प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा रतनचंद शाह सहकारी बैंक लिमिटेड, मंगलवेधा, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों और
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा रतनचंद शाह सहकारी बैंक लिमिटेड, मंगलवेधा, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों और
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 जून 2025 के आदेश द्वारा दि आदिलाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, तेलंगाना (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 जून 2025 के आदेश द्वारा दि आदिलाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, तेलंगाना (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2025 के आदेश द्वारा पूर्णवादी नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित बीड, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अग्रिमों का प्रबंधन – शहरी सहकारी बैंक' और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2025 के आदेश द्वारा पूर्णवादी नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित बीड, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अग्रिमों का प्रबंधन – शहरी सहकारी बैंक' और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2025 के आदेश द्वारा पेमी (PayMe) इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम) की धारा 45आईए(5) के अंतर्गत रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) की विशिष्ट शर्तों और रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के साथ पठित ‘मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹2 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जून 2025 के आदेश द्वारा पेमी (PayMe) इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम) की धारा 45आईए(5) के अंतर्गत रिज़र्व बैंक द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) की विशिष्ट शर्तों और रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के साथ पठित ‘मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹2 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2025 के आदेश द्वारा इंडिया होम लोन लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹32,000 (बत्तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के प्रावधनों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2025 के आदेश द्वारा इंडिया होम लोन लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹32,000 (बत्तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के प्रावधनों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मई 2025 के आदेश द्वारा खुश हाउसिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹16,000 (सोलह हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के प्रावधनों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मई 2025 के आदेश द्वारा खुश हाउसिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹16,000 (सोलह हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के प्रावधनों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा दि जम्मू एंड कश्मीर स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, श्रीनगर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹ 2 लाख (दो लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा दि जम्मू एंड कश्मीर स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, श्रीनगर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹ 2 लाख (दो लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा दि सिटिज़न को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नोएडा (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 12बी के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा दि सिटिज़न को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नोएडा (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 12बी के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा दि बठिंडा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बठिंडा, पंजाब (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹3 लाख (तीन लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 मई 2025 के आदेश द्वारा दि बठिंडा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बठिंडा, पंजाब (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26 ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹3 लाख (तीन लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2025 के आदेश द्वारा कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मई 2025 के आदेश द्वारा कुणबी सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2025 के आदेश द्वारा मुर्शिदाबाद डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ और ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.10 लाख (दो लाख दस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2025 के आदेश द्वारा मुर्शिदाबाद डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ और ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.10 लाख (दो लाख दस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (जिसे “लेंडबॉक्स” भी कहा जाता है) (कंपनी) पर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा ट्रांसेक्ट्री टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड (जिसे “लेंडबॉक्स” भी कहा जाता है) (कंपनी) पर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘कृषि के लिए ऋण प्रवाह - संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63.60 लाख (तिरसठ लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 मई 2025 के आदेश द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘कृषि के लिए ऋण प्रवाह - संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63.60 लाख (तिरसठ लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 मई 2025 के आदेश द्वारा दि अस्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अस्का, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹10,000/- (दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 मई 2025 के आदेश द्वारा दि अस्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अस्का, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹10,000/- (दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2025 के आदेश द्वारा डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' के साथ पठित 'सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोज़र के एक केंद्रीय भंडार का निर्माण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मई 2025 के आदेश द्वारा डॉएच्च बैंक एजी, इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'बड़े ऋणों पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' के साथ पठित 'सभी बैंकों में बड़े सामान्य एक्सपोज़र के एक केंद्रीय भंडार का निर्माण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मई 2025 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण प्रस्तुति और प्रकटीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29,60,000 (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 मई 2025 के आदेश द्वारा येस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण प्रस्तुति और प्रकटीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29,60,000 (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा ग्रेवाल ब्रदर्स फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, केरल (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धारवाड़, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, मैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि शिमोगा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा दि शिमोगा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा स्वर्ण भारती सहकारा बैंक नियमिता, बैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 मई 2025 के आदेश द्वारा स्वर्ण भारती सहकारा बैंक नियमिता, बैंगलोर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम- सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’, ‘ग्राहक संरक्षण – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेनों में ग्राहकों की देयता सीमित करना’ तथा ‘बैंकों द्वारा चालू खाते खोलना - अनुशासन की आवश्यकता’
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘ऋण और अग्रिम- सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’, ‘ग्राहक संरक्षण – अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेनों में ग्राहकों की देयता सीमित करना’ तथा ‘बैंकों द्वारा चालू खाते खोलना - अनुशासन की आवश्यकता’
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 मई 2025 के आदेश द्वारा जना समॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 12बी(5) के प्रावधान के उल्लंघन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 मई 2025 के आदेश द्वारा जना समॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 12बी(5) के प्रावधान के उल्लंघन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित, हुबली, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा विश्वकल्याण सहकारा बैंक नियामित, हुबली, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि निकोलसन को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि निकोलसन को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम’ तथा ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री हरिहरेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हरिहर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री हरिहरेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हरिहर, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 31 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री वारणा सहकारी बैंक लिमिटेड, वारणानगर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 मई 2025 के आदेश द्वारा श्री वारणा सहकारी बैंक लिमिटेड, वारणानगर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 मई 2025 के आदेश द्वारा दि जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू और कश्मीर (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि डेक्कन मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि