प्रधानमंत्री गरीब कल्याण जमा योजना (पीएमजीकेडीएस) 2016
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मात्र रिटेल निवेशक इन प्रतिभूतियों में निवेश के लिए पात्र होंगे। रिटेल निवेशकों में वैयक्तिक, हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ़), भारतीय कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत धर्मार्थ संस्थाएं और केंद्र, राज्य या प्रांतीय अधिनियम द्वारा निगमित विश्वविद्यालय या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 (1956 का 3) के खंड 3 के अंतर्गत घोषित विश्वविद्यालय शामिल होंगे।
उत्तर: सभी श्रेणी के विदेशी मुद्रा अर्जक जैसे व्यक्ति, कंपनियाँ, आदि जो भारत में निवास करते हैं वे विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते खोल सकते हैं।
उत्तर: उधारकर्ताओं की पहचान करने के लिए केवल बैंकों, एनबीएफसी और अन्य विनियमित एआईएफआईज की सहायता करने वाले इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्मस को पी2पी प्लेटफॉर्म नही माना जाएगा। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां बैंकों या एनबीएफसी या एआईएफआईज के अलावा अन्य खुदरा ऋणदाता ऋण देने के लिए उक्त प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, तो उस प्लेटफॉर्म को एनबीएफसी-पी2पी के रूप में अलग से पंजीकरण करना होगा।
As on date, four NBFC Ombudsman have been appointed with their offices located at Chennai, Kolkata, New Delhi and Mumbai. The addresses, contact details and territorial jurisdiction of the Ombudsman is provided in the Annex I of the Scheme.
उत्तर: नहीं, यदि किसी एलओ/ बीओ को एक से अधिक खाते खोलने हों, तो उसे अपने एडी श्रेणी-I बैंक के माध्यम से रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी और अतिरिक्त खाता खोलने की आवश्यकता का उचित कारण भी देना होगा।
उत्तर: ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेता, खरीदार और फाइनेंसर सहभागी होते हैं।
उत्तर:
ए. एसएनआरआर खाते में डेबिट के लिए (घरेलू स्तर पर आगे क्रेडिट के लिए)
पारदेशीय क्रेता के एसएनआरआर खाते में डेबिट के जरिये किसी भारतीय पक्ष द्वारा निर्यात आय प्राप्त करने के मामले में:
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निर्यात भुगतान प्राप्ति संबंधी किसी भी आवक विप्रेषण के मामले में, निर्यात दस्तावेज रखने वाला एडी बैंक फेमा के तहत निर्धारित सभी निर्यात संबंधी नियमों/विनियमों/दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
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एसएनआरआर खाता रखने वाला एडी बैंक अपने विदेशी ग्राहक के ब्योरे रखने और संबंधित फेमा प्रावधानों के अनुपालन की समुचित सावधानी बरतने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके अलावा, भारतीय निर्यातक के एडी बैंक (लाभार्थी के बैंक) को निधियों का अंतरण करते समय वह केवाईसी संबंधी सम्पूर्ण ब्योरा, जैसे: खाताधारक का ब्योरा (नाम, पता, देश आदि), विप्रेषण का उद्देश्य, विप्रेषित की जा रही राशि और उसकी करेंसी की जानकारी , लाभार्थी का नाम व खाता संख्या आदि की जानकारी प्रदान करें, ताकि आगे उक्त प्रेषण के संबंध में ईडीपीएमएस में प्रविष्टियां बंद करने में सहूलियत हो।
बी. एसएनआरआर खाते में क्रेडिट करने के लिए (घरेलू खाते से प्राप्त)
किसी भारतीय पक्ष द्वारा आयात के लिए भुगतान हेतु पारदेशीय विक्रेता के एसएनआरआर खाते में क्रेडिट के माध्यम में:
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आयात भुगतान संबंधी किसी भी जावक विप्रेषण के मामले में, आयात दस्तावेज रखने वाला एडी बैंक फेमा के तहत आयात संबंधी सभी निर्धारित नियमों/विनियमों/ दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
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वह अपने पारदेशीय ग्राहक का एसएनआरआर खाता रखने वाले एडी बैंक को आयातक से संबंधित सभी आवश्यक ब्योरे भी प्रेषित करेगा।
सी. इसी प्रकार, बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, विदेशी निवेश, आदि के मामले में, निवासी ग्राहक के खाते रखने वाले नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक फेमा प्रावधानों जिसमें एफआईआरसी जारी करना, जहां भी लागू हो, का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे, , यह उसी तरीके से करना होगा जैसे किसी आवक विप्रेषण के तहत मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में प्राप्त निधियों के मामलों में किया जाता है। इसके अलावा, लेनदेन में शामिल बैंक ऊपर उल्लिखित प्रक्रिया के समान ही लेनदेन के ब्योरे साझा करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
उत्तर. संस्थाओं (गैर-व्यक्तियों) द्वारा किए गए ₹50 करोड़ और उससे अधिक के सभी एकल भुगतान लेनदेन में प्रेषक और लाभार्थी एलईआई सूचना शामिल होनी चाहिए। यह एनईएफटी और आरटीजीएस भुगतान प्रणालियों के माध्यम से किए गए लेनदेन पर लागू होता है।
आरटीजीएस के मामले में, उपरोक्त मानदंड को पूरा करने वाले ग्राहक भुगतान और अंतर-बैंक लेनदेन दोनों में एलईआई जानकारी शामिल होनी चाहिए।