बिना धन वापसी की नीति अमरिका में काफी आम है? ऐसा इसलिए है कि जिस कंपनी के बारे में बात हो रही है उसका नाम नॉर्डस्ट्रॉम है और वह टायर बेचती ही नहीं। यह कपड़े और जूते बेचती है। लेकिन, नॉर्डस्ट्रॉम के लिए, ग्राहक पहले आता है। उस पर भरोसा करना और उसका विश्वास जीतना किसी भी चीज़ से ज्यादा महत्वपूर्ण है। 6. कुछ लोग कहते हैं कि यह सच्ची कहानी नहीं है। यह कैसे संभव है? कोई कंपनी किसी ऐसे उत्पाद के लिए धनवापसी की पेशकश कैसे कर सकती है जिसे उसने कभी बेचा ही नहीं? हालांकि, नॉर्डस्ट्रॉम ने जोर देकर कहा कि यह घटना हुई थी। नॉर्डस्ट्रॉम ने एक अन्य कंपनी से तीन स्टोर खरीदे थे जो टायर सहित अन्य विविध वस्तुएं बेचते थे। ग्राहक को पता नहीं था कि स्टोर बदल गया है और अपनी शिकायत लेकर चला आया। मुख्य संदेश यह है कि नॉर्डस्ट्रॉम ने खुद को ग्राहक सेवा के व्यवसाय में देखा, न कि केवल सामान बेचने के। हमें भी यह महसूस करने की आवश्यकता है कि हम विशुद्ध रूप से ग्राहक सेवा प्रदान करने के व्यवसाय में हैं न कि केवल बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं को बेचने के व्यवसाय में। शीर्ष प्रबंधन ग्राहक सेवा को प्राथमिकता दे 7. मुझे यकीन है कि आप सभी सहमत होंगे कि हम निश्चित रूप से ग्राहक सेवा के व्यवसाय में हैं। हालांकि, मुझे ऐसा लगता है कि हम ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण पर पर्याप्त समय नहीं दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप न केवल बैंकों और एनबीएफसी को बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं, बल्कि संतोषजनक समाधान के अभाव में, उनमें से बड़ी संख्या आरबीआई ओम्बड्समैन के पास जा रही है। 8. मैं आपको कुछ परिप्रेक्ष्य बताता हूँ। आरबीआई की एकीकृत ओम्बड्समैन योजना के तहत प्राप्त शिकायतों की संख्या पिछले दो वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत प्रति वर्ष की चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर से बढ़कर 2023-24 में 9.34 लाख हो गई। आरबीआई ओम्बड्समैन के कार्यालय में प्रोसेस की गई शिकायतों की संख्या 2022-23 में लगभग 2,35,000 से 25 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में लगभग 2,94,000 हो गई। न केवल बड़ी संख्या में शिकायतें ऊपरी स्तर पर ले जाई जा रही हैं, बल्कि उनमें से एक बड़े हिस्से – पिछले साल सुनवाई योग्य शिकायतों का लगभग 57 प्रतिशत – में आरबीआई ओम्बड्समैन द्वारा मध्यस्थता या औपचारिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ी। आप सभी इस बात से सहमत होंगे कि यह अत्यधिक असंतोषजनक स्थिति है और इस पर हमें तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। 9. इसलिए, मैं सभी एमडी और सीईओ, आंचलिक और क्षेत्रीय प्रबंधकों और शाखा प्रबंधकों से आग्रह करूंगा कि हर सप्ताह, यदि रोज वे ऐसा नहीं कर पाएं, अपना कुछ समय शिकायत निवारण के लिए दें। यह एकदम जरूरी है। सभी महान सीईओ इसके लिए समय निकालते हैं। हमें भी ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण में सुधार के लिए अपनी डायरी में कुछ समय रखना चाहिए। ग्राहक सेवा प्रणालियों में सुधार 10. ग्राहकों की शिकायतें बाधा नहीं हैं - वास्तव में वे सुधार, नवाचार और विश्वास निर्माण के अवसर हैं। उनका अच्छा समाधान आपकी सफलता को परिभाषित कर सकता है। प्रत्येक अनसुलझी शिकायत विनियमित संस्थाओं के लिए ग्राहक विश्वास और निष्ठा की फिर से पुष्टि करने का एक गंवाया हुआ अवसर है। यह चेतावनी का एक संकेत भी है कि दोहराई जानेवाली शिकायतें अक्सर प्रणालीगत खामियों का सूचक होती हैं। आज, शिकायतें अक्सर आधिकारिक चैनलों तक पहुंचने से पहले ही सोशल मीडिया पर सामने आती हैं, जो अग्रसक्रिय उपायों की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं। 