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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट

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आवास ऋण

यदि आपको उपरोक्त में से किसी भी आधार पर केवल अनुसूचित बैंक के विरुद्ध शिकायत है, आप गोइपोरिया समिति की सिफारिश के अनुसार शाखाओं में उपलब्ध कराए गए एक विशिष्ट शिकायत रजिस्टर में या कागज के एक टुकड़े पर लिखित रूप में संबंधित बैंक के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अपनी शिकायत की रसीद मांगें। आपकी शिकायत प्राप्त करने वाले अधिकारी का विवरण विशेष रूप से मांगा जा सकता है। यदि बैंक 30 दिनों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। (कृपया ध्यान दें कि किसी अन्य न्यायिक फोरम में लंबित शिकायतों पर बैंकिंग ओम्बड्समैन द्वारा विचार नहीं किया जाएगा)। ग्राहक की शिकायत के समाधान के लिए बैंकिंग ओम्बड्समैन कार्यालय द्वारा कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। ट्रैकिंग के उद्देश्य से आपको एक विशिष्ट शिकायत पहचान संख्या दी जाएगी। (बैंकिंग ओम्बड्समैनों की सूची उनके संपर्क विवरण के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है)।

शिकायतों को उस बैंकिंग ओम्बड्समैन को संबोधित किया जाना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की वह शाखा या कार्यालय स्थित है जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है। शिकायत सादे कागज पर लिखकर अथवा www.bankingombudsman.rbi.org.in पर ऑनलाइन या बैंकिंग ओम्बड्समैन को ई-मेल भेजकर दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत प्रपत्र सभी बैंक शाखाओं में भी उपलब्ध हैं।

शिकायत आपके अधिकृत प्रतिनिधि (वकील के अलावा) अथवा आपकी ओर से कार्य करने वाले किसी उपभोक्ता संघ/मंच द्वारा भी दर्ज कराई जा सकती है।

यदि आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के निर्णय से खुश नहीं हैं, तो आप भारतीय रिज़र्व बैंक में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं।

उत्तर: अपनी शिकायत के निवारण के लिए, ग्राहक को पहले संबंधित कार्ड-जारीकर्ता से संपर्क करना होगा। यदि कार्ड-जारीकर्ता शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों की अवधि के भीतर जवाब नहीं देता है या शिकायत को पूर्णतः/आंशिक रूप से अस्वीकार कर देता है या यदि ग्राहक कार्ड-जारीकर्ता द्वारा दिए गए उत्तर/समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो ग्राहक निम्नलिखित में से किसी भी तरीके के माध्यम से ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के पास अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है:

  1. https://cms.rbi.org.in पर ऑनलाइन।
  2. रिज़र्व बैंक - एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021 के अनुलग्नक '' में निर्दिष्ट फॉर्म में प्रत्यक्ष  शिकायत (पत्र/पोस्ट) "केंद्रीकृत रसीद और प्रसंस्करण केंद्र, चौथी मंजिल, भारतीय रिज़र्व बैंक, सेक्टर -17, सेंट्रल विस्टा, चंडीगढ़ - 160017”

उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों और निर्धारित सीमाओं के अनुसार सरकारी ट्रेजरी बिलों, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति है। इसके अलावा, लेनदेन में शामिल देश आपसी सहमति से और यथालागू विनियामक और सांविधिक दिशानिर्देशों के अनुपालन में निवेश के नए आयाम भी स्थापित कर सकते हैं।

उत्तर: निम्नलिखित प्रकार के नकद आहरण संबंधी लेनदेन के लिए सेवा शुल्क बैंकों द्वारा स्वयं निर्धारित किए जा सकते हैं:
(क) क्रेडिट कार्ड के उपयोग से नकदी आहरण।
(ख) विदेश में स्थित एटीएम से नकदी आहरण।

उत्तर.  ग्राहक अपना केवाईसी पहचानकर्ता निम्नलिखित तरीकों से प्राप्त कर सकता है:

(ए) खाता खोलने की प्रक्रिया में जब ग्राहक का केवाईसी पहचानकर्ता सीकेवाईसीआर द्वारा तैयार किया जाता है और आरई को प्रदान कर दिया जाता है, तो आरई को उसे संबंधित ग्राहक के साथ साझा करना होगा।

(बी) ग्राहक सीकेवाईसीआर पोर्टल (www.ckycindia.in) पर भी अपने केवाईसी पहचानकर्ता को प्राप्त कर सकते हैं।

उत्तर:

क्र सं

जमा का प्रकार

परिपक्वता पर मूलधन का पुनर्भुगतान

परिपक्वता पर ब्याज का पुनर्भुगतान

i.

