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सूक्ष्मवित्त (माइक्रोफाइनेंस) ऋणों के लिए विनियामकीय ढांचे

उत्तर. वसूली संबंधी शिकायतों के लिए एक समर्पित निवारण तंत्र रखने का उद्देश्य यह है कि इन शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए। उन्हें अन्य शिकायतों (जैसे संचालन संबंधी मुद्दों) की तरह मानने से कार्रवाई में देरी हो सकती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वसूली संबंधी शिकायतों के लिए एक अलग निवारण तंत्र अनिवार्य किया जा रहा है। आरई मौजूदा ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र का पुनर्गठन/ पुनर्निर्माण कर सकते हैं ताकि वसूली संबंधी शिकायतों की पहचान की जा सके और उनका तुरंत समाधान किया जा सके।
उत्तर . अनुबंध I में घरेलू आय के आकलन के लिए केवल एक सांकेतिक कार्यप्रणाली प्रदान की गई है, और आरई को घरेलू आय के आकलन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति बनाने की आवश्यकता है। घरेलू खर्चों और घरेलू प्रोफाइल के आकलन के संदर्भ केवल उधारकर्ताओं द्वारा रिपोर्ट की गई घरेलू आय को सत्यापित करने के लिए हैं।

उत्तर. सूक्ष्मवित्त ऋणों के लिए विनियामकीय ढांचा केवल निर्देशों के पैरा 2.14 और पैरा 9.25 के तहत परिभाषित आरई/ संस्थाओं पर लागू होता है। हालांकि, सूक्ष्मवित्त क्षेत्र में काम करने वाले अन्य ऋणदाताओं के लिए इन ग्राहक-केंद्रित निर्देशों का पालन करना विवेकपूर्ण हो सकता है।

उत्तर. अन्य बातों के साथ-साथ ग्राहको को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

(क) सूक्ष्मवित्त ऋण के किसी भी चरण में ऋणदाता के पास कोई जमाराशि/ मार्जिन/ संपार्श्विक/ प्राथमिक प्रतिभूति रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।

(ख) ऋणदाता द्वारा उधारकर्ता को उसके द्वारा समझी जानेवाली भाषा में ऋण कार्ड प्रदान करना आवश्यक है जिसमें निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए:

  • जानकारी जो पर्याप्त रूप से उधारकर्ता की पहचान करती है;

  • मूल्य निर्धारण संबंधी सरलीकृत फैक्टशीट;

  • ऋण से जुड़े अन्य सभी नियम और शर्तें;

  • प्राप्त किश्तों और अंतिम भुगतान सहित सभी भुगतानों के लिए ऋणदाता द्वारा पावती; तथा

  • ऋणदाता के नोडल अधिकारी के नाम और संपर्क संख्या सहित शिकायत निवारण प्रणाली का विवरण।

(ग) किसी भी गैर-क्रेडिट उत्पाद की खरीद पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है। ऐसे उत्पादों के लिए शुल्क संरचना को ऋण कार्ड में स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा।

(घ) ऋणदाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला प्रशिक्षण निःशुल्क है।

उत्तर. ग्राहक को केवल उन्ही शुल्कों का भुगतान करना है जो ऋणदाता द्वारा प्रदान की गयी फैक्टशीट में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं। इसके अलावा, ग्राहक को निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखना चाहिए:सूक्ष्मवित्त ऋणों पर कोई पूर्व-भुगतान दंड नहीं है।विलंबित भुगतान के लिए जुर्माना, यदि कुछ है तो, केवल अतिदेय राशि पर लागू किया जा सकता है, न कि संपूर्ण ऋण राशि पर।ब्याज दर या किसी अन्य शुल्क में कोई भी परिवर्तन उधारकर्ता को लिखित रूप में अग्रिम रूप से सूचित किया जाएगा और ये परिवर्तन केवल संभावित रूप से प्रभावी होंगे।
उत्तर. आरबीआई ने ऋणदाताओं के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे सूक्ष्मवित्त ऋणों पर लगाए गए न्यूनतम, अधिकतम और औसत ब्याज दरों को अपने सभी कार्यालयों में, उनके द्वारा जारी किए गए साहित्य (सूचना पुस्तिकाओं/ पैम्फलेट) में और उनकी वेबसाइट पर प्रदर्शित करें।

1 7.1.5. गैर-क्रेडिट उत्पादों को जारी करना उधारकर्ताओं की पूर्ण सहमति से होगा और ऐसे उत्पादों के लिए शुल्क संरचना को ऋण कार्ड में ही उधारकर्ता को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा।

2 उनके कार्यालयों में, उनकी वेबसाइटों पर उचित व्यवहार संहिता के भाग के रूप में और उधारकर्ता को जारी किए गए ऋण कार्ड में

3 7.1.1 इन निर्देशों के आधार पर सभी आरई अपने बोर्ड के अनुमोदन से एक उचित व्यवहार संहिता (एफपीसी) स्थापित करेंगे। आरई द्वारा एफपीसी को अपने सभी कार्यालयों और अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। एफपीसी को उधारकर्ता द्वारा समझी जाने वाली भाषा में जारी किया जाना चाहिए।

4 2.1 इन निर्देशों के प्रावधान निम्नलिखित संस्थाओं पर लागू होंगे:

  1. भुगतान बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित);

  2. सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / जिला केंद्रीय सहकारी बैंक; तथा

  3. सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (सूक्ष्म वित्त संस्थानों और आवास वित्त कंपनियों सहित)।

5 माइक्रोफाइनेंस गतिविधियों में लगी उन ‘गैर-लाभकारी' कंपनियों से भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए, 45-आईबी और 45-आईसी से दी गई छूट वापस ले ली गई है जिनकी संपत्ति का आकार 100 करोड़ और उससे अधिक है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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