अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021
हां, आरबी-आईओएस, 2021 योजना के अपीलीय खंडों के तहत बंद शिकायतों के लिए शिकायतकर्ता तथा आरई के लिए अपील का प्रावधान है। शिकायत के अधिनिर्णय (निर्धारित समय के भीतर उचित और संतोषजनक जानकारी प्रस्तुत न करने के लिए जारी किए गए अधिनिर्णय के संबंध में आरई को छोड़कर) या योजना के किसी अपीलीय खंड अर्थात खंड 16 (2) के उप-खंड (ग) से (च) के तहत अस्वीकृति से पीड़ित कोई भी व्यक्ति, अधिनिर्णय की सूचना प्राप्त होने (या आरई के मामले में शिकायतकर्ता1 द्वारा अधिनिर्णय की स्वीकृति की तिथि से) या शिकायत की अस्वीकृति की तिथि के 30 दिन के भीतर आरबीआई में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर कर सकता है।
अपीलीय प्राधिकारी की शक्तियां योजना को कार्यान्वित करने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक के विभाग के प्रभारी कार्यपालक निदेशक के पास निहित हैं। अपीलीय प्राधिकारी का पता है:
अपीलीय प्राधिकारी
रिज़र्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना, 2021
उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग
भारतीय रिज़र्व बैंक
प्रथम तल, अमर भवन, फोर्ट, मुंबई-400 001
बंद शिकायत के लिए अपील सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) के माध्यम से दर्ज की जा सकती है। वैकल्पिक रूप से, अपील ई-मेल के माध्यम से aaos@rbi.org.in पर भी भेजी जा सकती है।
इसके अतिरिक्त, यदि शिकायतकर्ता लोकपाल द्वारा प्रदान किए गए समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो वह कानून के अनुसार अन्य उपायों और / या उपलब्ध उपचारों का पता लगाने के लिए स्वतंत्र है।
अपीलीय प्राधिकारी, अपील और संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के बाद, निम्नानुसार कार्य कर सकता है:
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अपील को खारिज कर सकता है; या
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अपील की अनुमति देते हुए लोकपाल के अधिनिर्णय या आदेश को रद्द कर सकता है; या
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लोकपाल को मामला नए सिरे से निपटान हेतु इन निदेशों के साथ, जो अपीलीय प्राधिकारी आवश्यक या उचित समझे, वापस भेजा जा सकता है; या
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लोकपाल के अधिनिर्णय या आदेश को संशोधित कर, ऐसे संशोधित आदेश या अधिनिर्णय को प्रभावी करने के लिए आवश्यक निदेश दे सकता है; या
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कोई अन्य आदेश, जो उसे उचित लगे, पारित कर सकता है।
अपीलीय प्राधिकारी के आदेश का प्रभाव उसी तरह होगा, जैसा खंड 15 के अंतर्गत लोकपाल द्वारा पारित अधिनिर्णय या खंड 16 के अंतर्गत शिकायत को अस्वीकार करना, जैसा भी मामला हो।
हाँ। योजना के तहत शिकायतकर्ता द्वारा किसी भी स्तर पर शिकायत वापस ली जा सकती है। शिकायत वापस लेने के लिए शिकायतकर्ता शिकायत प्रबंध प्रणाली पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) पर लॉग ऑन कर ‘शिकायत ट्रैक करें’ टैब पर जा सकता है।
योजना निम्न लिंक पर उपलब्ध है -
हाँ। शिकायतकर्ता आरबीआई के सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) पर लॉग ऑन कर ‘फीडबैक’ टैब के तहत अपनी प्रतिक्रिया साझा कर सकते हैं। आरबी-आईओएस, 2021 के तहत शिकायत निवारण में और अधिक सुधार के लिए आरबीआई में इस फीडबैक का विश्लेषण किया जाता है।
ऑनलाइन पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) दो भाषाओं अर्थात हिंदी और अंग्रेजी में शिकायत दर्ज करने में सक्षम बनाता है। हालांकि, शिकायत के तथ्यों/विवरण को विवरण बॉक्स में 2,000 वर्णों तक किसी भी भाषा में टाइप, कॉपी और पेस्ट किया जा सकता है। भौतिक और ईमेल शिकायतें किसी भी भाषा में दर्ज की जा सकती हैं।