अल्पावधि बैंक जमा (एसटीबीडी)*

मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में

जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।

ii.

मध्यावधि सरकारी जमा (एमटीजीडी)

मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में

जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।

iii.

दीर्घावधि सरकारी जमा (एलटीजीडी)

मोचन के समय जमा किए गए सोने के मूल्य के बराबर सोने या आईएनआर में

जमा करते समय भारतीय रुपये में सोने के मूल्य के संदर्भ में भारतीय रुपये (आईएनआर)।

* 05 अप्रैल 2021 से प्रभावी

सभी प्रकार की जमाराशियों के मामले में, जमा करते समय मूलधन को सोने या उसके समकक्ष रुपये के मोचन का विकल्प प्राप्त किया जाएगा। इसके अलावा, एमएलटीजीडी का समय से पहले कोई भी मोचन केवल भारतीय रुपये में होगा, जबकि एसटीबीडी के मामले में यह बैंकों द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

हाँ, भारत में प्रवेश चाहने वाली विदेशी फिनटेक कंपनियाँ या वैश्विक महत्वाकांक्षाओं वाली भारतीय फिनटेक संस्थाओं के आवेदन भाग लेने के लिए पात्र हैं। ऐसे मामलों में, आईएफ़एससीए, पीआर के रूप में कार्य करेगा।

एटीएम के माध्‍यम से शेष राशि की जांच को एटीएम पर मुफ्त में दिए जा रहे चार आहरणों में न गिना जाए।

Ans : ECS Debit transaction can be initiated by any institution (called ECS Debit User) which has to receive / collect amounts towards telephone / electricity / water dues, cess / tax collections, loan installment repayments, periodic investments in mutual funds, insurance premium etc. It is a Scheme under which an account holder with a bank branch can authorise an ECS User to recover an amount at a prescribed frequency by raising a debit to his / her bank account.

The User institution has to first register with an ECS Centre. The User institution has to also obtain the authorization (mandate) from its customers for debiting their account along with their bank account particulars prior to participation in the ECS Debit scheme. The mandate has to be duly verified by the beneficiary’s bank. A copy of the mandate should be available on record with the destination bank where the customer has a bank account.

उत्तर. विफल भुगतान को वापस करने में किसी भी देरी के मामले में, मूल ग्राहक वर्तमान रेपो दर और 2% पर मुआवजा प्राप्त करने के लिए पात्र है।
एनडीएस-ओएम वेब माड्यूल में जीएएच प्रयोगकर्ता द्वारा सौदा करने के पहले, पीएम को कुछ परिचालनगत जोखिम नियंत्रण तय करने के साथ-साथ प्रत्‍येक जीएएच/जीएएच प्रयोगकर्ता के लिए सीमा तय करनी है, क्‍योंकि पीएम ही ऐसे जीएएच द्वारा किए गए सौदों के निपटान के लिए जिम्‍मेदार है। तदनुसार, पीएम को अपने जीएएच के संबंध में परिचालनगत जोखिम नियंत्रण को तय करने की सुविधा दी गई है कि किसे एनडीएस-ओएम वेब पर एक्‍सेस दिया जाना है जिससे उनके जीएएच सौदों के कारण आए जोखिमों को कम किया जा सके। एनडीएस-ओएम के एकीकृत ऑर्डर बुक में सौदों को शामिल करने के पहले एनडीएस-ओएम वेब पर जीएएच द्वारा किया गया प्रत्‍येक सौदा पीएम द्वारा तय किए गए प्रत्‍येक जोखिम नियंत्रण से पुष्टि के अधीन होगा।

उत्तर. भुगतान प्रणाली ऑपरेटर के प्राधिकरण के लिए आवेदन का मूल्यांकन किसी विशेष भुगतान प्रणाली के लिए निर्दिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए, पीपीआई जारी करने और उसके संचालन के लिए आवेदन का मूल्यांकन भारत में प्री-पेड भुगतान उपकरणों के जारी करने और संचालन पर नीतिगत दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है। इसी तरह, सीसीपी के मामले में, आरबीआई द्वारा जारी पीएफएमआई नीति दस्तावेज की पृष्ठभूमि के खिलाफ आवेदन का मूल्यांकन किया जाएगा।