11. इस प्रकार न केवल शिकायतों का समाधान करने का प्रयास होना चाहिए बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि एक ही प्रकार की शिकायत फिर से न सामने आए। डिजिटल लेनदेन विवाद, अनधिकृत शुल्क या अस्पष्ट संप्रेषण जैसी कई शिकायतों की अक्सर पुनरावृत्ति होती हैं। ये विनियमित संस्थाओं के समग्र ग्राहक सेवा ढाँचे में अंतर्निहित समस्याओं के स्पष्ट लक्षण हैं। प्रत्येक शिकायत के लिए मूल कारण का गहन विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि सुधारात्मक कार्रवाई संभव हो सके और एक ही प्रकार की शिकायत की पुनरावृत्ति से बचा जा सके। 12. वास्तव में, मैं इससे आगे जाकर यह कहूँगा कि सबसे अच्छी सेवा वह नहीं है जिसमें शिकायत निवारण का कोई अवसर नहीं है, बल्कि वो है जिसमें ग्राहक सेवा विभाग को इस पर कोई कदम उठाने का कोई मौका नहीं मिले। प्रणाली निर्बाध और सुविधाजनक रूप से काम करे ताकि ग्राहकों को शाखा या ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल न करना पड़े या बैंक में किसी से बात न करनी पड़े। प्रणालियों को उपयोगकर्ता के इतना अनुकूल होना चाहिए कि ग्राहक किसी और पर निर्भर होने के बजाय स्वयं-सेवा पर भरोसा कर सकें। आंतरिक शिकायत निवारण प्रणालियों में सुधार 13. शिकायतों को कम करने के लिए प्रणालियों में सुधार करना जहाँ महत्वपूर्ण है, वहीं सभी विनियमित संस्थाओं के लिए एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करना उतना ही महत्वपूर्ण है। मैं आप सभी से इसकी समीक्षा करने का आग्रह करूंगा। विनियमों में शिकायत निवारण को लेकर जहाँ किसी संगठनात्मक ढांचे का कोई प्रावधान नहीं है, वही मेरा अनुभव बताता है कि बड़े विनियमित संस्थाओं में शिकायत निवारण के लिए कम से कम दो स्तर होने चाहिए, जिसमें अनसुलझी शिकायतें निम्न से उच्चतर स्तर तक बढ़ सकें। उच्चतम स्तर काफी उच्च पद पर होना चाहिए। यह इस बात को सुनिश्चित करेगा कि अनुरोध एक ऐसे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जांच किए बिना अस्वीकार नहीं किए जाएं, जिसे उपभोक्ता हित में निर्णय लेने का अधिकार है। इससे ओम्बड्समैन के पास आने वाली शिकायतों को कम करने में मदद मिलेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आंतरिक ओम्बड्समैन कार्यालय सहित सभी स्तरों पर पर्याप्त संख्या में शिकायत निवारण अधिकारी हों। 14. शिकायतों को विनियमित संस्थाओं द्वारा अनुरोधों, प्रश्नों और विवादों के रूप में गलत वर्गीकरण की ओर भी मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। इसके परिणामस्वरूप शिकायतकर्ताओं की शिकायतों का समाधान नहीं हो पाता। इसके अलावा, यह एक बड़ा विनियामकीय उल्लंघन भी है। सेवा सुधार के प्रमुख क्षेत्र 15. अब मैं संक्षेप में ऐसे कुछ प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख करना चाहूंगा जिनमें हमें सुधार करने की आवश्यकता है। ये केवाईसी, डिजिटल धोखाधड़ी, अपविक्रय और वसूली के अति महत्वाकांक्षी तौर तरीकों से संबंधित हैं। 16. जैसा कि केवाईसी के लिए, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एक बार जब ग्राहक ने किसी वित्तीय संस्था के पास दस्तावेज जमा कर दिए हैं, तो हम उन्हीं दस्तावेज को फिर से प्राप्त करने पर जोर न दें। एक बार जब कोई ग्राहक किसी वित्तीय क्षेत्र नियामक की विनियमित संस्था के पास अपना विवरण, उदाहरण के लिए अपना आवासीय पता, अपडेट करा देता है, तो वह सीकेवाईसीआर में अपडेट हो जाता है और अन्य विनियमित संस्थाओं को इस अपडेट के बारे में सूचित कर दिया जाता है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा बनाए गए पीएमएल नियम और केवाईसी पर आरबीआई के मास्टर निदेश के अनुसार, विनियमित संस्थाओं को खाता खोलने के लिए केवाईसी दस्तावेज मांगने से पहले सीकेवाईसीआर प्रणाली की जांच करना अनिवार्य है। हालाँकि, अधिकांश बैंक और एनबीएफसी ने अपनी शाखाओं/व्यावसायिक आउटलेट में इसे सक्षम नहीं किया है, जिससे ग्राहकों को असुविधा हो रही है। इसे जल्द ही सुगम बनाया जा सकता है। यह सभी के हित में होगा। 