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‘आरबीआई कहता है’ टैग लाइन के साथ जागरूकता अभियानों का आयोजन किया गया जो आरबीआई की वेबसाइट /en/web/rbi/rbi-kehta-hai पर मौजूद है।
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जागरूकता संबंधी संदेश आरबीआई की वेबसाइट के साथ-साथ सीएमएस पोर्टल पर भी अपलोड किए गए हैं। इनमें मोबाइल ऐप/यूपीआई/क्यूआर कोड आदि का उपयोग करके धोखाधड़ी सहित साइबर अपराध संबंधी जागरूकता शामिल है।
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अनाधिकृत संस्थाओं द्वारा जमा राशि के अवैध संग्रह संबंधी जागरूकता संदेश सचेत पोर्टल https://sachet.rbi.org.in. पर होस्ट किए गए।
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विभिन्न मल्टीमीडिया चैनलों में संदेश प्रसारित किए गए, जिसमें प्राइम टाइम के दौरान प्रसारित संदेश भी शामिल हैं।
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आरबीआई ने दो पुस्तिकाएं जारी की हैं। एक धोखेबाजों द्वारा उपयोग की जाने वाली सामान्य कार्यप्रणाली और विभिन्न वित्तीय लेनदेन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर 'बी (ए) वेयर' नामक पुस्तिका है और दूसरी 'राजू और चालीस चोर', जिसमें ऐसी चालीस कहानियां शामिल हैं, जो धोखेबाजों द्वारा अपनाए जाने वाले विभिन्न धोखाधड़ी के तरीकों की झलक दिखाती है और इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में सरल उपाय प्रदान करती है।
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सभी बैंक अपने ग्राहकों को बार-बार एसएमएस/ईमेल भेजते हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी के तौर-तरीकों और इस तरह की धोखाधड़ी से खुद को बचाने के लिए ग्राहक की ओर से बरती जाने वाली आवश्यक सावधानी का विवरण दिया जाता है।
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‘क्या करें और क्या न करें’ की सूची आरबीआई की वेबसाइट पर टिकर के रूप में प्रकाशित की गई है।
उपर्युक्त के अलावा आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों, वित्तीय साक्षरता केन्द्रों (सीएफएल / एफएलसी) द्वारा आयोजित विभिन्न आउटरीच कार्यक्रम, विशिष्ट जागरूकता कार्यक्रम, टाउन हॉल कार्यक्रम का आयोजन और आरबीआई लोकपाल कार्यालयों के माध्यम से विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर सूचना/संदेशों का प्रदर्शन नियमित रूप से किया जा रहा है। ‘लोकपाल स्पीक’ का आयोजन प्रतिवर्ष मार्च माह में और उसका दोहराव अक्टूबर माह में किया जाता है।
असफल या 'विफल' लेनदेन के कारण बड़ी संख्या में ग्राहकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने 20 सितंबर 2019 को प्राधिकृत भुगतान प्रणालियों का उपयोग करते हुए विफल हुए लेनदेन के लिए टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) और ग्राहक क्षतिपूर्ति को सुसंगत बनाने हेतु एक परिपत्र जारी किया। जिसमें असफल लेनदेन के मामले में धन को वापस करने के लिए टीएटी निर्धारित है। इसके अलावा, यदि विनियमित संस्था की ओर से धन वापस करने में में देरी होती है तो परिपत्र में इस हेतु एक क्षतिपूर्ति तंत्र भी निर्धारित किया गया है। परिपत्र का विवरण निम्न लिंक पर उपलब्ध है: /hi/web/rbi/-/notifications/harmonisation-of-turn-around-time-tat-and-customer-compensation-for-failed-transactions-using-authorised-payment-systems-11693.
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022