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दिसंबर 21, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक 22 दिसंबर 2023 को चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत 7-दिवसीय परिवर्तनीय दर रेपो नीलामी आयोजित करेगा

वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा पर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 22 दिसंबर 2023, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्तनीय दर रेपो नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया है:

वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा पर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 22 दिसंबर 2023, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्तनीय दर रेपो नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया है:

दिसंबर 15, 2023
15 दिसंबर 2023 को आयोजित 7-दिवसीय परिवर्तनीय दर रेपो नीलामी का परिणाम

अवधि 7-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,00,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,73,354 आबंटित राशि (₹ करोड़ में)1,00,006 कट ऑफ दर (%) 6.61 भारित औसत दर (%) 6.63 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 78.5

अवधि 7-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 1,00,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,73,354 आबंटित राशि (₹ करोड़ में)1,00,006 कट ऑफ दर (%) 6.61 भारित औसत दर (%) 6.63 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत 78.5

दिसंबर 14, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक 15 दिसंबर 2023 को चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत 7-दिवसीय परिवर्तनीय दर रेपो नीलामी आयोजित करेगा

दिनांक 1 दिसंबर 2023 को आयोजित 14-दिवसीय परिवर्तनीय दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी और जो  ₹22,468 करोड़ के लिए अभिदत्त है, परिपक्व हो रही है जिसे 15 दिसंबर 2023 को प्रत्यावर्तन की अनुमति है। इसके अलावा, अग्रिम कर और जीएसटी भुगतान के कारण बैंकिंग प्रणाली से संभावित बहिर्वाह को देखते हुए 15 दिसंबर 2023, शुक्रवार को मुख्य परिचालन के बजाय 7-दिवसीय परिवर्तनीय दर रेपो नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है जो निम्नानुसार है:

दिनांक 1 दिसंबर 2023 को आयोजित 14-दिवसीय परिवर्तनीय दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी और जो  ₹22,468 करोड़ के लिए अभिदत्त है, परिपक्व हो रही है जिसे 15 दिसंबर 2023 को प्रत्यावर्तन की अनुमति है। इसके अलावा, अग्रिम कर और जीएसटी भुगतान के कारण बैंकिंग प्रणाली से संभावित बहिर्वाह को देखते हुए 15 दिसंबर 2023, शुक्रवार को मुख्य परिचालन के बजाय 7-दिवसीय परिवर्तनीय दर रेपो नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है जो निम्नानुसार है:

दिसंबर 13, 2023
8 दिसंबर 2023 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 1 दिसंबर 2023 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 8 दिसंबर 2023 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 1 दिसंबर 2023 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।  अजीत प्रसाद  निदेशक (संचार)  प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1473

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 8 दिसंबर 2023 को समाप्‍त सप्‍ताह के लिए आरक्षित मुद्रा और 1 दिसंबर 2023 को समाप्‍त पखवाड़े के लिए मुद्रा आपूर्ति पर आंकड़े आज जारी किए।  अजीत प्रसाद  निदेशक (संचार)  प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1473

दिसंबर 08, 2023
एमपीसी प्रेस कॉन्फ्रेंस - 8 दिसंबर 2023 गवर्नर की प्रारंभिक टिप्पणियाँ

मैं आज की मौद्रिक नीति का सार समझने के लिए कुछ टिप्पणियाँ करना चाहूँगा। 1. 2020 से 2023 के वर्ष शायद इतिहास में 'महान अस्थिरता' के काल के रूप में दर्ज किये जायेंगे। 2. भारत की जीडीपी संवृद्धि आघात-सहनीय और मजबूत बनी हुई है, जैसा कि चालू वर्ष में 7 प्रतिशत की संवृद्धि के हमारे अनुमान से परिलक्षित होता है।

मैं आज की मौद्रिक नीति का सार समझने के लिए कुछ टिप्पणियाँ करना चाहूँगा। 1. 2020 से 2023 के वर्ष शायद इतिहास में 'महान अस्थिरता' के काल के रूप में दर्ज किये जायेंगे। 2. भारत की जीडीपी संवृद्धि आघात-सहनीय और मजबूत बनी हुई है, जैसा कि चालू वर्ष में 7 प्रतिशत की संवृद्धि के हमारे अनुमान से परिलक्षित होता है।

दिसंबर 08, 2023
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6–8 दिसंबर 2023

8 दिसंबर 2023  मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6–8 दिसंबर 2023  वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 दिसंबर 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि:  चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।

8 दिसंबर 2023  मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2023-24 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6–8 दिसंबर 2023  वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 दिसंबर 2023) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि:  चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।

दिसंबर 08, 2023
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार (ii) विनियमन (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।

यह वक्तव्य (i) वित्तीय बाज़ार (ii) विनियमन (iii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है।

दिसंबर 08, 2023
गवर्नर का वक्तव्य : 8 दिसंबर 2023

जैसे ही 2023 समाप्त हो रहा है और एक नए  वर्ष की शुरुआत हो रही है, लंबे समय से प्रतीक्षित सामान्यता अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था से दूर है। 2020 से 2023 के वर्ष शायद इतिहास में 'महान अस्थिरता' की अवधि के रूप में दर्ज किए जाएंगे, जिसमें तात्कालिक बाद की घटनाओं में कई ब्लैक स्वान घटनाएं शामिल होंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिख रहे हैं, हालांकि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और सेक्टरों में यह असमान है। एक समूह के रूप में उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं (ईएमई) पिछले प्रकरणों के विपरीत, अस्थिरता के मौजूदा दौर में आघात-सहनीय बनी हुई हैं। जबकि हेडलाइन मुद्रास्फीति पिछले वर्ष के उच्चतम स्तर से कम हो गई है, लेकिन यह कई देशों में लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। मूल मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है, जिससे अवस्फीति के अंतिम चरण में बाधा उत्पन्न हो रही है। प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने मौजूदा अनिश्चितताओं के मद्देनजर आगे के मार्गदर्शन (फॉरवर्ड गाइडेंस) से बचते हुए दरों को बरकरार रखा है। ब्याज दरों के भावी मार्ग संबंधी नियत संकेतों की खोज में वित्तीय बाज़ार अस्थिर बने हुए हैं।

 

जैसे ही 2023 समाप्त हो रहा है और एक नए  वर्ष की शुरुआत हो रही है, लंबे समय से प्रतीक्षित सामान्यता अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था से दूर है। 2020 से 2023 के वर्ष शायद इतिहास में 'महान अस्थिरता' की अवधि के रूप में दर्ज किए जाएंगे, जिसमें तात्कालिक बाद की घटनाओं में कई ब्लैक स्वान घटनाएं शामिल होंगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिख रहे हैं, हालांकि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और सेक्टरों में यह असमान है। एक समूह के रूप में उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं (ईएमई) पिछले प्रकरणों के विपरीत, अस्थिरता के मौजूदा दौर में आघात-सहनीय बनी हुई हैं। जबकि हेडलाइन मुद्रास्फीति पिछले वर्ष के उच्चतम स्तर से कम हो गई है, लेकिन यह कई देशों में लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। मूल मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है, जिससे अवस्फीति के अंतिम चरण में बाधा उत्पन्न हो रही है। प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने मौजूदा अनिश्चितताओं के मद्देनजर आगे के मार्गदर्शन (फॉरवर्ड गाइडेंस) से बचते हुए दरों को बरकरार रखा है। ब्याज दरों के भावी मार्ग संबंधी नियत संकेतों की खोज में वित्तीय बाज़ार अस्थिर बने हुए हैं।

 

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 23, 2024

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