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बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडीए) – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (आरआरबी/एसटीसीबी/डीसीसीबी)

उत्तर

'आहरभूत बचत बैंक जमा खाता' के धारक उस बैंक में कोई अन्य बचत खाता खोलने के पात्र नहीं होंगे। यदि किसी ग्राहक का उस बैंक में कोई अन्य मौजूदा बचत खाता है, तो उसे 'आधारभूत बचत बैंक जमा खाता' खोलने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इसे बंद करना होगा।

सीमा पारीय लेनदेन संबंधी आंकड़ा जो विदेशी घटक और घरेलू घटक से मिलकर बना है, घरेलू घटक की एक प्रति भी विदेशों में संग्रहीत की जा सकती है, यदि आवश्यक हो।
उत्तर: नहीं। यह सुविधा अधिग्रहणकर्ता बैंकों (यानी वे बैंक जो पीओएस टर्मिनल तैनात करते हैं) द्वारा निर्दिष्ट व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर उचित सत्यापन की प्रक्रिया के बाद उपलब्ध कराई जाती है। निर्दिष्ट व्यापारिक प्रतिष्ठानों को ग्राहक द्वारा देय शुल्क, यदि कोई हो, के साथ इस सुविधा की उपलब्धता को स्पष्ट रूप से इंगित/प्रदर्शित करना होगा।

उत्तर: किसी के द्वारा अर्जित विदेशी मुद्रा की 100 प्रतिशत राशि विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में जमा की जा सकती है बशर्ते उक्त खाते में कैलेण्डर माह के दौरान उपचित कुल राशि में से अनुमोदित प्रयोजनों या वायदा प्रतिबध्दताओं की राशि को समायोजित कर बची हुई शेष राशि अनुवर्ती माह के अंतिम दिन या उससे पूर्व रुपए में परिवर्तित की जाए ।

नोस्ट्रो खाते का मतलब विदेश में मौजूद उस बैंक खाते से है जिसे आम तौर पर लेनदेनों को अंजाम देने की दृष्टि से उसी देश की मुद्रा में रखा जाता है। उदाहरणार्थ, अधिकांश प्रतिनिधि बैंक अमरीकी डॉलर में अंतर-बैंक लेनदेन और ग्राहकों के लेनदेनों के निपटान के लिए यूएसए स्थित अपने प्रतिनिधि बैंकों के पास अमरीकी डॉलर में खाते रखते हैं।

उत्तर. भुगतान और निपटान प्रणाली विनियम, 2008 के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए बोर्ड, भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की एक समिति, भुगतान और निपटान प्रणाली के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए बोर्ड (बीपीएसएस) के गठन से संबंधित है। यह बीपीएसएस की संरचना, इसकी शक्तियों और कार्यों, बीपीएसएस की ओर से शक्तियों का प्रयोग, बीपीएसएस की बैठकों और गणपूर्ति, बीपीएसएस द्वारा उप-समितियों/सलाहकार समितियों के गठन आदि से भी संबंधित है। बीपीएसएस, पीएसएस अधिनियम, 2007 के तहत भुगतान और निपटान प्रणाली के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए, रिज़र्व बैंक की ओर से शक्तियों का प्रयोग करता है।

भुगतान और निपटान प्रणाली विनियम, 2008 में भुगतान प्रणाली शुरू करने/चलाने के लिए प्राधिकरण के लिए आवेदन के रूप और प्राधिकरण देने, भुगतान निर्देश और भुगतान प्रणाली के मानकों के निर्धारण, रिटर्न/दस्तावेज/अन्य जानकारी प्रस्तुत करना, सिस्टम प्रदाता द्वारा खातों और बैलेंस शीट को प्रस्तुत करना आदि जैसे मामले शामिल हैं।

