Press Releases - Monetary Policy - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 9,564 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 9,564 कट ऑफ दर (%) 6.01 भारित औसत दर (%) 6.01 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
अवधि 1-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 9,564 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 9,564 कट ऑफ दर (%) 6.01 भारित औसत दर (%) 6.01 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 17 अप्रैल 2025, गुरुवार को निम्नानुसार 43 दिवसीय परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया: क्र. सं. अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,50,000 43 मध्याह्न 12:00 से अपराह्न 12:30 30 मई 2025 (शुक्रवार)
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 17 अप्रैल 2025, गुरुवार को निम्नानुसार 43 दिवसीय परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया: क्र. सं. अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,50,000 43 मध्याह्न 12:00 से अपराह्न 12:30 30 मई 2025 (शुक्रवार)
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
अवधि 4-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 14,317 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 14,317 कट ऑफ दर (%) 6.01 भारित औसत दर (%) 6.01 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
अवधि 4-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 14,317 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 14,317 कट ऑफ दर (%) 6.01 भारित औसत दर (%) 6.01 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 04 अप्रैल 2025 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 04 अप्रैल 2025 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
अवधि 2- दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 19,295 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 19,295 कट ऑफ दर (%) 6.01 भारित औसत दर (%) 6.02 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
अवधि 2- दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 19,295 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 19,295 कट ऑफ दर (%) 6.01 भारित औसत दर (%) 6.02 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं
विवेकपूर्ण ढंग से संरचित प्रतिभूतिकरण लेनदेन दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए एक सक्षमकर्ता हो सकता है क्योंकि इससे जोखिम वितरण में सुधार होने और ऋणदाताओं के लिए ऐसे एक्सपोज़रों से बाहर निकलने का मार्ग प्रदान करने की आशा है। इस उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2023 में दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण ढांचे पर एक चर्चा पत्र जारी किया था, ताकि ढांचे के विभिन्न पहलुओं पर बाजार सहभागियों से टिप्पणियां मांगी जा सकें। चर्चा पत्र पर हितधारकों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए, दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए ढांचे का मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया जा रहा है। इस ढांचे का उद्देश्य सरफेसी अधिनियम, 2002 के अंतर्गत वर्तमान एआरसी मार्ग के अलावा, बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण को सक्षम करना है।
विवेकपूर्ण ढंग से संरचित प्रतिभूतिकरण लेनदेन दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए एक सक्षमकर्ता हो सकता है क्योंकि इससे जोखिम वितरण में सुधार होने और ऋणदाताओं के लिए ऐसे एक्सपोज़रों से बाहर निकलने का मार्ग प्रदान करने की आशा है। इस उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2023 में दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण ढांचे पर एक चर्चा पत्र जारी किया था, ताकि ढांचे के विभिन्न पहलुओं पर बाजार सहभागियों से टिप्पणियां मांगी जा सकें। चर्चा पत्र पर हितधारकों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए, दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए ढांचे का मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया जा रहा है। इस ढांचे का उद्देश्य सरफेसी अधिनियम, 2002 के अंतर्गत वर्तमान एआरसी मार्ग के अलावा, बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण को सक्षम करना है।
यह एमपीसी की 54वीं बैठक और वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित पहली बैठक थी। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष की शुरुआत चिंताजनक रही है। व्यापार के व्यवधानों से संबंधित कतिपय चिंताएँ सच हो रही हैं, जिससे वैश्विक समुदाय बेचैन है। इन वैश्विक घटनाक्रमों के प्रति सतर्क रहते हुए, हमने रिज़र्व बैंक में, 1 अप्रैल 1935 को अपनी स्थापना के बाद से इस प्रतिष्ठित संस्था के 90 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाते हुए वर्ष की शुरुआत की। पिछले नौ दशकों में रिज़र्व बैंक की यात्रा देश के विकास और प्रगति के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी रही है। मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में, रिज़र्व बैंक पिछले कुछ वर्षों में एक पूर्ण-सेवा केंद्रीय बैंक के रूप में विकसित हुआ है, जिसके विभिन्न कार्य बाज़ार अर्थव्यवस्था को सुविधाजनक बनाते हैं।
यह एमपीसी की 54वीं बैठक और वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित पहली बैठक थी। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष की शुरुआत चिंताजनक रही है। व्यापार के व्यवधानों से संबंधित कतिपय चिंताएँ सच हो रही हैं, जिससे वैश्विक समुदाय बेचैन है। इन वैश्विक घटनाक्रमों के प्रति सतर्क रहते हुए, हमने रिज़र्व बैंक में, 1 अप्रैल 1935 को अपनी स्थापना के बाद से इस प्रतिष्ठित संस्था के 90 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाते हुए वर्ष की शुरुआत की। पिछले नौ दशकों में रिज़र्व बैंक की यात्रा देश के विकास और प्रगति के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी रही है। मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में, रिज़र्व बैंक पिछले कुछ वर्षों में एक पूर्ण-सेवा केंद्रीय बैंक के रूप में विकसित हुआ है, जिसके विभिन्न कार्य बाज़ार अर्थव्यवस्था को सुविधाजनक बनाते हैं।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 54वीं बैठक 7 से 9 अप्रैल 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 54वीं बैठक 7 से 9 अप्रैल 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 30, 2025