17. ग्राहक सुरक्षा से जुड़ा एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा डिजिटल धोखाधड़ी में वृद्धि है। यह बड़ी चिंता का विषय है कि निर्दोष ग्राहक धोखेबाजों का शिकार होते रहते हैं। हालांकि इसके लिए डिजिटल लेनदेन में वृद्धि और धोखेबाजों द्वारा अपनाए गए नए तरीकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, ग्राहक जागरूकता की कमी भी इसका एक प्रमुख कारण है। इस खतरे को कम करने के लिए, विनियमित संस्थाओं को न केवल मजबूत आंतरिक नियंत्रण स्थापित करने की आवश्यकता है, बल्कि डिजिटल वित्तीय साक्षरता को भी बढ़ाने की आवश्यकता है। 18. गलत बिक्री और आक्रामक वसूली प्रथाओं के मुद्दों को पहले भी उजागर किया गया है। इस संदर्भ में भी, मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि उपभोक्ता हित को सर्वोपरि रखें। प्रौद्योगिकी को अपनाना - एआइ पद्धति से 19. अब मैं इस वर्ष के सम्मेलन के विषय पर आता हूँ: शिकायत निवारण में क्रांति लाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) की क्षमता। हम एक रोमांचक युग में प्रवेश कर रहे हैं जहाँ प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ), शिकायत निवारण की गति, सटीकता और निष्पक्षता में उल्लेखनीय सुधार ला सकती है। 20. एआइ आने वाली शिकायतों को तात्कालिकता, जटिलता या विषय क्षेत्र के अनुसार वर्गीकृत करने में मदद कर सकती है, जिससे उचित व्यक्ति या उचित टीम तक पहुंचने में कम से कम देरी सुनिश्चित हो सके। एआइ शिकायतों का बेहतर ढंग से क्रम वितरण करने में भी मदद कर सकती है। इसके अलावा, यह निर्णय लेने और प्रसंस्करण समय को कम करने में सहायता कर सकती है। 21. दूसरा, संरचित और असंरचित डेटा जैसे ई-मेल, चैट लॉग और कॉल ट्रांसक्रिप्ट का विश्लेषण करके प्रणालीगत कमियों को ठीक करने के लिए एआइ का उपयोग किया जा सकता है। यह प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करने और प्रक्रिया में आवश्यक सुधारों का मार्गदर्शन करने में सहायता करेगा। लाखों उपभोक्ता शाखाओं के दौरे, कॉल सेंटर लॉग, मोबाइल ऐप्स और सोशल मीडिया से प्राप्त डेटा का उपयोग करके, इन सभी इंटरैक्शन का एक एकीकृत, एआइ-संचालित दृश्य आम समस्या बिंदुओं को अधिक कुशलता से पहचानने में मदद कर सकता है। डेटा एनालिटिक्स, सेंटीमेंट एनालिसिस और पूर्वानुमान मॉडल का लाभ उठाते हुए, एआइ का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करने के लिए किया जा सकता है, ताकि एटीएम विफलता या गलत शुल्क - जैसी समस्याओं में वृद्धि का पता लगाया जा सके और विनियमित संस्थाओं को पहले से सचेत किया जा सके। 22. अंत में, भारत जैसे विविध भाष-भाषी देश में, एआइ-संचालित चैटबॉट और ध्वनि पहचान उपकरण स्थानीय भाषाओं में कार्य करके भाषा संबंधी बाधाओं को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा, चैटबॉट, वॉयसबॉट और उन्नत आईवीआर प्रणाली में संवादकारी एआइ के कार्यान्वयन से दैनिक जिज्ञासा को चौबीसों घंटे संभाला जा सकता है, जिससे लोगों को उन मामलों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिल सकता है जिनमें समानुभूति और जटिल समस्या-समाधान की आवश्यकता होती है। 