प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
I. परिणाम का सार भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 25,000.000 करोड़ प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 61,914.230 करोड़ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 24,453.319 करोड़
I. परिणाम का सार भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 25,000.000 करोड़ प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 61,914.230 करोड़ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 24,453.319 करोड़
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर अपने विनियमित निकायों के लिए ‘धन शोधन/ आतंकवादी वित्तपोषण के लिए आंतरिक जोखिम मूल्यांकन मार्गदर्शन’ (‘मार्गदर्शन नोट’) प्रकाशित किया है। पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर अपने विनियमित निकायों के लिए ‘धन शोधन/ आतंकवादी वित्तपोषण के लिए आंतरिक जोखिम मूल्यांकन मार्गदर्शन’ (‘मार्गदर्शन नोट’) प्रकाशित किया है। पृष्ठभूमि
भारत सरकार ने 11 अक्तूबर 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है।
भारत सरकार ने 11 अक्तूबर 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी आदेश बहियों, माल-सूचियों और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) का 67वां दौर शुरू किया। यह सर्वेक्षण जुलाई - सितंबर 2024 (2024-25 की दूसरी तिमाही) की संदर्भ अवधि के लिए है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी आदेश बहियों, माल-सूचियों और क्षमता उपयोग सर्वेक्षण (ओबीआईसीयूएस) का 67वां दौर शुरू किया। यह सर्वेक्षण जुलाई - सितंबर 2024 (2024-25 की दूसरी तिमाही) की संदर्भ अवधि के लिए है।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,23,711.57 6.27 3.00-6.60 I. मांग मुद्रा 9,077.67 6.43 5.10-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,74,188.00 6.26 6.20-6.46 III. बाज़ार रेपो 1,39,458.90 6.28 3.00-6.60 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 987.00 6.41 6.40-6.60 ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 244.10 6.40 5.90-6.50 II. मीयादी मुद्रा@@ 143.50 - 6.60-6.90 III. ट्राइपार्टी रेपो 495.00 6.38 6.33-6.45 IV. बाज़ार रेपो 302.19 6.56 6.54-6.65 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - -
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,23,711.57 6.27 3.00-6.60 I. मांग मुद्रा 9,077.67 6.43 5.10-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,74,188.00 6.26 6.20-6.46 III. बाज़ार रेपो 1,39,458.90 6.28 3.00-6.60 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 987.00 6.41 6.40-6.60 ख. मीयादी खंड I. सूचना मुद्रा** 244.10 6.40 5.90-6.50 II. मीयादी मुद्रा@@ 143.50 - 6.60-6.90 III. ट्राइपार्टी रेपो 495.00 6.38 6.33-6.45 IV. बाज़ार रेपो 302.19 6.56 6.54-6.65 V. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 0.00 - -
नीलामी का परिणाम 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय I. अधिसूचित राशि ₹7000 करोड़ ₹6000 करोड़ ₹6000 करोड़ II. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 79 62 113 (ii) राशि ₹ 23188.570 करोड़ ₹ 13434.250 करोड़ ₹ 26630.000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य/ प्रतिफल 98.4222 96.8408 93.8875 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.4300%) (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5424%) (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5283%) IV. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 37 39 52
नीलामी का परिणाम 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय I. अधिसूचित राशि ₹7000 करोड़ ₹6000 करोड़ ₹6000 करोड़ II. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 79 62 113 (ii) राशि ₹ 23188.570 करोड़ ₹ 13434.250 करोड़ ₹ 26630.000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य/ प्रतिफल 98.4222 96.8408 93.8875 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.4300%) (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5424%) (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5283%) IV. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 37 39 52
