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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट

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एशियाई समाशोधन संघ

उत्तर: ईरान, भारत, बांगलादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव और म्यांमार के केंद्रीय बैंक तथा मुद्रा प्राधिकारी एशियाई समाशोधन संघ (एसीयु) के सदस्य देश हैं।

उत्तर: ‘भारतीय मूल का व्यक्ति’ (पीआईओ) भारत से बाहर का निवासी है, जो बांग्लादेश या पाकिस्तान अथवा केंद्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट ऐसे किसी अन्य देश से भिन्न किसी देश का नागरिक है, और जो निम्नलिखित शर्तें पूरी करता है:

ए) जो भारतीय संविधान के अनुसार अथवा नागरिकता अधिनियम, 1955 (1955 का 57) के अनुसार भारत का नागरिक था, अथवा

बी) वह ऐसे किसी भौगोलिक क्षेत्र से आता हो, जो 15 अगस्त 1947 के बाद भारत का हिस्सा बन गया; अथवा

सी) वह भारतीय नागरिक का या ऊपर उल्लिखित पैरा (ए) या (बी) में उल्लिखित किसी व्यक्ति का पुत्र /पुत्री या पोता /पोती अथवा पर-पोता/ पर-पोती है; अथवा

डी) वह किसी भारतीय नागरिक का विदेशी मूल का पति/ की पत्नी है, अथवा ऊपर उल्लिखित पैरा (ए) (बी) या (सी) में उल्लिखित किसी व्यक्ति का विदेशी मूल का पति/ की पत्नी है।

पीआईओ में नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा-7(ए) की परिभाषा के अंतर्गत ‘विदेशी भारतीय नागरिक कार्ड-धारक” भी शामिल है। उक्त विदेशी भारतीय नागरिकता कार्डधारक व्यक्ति भारत के बाहर का निवासी व्यक्ति होना चाहिए।

विदेशी मुद्रा सुविधाओं तक निवासियों और पर्यटकों की पहुंच को बढ़ाना और प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कुशल ग्राहक सेवा सुनिश्चित करना।

उत्तर: विदेशी मुद्रा किसी भी प्राधिकृत व्यक्ति जैसे कि एडी श्रेणी-I बैंक तथा एडी श्रेणी- II बैंक से खरीदी जा सकती है। संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक (एफ़एफ़एमसी) को भी कारोबारी तथा निजी दौरों के लिए विदेशी मुद्रा देने की अनुमति है।

भारतीय रि‍ज़र्व बैंक सरकारों का सामान्य बैंकिंग व्यवसाय अपने स्वयं के कार्यालयों और अपने एजेंट के रूप में नियुक्त वाणिज्यिक बैंकों, सार्वजनिक और निजी दोनों, के माध्यम से करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 में यह निर्धारित है कि वह विभिन्न प्रयोजनों, जिसके अंतर्गत “इस संबंध में जनता के हित में, बैंकिंग की सुविधा, बैंकिंग का विकास और ऐसे अन्य कारक जो इसकी राय में इससे संबंधित हैं” उल्लिखित है, के लिए भारत में सभी स्थानों पर अथवा किसी स्थान पर एजेंट के रूप में अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को नियुक्त कर सकता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक अपने केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों के प्रधान खाते रखता है। भारतीय रि‍ज़र्व बैंक ने पूरे भारतवर्ष में सरकार की ओर से राजस्व संग्रह करने के साथ-साथ भुगतान करने के लि‍ए सुसंचालि‍त व्यवस्था की है। भारतीय रि‍ज़र्व बैंक का सरकारी बैंकिंग प्रभाग और भारतीय रि‍ज़र्व बैंक अधि‍नि‍यम की धारा 45 के अंतर्गत नि‍युक्त एजेंसी बैंकों की शाखाओं का नेटवर्क सरकारी लेनदेन का कार्य करता है। वर्तमान में सार्वजनि‍क क्षेत्र के सभी बैंक और नि‍जी क्षेत्र के चुने हुए बैंक भारतीय रि‍ज़र्व बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। केवल एजेंसी बैंकों की नामित शाखाएं ही सरकारी बैंकिंग व्यवसाय कर सकती हैं।

किसी नीलामी में गैर-प्रतिस्पर्धी बोली सुविधा की उपलब्धता की सूचना संबंधित प्रेस प्रकाशनी में घोषित की जाएगी और सूचना रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।
उ. प्रमुख रूप से ईसीएस के दो घटक हैं ईसीएस क्रेडिट और ईसीएस डेबिट।ईसीएस क्रेडिट का प्रयोग हिताधिकारियों की बड़ी संख्या को क्रेडिट देने के लिए किया जाता है जिनका खाता ईसीएस केन्द्र के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत स्थित विभिन्न बैंक शाखाओं में होता है और संस्था का बैंक खाता (प्रयोक्ता संस्था का खाता) एक बार ही डेबिट किया जाता है। ईसीएस क्रेडिट में प्रयोक्ता संस्था का लाभांश, ब्याज, वेतन, पेंशन आदि का भुगतान किया जाता है।ईसीएस डेबिट का प्रयोग ईसीएस केन्द्र के अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न बैंक शाखाओं के बहुत से खातों को डेबिट करने के लिए किया जाता है। इसमें बैंक का खाता (प्रयोक्ता संस्था का खाता) एक बार ही क्रेडिट होता है। ईसीएस डेबिट टेलीफोन, बिजली, पेयजल का बिल, उपकर/ कर संग्रहण, ऋण किश्तों के पुनर्भुगतान, पारस्परिक निधियों के आवधिक निवेशों इत्यादि के लिए उपयोगी है जो कि संस्थाओं को देय और आवधिक एवं पुनरावृत्तीय किस्म के होते हैं।
The Banking Ombudsman is a senior official appointed by the Reserve Bank of India to redress customer complaints against deficiency in certain banking services covered under the grounds of complaint specified under Clause 8 of the Banking Ombudsman Scheme 2006 (As amended upto July 1, 2017).
Non-competitive bidding means the bidder would be able to participate in the auctions of dated government securities without having to quote the yield or price in the bid. Thus, he will not have to worry about whether his bid will be on or off-the-mark; as long as he bids in accordance with the scheme, he will be allotted securities fully or partially.
बैंक बचत बैंक खातों पर तिमाही या उससे लंबी अवधि के अंतराल पर ब्याज दे सकते हैं।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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