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अक्‍तूबर 01, 2025
91 दिवसीय, 182 दिवसीय और 364 दिवसीय खज़ाना बिल की नीलामी का परिणाम: कट-ऑफ

I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्‍य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्‍य और कट-ऑफ मूल्‍य पर निहित प्रतिफल 98.6502 (परिपक्वता प्रतिफल: 5.4881%) 97.2883 (परिपक्वता प्रतिफल: 5.5899%) 94.7108 (परिपक्वता प्रतिफल: 5.5999%) IV. स्‍वीकृत कुल अंकित मूल्‍य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़

I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्‍य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्‍य और कट-ऑफ मूल्‍य पर निहित प्रतिफल 98.6502 (परिपक्वता प्रतिफल: 5.4881%) 97.2883 (परिपक्वता प्रतिफल: 5.5899%) 94.7108 (परिपक्वता प्रतिफल: 5.5999%) IV. स्‍वीकृत कुल अंकित मूल्‍य ₹7,000 करोड़ ₹6,000 करोड़ ₹6,000 करोड़

अक्‍तूबर 01, 2025
3 अक्तूबर 2025 को ₹32,000 करोड़ की सरकारी प्रतिभूति की बिक्री के लिए हामीदारी नीलामी

भारत सरकार ने 3 अक्तूबर 2025 (शुक्रवार) को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूति की बिक्री (र्निर्गम) की घोषणा की है।

भारत सरकार ने 3 अक्तूबर 2025 (शुक्रवार) को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूति की बिक्री (र्निर्गम) की घोषणा की है।

अक्‍तूबर 01, 2025
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य

यह वक्तव्य (i) विनियमन; (ii) विदेशी मुद्रा प्रबंधन; (iii) उपभोक्ता संरक्षण और (iv) वित्तीय बाजारों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है।

 

  1. विनियमन

 

  1. प्रावधानीकरण के लिए अपेक्षित ऋण हानि (ईसीएल) ढांचा

 

     बैंकिंग क्षेत्र की आघात-सहनीयता को मज़बूत करने के उद्देश्य से, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और अखिल

यह वक्तव्य (i) विनियमन; (ii) विदेशी मुद्रा प्रबंधन; (iii) उपभोक्ता संरक्षण और (iv) वित्तीय बाजारों से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है।

 

  1. विनियमन

 

  1. प्रावधानीकरण के लिए अपेक्षित ऋण हानि (ईसीएल) ढांचा

 

     बैंकिंग क्षेत्र की आघात-सहनीयता को मज़बूत करने के उद्देश्य से, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और अखिल

अक्‍तूबर 01, 2025
गवर्नर का वक्तव्य: 1 अक्तूबर 2025

नमस्कार। नवरात्रि के अंतिम दिन की अनेकानेक बधाई, एवं कल दशहरा और गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। 2. अगस्त में आयोजित नीति की बैठक के बाद से, तेज़ी से बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच घरेलू स्तर पर हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रमों ने भारत में संवृद्धि-मुद्रास्फीति की गतिशीलता की कहानी बदल दी है। अच्छे मानसून से उत्साहित, भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 की पहली तिमाही में उच्च वृद्धि दर्ज करके मज़बूती का प्रदर्शन जारी रखे हुए है। साथ ही, हेडलाइन मुद्रास्फीति में भी उल्लेखनीय कमी आई है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को युक्तिसंगत बनाने से मुद्रास्फीति पर नरमी का प्रभाव पड़ने की संभावना है, साथ ही उपभोग और संवृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। दूसरी ओर, टैरिफ़ से निर्यात में कमी आएगी।

नमस्कार। नवरात्रि के अंतिम दिन की अनेकानेक बधाई, एवं कल दशहरा और गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। 2. अगस्त में आयोजित नीति की बैठक के बाद से, तेज़ी से बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच घरेलू स्तर पर हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रमों ने भारत में संवृद्धि-मुद्रास्फीति की गतिशीलता की कहानी बदल दी है। अच्छे मानसून से उत्साहित, भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 की पहली तिमाही में उच्च वृद्धि दर्ज करके मज़बूती का प्रदर्शन जारी रखे हुए है। साथ ही, हेडलाइन मुद्रास्फीति में भी उल्लेखनीय कमी आई है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को युक्तिसंगत बनाने से मुद्रास्फीति पर नरमी का प्रभाव पड़ने की संभावना है, साथ ही उपभोग और संवृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। दूसरी ओर, टैरिफ़ से निर्यात में कमी आएगी।

