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प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ग) कृषि

उत्तर: किसी भी भू-धारक मानदंड के बिना संबद्ध गतिविधियों में संलग्न व्यक्तियों को ₹2 लाख तक के बैंक ऋण, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार की एसएमएफ श्रेणी के तहत वर्गीकरण के लिए पात्र हैं। इसके अलावा, एसएमएफ (भू-जोत के आधार पर) के तहत ऋण लेने वाले किसान भी संबद्ध गतिविधियों के तहत ₹2 लाख तक के ऋण के लिए पात्र हैं और इसे एसएमएफ श्रेणी के तहत भी वर्गीकृत किया जा सकता है।
उत्तर: बैंक को पीएसएल के तहत कृषि ऋणों को वर्गीकृत करने के लिए अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित उचित दस्तावेज सुनिश्चित करना चाहिए। विशेष रूप से कृषि/एसएमएफ श्रेणी के तहत ऋणों को वर्गीकृत करते समय, बैंक को उस स्थान के बारे में जहां उधारकर्ता भूमि जोत रहा हो, उगाई गई फसल, फसलों का दृष्टिबंधक, यदि कोई हो, वित्त-मान के आधार पर ऋण की स्वीकृति, कृषि ऋणों के अंतिम उपयोग की निगरानी के लिए बैंक अधिकारियों द्वारा क्षेत्र के दौरे का रिकॉर्ड, आदि संबंधी विवरण रखना चाहिए। भूमि अभिलेख/पट्टा विलेख की प्रति के अभाव में उपरोक्त में से कुछ पहलू बैंक के पास उपलब्ध होने चाहिए, विशेष रूप से भूमिहीन मजदूरों, बटाईदारों आदि को दिए गए कृषि ऋणों के मामले में।
उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, कृषि बुनियादी संरचना या खाद्यान्न तथा एग्रो प्रसंस्करण गतिविधि के लिए बैंकिंग प्रणाली से प्रति उधारकर्ता ऋण ₹100 करोड़ की कुल स्वीकृत सीमा के अधीन है। यदि पूरे बैंकिंग उद्योग में कुल एक्सपोजर ₹100 करोड़ की सीमा से अधिक होता है, तो कुल एक्सपोजर पीएसएल श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत होना बंद हो जाएगा। ₹100 करोड़ की स्वीकृत सीमा किसी विशेष इकाई के लिए सुविधावार सुनिश्चित की जानी चाहिए और यह पीएसएल/गैर-पीएसएल उद्देश्यों के लिए इकाई के अन्य उधारों को छोड़कर हो। हालांकि, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बैंक ने पीएसएल के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए इकाई के कृषि बुनियादी संरचना या खाद्यान्न तथा एग्रो प्रसंस्करण गतिविधियों के विशिष्ट उद्देश्य के लिए अलग-अलग सीमाओं का आकलन एवं मंजूरी दी है। बैंकों को उसी गतिविधि के लिए किसी अन्य बैंक/बैंकों द्वारा स्वीकृत ऋण के संबंध में उधारकर्ता से घोषणा प्राप्त करनी चाहिए तथा उन बैंकों से स्वतंत्र रूप से पुष्टि मांगनी चाहिए। ऐसे परिदृश्य में, जहां बैंक द्वारा नई मंजूरी से बैंकों की कुल सीमा ₹100 करोड़ से अधिक हो जाती है, तो इसके बारे में अन्य बैंकों को भी सूचित करने की आवश्यकता है। तदनुसार, अन्य सभी बैंकों को इसे पीएसएल से अवर्गीकृत करने की आवश्यकता है।

उत्तर: प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) पर दिनांक 4 सितंबर 2020 के मास्टर निदेश के अनुबंध-III के अनुसार, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के तहत अनुमत गतिविधियों की सांकेतिक सूची के तहत परिवहन एक पात्र गतिविधि है। हालांकि, "खाद्यान्न तथा एग्रो प्रसंस्करण" श्रेणी के तहत वाणिज्यिक वाहन खरीदने के लिए ट्रांसपोर्टरों को किसी भी सुविधा को वर्गीकृत करते समय, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ट्रांसपोर्टर वाहन का उपयोग केवल खाद्यान्न तथा एग्रो-प्रसंस्कृत उत्पादों के परिवहन के लिए कर रहा है या वाहन इस प्रकार का है कि जिसका उपयोग विशेष रूप से "खाद्यान्न तथा एग्रो प्रसंस्करण" के लिए किया जाता है, उदाहरण के लिए कोल्ड स्टोरेज ट्रक, वैन आदि। यदि वाणिज्यिक वाहन का उपयोग खाद्यान्न तथा एग्रो प्रसंस्करण से संबंधित उत्पादों के अलावा अन्य उत्पादों के परिवहन के लिए भी किया जाता है, तो सुविधा 'खाद्यान्न तथा एग्रो प्रसंस्करण' श्रेणी के तहत वर्गीकरण के लिए पात्र नहीं होगी। ऐसे मामलों में इसे, यदि यह पीएसएल पर हमारे मास्टर निदेश में इसके लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करता है, एमएसएमई (सेवा) के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है।

