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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जमा योजना (पीएमजीकेडीएस) 2016

प्रधान मंत्री गरीब कल्याण जमा योजना 2016 हेतु कराधान एवं निवेश व्यवस्था की धारा 199सी की उप धारा 1 के तहत अप्रकटित आय के संदर्भ में घोषणा करने वाले कोई भी व्यक्ति इस योजना के तहत जमा कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 08 नवंबर 2016 तक जारी 500 रुपए और 1000 रुपए मूल्यवर्ग नोटों का वैध निविदा स्वरूप (जिसे बाद में विनिर्दिष्ट बैंक नोट कहा जाएगा) वापिस लिया जाता है । इसके परिणाम स्वरूप पुराने उच्च मूल्यवर्ग के नोट का व्यापारिक लेन-देन और / अथवा भावी उपयोग हेतु मूल्य-संचय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा । 25 नवंबर, 2016 तक बैंक शाखाओं / डाकघरों तथा 30 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों में विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की अनुमति थी तथा 10 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर, 2016 की अवधि के दौरान वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सहकारी बैंक (केवल शहरी सहकारी बैंक तथा राज्य सहकारी बैंकों में) की किसी भी शाखा में अथवा किसी भी प्रधान डाकघर अथवा उप डाकघर में जमा किए जा सकते थे ।
उ : एनबीएफसी- फैक्टर का अर्थ एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी जो प्रमुख व्यावसायिक मानदंडों को पूरा करती है अर्थात जिसकी फैक्टरिंग व्यवसाय में वित्तीय आस्ति कुल आस्ति का कम से कम 75 प्रतिशत है और फैक्टरिंग व्यवसाय से प्राप्त आय उसकी सकल आय के 75 प्रतिशत से कम नहीं है और 5 करोड़ रुपये की शुद्ध स्वामित्व वाली निधि और फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 की धारा 3 के तहत आरबीआई द्वारा पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
  • मात्र रिटेल निवेशक इन प्रतिभूतियों में निवेश के लिए पात्र होंगे। रिटेल निवेशकों में वैयक्तिक, हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ़), भारतीय कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत धर्मार्थ संस्थाएं और केंद्र, राज्य या प्रांतीय अधिनियम द्वारा निगमित विश्वविद्यालय या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 (1956 का 3) के खंड 3 के अंतर्गत घोषित विश्वविद्यालय शामिल होंगे।

स्वैप आरबीआई की ओर से सरल स्वरूप का बिक्री/खरीद विदेशी मुद्रा स्वैप है जिसके अंतर्गत जमाराशियों के केवल मूलधन के भाग को कवर किया जाता है और ब्याज के घटक को नहीं।
पीसीजी योजना के तहत लेनदेन पर एमएचपी और एमआरआर संबंधी आवश्यकताएं लागू नहीं होती हैं।

उत्तर: सभी श्रेणी के विदेशी मुद्रा अर्जक जैसे व्यक्ति, कंपनियाँ, आदि जो भारत में निवास करते हैं वे विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते खोल सकते हैं।

उत्तर. पीएसएस अधिनियम, 2007 भारत में भुगतान प्रणालियों के विनियमन और पर्यवेक्षण का प्रावधान करता है और भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) को उस उद्देश्य और सभी संबंधित मामलों के लिए प्राधिकरण के रूप में नामित करता है। रिज़र्व बैंक अधिनियम के तहत अपने केंद्रीय बोर्ड की एक समिति का गठन करने के लिए अधिकृत है, जिसे भुगतान और निपटान प्रणाली के विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस) के रूप में जाना जाता है, ताकि वह इस कानून के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सके और अपने कार्यों को कर सके और अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके। अधिनियम "नेटिंग" और "निपटान की अंतिमता" के लिए कानूनी आधार भी प्रदान करता है। यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली के अलावा अन्य सभी भुगतान प्रणालियां नेट निपटान के आधार पर काम करती हैं।
एडीएफ बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के बैंकों से सीधे उनके सिस्टम से रिज़र्व बैंक को सही और सुसंगत डेटा प्रस्तुत करना सुनिश्चित करना चाहता है।
उत्तर : चूंकि उस वित्तीय वर्ष के बाद के वित्तीय वर्ष से हतोत्साहन तंत्र लागू होगा जिसमें एक उधारकर्ता 'निर्दिष्ट उधारकर्ता' बन जाता है, एनपीएलएल से परे बैंकिंग प्रणाली से किसी भी उधार के लिए 1 अप्रैल, 2017 से हतोत्साहन तंत्र लागू होगा।
चूंकि फ्लोटिंग दर वाले ऋण आवधिक पुनर्निर्धारण के अधीन होते हैं, इसलिए अगली पुनर्निर्धारण तिथि तक शेष अवधि के लिए परिपक्वता काल प्रीमियम उपयुक्त प्रीमियम होगा।

उत्तर: उधारकर्ताओं की पहचान करने के लिए केवल बैंकों, एनबीएफसी और अन्य विनियमित एआईएफआईज की सहायता करने वाले इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्मस को पी2पी प्लेटफॉर्म नही माना जाएगा। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां बैंकों या एनबीएफसी या एआईएफआईज के अलावा अन्य खुदरा ऋणदाता ऋण देने के लिए उक्त प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, तो उस प्लेटफॉर्म को एनबीएफसी-पी2पी के रूप में अलग से पंजीकरण करना होगा।

As on date, four NBFC Ombudsman have been appointed with their offices located at Chennai, Kolkata, New Delhi and Mumbai. The addresses, contact details and territorial jurisdiction of the Ombudsman is provided in the Annex I of the Scheme.

