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जून 07, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– मई 2024 ii) परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– मई 2024 iii) समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 88वां दौर सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– मई 2024 ii) परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– मई 2024 iii) समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 88वां दौर सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।

जून 07, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 2 जून 24 मई 31 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 16049 18822 10723 -8099 -5325 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 2 जून 24 मई 31 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 16049 18822 10723 -8099 -5325 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

जून 07, 2024
सरकारी स्टॉक – नीलामी का पूर्ण परिणाम

नीलामी का परिणाम 7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ III. प्राप्त प्रतिस्‍पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 338 259 (ii) राशि ₹49,274 करोड़ ₹27,845 करोड़ IV. कट-ऑफ मूल्‍य / प्रतिफल 100.54 101.96 (परिपक्वता प्रतिफल:7.0210%) (परिपक्वता प्रतिफल: 7.1388%) V. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 169 68

नीलामी का परिणाम 7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ III. प्राप्त प्रतिस्‍पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 338 259 (ii) राशि ₹49,274 करोड़ ₹27,845 करोड़ IV. कट-ऑफ मूल्‍य / प्रतिफल 100.54 101.96 (परिपक्वता प्रतिफल:7.0210%) (परिपक्वता प्रतिफल: 7.1388%) V. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्‍या 169 68

जून 07, 2024
सरकारी स्टॉक – नीलामी का परिणाम: कट-ऑफ

7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्‍य / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 100.54 / 7.0210% 101.96 / 7.1388% III. नीलामी में स्वीकृत राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ IV. प्राथमिक व्यापारियों का अभिदान शून्य शून्य

7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्‍य / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 100.54 / 7.0210% 101.96 / 7.1388% III. नीलामी में स्वीकृत राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ IV. प्राथमिक व्यापारियों का अभिदान शून्य शून्य

जून 07, 2024
दिनांक 7 जून 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों के परिणाम

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 7 जून 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं:

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 7 जून 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं:

जून 07, 2024
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2024-25 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 5-7 जून 2024

वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।

वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।

जून 07, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत जारी निदेशों की वैधता अवधि बढ़ाना – नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.)

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था  तथा इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।    2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 5 जून 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-21/12-28-015/2024-2025 के अनुसार उपर्युक्त निदेश बैंक पर 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था  तथा इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था।    2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 5 जून 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-21/12-28-015/2024-2025 के अनुसार उपर्युक्त निदेश बैंक पर 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होगा।

जून 07, 2024
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) विनियमन; तथा (ii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), लघु वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि की सीमा की समीक्षा बैंकों के पास अपनी आवश्यकताओं और आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) पूर्वानुमानों के अनुसार थोक जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर प्रदान करने का विवेकाधिकार होता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों (एसएफ़बी) के लिए वर्ष 2019 में थोक जमाराशि सीमा को ‘₹2 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मीयादी जमाराशि’ के रूप में बढ़ाया गया था। समीक्षा करने पर, एससीबी (आरआरबी को छोड़कर) और एसएफ़बी के लिए थोक जमाराशि की परिभाषा को ‘₹3 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में संशोधित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि सीमा को आरआरबी के मामले में लागू ‘₹1 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है। आवश्यक दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

यह वक्तव्य (i) विनियमन; तथा (ii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), लघु वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि की सीमा की समीक्षा बैंकों के पास अपनी आवश्यकताओं और आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) पूर्वानुमानों के अनुसार थोक जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर प्रदान करने का विवेकाधिकार होता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों (एसएफ़बी) के लिए वर्ष 2019 में थोक जमाराशि सीमा को ‘₹2 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मीयादी जमाराशि’ के रूप में बढ़ाया गया था। समीक्षा करने पर, एससीबी (आरआरबी को छोड़कर) और एसएफ़बी के लिए थोक जमाराशि की परिभाषा को ‘₹3 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में संशोधित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि सीमा को आरआरबी के मामले में लागू ‘₹1 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है। आवश्यक दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

जून 07, 2024
गवर्नर का वक्तव्य: 7 जून 2024

हाल के वर्षों में, दुनिया एक के बाद एक संकटों से गुज़री है; और यह सिलसिला जारी है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और सकारात्मक संवृद्धि की गति के साथ, मजबूत बुनियादी ढांचे प्रदर्शित करती है। फिर भी, हमें इस अस्थिर वैश्विक माहौल में सतर्क रहने की आवश्यकता है। तकनीकी प्रगति; आपूर्ति शृंखला पुनर्गठन, व्यापार और वित्तीय विखंडन; तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न नई वास्तविकताएं, अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करती हैं। इस परिस्थिति में, भारत अनुकूल जनसांख्यिकी[1], बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी तथा अनुकूल नीतिगत माहौल की सहायता से परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। इन कारकों का संगम आने वाले वर्षों में भारत में सतत उच्च संवृद्धि की संभावनाओं को उजागर करता है।[2]

हाल के वर्षों में, दुनिया एक के बाद एक संकटों से गुज़री है; और यह सिलसिला जारी है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और सकारात्मक संवृद्धि की गति के साथ, मजबूत बुनियादी ढांचे प्रदर्शित करती है। फिर भी, हमें इस अस्थिर वैश्विक माहौल में सतर्क रहने की आवश्यकता है। तकनीकी प्रगति; आपूर्ति शृंखला पुनर्गठन, व्यापार और वित्तीय विखंडन; तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न नई वास्तविकताएं, अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करती हैं। इस परिस्थिति में, भारत अनुकूल जनसांख्यिकी[1], बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी तथा अनुकूल नीतिगत माहौल की सहायता से परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। इन कारकों का संगम आने वाले वर्षों में भारत में सतत उच्च संवृद्धि की संभावनाओं को उजागर करता है।[2]

जून 07, 2024
दिनांक 6 जून 2024 को मुद्रा बाजार परिचालन

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 561,495.64 6.40 1.00-7.50 I. मांग मुद्रा 10,728.30 6.51 5.40-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 384,754.55 6.39 6.00-6.50 III. बाज़ार रेपो 165,084.79 6.40 1.00-7.37 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 928.00 6.73 6.55-7.50

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 561,495.64 6.40 1.00-7.50 I. मांग मुद्रा 10,728.30 6.51 5.40-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 384,754.55 6.39 6.00-6.50 III. बाज़ार रेपो 165,084.79 6.40 1.00-7.37 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 928.00 6.73 6.55-7.50

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2024