उत्तर: "कृषि बुनियादी संरचना" श्रेणी के तहत वाणिज्यिक वाहन खरीदने के लिए ट्रांसपोर्टरों को किसी भी सुविधा को वर्गीकृत करते समय, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ट्रांसपोर्टर/ उप-ठेकेदार वाहन का उपयोग केवल उन गतिविधियों के लिए कर रहे हैं जो "कृषि बुनियादी संरचना" से संबद्ध है। यदि वाणिज्यिक वाहन का उपयोग गैर-कृषि बुनियादी संरचना श्रेणी के तहत परिवहन के लिए भी किया जाता है, तो सुविधा ‘कृषि बुनियादी संरचना’ के तहत वर्गीकरण के लिए पात्र नहीं होगी। ऐसे मामलों में इसे, यदि यह पीएसएल पर हमारे मास्टर निदेश में इसके लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करता है, एमएसएमई (सेवा) के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है।घ) एमएसएमई

घ) एमएसएमई

उत्तर: भारत सरकार (जीओआई) ने दिनांक 26 जून 2020 के राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 2119 (ई) और समय-समय पर अद्यतन, के माध्यम से एमएसएमई के तहत किसी उद्यम के वर्गीकरण के लिए संयंत्र और मशीनरी में निवेश के साथ-साथ आवर्त के नए सम्मिश्र मानदंडों को अधिसूचित किया है। सम्मिश्र मानदंड के तहत, यदि कोई उद्यम निवेश या आवर्त के दो मानदंडों में से किसी एक में अपनी वर्तमान श्रेणी के लिए निर्दिष्ट उच्चतम सीमा को पार करता है, तो वह उस श्रेणी में मौजूद नहीं रहेगा और अगली उच्च श्रेणी में चला जाएगा, लेकिन कोई उद्यम तबतक निचली श्रेणी में नहीं आएगा जब तक कि वह निवेश और आवर्त दोनों के मानदंडों में अपनी वर्तमान श्रेणी के लिए निर्दिष्ट उच्चतम सीमा से नीचे नहीं आ जाता। नई परिभाषा के आधार पर, संबंधित एमएसएमई श्रेणी से उद्यम के बाहर निकलने के बाद भी तीन वर्ष के लिए पीएसएल स्थिति की निरंतरता के संबंध में पहले का मानदंड अब मान्य नहीं है।

ङ) निर्यात ऋण

उत्तर: कृषि और एमएसएमई क्षेत्रों के तहत निर्यात ऋण के लिए बैंक ऋण को संबंधित श्रेणियों अर्थात कृषि और एमएसएमई के तहत पीएसएल के रूप में वर्गीकृत किया गया है और इसके लिए ऋण पर कोई उच्चतम सीमा नहीं है। निर्यात ऋण (कृषि और एमएसएमई के अलावा) को निम्न तालिका के अनुसार प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है:

घरेलू बैंक/विदेशी बैंकों के डब्लूओएस/एसएफबी/यूसीबी 20 और उससे अधिक शाखाओं वाले विदेशी बैंक 20 से कम शाखाओं वाले विदेशी बैंक
प्रति उधारकर्ता स्‍वीकृत सीमा 40 करोड़ की शर्त के अधीन, गत वर्ष की समान तारीख की तुलना में वृद्धिशील निर्यात ऋण, एएनबीसी या सीईओबीई, जो भी अधिक हो, के 2 प्रतिशत तक। गत वर्ष की समान तारीख की तुलना में वृद्धिशील निर्यात ऋण, एएनबीसी या सीईओबीई, जो भी अधिक हो, के 2 प्रतिशत तक। एएनबीसी अथवा सीईओबीई, इनमें से जो भी अधिक हो, के 32 प्रतिशत तक का निर्यात ऋण।
उत्तर: वित्त वर्ष 2020-21 से सभी बैंकों को निर्यात ऋण के तहत पात्र पोर्टफोलियो की गणना चार तिमाहियों के औसत से करने की अनुमति है, ताकि 20 से कम शाखाओं वाले विदेशी बैंकों के लिए 32 प्रतिशत और अन्य के लिए 2 प्रतिशत से संबंधित निर्धारित उच्चतम सीमा का पालन किया जा सके। निर्यात की उच्चतम सीमा चालू वित्त वर्ष के एएनबीसी/सीईओबीई पर आधारित है।च) शिक्षा

च) शिक्षा

उत्तर: केवल ऐसे ऋण जो ₹20 लाख की स्वीकृत सीमा के भीतर हैं, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र वर्गीकरण के लिए पात्र होंगे।

उत्तर: 4 सितंबर 2020 से पहले स्वीकृत ऋणों के लिए, 10 लाख तक की बकाया राशि, चाहे स्वीकृत सीमा कुछ भी हो, परिपक्वता तक प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाना जारी रहेगा। हालांकि, पीएसएल के तहत किसी ऐसे उधारकर्ता, जिसने 4 सितंबर 2020 से पहले ही बैंक से शिक्षा ऋण प्राप्त कर लिया था, के किसी भी नए ऋण की गणना करते समय, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पीएसएल के तहत ऋणों के वर्गीकरण के लिए कुल स्वीकृत सीमा 20 लाख से अधिक नहीं है।

उक्त स्थिति में, चूंकि संयुक्त स्वीकृत सीमा 30 लाख हो जाती है, अतः 4 सितंबर 2020 के बाद स्वीकृत 18 लाख का ऋण पीएसएल वर्गीकरण के लिए पात्र नहीं होगा। हालांकि, 12 लाख के ऋण के संबंध में, जो पहले के दिशानिर्देशों के अनुसार पहले से ही पीएसएल था, 10 लाख तक की बकाया राशि इस सुविधा के तहत परिपक्वता तक पीएसएल के अंतर्गत पात्र बने रहेंगे।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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