डेक्कन मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि हिंदुस्थान को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा दि हिंदुस्थान को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा सिद्धेश्वर अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, सिल्लोड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि जमा करना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा सिद्धेश्वर अर्बन को- ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, सिल्लोड, औरंगाबाद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि जमा करना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा दि पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुसद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी’, ‘सहकारी बैंक – जमाराशियों पर ब्याज दरें’ संबंधी कतिपय निदेशों और ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)’ के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 मई 2025 के आदेश द्वारा दि पुसद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुसद, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी’, ‘सहकारी बैंक – जमाराशियों पर ब्याज दरें’ संबंधी कतिपय निदेशों और ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)’ के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा एक्सिस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आंतरिक/कार्यालय खातों का अनधिकृत परिचालन’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29.60 लाख (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा एक्सिस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आंतरिक/कार्यालय खातों का अनधिकृत परिचालन’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29.60 लाख (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचा’, ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’, तथा ‘क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड – जारी करना और आचरण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹97.80 लाख (सतानवे लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचा’, ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’, तथा ‘क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड – जारी करना और आचरण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹97.80 लाख (सतानवे लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹31.80 लाख (इकतीस लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹31.80 लाख (इकतीस लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा आईडीबीआई बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण हेतु ब्याज अनुदान योजना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹31.80 लाख (इकतीस लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा आईडीबीआई बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण हेतु ब्याज अनुदान योजना’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹31.80 लाख (इकतीस लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ के साथ पठित ‘बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाएं’ और ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61.40 लाख (इकसठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रद
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ के साथ पठित ‘बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाएं’ और ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61.40 लाख (इकसठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रद
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा इण्डियन ओवरसीज़ बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘कृषि के लिए ऋण प्रवाह- संपार्श्विक रहित कृषि ऋण’ और ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को उधार’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63.60 लाख (तिरसठ लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा इण्डियन ओवरसीज़ बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘कृषि के लिए ऋण प्रवाह- संपार्श्विक रहित कृषि ऋण’ और ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को उधार’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63.60 लाख (तिरसठ लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा इंडियन बैंक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों का उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों पर ब्याज दर’, ‘किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना’ तथा ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,61,40,000 (एक करोड़ इकसठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा इंडियन बैंक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों का उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों पर ब्याज दर’, ‘किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना’ तथा ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,61,40,000 (एक करोड़ इकसठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज़ लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' और 'भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹71.30 लाख (इकहत्तर लाख तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज़ लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' और 'भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹71.30 लाख (इकहत्तर लाख तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा पंजाब नैशनल बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29.60 लाख (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा पंजाब नैशनल बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29.60 लाख (उनतीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा आईडीएफ़सी फ़र्स्ट बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹38.60 लाख (अड़तीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा आईडीएफ़सी फ़र्स्ट बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹38.60 लाख (अड़तीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंक ऋण प्रदान करने के लिए ऋण प्रणाली पर दिशनिर्देश’ तथा ‘ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61.40 लाख (इकसठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंक ऋण प्रदान करने के लिए ऋण प्रणाली पर दिशनिर्देश’ तथा ‘ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61.40 लाख (इकसठ लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 अप्रैल 2025 के आदेश द्वारा श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 मार्च 2025 के आदेश द्वारा आर्यावर्त बैंक, लखनऊ (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 51(1) के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹36.40 लाख (छत्तीस लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बीआर अधिनियम की धारा 46(4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 मार्च 2025 के आदेश द्वारा आर्यावर्त बैंक, लखनऊ (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 51(1) के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹36.40 लाख (छत्तीस लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बीआर अधिनियम की धारा 46(4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा कोडुंगल्लूर टाउन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों का प्रबंधन - यूसीबी’, ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – यूसीबी’ तथा ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा कोडुंगल्लूर टाउन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केरल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों का प्रबंधन - यूसीबी’, ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – यूसीबी’ तथा ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा कर्नाटक ग्रामीण बैंक, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंड-दिशानिर्देश, 1996’ के साथ पठित ‘विवेकपूर्ण मानदंडों को मजबूत करना- प्रावधानीकरण आस्ति वर्गीकरण और एक्सपोज़र सीमा, 2001’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा कर्नाटक ग्रामीण बैंक, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंड-दिशानिर्देश, 1996’ के साथ पठित ‘विवेकपूर्ण मानदंडों को मजबूत करना- प्रावधानीकरण आस्ति वर्गीकरण और एक्सपोज़र सीमा, 2001’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा सवेरी ट्रांसपोर्ट फाइनेंस लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी‘मास्टर निदेश-भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्तर आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी(5)(एए) के साथ पठित धारा 58जी(1)(बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा सवेरी ट्रांसपोर्ट फाइनेंस लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी‘मास्टर निदेश-भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्तर आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी(5)(एए) के साथ पठित धारा 58जी(1)(बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा दि साउथ केनरा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 मार्च 2025 के आदेश द्वारा दि साउथ केनरा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कर्नाटक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2025 के आदेश द्वारा पूर्वजा फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड, तमिलनाडु (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
‘मास्टर निदेश-भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्तर आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी(5)(एए) के साथ पठित धारा 58जी(1)(बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 मार्च 2025 के आदेश द्वारा पूर्वजा फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड, तमिलनाडु (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी
‘मास्टर निदेश-भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्तर आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी(5)(एए) के साथ पठित धारा 58जी(1)(बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 14, 2025