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डिजिटल उधार दिशानिर्देश

उत्तर: 'डिजिटल लेंडिंग' में आरई को परिचालन संबंधी नम्यता प्रदान करने के लिए डिजिटल लेंडिंग परिभाषा में ‘मुख्य रूप से निर्बाध डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग' वाक्यांश का उपयोग किया गया है। इसलिए भले ही ग्राहक के साथ कुछ भौतिक इंटरफेस मौजूद हो, फिर भी उधार ‘डिजिटल उधार’ की परिभाषा के अंतर्गत आएगा। तथापि, ऐसा करते समय, आरई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिशानिर्देशों के अंतर्निहित उद्देश्य का पालन किया गया है।

उत्तर: दिनांक ०२ सितंबर २०२२ के परिपत्र के अनुलग्नक I के पैरा १ में निर्दिष्ट किया गया है कि ये दिशानिर्देश 'डिजिटल उधार' पर लागू होते हैं। इसलिए, यदि कोई उधार लेनदेन 'डिजिटल उधार' की परिभाषा के तहत अर्हता प्राप्त करता है, तो ही इस तरह के उधार की सुविधा देने वाले सेवा प्रदाता को एलएसपी के रूप में नामित किया जाएगा।

उत्तर: केवल उन्हीं एलएसपी को नोडल शिकायत निवारण अधिकारी को नियुक्त करने की आवश्यकता है जिनका उधारकर्ताओं के साथ इंटरफेस है। तथापि, यह दोहराया जाता है कि आरई द्वारा लगाए गए सभी एलएसपी के कार्यों से उत्पन्न होने वाली शिकायतों का निवारण सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी आरई की ही होगी।

उत्तर: क्रेडिट कार्ड पर ईएमआई कार्यक्रम विशेष रूप से 'क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड पर मास्टर निदेश - जारी करना और आचार, २०२२ के पैरा 6 (बी) (iii)1 द्वारा नियंत्रित होते हैं। इस तरह के लेनदेन डिजिटल ऋण संबंधी दिशानिर्देशों के अंतर्गत नहीं आएंगे। तथापि, क्रेडिट कार्डों पर दिए जाने वाले अन्य ऋण उत्पाद जो मास्टर निदेश के उपर्युक्त पैरा के अंतर्गत कवर/परिकल्पित नहीं हैं, डिजिटल ऋण संबंधी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत निर्धारित नियमों द्वारा अभिशासित होंगे। इसके अलावा, दिशानिर्देश ईएमआई कार्यक्रमों सहित डेबिट कार्ड पर दिए गए सभी ऋणों पर भी लागू होंगे।

उत्तर: फ्लोटिंग रेट ऋणों के मामले में, एपीआर का खुलासा केएफएस के प्रारूप के अनुसार प्रचलित दर के आधार पर उत्पत्ति के समय पर किया जा सकता है। हालांकि, जब भी फ्लोटिंग दर बदलती है, संशोधित एपीआर लागू होने पर हर बार एसएमएस / ई-मेल के माध्यम से ग्राहक को केवल संशोधित एपीआर का खुलासा किया जाए।

उत्तर: बीमा शुल्क एपीआर की गणना में केवल उस बीमा के लिए शामिल किया जाएगा जो ऋण उत्पादों से जुड़ा/ एकीकृत है, ऐसा इसलिए क्योंकि ये शुल्क ऐसे डिजिटल उधार की प्रकृति में अंतर्निहित हैं।

उत्तर: नहीं

उत्तर: डिजिटल उधार दिशानिर्देशों में अंतर्निहित सिद्धांत यह है कि एक एलएसपी को ऋणदाता से उधारकर्ता या इसके विपरीत संव्यवहार होने वाले निधि को इसके अंतर्गत शामिल नहीं होना चाहिए। जबकि, केवल पीए सेवाओं की पेशकश करने वाली संस्थाएं 'डिजिटल उधार देने पर दिशानिर्देशों' के दायरे से बाहर रहेंगी, एलएसपी की भूमिका निभाने वाले किसी भी पीए को भी डिजिटल ऋण दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

उत्तर: बकाया उधार के मामले में, जहां नितांत आवश्यक हो, आरई नकदी में ऋणों की वसूली के लिए भौतिक इंटरफेस का उपयोग कर सकते हैं। आरई को परिचालन संबंधी नम्यता वहन करने के लिए, ऐसे लेनदेन को आरई के बैंक खाते में ऋण के सीधे पुनर्भुगतान की आवश्यकता से छूट दी गई है। हालांकि, नकदी द्वारा की गई किसी भी वसूली को उधारकर्ता के खाते में विधिवत रूप से दर्शाया जाना चाहिए और आरई यह सुनिश्चित करेंगे कि एलएसपी को देय कोई भी शुल्क, शुल्क आदि का भुगतान सीधे उनके (आरई) द्वारा किया जाएगा और एलएसपी द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उधारकर्ता से वसूली की राशि से शुल्क नहीं लिया जाएगा।

उत्तर: इस तरह के पुनर्भुगतान की अनुमति इस शर्त के अधीन दी जा सकती है कि कॉर्पोरेट नियोक्ता द्वारा उधारकर्ता के वेतन से राशि घटाकर ऋण चुकाया जाता है। इसके अलावा, आरई को यह सुनिश्चित करना होगा कि एलएसपी का ऐसे लेनदेन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन के प्रवाह पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चुकौती सीधे नियोक्ता के बैंक खाते से आरई को हो।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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