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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट

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भारतीय रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021

वर्तमान में, भारतीय रिजर्व बैंक के ओम्बड्समैन (ओआरबीआईओ) के कार्यालय संपूर्ण भारत में 22 स्थानों से कार्य कर रहे हैं। हालांकि, शिकायतकर्ताओं को आरबी-आईओएस, 2021 के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए किसी भी निर्दिष्ट ओआरबीआईओ से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। सीएमएस पोर्टल (https://cms.rbi.org.in) के माध्यम से सीधे ऑनलाइन दर्ज की गई शिकायतें, शिकायत पंजीकृत होने के बाद निवारण हेतु विभिन्न आरबीआई ओम्बड्समैन को स्वचालित रूप से आवंटित की जाती हैं। भौतिक और ईमेल शिकायतों को संसाधित किया जाता है और शिकायतकर्ता से अधिक जानकारी / विवरण प्राप्त करने के बाद, यदि उपलब्ध नहीं है, तो आगे की प्रक्रिया के लिए सीएमएस में दर्ज किया जाता है।

उत्तर: हां, यदि आवश्यक हो तो इस प्रकार से जमाराशियों तथा धनवापसी की स्वीकृति चालू खाता लेनदेन के अंतर्गत कवर होगी तथा इसे फेमा की दृष्टि से किसी प्रतिबंध के बिना मुक्त रूप से किया जा सकेगा।

उत्‍तर: जी, नहीं। ई₹ वॉलेट खोलने/रखने के लिए कोई न्यूनतम शेष राशि आवश्यक नहीं है।

हालाँकि परिपत्र में दंडात्मक शुल्क के लिए कोई ऊपरी लिमिट/सीमा निर्धारित नहीं की गई है, आरई को दंडात्मक शुल्कों पर अपने बोर्ड अनुमोदित नीति तैयार करते समय, यह ध्यान में रखना चाहिए कि दंडात्मक शुल्क लगाने का उद्देश्य अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना पैदा करना है और ऐसे शुल्कों का उपयोग राजस्व वृद्धि लिखत के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। तदनुसार, दंडात्मक शुल्क की मात्रा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के गैर-अनुपालन के साथ 'उचित' और 'अनुरूप' होनी चाहिए।

उत्तर. पैरा 10.2 के संदर्भ में, यदि घरेलू मीयादी जमाराशि (टीडी) परिपक्व होती है और उसकी राशि अदायगी नहीं होती है, बैंक में अदावी धन की राशि पर बचत खाते के लिए लागू ब्याज दर अथवा परिपक्व मीयादी जमाराशि पर अनुबंधित ब्याज दर लागू होगी, जो भी कम हो।

उत्तर: हाँ। यदि कंपनी/एलएलपी/स्वामित्व फर्म की संदर्भ अवधि के दौरान निर्यात आय नहीं है, लेकिन यह पहले थी, तो उन्हे आईटीईएस सर्वेक्षण के वर्तमान दौर के लिए NIL सर्वेक्षण प्रश्नावली प्रस्तुत करनी होगी।

उत्तर: कार्ड जारी करने वाले बैंक के एटीएम में किए गए लेन-देन को ऑन-अस लेनदेन कहा जाता है। कार्ड जारी करने वाले बैंक से इतर बैंक के एटीएम पर अथवा किसी डबल्यूएलए पर किया गया लेन-देन ऑफ-अस लेनदेन कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि बैंक ए द्वारा जारी कार्ड का उपयोग बैंक ए के एटीएम में किया जाता है तो यह ऑन-अस लेनदेन है; यदि बैंक ए द्वारा जारी कार्ड का उपयोग डब्लूएलए या बैंक बी के एटीएम में किया जाता है, तो यह एक ऑफ-अस लेनदेन है।

उत्तर: नहीं। भारत में स्थित एडी बैंक एक ही देश के विभिन्न बैंकों के लिए कई विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते खोल सकते हैं।

उत्तर. नहीं। तथापि, यदि ग्राहक आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्ष्यित परिदान) अधिनियम, 2016 (2016 का 18) की धारा 7 के तहत अधिसूचित किसी भी योजना का कोई लाभ अथवा सब्सिडी प्राप्त करना चाहता है, तो ग्राहक को आधार संख्या प्रदान करनी होगी। ग्राहक अन्य मामलों में, आधार संख्या स्वेच्छा से प्रदान कर सकता है।

उत्तर: नहीं। एमटीजीडी/एलटीजीडी का नवीनीकरण 26 मार्च 2025 से बंद कर दिया गया है।

विनियामक की आरएस रूपरेखा, जिसके अधिकार क्षेत्र में उत्पाद की प्रमुख/बहुसंख्यक विशेषताएँ शामिल हैं, आईओआरएस के अंतर्गत 'प्रमुख विनियामक (पीआर)' होगा। वह विनियामक/विनियामकों, जिसके अधिकार क्षेत्र में उत्पाद की प्रमुख विशेषता के अलावा अन्य विशेषताएँ आती हैं, आईओआरएस के अंतर्गत 'सहयोगी नियामक (एआर)' होगा।