पीएसएस अधिनियम की धारा 6 के अनुसार, रिज़र्व बैंक ऐसी पूछताछ कर सकता है, जो वह स्वयं को क्षमता, प्रतिभागियों की साख या किसी अन्य वैध कारण से संतुष्ट करने के उद्देश्य से आवश्यक समझे।

यदि संस्था पहले से ही किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा विनियमित है, तो मूल्यांकन करने के लिए ऐसे प्राधिकरणों से जानकारी मांगी जा सकती है। यह उल्लेख किया जा सकता है कि हाल के दिनों में भारतीय संस्थाओं को बैंकों के रूप में लाइसेंस देने के लिए, प्रक्रिया में विदेशी नियामकों से उचित सावधानी रिपोर्ट मांगना शामिल था, जहां आवेदक संस्था के पास विदेशी अधिकार क्षेत्र में समूह संस्थाएं थीं।

उत्तर: बैच सेटलमेंट से दो घंटे की समय-सीमा की उम्मीद की जा सकती है, जिसके भीतर लाभार्थी के खाते में क्रेडिट होना चाहिए।

उ. ईसीएस डेबिट के ग्राहकों को लाभ निम्नानुसार हैं:• ईसीएस डेबिट मैंडेट से ग्राहकों का खाता नियत तारीख को स्वत: डेबिट हो जायेगा ग्राहक को बैंक शाखा में जाने की जरूरत नहीं है.• ग्राहकों को भुगतानों की नियत तारीख याद रखने की जरूरत नहीं है.• ईसीएस प्रयोक्ताओं द्वारा ग्राहकों के खाते की निगरानी की जाएगी. •लागत कम है.
Any person resident in India can remit upto USD 5,000 in any one year as a gift to a person residing outside India or as donation to a charitable/educational/religious/ cultural organisation outside India. Remittances exceeding the limit require prior permission from the Reserve Bank.
फ़्रैंचाइज़र, यानी एडी श्रेणी-I बैंक/ एडी श्रेणी-II/ एफएफएमसी से अपेक्षित है कि वे ऐसी व्यवस्था करें कि फ्रैंचाइजियों द्वारा किए जा रहे लेनदेन की नियमित आधार (कम-से-कम मासिक आधार पर) रिपोर्टिंग फ्रैंचाइज़र्स को की जाए। फ़्रैंचाइज़र द्वारा फ्रैंचाइजियों के सभी स्थानों पर औचक लेखा-परीक्षा छह महीने में कम-से-कम एक बार की जाए। ऐसी लेखा-परीक्षाएं एक समर्पित दल द्वारा की जाएं एवं फ्रैंचाइजियों द्वारा अनुपालन के स्तर की जांच करने के लिए ‘गुप्त’ दौरे भी किए जाएं। फ्रेचाइजियों के लेखा-बहियों के वार्षिक निरीक्षण की व्यवस्था भी होनी चाहिए। इन निरीक्षणों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि फ्रैंचाइज़ी मुद्रा परिवर्तन का कार्य करार की शर्तों एवं रिज़र्व बैंक के वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुरूप कर रहें हैं एवं फ्रैंचाइज़ी द्वारा आवश्यक अभिलेख भी रखा जा रहा है।
Any person aggrieved by an Award issued under Clause 12 or the decision of the Banking Ombudsman rejecting the complaint for the reasons specified in sub-clause (d) to (g) of Clause 13 of the Banking Ombudsman Scheme 2006 (As amended up to July 1, 2017) can approach the Appellate Authority. The Appellate Authority is vested with a Deputy Governor of the RBI.Other recourse and/or remedies available to him/her as per the law can also be explored. The bank also has the option to file an appeal before the Appellate Authority under the Scheme.
In case the aggregate amount bid is less than the reserved amount all the applicants will be allotted in full and the shortfall amount will be taken to the competitive portion.
No. Loan and guarantee could be extended to an overseas entity only if there is already an equity participation by the Indian party in such entity.
A person coming in to India from abroad can bring in with him Indian currency notes within the limits given below: a. upto Rs. 5,000 from any country other than Nepal or Bhutan, and b. any amount in denomination not exceeding Rs.100 from Nepal or Bhutan.

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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