पूर्वदत्त भुगतान लिखतों (पीपीआई)
Ans: Yes. ECS can be used to transfer funds to NRE and NRO accounts in the country. This, however, is subject to the adherence to the provisions of the Foreign Exchange Management Act, 2000 (FEMA) and Wire Transfer Guidelines.
उत्तर:
i) नेपाल में किसी आयातक निवासी, जिसे नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा में भुगतान करने के लिए अनुमति दी गयी है, द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं के मामले में किये जा रहे अपवादों को छोड़कर नेपाल और भारत तथा भूटान और भारत के बीच के भुगतान। ऐसे भुगतानों का निपटान एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था के बाहर किया जाए; तथा
ii) रिज़र्व बैंक और अन्य सहभागियों के बीच पारस्परिक रुप से सहमत किये गए भुगतानों को छोड़कर ऐसे भुगतान जो कि एसीयू सदस्य देशों के बीच निर्यात/ आयात लेनदेन के कारण नहीं किए जा रहे हैं; तथा
iii) ईरान के साथ व्यापार लेनदेन सहित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन का निपटान अगली सूचना प्राप्त होने तक किसी भी अनुमेय मुद्रा में एसीयू व्यवस्था के बाहर किया जाए।
उत्तर: एनईएफटी प्रणाली पूरे वर्ष चौबीसों घंटे अर्थात 24x7x365 आधार पर उपलब्ध है। एनईएफटी वर्तमान में पूरे दिन आधे घंटे के अंतराल पर बैचों में काम करता है। किसी भी कारण से एनईएफटी की अनुपलब्धता के मामले में, आरबीआई द्वारा सभी सिस्टम प्रतिभागियों को उपयुक्त संदेश प्रसारित किया जाएगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक को अधिकार है कि वह प्राधिकृत व्यक्ति को फेमा 1999 की धारा 10(1) के तहत प्रदत्त लाइसेंस कभी भी रद्द कर सकता है, यदि रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट हो कि-
ए. ऐसा किया जाना लोक हित में है; या
बी. प्राधिकृत व्यक्ति ऐसी किसी शर्त का अनुपालन करने में असफल रहा है, जिसके लिए प्राधिकार दिया गया था या उसने उक्त अधिनियम के किसी प्रावधान का या इसके तहत बनाए गए किसी नियम, विनियम, अधिसूचना, निदेश या आदेश का उल्लंघन किया है।
यदि प्राधिकृत व्यक्ति के किसी कार्यालय द्वारा किसी सांविधिक या विनियामकीय प्रावधान का उल्लंघन किया जाता है तो रिज़र्व बैंक को यह अधिकार भी है कि वह ऐसे किसी भी कार्यालय को प्रदत्त प्राधिकार को रद्द कर दे। रिज़र्व बैंक किसी भी समय किसी प्राधिकार/लाइसेंस की मौजूदा शर्तों को बदल या रद्द कर सकता है अथवा नई शर्तें लगा सकता है।
उत्तर: विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम, 1976 गृह मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है तथा उसकी निगरानी भी उनके द्वारा की जाती है। उनका पता नीचे दिया गया है:-
गृह मंत्रालय, एफसीआरए विंग, पहली मंज़िल, मेज़र ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम, प्रगति मैदान के पास, नई दिल्ली- 110001.
इस संबंध में रिज़र्व बैंक से कोई विशिष्ट अनुमोदन अपेक्षित नहीं है।
बैंकों को चेक फॉर्म पर स्टाम्प लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि यह तिथि, प्राप्तकर्ता का नाम, राशि और हस्ताक्षर जैसे महत्वपूर्ण हिस्सों में हस्तक्षेप न करे। रबर स्टैम्प आदि का उपयोग छवि में इन बुनियादी विशेषताओं के स्पष्ट रूप को कम / निष्प्रभ नहीं करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि स्कैनिंग प्रक्रिया के दौरान चेक के सभी आवश्यक तत्व एक छवि में समाविष्ठ हो जाएं, और बैंकों / ग्राहकों को इस संबंध में उचित सावधानी बरतनी होगी।
बैंकों को सीटीएस-2010 मानक के अतिरिक्त उन सुरक्षा विशेषताओं को भी सत्यापित करना आवश्यक है जिन्हें स्वेच्छा से लागू किया गया है।
-
नीलामी में ऐसे निवेशकों के भागीदारी के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी योजना बनायी है। इस योजना के अंतर्गत, निवेशकों को बोली की राशि निर्दिष्ट करनी अपेक्षित है और न कि मूल्य जिस पर पर वे सबस्क्राइब करना चाहते हैं। ऐसे निवेशकों को आबंटन प्रतिस्पर्धी बोली में आए भारित औसत मूल्य पर किया जाता है।
-
वर्तमान में नीलामी में, अधिसूचित राशि का 5 प्रतिशत तक गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के लिए आरक्षित है, जबकि रिटेल भागीदारी को बढ़ाने के लिए आईआईबी के मामले में अधिसूचित राशि का 20 प्रतिशत तक ऐसी बोली के लिए निर्धारित है।
-
रिटेल निवेशक प्राथमिक डीलर (पीडी) और बैंक के माध्यम से गैर-प्रतिस्पर्धी बोली में भागीदारी कर सकेंगे। वे ऐसी भागीदारी के लिए पीडी और बैंक के साथ गिल्ट खाता या डिमेट खाता खोल सकेंगे।
-
निवेशक को निवेश करने के लिए किसी भी बैंक के साथ बीएलए खोलने की आवश्यकता नहीं है।
-
धन की प्राप्ति और आरबीआई के सीबीएस (ई-कुबेर) पर निवेशक के पंजीकरण के बाद, आरबीआई प्रत्येक निवेशक के लिए बीएलए खोलेगा और निवेशक द्वारा रखे गए आईआईएनएसएस-सी के इकाइयों की संख्या निर्दिष्ट करते हुए “धारिता प्रमाणपत्र” जारी करेगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022