उत्तर. हां, पीपीआई की नकद लोडिंग की सीमा ₹50,000/- प्रति माह है, जो पीपीआई की समग्र सीमा के अधीन है (एक तरह के लघु पीपीआई के मामले अनुमति नहीं है)। इलेक्ट्रॉनिक/ऑनलाइन माध्यमों से पीपीआई को लोड करने की सीमा पीपीआई की समग्र सीमा के अधीन है।

दिनांक 16 दिसंबर 2010 की भारत सरकार अधिसूचना में अधिसूचित प्रकार से बीएसबीडीए-छोटा खाता निम्‍नलिखित शर्तों पर होंगे :

  1. ऐसे खातों में कुल क्रेडिट एक वर्ष में एक लाख रूपए से अधिक न हो।

  2. खातों में अधिकतम शेष किसी भी समय पचास हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  3. किसी महीने में नकद आहरणों और अंतरणों के रूप में कुल नामे (डेबिट) दस हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

  4. सामान्‍य केवाइसी औपचारिकताएं पूरी किए बिना विदेशी प्रेषण (रेमिटेंस) छोटे खातों में जमा (क्रेडिट) नहीं किया जा सकेगा।

  5. छोटे खाते प्रारंभ में 12 महीनों की अवधि के लिए वैध होते हैं जिन्‍हें यदि व्‍यक्ति आधिकारिक रूप से वैध प्रलेख के लिए आवेदन करने का प्रमाण प्रस्‍तुत करें तो और 12 महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

  6. छोटे खाते बैंकों की केवल सीबीएस सहबद्ध शाखाओं में ही अथवा ऐसी शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां शर्तों को पूरा किए जाने की व्‍यक्ति द्वारा (मैन्‍युअली)निगरानीकरनासंभवहै।

Ans : It is the responsibility of the user institution to communicate to the beneficiary the details of credit that is being afforded to his / her account, indicating the proposed date of credit, amount and related particulars of the payment. Destination banks have been advised to ensure that the pass books / statements given to the beneficiary account holders reflect particulars of the transaction / credit provided by the ECS user institutions. The beneficiaries can match the entries in the passbook / account statement with the advice received by them from the User Institutions. Many banks also give mobile alerts / messages to customers after credit of such funds to accounts.

  • आईआईबी सरकारी प्रतिभूति होगी और जी-सेक में विभिन्न वर्गों के पात्र निवेशक, आईआईबी में भी निवेश करने के लिए पात्र होंगे।

  • एफ़आईआई आगामी आईआईबी में निवेश के लिए पात्र होंगे बशर्ते जी-सेक में उनके निवेश के लिए सीमा है (वर्तमान में यूएस डॉलर 25 बिलियन)।

सिस्‍टम रिज़र्व बैंक के स्‍वामित्‍व में है। ग्राहकों के लिए कोई प्रभार नहीं है। लेकिन चूंकि सभी सौदे सीसीआइएल द्वारा गारंटीकृत होते हैं और उनका निपटान किया जाता है, इसलिए प्राथमिक व्‍यापारियेां को निपटान प्रभार देने होंगे और अपने ग्राहकों की ओर से सीसीआइएल के पास पर्याप्‍त मार्जिन जमा कराने होंगे।

उत्तर: आईडीएफ-एनबीएफसी न्यूनतम 5 वर्ष की परिपक्वता अवधि के रुपये या डॉलर मूल्यवर्ग के बांड जारी करके संसाधन जुटाएंगे। आईडीएफ-एमएफ, एमएफ की इकाइयों को जारी करके संसाधन जुटाएंगे।

एडीएफ के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए कुल समय उस क्लस्टर पर निर्भर करेगा जिसमें बैंक दृष्टिकोण पत्र में दी गई कार्यप्रणाली के अनुसार प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी परिपक्वता का आकलन करने के बाद खुद को रखता है। तथापि, यह उम्मीद की जाती है कि उन्नत आईटी सिस्टम और कम्प्यूटरीकृत वातावरण में काम करने का अनुभव रखने वाले बैंक सबसे कम समय में, यहां तक ​​​​कि 2-3 महीने में भी एडीएफ को लागू करेंगे। सामान्य तौर पर, बैंकों को कम से कम संभव समय सीमा के भीतर उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
उ. ईसीएस क्रेडिट देने वाली संस्था को इससे कई लाभ हैं: • प्रशासनिक व्यवस्था, मुद्रण, प्रेषण और कागज लिखतों के समाधान में होने वाली बचत ईसीएस क्रेडिट नहीँ अपनाने की स्थिति में प्राप्त नहीं होती. • पारगमन में लिखतों के खोने/ चोरी होने और धोखाधड़ीपूर्ण नकदीकरण होने की संभावना नहीं है.• दक्ष भुगतान माध्यम जिसमें निर्धारित दिनांक को हिताधिकारियों को क्रेडिट मिलना सुनिश्चित है.•लागत कम है.
हाँ। बैंकों को यह अधिकार है कि वे कट ऑफ तिथि को जमा राशि में से अपनी देय राशि का समायोजन कर सकते हैं। जमा बीमा ऐसी देय राशियों के समायोजन के बाद उपलब्ध है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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