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भारतीय मुद्रा

क) मुद्रा प्रबंधन की मूल बातें

भारतीय मुद्रा का नाम भारतीय रुपया (आईएनआर) है । एक रुपया में 100 पैसे होते हैं । भारतीय रुपये का प्रतीक "₹" है । यह रूपरेखा (डिजाइन) देवनागरी अक्षर "₹" (र) तथा लैटिन के बड़े “आर/R” अक्षर के समान है जिसमें शीर्ष पर दोहरी क्षैतिज रेखा है ।

वैध मुद्रा वह सिक्का अथवा बैंकनोट है जो कानूनी रूप से कर्ज अथवा देयता के बदले दी जा सकती है ।

भारत सरकार द्वारा सिक्‍का निर्माण अधिनियम, 2011 की धारा 6 के तहत जारी सिक्के भुगतान अथवा अग्रिम के तौर पर वैध मुद्रा होंगे, बशर्ते कि उन्‍हें विकृत नहीं किया गया हो तथा निर्धारित वजन की तुलना में उसका वजन कम नहीं हुआ हो । एक रुपया से कम मूल्‍यवर्ग को छोड़कर किसी भी सिक्‍के को एक हजार रुपये तक की किसी भी राशि के संबंध में वैध मुद्रा माना जाएगा । पचास पैसे (आधा रुपया) का सिक्का, दस रुपये तक की राशि के लिए वैध मुद्रा होगा । किसी को भी उल्लिखित सीमा से अधिक सिक्के स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, किंतु स्वेच्छा से उक्त सीमा से अधिक सिक्के स्वीकार करने पर रोक नहीं है ।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्रत्‍येक बैंकनोट (₹2, ₹5, ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500 तथा ₹2000), जब तक कि उसे संचलन से वापस न ले लिया जाए, उसमें उल्लिखित राशि के लिए भुगतान अथवा अग्रिम के तौर पर भारत में वैध होगा, तथा भारत सरकार द्वारा प्रत्याभूत होगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 26 की उप-धारा (2) के प्रावधानों के अधीन होगा । भारत सरकार द्वारा जारी ₹1 के नोट भी वैध मुद्रा होंगे । महात्मा गांधी शृंखला के अंतर्गत 08 नवंबर 2016 तक जारी किए गए ₹500 तथा ₹1000 के बैंकनोट 08 नवंबर 2016 की मध्यरात्रि से वैध मुद्रा नहीं रहे ।

बैंक नोटों को चार मुद्रणालयों में मुद्रित किया जाता है । इसमें से दो का स्‍वामित्‍व उसके निगमों –सिक्‍यूरिटी प्रिंटिंग एंड मिंन्टिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) के माध्‍यम से भारत सरकार के पास है, तथा दो का स्‍वामित्‍व उसके पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी संस्‍था, भारतीय रिज़र्व बैंकनोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) के माध्‍यम से भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है । एसपीएमसीआईएल की मुद्रा प्रेस नासिक (पश्चिमी भारत) तथा देवास (मध्य भारत) में स्थित हैं । बीआरबीएनएमपीएल की दो प्रेस मैसूर (दक्षिण भारत) तथा सालबोनी (पूर्वी भारत) में स्थित हैं ।

सिक्कों की ढलाई एसपीएमसीआईएल के स्वामित्व वाली चार टकसालों में की जाती है । ये टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता तथा नोएडा में स्थित हैं । भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 38 के अनुसार संचलन हेतु सिक्‍के सिर्फ भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से जारी किए जाते हैं ।

बैंक नोटों तथा रुपये के सिक्कों के वितरण को सुगम बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने चयनित अनुसूचित बैंकों को मुद्रा तिजोरी की स्थापना करने हेतु प्राधिकृत किया है । ये ऐसे भण्डारगृह हैं जहां बैंक नोटों तथा सिक्कों को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से उनके परिचालन क्षेत्र में आने वाली बैंक शाखाओं में वितरित करने के लिए भंडारण किया जाता है । 31 मार्च 2021 को 3054 मुद्रा तिजोरियाँ थीं ।

[मुद्रा तिजोरियों से अपेक्षित है कि वे उनके परिचालन क्षेत्र में आने वाली अन्य बैंक शाखाओं को बैंक नोट तथा सिक्कों का वितरण करें]

कुछ बैंकों को उनके परिचालन क्षेत्र में आने वाली बैंक शाखाओं को छोटे सिक्के अर्थात एक रुपये से कम मूल्य के सिक्के वितरित करने तथा उनका भण्डारण करने के लिए छोटे सिक्का डिपो स्थापित करने हेतु प्राधिकृत किया गया है । 31 मार्च 2021 को कुल 2504 छोटे सिक्का डिपो थे ।

अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, भारत में नोट निर्गमित करने का एकमात्र अधिकार रिज़र्व बैंक के पास है । धारा 25 में उल्‍लेख है कि बैंकनोट की रूपरेखा (डिजाइन), स्‍वरूप और सामग्री भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर विचार करने के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन के अनुरूप होगी ।

रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार तथा अन्य साझेदारों के परामर्श से, एक वर्ष में मूल्यवर्ग वार संभावित आवश्‍यक बैंक नोटों की मात्रा का आकलन करता है और बैंक नोटों की आपूर्ति हेतु विभिन्न करेंसी प्रिंटिंग प्रेसों को माँगपत्र (इंडेंट) सौंपता है । रिज़र्व बैंक अपनी स्वच्छ नोट नीति के अनुसार, आम जनता को अच्छी गुणवत्ता के बैंकनोट उपलब्ध कराता है । इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संचलन से वापस लिए गए बैंक नोटों की जांच की जाती है तथा जो संचलन के योग्य हैं उन्हें पुन: जारी किया जाता है, जबकि अन्य (गंदे तथा कटे-फटे) को नष्ट कर दिया जाता है ताकि संचलन में बैंक नोटों की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके ।

सिक्कों के संबंध में, भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका भारत सरकार द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले सिक्कों के वितरण करने तक सीमित है । सिक्‍का निर्माण अधिनियम, 2011 के अनुसार विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों की रूपरेखा तैयार करने (डिजाइनिंग) तथा ढलाई की जिम्‍मेदारी भारत सरकार की है ।

नोटों व सिक्कों के माँगपत्र (इंडेंट) तथा आपूर्ति अथवा मुद्रा/सिक्कों के संचलन के बारे में सूचना हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in के इस लिंक पर उपलब्ध है : https://rbi.org.in/Scripts/AnnualReportMainDisplay.aspx

वर्तमान में रिज़र्व बैंक अहमदाबाद, बेंगलुरू, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरूवनंतपुरम स्थित 19 निर्गम कार्यालयों तथा कोच्चि स्थित एक मुद्रा तिजोरी के माध्यम से मुद्रा परिचालनों का प्रबंधन करता है । इसके अलावा, अनुसूचित बैंकों की देखरेख और प्रबंधन के अंतर्गत आने वाली मुद्रा तिजोरियों का विस्तृत नेटवर्क मुद्रा प्रबंधन संरचना का एक भाग है । निर्गम कार्यालय मुद्रा प्रिंटिंग प्रेसों से नए नोट प्राप्त करता है, और बारी-बारी से मुद्रा तिजोरियों को नए बैंकनोट विप्रेषित करता है । मुद्रा तिजोरियों को प्रेसों से सीधे विप्रेषण भी किया जाता है।

रिज़र्व बैंक के हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई तथा नई दिल्ली स्थित कार्यालय (टकसाल से संबद्ध कार्यालय) टकसालों से सिक्के प्राप्त करते हैं । इसके पश्चात ये कार्यालय सिक्कों को रिज़र्व बैंक के अन्य कार्यालयों को भेजते हैं जो इन सिक्कों को मुद्रा तिजोरियों तथा छोटे सिक्का डिपो में भेजते हैं । बैंकनोट तथा सिक्कों का भंडारण मुद्रा तिजोरियों में तथा छोटे सिक्कों का भंडारण छोटे सिक्का डिपो में किया जाता है । बैंक शाखाएँ मुद्रा तिजोरियों तथा छोटे सिक्का डिपो से बैंकनोट तथा सिक्के प्राप्त करती हैं, जिनका वितरण आम जनता को किया जाता है ।

ख) बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 26 के अनुसार, बैंकनोट के मूल्य का भुगतान करने हेतु बैंक उत्तरदायी है । जारीकर्ता होने के कारण, मांग किए जाने पर यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देय है ।

बैंकनोट पर मुद्रित वचन खंड, अर्थात “मैं धारक को ... रुपये अदा करने का वचन देता हूँ” बैंक की ओर से बैंकनोट धारक के प्रति देयता को दर्शाता है ।

भारत में वर्तमान में 10, 20, 50, 100 200, 500, तथा 2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी किए जाते हैं । इन नोटों को बैंकनोट कहा जाता है| क्योंकि ये भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं । 2 तथा 5 मूल्यवर्ग के नोटों का मुद्रण बंद कर दिया गया है तथा इन मूल्यवर्गों के सिक्‍के बनाए जा रहे हैं क्योंकि इन बैंक नोटों का मुद्रण तथा शोधन इनके जीवनकाल के अनुरूप नहीं था । यद्यपि, पूर्व में जारी किए गए इस तरह के बैंकनोट अभी भी संचलन में पाए जाते हैं तथा ये बैंकनोट वैध मुद्रा बने हुए हैं । 1 के नोट समय-समय पर भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं तथा पूर्व में जारी किए गए नोटों सहित इस प्रकार के नोट लेन-देन के लिए वैध मुद्रा बने हुए हैं ।

