प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
विवेकपूर्ण ढंग से संरचित प्रतिभूतिकरण लेनदेन दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए एक सक्षमकर्ता हो सकता है क्योंकि इससे जोखिम वितरण में सुधार होने और ऋणदाताओं के लिए ऐसे एक्सपोज़रों से बाहर निकलने का मार्ग प्रदान करने की आशा है। इस उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2023 में दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण ढांचे पर एक चर्चा पत्र जारी किया था, ताकि ढांचे के विभिन्न पहलुओं पर बाजार सहभागियों से टिप्पणियां मांगी जा सकें। चर्चा पत्र पर हितधारकों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए, दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए ढांचे का मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया जा रहा है। इस ढांचे का उद्देश्य सरफेसी अधिनियम, 2002 के अंतर्गत वर्तमान एआरसी मार्ग के अलावा, बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण को सक्षम करना है।
विवेकपूर्ण ढंग से संरचित प्रतिभूतिकरण लेनदेन दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए एक सक्षमकर्ता हो सकता है क्योंकि इससे जोखिम वितरण में सुधार होने और ऋणदाताओं के लिए ऐसे एक्सपोज़रों से बाहर निकलने का मार्ग प्रदान करने की आशा है। इस उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2023 में दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण ढांचे पर एक चर्चा पत्र जारी किया था, ताकि ढांचे के विभिन्न पहलुओं पर बाजार सहभागियों से टिप्पणियां मांगी जा सकें। चर्चा पत्र पर हितधारकों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए, दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण के लिए ढांचे का मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया जा रहा है। इस ढांचे का उद्देश्य सरफेसी अधिनियम, 2002 के अंतर्गत वर्तमान एआरसी मार्ग के अलावा, बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से दबावग्रस्त आस्तियों के प्रतिभूतिकरण को सक्षम करना है।
यह एमपीसी की 54वीं बैठक और वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित पहली बैठक थी। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष की शुरुआत चिंताजनक रही है। व्यापार के व्यवधानों से संबंधित कतिपय चिंताएँ सच हो रही हैं, जिससे वैश्विक समुदाय बेचैन है। इन वैश्विक घटनाक्रमों के प्रति सतर्क रहते हुए, हमने रिज़र्व बैंक में, 1 अप्रैल 1935 को अपनी स्थापना के बाद से इस प्रतिष्ठित संस्था के 90 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाते हुए वर्ष की शुरुआत की। पिछले नौ दशकों में रिज़र्व बैंक की यात्रा देश के विकास और प्रगति के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी रही है। मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में, रिज़र्व बैंक पिछले कुछ वर्षों में एक पूर्ण-सेवा केंद्रीय बैंक के रूप में विकसित हुआ है, जिसके विभिन्न कार्य बाज़ार अर्थव्यवस्था को सुविधाजनक बनाते हैं।
यह एमपीसी की 54वीं बैठक और वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित पहली बैठक थी। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष की शुरुआत चिंताजनक रही है। व्यापार के व्यवधानों से संबंधित कतिपय चिंताएँ सच हो रही हैं, जिससे वैश्विक समुदाय बेचैन है। इन वैश्विक घटनाक्रमों के प्रति सतर्क रहते हुए, हमने रिज़र्व बैंक में, 1 अप्रैल 1935 को अपनी स्थापना के बाद से इस प्रतिष्ठित संस्था के 90 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाते हुए वर्ष की शुरुआत की। पिछले नौ दशकों में रिज़र्व बैंक की यात्रा देश के विकास और प्रगति के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी रही है। मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में, रिज़र्व बैंक पिछले कुछ वर्षों में एक पूर्ण-सेवा केंद्रीय बैंक के रूप में विकसित हुआ है, जिसके विभिन्न कार्य बाज़ार अर्थव्यवस्था को सुविधाजनक बनाते हैं।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 54वीं बैठक 7 से 9 अप्रैल 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 54वीं बैठक 7 से 9 अप्रैल 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. राजीव रंजन और श्री एम. राजेश्वर राव बैठक में शामिल हुए।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 6,55,461.23 6.10 3.50-6.40 I. मांग मुद्रा 14,970.37 6.15 5.15-6.25 II. ट्राइपार्टी रेपो 4,18,997.90 6.06 5.85-6.15
