वित्तीय स्थिरता विश्लेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
परिचय
वित्तीय स्थिरता विभाग निम्नलिखित भूमिकाएँ निभाती है: (i) सतत आधार पर वित्तीय प्रणाली की समष्टि-विवेकपूर्ण निगरानी, (ii) वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट तैयार करना, (iii) प्रणालीगत आघात-सहनीयता के आकलन हेतु मॉडल का विकास करना और प्रणालीगत दबाव परीक्षण करना, (iv) वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की उप-समिति (एफ़एसडीसी-एससी), जिसकी अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर करते हैं, के सचिवालय के रूप में कार्य करना।
मुख्य विषय
Financial stability reports
FSR reflects the collective assessment of the Sub-Committee of the FSDC on risks to financial stability and the resilience of the Indian financial system.
Macroprudential surveillance
Macroprudential surveillance is aimed at identifying the nature, magnitude and implications of systemic risks that may have bearing on the macroeconomic environment, financial institutions, markets and infrastructure.
Systemic stress tests
Stress tests are tools designed to test the resilience of the financial system to extreme but plausible shocks.
Financial Stability and Development Council
The meetings of the Financial Stability and Development Council (FSDC) is chaired by Union Finance Minister.
Financial Stability and Development Council - Sub Committee
The RBI, Governor is the chairman of the FSDC Sub-Committee. FSDC Sub-Committee assists the FSDC.
वित्तीय प्रणाली की समष्टि-विवेकपूर्ण निगरानी सतत आधार पर की जाती है और इसका लक्ष्य उन प्रणालीगत जोखिमों की प्रकृति, परिमाण और प्रभाव की पहचान करना है, जो समष्टि-आर्थिक वातावरण, वित्तीय संस्थाओं, बाज़ारों और अवसंरचनाओं को प्रभावित कर सकते हैं। इसका उद्देश्य नीति-निर्माताओं को मौजूदा/उभर रही गड़बड़ियों के बारे में अवगत कराते रहना है और वित्तीय प्रणाली में उत्पन्न होने वाले जोखिमों के लिए अग्र-सक्रिय उपाय करना है।
वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफ़एसआर), उन मुख्य जोखिमों और कमजोरियों को नीति-निर्माताओं, बाजार के सहभागियों और आम जनता के संज्ञान में लाती है, जिनका प्रणालीगत प्रभाव पड़ सकता है और इस प्रकार, अस्थिरता को सीमित करने में केंद्रीय बैंक के संप्रेषण-साधन के रूप में काम करती है। यह, वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन संबंधी समसामयिक मुद्दों के संदर्भ में, वित्तीय स्थिरता को जोखिम और वित्तीय प्रणाली की आघात-सहनीयता के संबंध में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की उप-समिति (एफ़एसडीसी-एससी) के सामूहिक आकलन को परिलक्षित करती है। भारतीय वित्तीय प्रणाली को जोखिम के मुख्य स्रोतों के बारे में बाजार के सहभागियों और अन्य हितधारकों की धारणाओं का आकलन करने के लिए एक द्विवार्षिक प्रणालीगत जोखिम सर्वेक्षण भी कराया जाता है और इसे एफ़एसआर के एक अंश के रूप में प्रकाशित किया जाता है।
समष्टि दबाव परीक्षण और संवेदनशीलता विश्लेषण
दबाव परीक्षण, चरम किंतु संभाव्य आघातों के प्रति वित्तीय प्रणाली की आघात-सहनीयता की जांच करने के उपाय हैं। सैद्धांतिक किंतु संभाव्य समष्टि-आर्थिक दबाव परिस्थितियों के प्रति बैंक के तुलनपत्र की भेद्यता का आकलन करने के लिए, समष्टि-आर्थिक दबाव परीक्षण किए जाते हैं। ऋण जोखिम के आकलन हेतु दबाव परीक्षण में मुख्यतः तीन चरण शामिल होते हैं: (i) एक बेसलाइन और दो प्रतिकूल समष्टि-आर्थिक परिस्थितियों का निर्माण करना, (ii) बैंक-समूह स्तर पर और समग्र स्तर पर आस्ति गुणवत्ता संकेतकों (जीएनपीए अनुपात) का पूर्वानुमान, और (iii) बेसलाइन और प्रतिकूल समष्टि-आर्थिक परिस्थितियों के अंतर्गत, बैंक समूह स्तर पर पूंजी पर्याप्तता संकेतकों (पूंजी अनुपात) का पूर्वानुमान। तिमाही निगरानी के एक अंग के रूप में, एकल-घटक दबाव परीक्षणों (संवेदनशीलता विश्लेषण) की एक शृंखला भी आयोजित की जाती है। ये परीक्षण अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के ऋण जोखिमों, ऋण संकेंद्रण जोखिमों, क्षेत्रवार ऋण जोखिमों, बाजार जोखिमों, इक्विटी मूल्य जोखिमों और चलनिधि जोखिमों का आकलन करते हैं।
नेटवर्क एवं संक्रमण विश्लेषण
एफ़एसडी, वित्तीय प्रणाली में परस्पर-संबद्धता का आकलन करने के लिए, वित्तीय क्षेत्र में इकाइयों के बीच द्विपक्षीय जोखिमों का नेटवर्क विश्लेषण करती है। बड़े बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों की विफलता से बैंकिंग क्षेत्र में उत्पन्न प्रणालीगत जोखिम का आकलन करने के लिए, संक्रमण विश्लेषण किया जाता है।
बैंकिंग स्थिरता संकेतक
बैंकिंग स्थिरता मानचित्र और संकेतक उन अंतर्निहित दशाओं और जोखिम घटकों में बदलावों का समग्र आकलन प्रस्तुत करते हैं, जो एक अवधि के दौरान बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता पर प्रभाव डालते हैं।
आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की उप-समिति (एफ़एसडीसी-एससी) गठित की गई है। इसके सदस्यों में वित्तीय क्षेत्र के अन्य सभी विनियामकों (सेबी, आईआरडीएआई, पीएफ़आरडीए, आईबीबीआई & आईएफ़एससीए) के प्रमुख; आर्थिक मामले विभाग, वित्तीय सेवाएँ विभाग, राजस्व विभाग के सचिव; मुख्य आर्थिक सलाहकार; और कारपोरेट कार्य मंत्रालय एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव तथा सचिव (एफ़एसडीसी) शामिल होते हैं। कार्यपालक निदेशक, आरबीआई (वित्तीय स्थिरता के प्रभारी) इसके सदस्य सचिव होते हैं।
यह उप-समिति, निम्नलिखित मुद्दों पर एफ़एसडीसी को सहयोग करती है: (i) वित्तीय स्थिरता, (ii) वित्तीय क्षेत्र का विकास, (iii) अंतर-विनियामकीय समन्वय, (iv) वित्तीय साक्षरता, (v) वित्तीय समावेशन, (vi) अर्थव्यवस्था का समष्टि-विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण आदि। आरबीआई की वित्तीय स्थिरता विभाग (एफ़एसडी) उप-समिति के सचिवालय के रूप में कार्य करती है और एफ़एसडीसी-एससी की बैठकों के आयोजन से संबंधित दायित्व संभालती है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022