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राष्ट्रिक स्‍वर्ण बॉण्‍ड योजना

भुगतान नकदी (₹ 20,000 तक)/ चेक/ डिमांड ड्राफ्ट/ इलेक्‍ट्रानिक निधि अंतरण से कर सकते हैं।

हां, नामांकन सुविधा सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 और सरकारी प्रतिभूति विनियमन 2007 के प्रावधानों के अनुसार उपलब्‍ध है। आवेदन फार्म के साथ नामांकन फार्म उपलब्‍ध है । एक अनिवासी भारतीय व्यक्ति मृत निवेशक के नामिती के रूप में प्रतिभूति को अपने नाम निम्नलिखित शर्तों के अधीन अंतरण कर सकता है :-

i) अनिवासी निवेशक को प्रारंभिक रिडेम्प्शन तक या परिपक्वता तक प्रतिभूति रखने की आवश्यकता होगी; तथा

ii) निवेश की ब्याज और परिपक्वता आय प्रत्यावर्तनीय नहीं होगी।

हां, बॉण्‍डों को डिमैट खातों में रखा जा सकता है। उसके लिए आवेदन में ही निश्चित अनुरोध किया जाना है।

डीमैटीरियालाइज़ेशन की प्रणाली पूर्ण होने तक इन बॉण्‍डों को भारतीय रिज़र्व बैंक की बही में रखा जाएगा। बॉण्‍ड आबंटित किए जाने के पश्चात डीमैट में परिवर्तित करने की सुविधा उपलब्ध होगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा अधिसूचित करने की तिथि से बॉण्‍डों का ट्रेड (यह नोट करें कि निक्षेपागार के पास डीमैट रूप में उपलब्ध बॉण्ड ही स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ट्रेड किया जाएगा) किया जा सकता है। सरकारी प्रतिभूति अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इन बॉण्‍डों को बेचा या हस्‍तांतरित किया जा सकता है। बॉन्डों के आंशिक अंतरण भी संभव है।
बॉन्ड के नामिती/नामितियों को अपने दावे के साथ संबन्धित प्राप्त करने वाले कार्यालय से संपर्क करना होगा। सरकारी प्रतिभूतियाँ विनियमन 2007 के अध्याय 3 के साथ सरकारी प्रतिभूतियाँ अधिनियम के प्रावधान के अनुसार नामित/नामितियों के दावों को देखा जाएगा। नामांकन न होने की दशा में, निष्पादक या मृतक होल्डरकर्ता के प्रबन्धकों या आगामी प्रमाणपत्र होल्डरकर्ता के दावे (भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के भाग 10 के अंतर्गत जारी) को प्राप्त करने वाले कार्यालय/ निक्षेपागार को प्रस्तुत करना होगा। यह भी नोट किया जाए कि उपर्युक्त प्रावधान मृतक अवयस्क निवेशक पर भी लागू है। इन मामलों में, बॉन्ड का हकदार सरकारी प्रतिभूतियाँ अधिनियम, 2006 में बताये गए मानदंड को पूरा कर रहे व्यक्ति के पास होगा और आवश्यक नहीं है कि यह नैसर्गिक अभिभावक को मिले।
हां, धारिता के कुछ अंश को एक ग्राम के गुणजों में भुनाया जा सकता है।

राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्‍ड के संदर्भ में आम जनता के प्रश्नों को प्राप्त करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक अलग ई मेल आईडी सृजित की है। निवेशक अपने प्रश्न इस ई मेल आईडी पर भेज सकते हैं।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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