अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय मुद्रा
घ) गंदे, कटे-फटे तथा अपूर्ण बैंकनोट
कटे-फटे/फटे नोटों को बदलने के लिए दिशानिर्देश “नोटों व सिक्कों को बदलने की सुविधा” के संबंध में दिनांक 01 अप्रैल 2025 के हमारे मास्टर परिपत्र डीसीएम (एनई) सं.जी-5/08.07.18/2025-26 में उपलब्ध हैं जो हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in में कार्य-वार साइटें > मुद्रा प्रबंधन > अधिसूचनाएं के अंतर्गत उपलब्ध हैं । भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) के अनुसार कटे-फटे नोटों को सभी बैंक शाखाओं में बदला जा सकता है ।
भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) अधिनियम, 2009 [भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018, यथा संशोधित] के तहत क्षतिग्रस्त बैंकनोट के मूल्य का आकलन करते समय क्रम संख्या अथवा अन्य विनिर्दिष्ट विशेषता की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति निर्णय का आधार नहीं है ।
महात्मा गांधी (नई) शृंखला सहित सभी बैंकनोट जिन पर कुछ लिखा हो अथवा रंग/ तेल के दाग लगे हो तो वे वैध मुद्रा जारी रहेंगे, बशर्ते कि वे सुपाठ्य हों । इस प्रकार के नोटों को किसी भी बैंक शाखा में जमा किया जा सकता है या उन्हें बदला जा सकता है ।
यद्यपि, बैंक नोट में राजनैतिक अथवा धार्मिक स्वरूप का संदेश देने अथवा इस तरह के संदेश देने की क्षमता हो, की नीयत से लिखे गए अनावश्यक शब्दों या दृश्य निरूपण हों अथवा उनके किसी व्यक्ति या संस्था के हितों को पूरा करने में सहायक होने पर बैंकनोटों के संबंध में ऐसे दावे को भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 [जैसा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) संशोधित नियमावली, 2018] के अनुसार निरस्त कर दिया जाएगा ।
ड़) जाली नोट/जालसाजी
जिस किसी नोट में असली भारतीय करेंसी नोट की विशेषताएँ नहीं पाई जाती हैं वह संदिग्ध जाली नोट, प्रतिरूपित नोट अथवा नकली नोट होता है ।
जाली नोट की पहचान असली भारतीय करेंसी नोट में मौजूद सुरक्षा विशेषताओं के आधार पर की जा सकती है । नोट को देखने, छूने तथा झुका कर देखने पर ये विशेषताएँ आसानी से पहचानी जा सकती हैं । भारतीय बैंक नोटों मे मौजूद सुरक्षा विशेषताओं के बारे मे जानकारी www.rbi.org.in > कार्य-वार साइटें > मुद्रा प्रबंधन > पैसा बोलता है https://website.rbi.org.in/hi/web/rbi/rbi-kehta-hai/know-your-banknotes पर उपलबद्ध हैं।
बैंकनोटों की जालसाजी/जाली तथा नकली नोटों का असली नोटों के रूप में उपयोग करना/जाली या नकली बैंकनोट रखने/बैंक नोटों की जालसाजी अथवा नकली बनाने के लिए उपकरणों या सामग्री को रखना/ बैंकनोट के समान दिखने वाले दस्तावेज़ का उपयोग करना अथवा बनाना भारतीय न्याय संहिता (2023) की धारा 178 से 182 के तहत अपराध है तथा इसके लिए न्यायालयों द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है या सात साल से लेकर आजीवन कारावास दिया जा सकता है अथवा दोनों सजाएं दी जा सकती हैं, जो किए गए अपराध पर निर्भर होंगी ।
भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिरूपित भारतीय करेंसी संबंधी अपराधों संबंधी अन्वेषण नियम, 2013 तैयार किया है । अधिनियम की तीसरी अनुसूची में उच्च गुणवत्ता वाले प्रतिरूपित भारतीय करेंसी नोट को परिभाषित किया गया है । उच्च गुणवत्ता वाले प्रतिरूपित भारतीय नोट के उत्पादन, तस्करी करने या संचरण की गतिविधि को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के दायरे में लाया गया है ।
जाली नोट रखने मात्र से सजा नहीं होती है । किसी बैंक नोट के जाली अथवा प्रतिरूपित होने के बारे में जानकारी होने या ऐसा मानने के पीछे कारण होने, और उसे असली नोट की तरह प्रयोग करने का इरादा होने या उसे असली नोट की तरह प्रयोग किया जा सकने की जानकारी के साथ जाली या प्रतिरूपित बैंकनोट रखना भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 180 के तहत न्यायालय मे जुर्माना या सात साल तक की सजा या दोनों के लिए दंडनीय है ।
भारतीय रिज़र्व बैंक काफी मात्रा में नकद राशि संभालने वाले व्यक्तियों, जैसे बैंकों/उपभोक्ता मंचों/व्यापारिक संगठनों/शैक्षणिक संस्थानों/पुलिस पेशेवरों, के लिए बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं की प्रामाणिकता संबंधी प्रशिक्षण सत्र आयोजित करता है । इन प्रशिक्षण सत्रों के अतिरिक्त, बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं से संबंधित जानकारी बैंक की वेबसाइट https://website.rbi.org.in/hi/web/rbi/rbi-kehta-hai/know-your-banknotes पर भी उपलब्ध है ।
च) सिक्के
वर्तमान में भारत में 50 पैसे, एक रुपया, दो रुपये, पाँच रुपये, दस रुपये तथा बीस रुपये के मूल्यवर्ग के सिक्के जारी किए जा रहे हैं । 50 पैसे तक के सिक्कों को “छोटे सिक्के” कहा जाता है तथा एक रुपया और इससे अधिक के सिक्कों को “रुपया सिक्का” कहा जाता है । सिक्का निर्माण अधिनियम, 2011 के तहत ₹1000 तक के मूल्यवर्ग के सिक्के जारी किए जा सकते हैं ।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022