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 6,55,461.23 6.10 3.50-6.40 I. मांग मुद्रा 14,970.37 6.15 5.15-6.25 II. ट्राइपार्टी रेपो 4,18,997.90 6.06 5.85-6.15
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
दिनांक 15 जनवरी 2025 की प्रेस प्रकाशनी 2024-2025/1933 के माध्यम से घोषित किए अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक अगली सूचना तक मुंबई में सभी कार्य दिवसों पर दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा, जिनका प्रत्यावर्तन अगले कार्य दिवस पर होगा।
(राशि ₹ करोड़ में) हरियाणा एसजीएस 2039 जम्मू कश्मीर एसजीएस 2042 तेलंगाना एसजीएस 2047 तेलंगाना एसजीएस 2055 अधिसूचित राशि 1000 500 1000 1000 अवधि 14 17 22 30 प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 69 25 20 13
(राशि ₹ करोड़ में) हरियाणा एसजीएस 2039 जम्मू कश्मीर एसजीएस 2042 तेलंगाना एसजीएस 2047 तेलंगाना एसजीएस 2055 अधिसूचित राशि 1000 500 1000 1000 अवधि 14 17 22 30 प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 69 25 20 13
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित कुल राशि (अंकित मूल्य) : 20,000 करोड़ प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) : 70,144 करोड़ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) : 20,000 करोड़ II. ओएमओ खरीद निर्गम का विवरण प्रतिभूति 6.54% जीएस 2032 8.24% जीएस 2033 7.73% जीएस 2034 7.54% जीएस 2036 7.23% जीएस 2039 प्राप्त प्रस्तावों की संख्या 118 38 31 47 85 प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) (₹ करोड़ में) 19,486 7,423 10,859 11,095 21,280 स्वीकृत प्रस्तावों की संख्या 51 12 7 5 25 रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल प्रस्तावित राशि (अंकित मूल्य) (₹ करोड़ में) 5,755 1,985 2,859 3,000 6,401
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित कुल राशि (अंकित मूल्य) : 20,000 करोड़ प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) : 70,144 करोड़ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) : 20,000 करोड़ II. ओएमओ खरीद निर्गम का विवरण प्रतिभूति 6.54% जीएस 2032 8.24% जीएस 2033 7.73% जीएस 2034 7.54% जीएस 2036 7.23% जीएस 2039 प्राप्त प्रस्तावों की संख्या 118 38 31 47 85 प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) (₹ करोड़ में) 19,486 7,423 10,859 11,095 21,280 स्वीकृत प्रस्तावों की संख्या 51 12 7 5 25 रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल प्रस्तावित राशि (अंकित मूल्य) (₹ करोड़ में) 5,755 1,985 2,859 3,000 6,401
प्रतिभूति 6.54% जीएस 2032 8.24% जीएस 2033 7.73% जीएस 2034 7.54% जीएस 2036 7.23% जीएस 2039 अधिसूचित कुल राशि ₹20,000 करोड़ की कुल राशि (प्रतिभूति-वार कोई अधिसूचित राशि नहीं) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) (₹ करोड़ में) 5,755 1,985 2,859 3,000 6,401 कट ऑफ प्रतिफल (%) 6.5117 6.5841 6.6058 6.6582 6.6375 कट ऑफ मूल्य (₹) 100.14 110.72 107.94 106.84 105.35
प्रतिभूति 6.54% जीएस 2032 8.24% जीएस 2033 7.73% जीएस 2034 7.54% जीएस 2036 7.23% जीएस 2039 अधिसूचित कुल राशि ₹20,000 करोड़ की कुल राशि (प्रतिभूति-वार कोई अधिसूचित राशि नहीं) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) (₹ करोड़ में) 5,755 1,985 2,859 3,000 6,401 कट ऑफ प्रतिफल (%) 6.5117 6.5841 6.6058 6.6582 6.6375 कट ऑफ मूल्य (₹) 100.14 110.72 107.94 106.84 105.35
क्र. सं राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष) 1. हरियाणा 1000 1000 6.81 14 2. जम्मू और कश्मीर 500 500 6.83 17 3. तेलंगाना 1000 1000 6.87 22 1000 1000 6.87 30 3500 3500
क्र. सं राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष) 1. हरियाणा 1000 1000 6.81 14 2. जम्मू और कश्मीर 500 500 6.83 17 3. तेलंगाना 1000 1000 6.87 22 1000 1000 6.87 30 3500 3500
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश सं. DEL.DOS.EXG_SSM.No.S515/12-10-013/2022-2023 के माध्यम से 8 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 6 जनवरी 2025 के निदेश सं. DOR.MON.D-88/12.28.115/2024-25 के माध्यम से बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को दिनांक 7 जुलाई 2022 के निदेश सं. DEL.DOS.EXG_SSM.No.S515/12-10-013/2022-2023 के माध्यम से 8 जनवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसकी वैधता अवधि को पिछली बार दिनांक 6 जनवरी 2025 के निदेश सं. DOR.MON.D-88/12.28.115/2024-25 के माध्यम से बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अप्रैल 30, 2025