Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 16 दिसंबर 2024, सोमवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 4 पूर्वाह्न 10:00 बजे से पूर्वाह्न 10:30 बजे 20 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 16 दिसंबर 2024, सोमवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 4 पूर्वाह्न 10:00 बजे से पूर्वाह्न 10:30 बजे 20 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 79,161 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 75,004 कट ऑफ दर (%) 6.52 भारित औसत दर (%) 6.56 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) 78.26
अवधि 14-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 75,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 79,161 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 75,004 कट ऑफ दर (%) 6.52 भारित औसत दर (%) 6.56 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) 78.26
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 13 दिसंबर 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है:
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 13 दिसंबर 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 दिसंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 29 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 दिसंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 29 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।
अवधि 2- दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 62,877 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 25,005 कट ऑफ दर (%) 6.64 भारित औसत दर (%) 6.65 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) 74.23
अवधि 2- दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 62,877 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 25,005 कट ऑफ दर (%) 6.64 भारित औसत दर (%) 6.65 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) 74.23
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 11 दिसंबर 2024, बुधवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 25,000 2 पूर्वाह्न 11:00 बजे से पूर्वाह्न 11:30 13 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 11 दिसंबर 2024, बुधवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 25,000 2 पूर्वाह्न 11:00 बजे से पूर्वाह्न 11:30 13 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 20 जनवरी 2022 की प्रेस प्रकाशनी 2021-2022/1572 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे।
अवधि 1- दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 40,630 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 40,630 कट ऑफ दर (%) 6.51 भारित औसत दर (%) 6.53 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
अवधि 1- दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 40,630 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 40,630 कट ऑफ दर (%) 6.51 भारित औसत दर (%) 6.53 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 दिसंबर 2024, सोमवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 50,000 1 पूर्वाह्न 10:00 बजे से पूर्वाह्न 10:30 बजे 10 दिसंबर 2024 (मंगलवार)
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 दिसंबर 2024, सोमवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 50,000 1 पूर्वाह्न 10:00 बजे से पूर्वाह्न 10:30 बजे 10 दिसंबर 2024 (मंगलवार)
यह वक्तव्य (i) चलनिधि और वित्तीय बाजार; (ii) विनियमन; (iii) संचार; (iv) वित्तीय समावेशन; (v) भुगतान प्रणाली; और (vi) फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. चलनिधि और वित्तीय बाजार 1. आरक्षित नकदी निधि अनुपात को कम करना सभी बैंकों के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 25 बीपीएस की दो बराबर शृंखलाओं में 50 बीपीएस घटाकर निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 4.0 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है, जो क्रमशः 14 दिसंबर 2024 और 28 दिसंबर 2024 से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी होगा। इससे सीआरआर एनडीटीएल के 4 प्रतिशत हो जाएगा, जो अप्रैल 2022 में नीति के सख्ती चक्र की शुरुआत से पहले लागू था। सीआरआर में इस कमी से बैंकिंग प्रणाली में लगभग ₹ 1.16 लाख करोड़ की प्राथमिक चलनिधि आएगी।
यह वक्तव्य (i) चलनिधि और वित्तीय बाजार; (ii) विनियमन; (iii) संचार; (iv) वित्तीय समावेशन; (v) भुगतान प्रणाली; और (vi) फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. चलनिधि और वित्तीय बाजार 1. आरक्षित नकदी निधि अनुपात को कम करना सभी बैंकों के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 25 बीपीएस की दो बराबर शृंखलाओं में 50 बीपीएस घटाकर निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 4.0 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है, जो क्रमशः 14 दिसंबर 2024 और 28 दिसंबर 2024 से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी होगा। इससे सीआरआर एनडीटीएल के 4 प्रतिशत हो जाएगा, जो अप्रैल 2022 में नीति के सख्ती चक्र की शुरुआत से पहले लागू था। सीआरआर में इस कमी से बैंकिंग प्रणाली में लगभग ₹ 1.16 लाख करोड़ की प्राथमिक चलनिधि आएगी।
चूंकि हम 2025 की दहलीज पर खड़े हैं, मैं 2024 की घटनापूर्ण यात्रा पर विचार करना चाहूंगा। पिछले कुछ वर्षों की प्रवृत्ति के अनुरूप, केंद्रीय बैंकों को एक बार फिर अपनी अर्थव्यवस्थाओं को निरंतर, विशाल और जटिल झटकों से बचाने के लिए अंतिम परीक्षा से गुजरना पड़ा। केंद्रीय बैंक लगातार भू-राजनीतिक संघर्षों, भू-आर्थिक विखंडन, वित्तीय बाजार में अस्थिरता और निरंतर अनिश्चितताओं, जो सभी मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था की लचीलेपन की परीक्षा ले रहे हैं, द्वारा निर्मित नए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य के अनुकूल खुद को ढाल रहे हैं। उन्नत और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) दोनों के लिए अवस्फीति का अंतिम चरण लंबा और कठिन होता जा रहा है। समष्टि आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना तथा बफर्स का निर्माण करना, उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।
चूंकि हम 2025 की दहलीज पर खड़े हैं, मैं 2024 की घटनापूर्ण यात्रा पर विचार करना चाहूंगा। पिछले कुछ वर्षों की प्रवृत्ति के अनुरूप, केंद्रीय बैंकों को एक बार फिर अपनी अर्थव्यवस्थाओं को निरंतर, विशाल और जटिल झटकों से बचाने के लिए अंतिम परीक्षा से गुजरना पड़ा। केंद्रीय बैंक लगातार भू-राजनीतिक संघर्षों, भू-आर्थिक विखंडन, वित्तीय बाजार में अस्थिरता और निरंतर अनिश्चितताओं, जो सभी मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था की लचीलेपन की परीक्षा ले रहे हैं, द्वारा निर्मित नए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य के अनुकूल खुद को ढाल रहे हैं। उन्नत और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) दोनों के लिए अवस्फीति का अंतिम चरण लंबा और कठिन होता जा रहा है। समष्टि आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना तथा बफर्स का निर्माण करना, उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 21, 2024