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अवलोकन

वैश्विक नीतिगत एजेंडे को संचालित करते हुए, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अंतरराष्ट्रीय व्यापक आर्थिक नीति से जुड़े मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए तथा राष्ट्रीय हित को आगे रखने के प्रधान उद्देश्य के साथ वैश्विक विनियामकीय मानकों में योगदान देते हुए बैंक के प्रतिनिधि के रूप में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना।

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय कूटनीति पर रिज़र्व बैंक का ध्यान केंद्रीत करने और वैश्विक विनियामक मानकों के निर्माण में भागीदारी के लिए 3 नवंबर, 2014 को अंतर्राष्ट्रीय विभाग का निर्माण किया गया था। विभाग अंतरराष्ट्रीय मंचों में भागीदारी और इस क्षेत्र में शीर्ष प्रबंधन की वार्ता में सहयोग करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग में उनकी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने हेतु उत्तरदायी है। इस क्षेत्र के मुद्दों पर रिज़र्व बैंक के रुख को तैयार करने हेतु यह अनुसंधान उन्मुख है। विभाग अन्य केंद्रीय बैंकों के साथ तकनीकी सहयोग के मामलों सहित रिज़र्व बैंक की बाह्य सेवाओं और संबंधों हेतु भी उत्तरदायी है।

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  • इसमें विभिन्न बहुपक्षीय समूहों जैसे जी 20, ब्रिक्स, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग वित्त संगठन (सार्कफाइनेंस), दक्षिण पूर्व एशियाई केंद्रीय बैंक (सीसेन) अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र, दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (एएसईएएन), G24, G30, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) और अन्य में आरबीआई के आर्थिक सहयोग और वित्तीय कूटनीति शामिल है। अधिकांश कार्यों हेतु प्रायः वित्त और विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और बैंक के अन्य विभागों के साथ व्यापक समन्वय की आवश्यकता होती है।

  • रिज़र्व बैंक विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं और मानक निर्धारण निकायों, जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस), वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), एशियाई विकास बैंक (एडीबी), आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) और दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता केंद्र (एसएआरटीटीएसी) के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा है।

  • विभाग द्विपक्षीय तरीके से विदेशी केंद्रीय बैंकों और संस्थाओं के साथ आरबीआई के संबंधों को गहन करने के लिए कई उपाय करता है। बैंक ने विभिन्न संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) और समझौते की शर्तों पर हस्ताक्षर करके द्विपक्षीय संबंधों को औपचारिक रूप दिया है। विभाग क्षमता निर्माण के उद्देश्य से विदेशी विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए अध्ययन दौरे और विदेशी केंद्रीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों हेतु एक्सपोजर दौरे/अटैचमेंट का आयोजन एवं तकनीकी सहायता और छात्रवृत्ति प्रदान करता है।

  • विभाग सार्क मुद्रा स्वैप ढांचे से संबंधित नीतियां तैयार करता है, ब्रिक्स आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था (सीआरए) के तहत विभिन्न कार्यों का संचालन करता है और भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय विनिमय व्यवस्था के संबंध में आयोजित व्यापक आर्थिक चर्चाओं में प्रतिभागिता करता है। विभाग सार्क मुद्रा विनिमय ढांचे के तहत केंद्रीय बैंकों के साथ विनिमय समझौतों पर हस्ताक्षर करता है और विनिमय अनुरोध प्राप्त होने पर विस्तृत व्यापक आर्थिक आकलन करता है। इन मुद्रा विनिमय कार्यों के माध्यम से, आरबीआई वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेट (जीएफएसएन) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • विभाग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग में प्रासंगिक विषयों, मुद्दों पर अनुसंधान करता है और विश्लेषणात्मक टिप्पणियां तैयार करता है तथा नीति निर्माण और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करने हेतु डेटा-संचालित इनपुट प्रदान करता है। विभाग वैश्विक समष्टि आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र परिदृश्य का नियमित रूप से अद्यतन मूल्यांकन करता है और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा किए जाने वाले आवधिक सर्वेक्षणों में योगदान देता है। विभाग बैंक के शीर्ष प्रबंधन की द्विपक्षीय चर्चाओं में उपयोग हेतु प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की कंट्री प्रोफाइल भी तैयार करता है और उन्हें अद्यतन करता है। यह सहयोगात्मक अनुसंधान करता है और आरबीआई के विभिन्न प्रकाशनों में योगदान देता है।

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