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: 1. उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– सितंबर 2024 2. परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– सितंबर 2024 3. विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2024-25 की पहली तिमाही 4. 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण 5. समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 90 दौर 1 6. 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए बैंक ऋण सर्वेक्षण 7. 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए सेवाएं और आधारभूत संरचना संभावना सर्वेक्षण सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: 1. उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– सितंबर 2024 2. परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– सितंबर 2024 3. विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2024-25 की पहली तिमाही 4. 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण 5. समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 90 दौर 1 6. 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए बैंक ऋण सर्वेक्षण 7. 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए सेवाएं और आधारभूत संरचना संभावना सर्वेक्षण सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य और कट-ऑफ मूल्य पर निहित प्रतिफल 98.4222 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.4300%) 96.8408 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5424%) 93.8875 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5283%) IV. स्वीकृत कुल अंकित मूल्य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़
I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य और कट-ऑफ मूल्य पर निहित प्रतिफल 98.4222 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.4300%) 96.8408 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5424%) 93.8875 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.5283%) IV. स्वीकृत कुल अंकित मूल्य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़
यह वक्तव्य (i) विनियमन और (ii) भुगतान प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. जिम्मेदार ऋण आचरण – ऋणों पर पुरोबंध प्रभार/ पूर्व भुगतान दंड लगाना मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों और एनबीएफसी को कारोबार के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए, सह-बाध्यताकारी(बाध्यताकारियों) के साथ या उनके बिना, व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को स्वीकृत किसी भी अस्थायी दर मीयादी ऋण पर पुरोबंध प्रभार/ पूर्व भुगतान दंड लगाने की अनुमति नहीं है। बेहतर पारदर्शिता और ऋणदाताओं द्वारा ग्राहक केन्द्रीकरण के माध्यम से ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से, ऐसे विनियमों के दायरे को व्यापक बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाओं द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) को दिए जाने वाले ऋणों को भी इसमें शामिल किया जा सके। इस संबंध में परिपत्र का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा।
यह वक्तव्य (i) विनियमन और (ii) भुगतान प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपायों को निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. जिम्मेदार ऋण आचरण – ऋणों पर पुरोबंध प्रभार/ पूर्व भुगतान दंड लगाना मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों और एनबीएफसी को कारोबार के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए, सह-बाध्यताकारी(बाध्यताकारियों) के साथ या उनके बिना, व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को स्वीकृत किसी भी अस्थायी दर मीयादी ऋण पर पुरोबंध प्रभार/ पूर्व भुगतान दंड लगाने की अनुमति नहीं है। बेहतर पारदर्शिता और ऋणदाताओं द्वारा ग्राहक केन्द्रीकरण के माध्यम से ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से, ऐसे विनियमों के दायरे को व्यापक बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि रिज़र्व बैंक की विनियमित संस्थाओं द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) को दिए जाने वाले ऋणों को भी इसमें शामिल किया जा सके। इस संबंध में परिपत्र का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा।
लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफ़आईटी) ढांचे को 2016 में शुरू किए जाने के बाद से 8 वर्ष पूरे हो चुके हैं। यह भारत में 21वीं सदी का एक प्रमुख संरचनात्मक सुधार है। यह निर्णय लेने के लिए समिति के दृष्टिकोण, नीति निर्माण प्रक्रिया और संचार की पारदर्शिता, मात्रात्मक रूप से परिभाषित मुद्रास्फीति लक्ष्य पर निर्भर जवाबदेही और परिचालनगत स्वतंत्रता के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में यह ढांचा विभिन्न ब्याज दर चक्रों और मौद्रिक नीति रुखों के अनुरूप परिपक्व हुआ है।
लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफ़आईटी) ढांचे को 2016 में शुरू किए जाने के बाद से 8 वर्ष पूरे हो चुके हैं। यह भारत में 21वीं सदी का एक प्रमुख संरचनात्मक सुधार है। यह निर्णय लेने के लिए समिति के दृष्टिकोण, नीति निर्माण प्रक्रिया और संचार की पारदर्शिता, मात्रात्मक रूप से परिभाषित मुद्रास्फीति लक्ष्य पर निर्भर जवाबदेही और परिचालनगत स्वतंत्रता के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में यह ढांचा विभिन्न ब्याज दर चक्रों और मौद्रिक नीति रुखों के अनुरूप परिपक्व हुआ है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 09, 2025