प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2025 के आदेश द्वारा कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2025 के आदेश द्वारा कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2025 के आदेश द्वारा मुर्शिदाबाद डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ और ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.10 लाख (दो लाख दस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2025 के आदेश द्वारा मुर्शिदाबाद डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ और ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.10 लाख (दो लाख दस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (जिसे “लेंडबॉक्स” भी कहा जाता है) (कंपनी) पर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (जिसे “लेंडबॉक्स” भी कहा जाता है) (कंपनी) पर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘कृषि के लिए ऋण प्रवाह - संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63.60 लाख (तिरसठ लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘कृषि के लिए ऋण प्रवाह - संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63.60 लाख (तिरसठ लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 मई 2025 के आदेश द्वारा दि अस्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अस्का, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹10,000/- (दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 मई 2025 के आदेश द्वारा दि अस्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अस्का, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹10,000/- (दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2025 के आदेश द्वारा डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' के साथ पठित 'सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोज़र के एक केंद्रीय भंडार का निर्माण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2025 के आदेश द्वारा डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' के साथ पठित 'सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोज़र के एक केंद्रीय भंडार का निर्माण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मई 2025 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण प्रस्तुति और प्रकटीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29,60,000 (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मई 2025 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण प्रस्तुति और प्रकटीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29,60,000 (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 30, 2025