उत्तर: नहीं, यदि किसी एलओ/ बीओ को एक से अधिक खाते खोलने हों, तो उसे अपने एडी श्रेणी-I बैंक के माध्यम से रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी और अतिरिक्त खाता खोलने की आवश्यकता का उचित कारण भी देना होगा।

उत्तर. निर्देशों के अनुसार घरेलू स्तर पर आय और ऋणग्रस्तता के आकलन की आवश्यकता है। घर के सभी सदस्यों को ऐसे ऋण का आवेदक/ उधारकर्ता बनाने की आवश्यकता नहीं है, जोकि एक व्यक्तिगत सदस्य को प्रदान किया जा सकता है। आरई की बोर्ड-अनुमोदित नीतियों में घर के सभी सदस्यों की आय और ऋणग्रस्तता का आकलन करने के लिए कार्यप्रणालियाँ/ परिचालन ढांचे शामिल किए जा सकते हैं।
हाँ, भारत में निवास करने वाले विदेशी राष्ट्रिकॅ निवासी रुपया खाता खोल और बनाये रख सकते हैं।

उत्तर: ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेता, खरीदार और फाइनेंसर सहभागी होते हैं।

उत्तर:

ए. एसएनआरआर खाते में डेबिट के लिए (घरेलू स्तर पर आगे क्रेडिट के लिए)

पारदेशीय क्रेता के एसएनआरआर खाते में डेबिट के जरिये किसी भारतीय पक्ष द्वारा निर्यात आय प्राप्त करने के मामले में:

  • निर्यात भुगतान प्राप्ति संबंधी किसी भी आवक विप्रेषण के मामले में, निर्यात दस्तावेज रखने वाला एडी बैंक फेमा के तहत निर्धारित सभी निर्यात संबंधी नियमों/विनियमों/दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।

  • एसएनआरआर खाता रखने वाला एडी बैंक अपने विदेशी ग्राहक के ब्योरे रखने और संबंधित फेमा प्रावधानों के अनुपालन की समुचित सावधानी बरतने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके अलावा, भारतीय निर्यातक के एडी बैंक (लाभार्थी के बैंक) को निधियों का अंतरण करते समय वह केवाईसी संबंधी सम्पूर्ण ब्योरा, जैसे: खाताधारक का ब्योरा (नाम, पता, देश आदि), विप्रेषण का उद्देश्य, विप्रेषित की जा रही राशि और उसकी करेंसी की जानकारी , लाभार्थी का नाम व खाता संख्या आदि की जानकारी प्रदान करें, ताकि आगे उक्त प्रेषण के संबंध में ईडीपीएमएस में प्रविष्टियां बंद करने में सहूलियत हो।

बी. एसएनआरआर खाते में क्रेडिट करने के लिए (घरेलू खाते से प्राप्त)

किसी भारतीय पक्ष द्वारा आयात के लिए भुगतान हेतु पारदेशीय विक्रेता के एसएनआरआर खाते में क्रेडिट के माध्यम में:

  • आयात भुगतान संबंधी किसी भी जावक विप्रेषण के मामले में, आयात दस्तावेज रखने वाला एडी बैंक फेमा के तहत आयात संबंधी सभी निर्धारित नियमों/विनियमों/ दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।

  • वह अपने पारदेशीय ग्राहक का एसएनआरआर खाता रखने वाले एडी बैंक को आयातक से संबंधित सभी आवश्यक ब्योरे भी प्रेषित करेगा।

सी. इसी प्रकार, बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, विदेशी निवेश, आदि के मामले में, निवासी ग्राहक के खाते रखने वाले नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक फेमा प्रावधानों जिसमें एफआईआरसी जारी करना, जहां भी लागू हो, का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे, , यह उसी तरीके से करना होगा जैसे किसी आवक विप्रेषण के तहत मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में प्राप्त निधियों के मामलों में किया जाता है। इसके अलावा, लेनदेन में शामिल बैंक ऊपर उल्लिखित प्रक्रिया के समान ही लेनदेन के ब्योरे साझा करने के लिए उत्तरदायी होंगे।

उत्तर. संस्थाओं (गैर-व्यक्तियों) द्वारा किए गए 50 करोड़ और उससे अधिक के सभी एकल भुगतान लेनदेन में प्रेषक और लाभार्थी एलईआई सूचना शामिल होनी चाहिए। यह एनईएफटी और आरटीजीएस भुगतान प्रणालियों के माध्यम से किए गए लेनदेन पर लागू होता है।

आरटीजीएस के मामले में, उपरोक्त मानदंड को पूरा करने वाले ग्राहक भुगतान और अंतर-बैंक लेनदेन दोनों में एलईआई जानकारी शामिल होनी चाहिए।

As on date, 21 Ombudsman for Digital Transactions have been appointed with their offices located mostly in state capitals. The addresses and contact details of the offices of the Ombudsman for Digital Transactions is provided under Annex I of the Scheme.

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