एडीएफ प्राप्त करने के लिए किसी विशिष्ट दृष्टिकोण की सिफारिश नहीं की गई है क्योंकि विभिन्न बैंक आईटी और प्रक्रिया परिपक्वता के विभिन्न स्तरों पर हैं। तथापि, एडीएफ पर दृष्टिकोण पत्र स्पष्ट रूप से एडीएफ के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सामान्य अंत स्थिति को स्पष्ट करता है।
आवेदन तथा जमा राशि किसी भी बैंकिंग कंपनी (सहकारी बैंकों को छोडकर) जिस पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 [1949 का 10] लागू है (प्राधिकृत बैंक) द्वारा स्वीकार किया जाएगा।

उत्तर: निवेशयोग्य फंड का तात्पर्य है एनबीएफसी-पी2पी के व्यवसाय में लगाई गई पूंजी और व्यवसाय से प्राप्त अधिशेष। इसमें उधारदाताओं और उधारकर्ताओं की निधियाँ शामिल नहीं हैं जो एस्क्रो खातों के माध्यम से आदान-प्रदान की जाती हैं। प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऋण दिये गए/लिए गए ग्राहकों की निधि का उपयोग प्लेटफॉर्म द्वारा नहीं किया जा सकता।

As per Clause 8 of the Scheme, the NBFC Ombudsman can receive and consider any complaint on the following grounds:non-payment or inordinate delay in the payment of interest on deposits;non-adherence to the Reserve Bank directives, if any, applicable to rate of interest on deposits;non-repayment or inordinate delay in the repayment of deposits;non-presentation or inordinate delay in the presentation of post-dated cheques provided by the customer;failure to convey in writing, the amount of loan sanctioned along with terms and conditions including annualised rate of interest and method of application thereof;failure or refusal to provide sanction letter/ terms and conditions of sanction in vernacular language or a language as understood by the borrower;failure or refusal to provide adequate notice on proposed changes being made in sanctioned terms and conditions in vernacular language as understood by the borrower;failure or inordinate delay in releasing the securities/ documents to the borrower on repayment of all dues;levying of charges without adequate prior notice to the borrower/customer;failure to provide legally enforceable built-in repossession clause in the contract/ loan agreement;failure to ensure transparency in the contract/ loan agreement regarding (i) notice period before taking possession of security; (ii) circumstances under which the notice period can be waived; (iii) the procedure for taking possession of the security; (iv) provision of final chance to be given to the borrower for repayment of loan before the sale/ auction of the security; (v) the procedure for giving repossession to the borrower and (vi) the procedure for sale/ auction of the security;non-observance of directions issued by Reserve Bank to the NBFCs;non-adherence to any of the other provisions of Reserve Bank Guidelines on Fair Practices Code for NBFCs.The Ombudsman may also deal with such other matter as may be specified by the Reserve Bank from time to time.

उत्तर: एलओ को छोड़कर किसी विदेशी इकाई के बीओ/ पीओ को अपने खुद के उपयोग के लिए संपत्ति अर्जित करने तथा अनुमत/ प्रासंगिक क्रियाकलाप करने की अनुमति है लेकिन वे उस संपत्ति को पट्टे पर अथवा किराए पर नहीं दे सकते हैं। तथापि पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान, नेपाल, भूटान, चीन, हांगकांग तथा मकाऊ की इकाइयों को बीओ/पीओ के लिए भारत में अचल संपत्ति अर्जित करने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। बीओ/ एलओ/ पीओ को इस शर्त पर पट्टे पर ली गई संपत्ति से अनुमत/ प्रासंगिक कार्यकलाप करने की सामान्य अनुमति है कि पट्टे की अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं होगी।

  • हाँ, 1.5% की नियत दर आधार के रूप में होगी, जिसका अर्थ है कि प्रति वर्ष 1.5% की ब्याज दर की गारंटी है यदि उस समय अपस्फीति है।

  • उदाहरण के लिए, यदि मुद्रास्फीति दर (-) 5% है, तो ब्याज दर सामान्य गणना से (-)3.5% होना चाहिए। परंतु कुछ मामलों में, नकारात्मक मुद्रास्फीति को नहीं माना जाएगा और निवेशकों को 1.5% की नियत दर प्राप्त होगी (कृपया 23 पर उदाहरण 2 देंखें)।