ऐसा आवश्यक नहीं है । भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 24 के अनुसार, बैंक नोटों का अंकित मूल्‍य दो रुपये, पाँच रुपये, दस रुपये, बीस रुपये, पचास रुपये, एक सौ रुपये, पाँच सौ रुपये, एक हजार रुपये, पाँच हजार रुपये तथा दस हजार रुपये अथवा इस प्रकार के अन्य मूल्यवर्ग, जो दस हजार से अधिक नहीं हो, होगा । इस संबंध में विशिष्‍ट निर्देश जारी करने की शक्ति केंद्र सरकार, केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर, के पास है ।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मुद्रित अब तक का उच्चतम मूल्यवर्ग का नोट ₹10000 का था, जिसे 1938 में मुद्रित किया गया है । जनवरी 1946 में इसे विमुद्रीकृत कर दिया गया । वर्ष 1954 में ₹10000 का नोट पुन: प्रारम्भ किया गया । इन नोटों को 1978 में विमुद्रीकृत कर दिया गया ।

भारत में बैंकनोट मुद्रित करने के लिए वर्तमान में प्रयोग में लाया जाने वाला कागज 100% रूई (कॉटन) का उपयोग करके बनाया जाता है ।

नोट के मध्य में हिंदी तथा बैंकनोट के पश्च भाग में अँग्रेजी में प्रमुखता से प्रदर्शित होने के अतिरिक्त बैंकनोट के भाषा पैनल में पंद्रह भाषाएँ दिखाई देती हैं ।

हाँ, यह संभव है कि दो या अधिक बैंकनोट के सरल क्रमांक समान हों, लेकिन या तो वे अलग इनसेट लेटर अथवा अलग मुद्रण वर्ष अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक के अलग गवर्नर के हस्ताक्षर वाले होंगे । इनसेट लेटर एक अक्षर होता है जो बैंकनोट के संख्या पैनल पर मुद्रित होता है । नोट बिना किसी इनसेट लेटर के भी हो सकते हैं ।

बैंक नोटों के मुद्रण में परिचालन क्षमता तथा लागत प्रभावशीलता को बढ़ाने के उद्देश्य से, अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप, 2011 में गैर-अनुक्रमिक संख्यांकन शुरू किया गया था । गैर-अनुक्रमिक संख्यांकन वाले बैंक नोटों के पैकेट में 100 नोट होते हैं, जो क्रमानुसार नहीं होते हैं ।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अगस्त 2006 तक जारी बैंक नोटों में क्रमांक दिए जाते थे। इसमें से प्रत्येक बैंकनोट में एक संख्या अथवा अक्षर/रों से प्रारंभ होने वाला विशिष्ट क्रमांक दिया जाता था। इन बैंक नोटों को 100 नगों के पैकेट के रूप में जारी किया जाता है।

क्रमांक दर्शाने वाले 100 नगों वाले पैकेट में दोषपूर्ण मुद्रण वाले बैंकनोटों को प्रतिस्‍थापित करने के लिए बैंक ने “सितारा शृंखला/स्‍टार सीरीज” वाली संख्‍यांकन प्रणाली को अपनाया । सितारा शृंखला/स्‍टार सीरीज वाले बैंकनोट अन्य बैंक नोटों के एकदम समान होते हैं, लेकिन एक अतिरिक्त संकेताक्षर, नामत: शुरुआती अक्षर के बीच के स्थान में संख्या पैनल में एक *(सितारा/स्टार) अंकित होता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 25 के अनुसार, बैंकनोट की रूपरेखा (डिजाइन), स्‍वरूप और सामग्री भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर विचार करने के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन के अनुरूप होगी ।

एक वर्ष में मुद्रित की जाने वाली बैंक नोटों की मात्रा तथा मूल्य विभिन्न कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे (i) जनता की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संचलनगत नोटों (एनआईसी) में अपेक्षित वृद्धि, तथा (ii) संचलन में केवल अच्छी गुणवत्ता वाले नोटों का होना सुनिश्चित करने हेतु गंदे/कटे-फटे नोटों को बदलने की आवश्यकता होना। संचलनगत नोटों में अपेक्षित वृद्धि का आकलन सांख्यिकीय मॉडलों का उपयोग करके किया जाता है, जिसमें समष्टिगत आर्थिक कारकों जैसे सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) में अपेक्षित वृद्धि, मुद्रास्फीति, ब्याज दर, भुगतान के गैर-नकदी माध्यमों में वृद्धि आदि को ध्‍यान में रखा जाता है । प्रतिस्थापन की आवश्यकता पहले से ही संचलनगत नोटों की मात्रा तथा बैंकनोट के औसत जीवन पर निर्भर करती है । रिज़र्व बैंक नकदी की अपेक्षित मांग के संबंध में एक वर्ष में मुद्रित की जाने वाली बैंक नोटों की मात्रा तथा मूल्य का आकलन उक्त कारकों के साथ ही अपने क्षेत्रीय कार्यालयों तथा बैंकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर करता है तथा भारत सरकार और प्रिंटिंग प्रेसों के परामर्श से इसको अंतिम रूप देता है ।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए सभी बैंक नोटों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 33 में यथा परिभाषित स्‍वर्ण, सरकारी प्रतिभूतियों तथा विदेशी मुद्रा आस्तियों से सुरक्षित किया जाता है ।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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