अक्‍तूबर 01, 2025
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2025-26 मौद्रिक नीति समिति का संकल्प 29 सितंबर से 1 अक्तूबर 2025

मौद्रिक नीति निर्णय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 57वीं बैठक 29 सितंबर से 1 अक्तूबर 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. पूनम गुप्ता और श्री इन्द्रनील भट्टाचार्य बैठक में शामिल हुए। 2. उभरते समष्टि आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रमों तथा संभावना का विस्तृत मूल्यांकन करने के बाद, एमपीसी ने सर्वसम्मति से चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया; परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 5.25 प्रतिशत पर बनी रहेगी, जबकि सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 5.75 प्रतिशत पर बनी

मौद्रिक नीति निर्णय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 57वीं बैठक 29 सितंबर से 1 अक्तूबर 2025 तक श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। एमपीसी के सदस्य डॉ. नागेश कुमार, श्री सौगत भट्टाचार्य, प्रो. राम सिंह, डॉ. पूनम गुप्ता और श्री इन्द्रनील भट्टाचार्य बैठक में शामिल हुए। 2. उभरते समष्टि आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रमों तथा संभावना का विस्तृत मूल्यांकन करने के बाद, एमपीसी ने सर्वसम्मति से चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया; परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 5.25 प्रतिशत पर बनी रहेगी, जबकि सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 5.75 प्रतिशत पर बनी

अक्‍तूबर 01, 2025
दिनांक 30 सितंबर 2025 को मुद्रा बाजार परिचालन

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 6,05,987.13 5.49 0.05-6.15 I. मांग मुद्रा 9,754.15 5.69 4.75-5.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,99,634.65 5.47 5.00-5.75 III. बाज़ार रेपो 1,92,062.78 5.50 0.05-6.15 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 4,535.55 5.73 5.60-5.90

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 6,05,987.13 5.49 0.05-6.15 I. मांग मुद्रा 9,754.15 5.69 4.75-5.85 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,99,634.65 5.47 5.00-5.75 III. बाज़ार रेपो 1,92,062.78 5.50 0.05-6.15 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 4,535.55 5.73 5.60-5.90

सितंबर 30, 2025
रिज़र्व बैंक ने 'त्वरित भुगतान– निष्क्रीय खाते और अदावी जमाराशि के लिए योजना की शुरुआत की’

रिज़र्व बैंक अपने जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जन साधारण को अपने निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने और बैंकों से अपनी अदावी जमाराशि का दावा करने के लिए प्रोत्साहित करता आ रहा है। इस प्रयास में, बैंकों को निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने और जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) को

रिज़र्व बैंक अपने जन जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जन साधारण को अपने निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने और बैंकों से अपनी अदावी जमाराशि का दावा करने के लिए प्रोत्साहित करता आ रहा है। इस प्रयास में, बैंकों को निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने और जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) को

सितंबर 30, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक 1 अक्तूबर 2025 को चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत 2-दिवसीय परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करेगा

वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, बुधवार, 1 अक्तूबर 2025 को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख

वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, बुधवार, 1 अक्तूबर 2025 को निम्नानुसार परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख

सितंबर 30, 2025
श्री शिरीष चंद्र मुर्मू को उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक के रूप में नियुक्त किया गया

भारत सरकार ने 30 सितंबर 2025 की अपनी अधिसूचना के माध्यम से तथा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 8 के उप-धारा (4) के साथ पठित धारा 8 के उप-धारा (1) के खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, श्री शिरीष चंद्र मुर्मू, कार्यपालक निदेशक को 9 अक्तूबर 2025 या उसके बाद पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है।

भारत सरकार ने 30 सितंबर 2025 की अपनी अधिसूचना के माध्यम से तथा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 8 के उप-धारा (4) के साथ पठित धारा 8 के उप-धारा (1) के खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, श्री शिरीष चंद्र मुर्मू, कार्यपालक निदेशक को 9 अक्तूबर 2025 या उसके बाद पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 05, 2025