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अप्रैल 08, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मार्च 2024 के आदेश द्वारा नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹4.00 लाख (चार लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मार्च 2024 के आदेश द्वारा नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹4.00 लाख (चार लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

अप्रैल 08, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि रोहतक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रोहतक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि रोहतक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रोहतक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 (1) और धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि रोहतक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रोहतक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 (1) और धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

अप्रैल 08, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण (आईआरएसी) पर विवेकपूर्ण मानदंड संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण (आईआरएसी) पर विवेकपूर्ण मानदंड संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

अप्रैल 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹49,70,000/- (उनचास लाख सत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹49,70,000/- (उनचास लाख सत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

अप्रैल 05, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आईडीएफ़सी फर्स्ट बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा आईडीएफ़सी फर्स्ट बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों/ सांविधिक प्रावधानों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है। बैंक ने (i) परियोजनाओं की व्यवहार्यता और आय सृजन क्षमता की समुचित जांच किए बिना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाओं की राजस्व धाराएं, ऋण चुकौती दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त थीं, अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को मियादी ऋण स्वीकृत किए थे, (ii) उक्त मियादी ऋणों का पुनर्भुगतान/ चुकौती बजटीय संसाधनों से की गई थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा आईडीएफ़सी फर्स्ट बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों/ सांविधिक प्रावधानों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना आवश्यक है। बैंक ने (i) परियोजनाओं की व्यवहार्यता और आय सृजन क्षमता की समुचित जांच किए बिना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजनाओं की राजस्व धाराएं, ऋण चुकौती दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त थीं, अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को मियादी ऋण स्वीकृत किए थे, (ii) उक्त मियादी ऋणों का पुनर्भुगतान/ चुकौती बजटीय संसाधनों से की गई थी।

अप्रैल 04, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि तिरुपत्तूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुपत्तूर, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि तिरुपत्तूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुपत्तूर, तमिलनाडु   (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि तिरुपत्तूर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुपत्तूर, तमिलनाडु   (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

अप्रैल 04, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने तिरुमंगलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तिरुमंगलम, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा तिरुमंगलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तिरुमंगलम, तमिलनाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित 'निदेशक मंडल - यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा तिरुमंगलम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, तिरुमंगलम, तमिलनाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिसमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ के साथ पठित 'निदेशक मंडल - यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

अप्रैल 04, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 मार्च 2024 के आदेश द्वारा बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन', 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)', 'जमा खातों का रखरखाव' और 'अग्रिमों का प्रबंधन' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61,60,000/- (इकसठ लाख साठ हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 मार्च 2024 के आदेश द्वारा बेसिन कैथोलिक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन', 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)', 'जमा खातों का रखरखाव' और 'अग्रिमों का प्रबंधन' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61,60,000/- (इकसठ लाख साठ हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

अप्रैल 04, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘जमाराशियों पर ब्याज दर' और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹28.30 लाख (अठ्ठाईस लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘जमाराशियों पर ब्याज दर' और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹28.30 लाख (अठ्ठाईस लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

अप्रैल 04, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिमला पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिमला (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।         

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिमला (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।         

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अक्‍तूबर 29, 2024

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