उत्तर. बैंक, गैर-बैंकों को उनके भुगतान और निपटान की जरूरतों के लिए सेवाएं प्रदान करते रहे हैं।

उत्तर. किसी प्रतिभूति के दृष्टिबंधक द्वारा समर्थित ऋण को सूक्ष्मवित्त ऋण नहीं माना जाएगा।
हाँ। परंतु प्राधिकृत व्यापारी (बैंक) सुनिश्चित करें कि भारत से बाहर वापिस ले जाने वाली निधि विदेशी से प्राप्त निधि हो अथवा प्रत्यावर्तनीय स्वरूप की हो अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. पॅेमा.13/2002 के अनुसार अनुमत हों।
चयन/निष्कासन/योग्यता आदि की प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान शाखा मॉडल के तहत संचालित विदेशी बैंकों (एफबीओबीएम) पर पूरी तरह से लागू होंगे। हालांकि, एफबीओबीएम के संबंध में चयन प्रक्रिया का ब्यौरा देने वाले उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2.5 के अनुसार बोर्ड को दिए गए किसी भी संदर्भ को क्षेत्रीय अथवा प्रधान कार्यालय अनुपालन के समकक्ष माना जाएगा। इसके अलावा, रिपोर्टिंग लाइन के विवरण संबंधी पैरा 2.7 के संदर्भ में, बोर्ड/एसीबी के किसी भी संदर्भ को एफबीओबीएम के मामले में क्षेत्रीय या प्रधान कार्यालय अनुपालन के समकक्ष माना जाएगा।
उत्तर. नहीं, जिन मामलों में विप्रेषक और लाभार्थी दोनों व्यक्ति हैं उनमें ग्राहक लेनदेन के लिए एलईआई की आवश्यकता नहीं है । जहां कोई एक अथवा दोनों पक्ष गैर-व्यक्ति हैं, वहां लेनदेन के लिए एलईआई की आवश्यकता होगी ।

As per Clause 8 of the Scheme, the Ombudsman for Digital Transactions shall receive and consider complaints on deficiency in services against System Participants defined in the Scheme on any of the following grounds:

4.(1) Prepaid Payment Instruments: Non-adherence to the instructions of Reserve Bank by System Participants about Prepaid Payment Instruments1 on any of the following:

  1. Failure in crediting merchant's account within reasonable time;

  2. Failure to load funds within reasonable time in wallets / cards;

  3. Unauthorized electronic fund transfer;

  4. Non-Transfer / Refusal to transfer/ failure to transfer within reasonable time, the balance in the Prepaid Payment Instruments to the holder’s ‘own’ bank account or back to source at the time of closure, expiry of validity period etc., of the Prepaid Payment Instrument;

  5. Failure to refund within reasonable time / refusal to refund in case of unsuccessful / returned / rejected / cancelled / transactions;

  6. Non-credit / delay in crediting the account of the Prepaid Payment Instrument holder as per the terms and conditions of the promotions offer(s) from time to time, if any;

  7. Non-adherence to any other instruction of the Reserve Bank on Prepaid Payment Instruments.

उत्तर: ट्रेड्स में खरीदार के रूप में कॉर्पोरेट्स, सरकारी विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और अन्य कोई संस्था भाग ले सकती है।

कोविड-19 से संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचे पर 6 अगस्त 2020 को जारी परिपत्र के तहत समाधान के लिए पात्र उधारकर्ताओं हेतु, यदि परिपत्र के तहत समाधान प्रक्रिया लागू की जाती है तो 6 अगस्त 2020 का परिपत्र लागू होगा। अन्य सभी उधारकर्ताओं के लिए मौजूदा निर्देश जैसा कि अन्यथा लागू है, अभी भी लागू होंगे। हालांकि, यदि कोई संस्था अन्यथा समाधान ढांचे के तहत समाधान के लिए पात्र है, तो महामारी से उत्पन्न दबाव के समाधान के लिए केवल समाधान ढांचे का ही उपयोग किया जा सकता है।

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