23. संक्षेप में, शिकायत दर्ज करने से लेकर निपटान तक हर चरण में एआइ को एकीकृत करने से एक निर्बाध, कुशल और डेटा-संचालित शिकायत निवारण प्रणाली बन सकती है। ऐसा ढांचा न केवल प्रसंस्करण समय कम करता है और बार-बार आने वाली शिकायतों का समाधान करता है, बल्कि मानवीय पूर्वाग्रहों को कम करके न्यायसंगत परिणामों को भी बढ़ावा देता है। अब समय आ गया है कि बैंकिंग उद्योग शिकायत समाधान तंत्र को मजबूत करने और दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए एआइ सहित प्रौद्योगिकी के एकीकरण की खोज करे और इसमें अग्रणी बने। एआइ संचालित शिकायत निवारण प्रणाली में चुनौतियाँ और सुरक्षा-व्यवस्था 24. जबकि एआइ अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करती है, हमें इसे अपनाने से उत्पन्न चुनौतियों और जोखिमों के बारे में जागरूक रहने की आवश्यकता है। एआइ-संचालित मॉडलों में डेटा गोपनीयता, एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह और जटिलता को लेकर चिंताएँ हैं। जब हम शिकायत निवारण या किसी अन्य प्रक्रिया में एआइ को अपनाते हैं, तो हमें नैतिक विचारों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। पारदर्शी और सुसंगत परिणाम सुनिश्चित करने के लिए मानवीय निगरानी, पूर्वाग्रह शमन और डेटा गोपनीयता को एआइ सिस्टम में एकीकृत किया जाना चाहिए। मानव संसाधन में निवेश 25. जबकि प्रौद्योगिकी अपने सभी रूपों में एक शक्तिशाली सक्षमकर्ता है, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि यह ईमानदारी, समानुभूति और मानवीय निर्णय का विकल्प नहीं है। डेटा, एल्गोरिदम और स्वचालन द्वारा तेजी से संचालित दुनिया में, मानवीय तत्व को नज़रअंदाज़ करना बहुत आसान है। हर लेन-देन सिर्फ़ एक खाता बही में एक संख्या नहीं दर्शाता है, बल्कि एक परिवार की मेहनत से कमाई गई बचत, एक छोटे उद्यमी के सपने या एक वरिष्ठ नागरिक की जीवन भर की बचत है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि विनियमित संस्थाएं ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण के लिए समर्पित मानव संसाधनों में निवेश करना जारी रखें। कर्मचारियों के प्रशिक्षण में निवेश करना आवश्यक है, विशेष रूप से ग्राहक सेवा के व्यवहार संबंधी पहलुओं में। इसके अलावा, कर्मचारियों को उपभोक्ता शिकायतों के निवारण करने, ग्राहक संतुष्टि को बढ़ाने और उपभोक्ता का विश्वास जीतने के लिए अपने विवेक पर निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने की आवश्यकता है। आरबीआई एक सुविधाकर्ता के रूप में 26. अंत में, मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि, जैसे हम आपको ग्राहकों को कुशलतापूर्वक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रेरित करते हैं, वैसे ही रिज़र्व बैंक भी विनियमित संस्थाओं को समय पर विभिन्न सेवाएँ, अनुमोदन, स्पष्टीकरण आदि प्रदान करेगा। हमारे पास पहले से ही एक नागरिक चार्टर है। हम चार्टर की समीक्षा कर रहे हैं। हम चार्टर को व्यापक बनाएंगे ताकि हम उन सभी सेवाओं को शामिल कर सकें जो हम या तो विनियमित संस्थाओं को या सीधे नागरिकों को प्रदान करते हैं। इसके अलावा, हम प्रत्येक सेवा के लिए समयसीमा की समीक्षा कर रहे हैं। हमारा प्रयास होगा कि समय-सीमा के भीतर सभी अनुमोदन आदि प्रदान किए जाएं। हम ‘प्रवाह’ (PRAVAAH) का उपयोग भी अनिवार्य कर रहे हैं, जो प्राधिकार, लाइसेंस या रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत किसी मामले में विनियामकीय अनुमोदन प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति या संस्था हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक का सुरक्षित और केंद्रीकृत वेब-आधारित पोर्टल है। इससे रिज़र्व बैंक को प्राप्त आवेदनों के निपटान में तेजी लाने में हमें मदद मिलेगी। निष्कर्ष 27. हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, क्योंकि भारत एक अधिक सुदृढ़ और समावेशी - विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने की ओर अग्रसर है। चूंकि वित्तीय क्षेत्र लगभग पूरी आबादी के जीवन से जुड़ रहा है, इसलिए हमारी भूमिका महत्वपूर्ण है। इस भूमिका में सफल होने के लिए, हमें ग्राहक सेवा और ग्राहक संरक्षण को लगातार बेहतर बनाना होगा। धन्यवाद ! |