प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में आया है कि अनैतिक तत्व, किसी न किसी रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उपयोग करके जनता को धोखा देने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे धोखेबाजों द्वारा अपनाई गई विभिन्न कार्यप्रणालियों का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:
भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में आया है कि अनैतिक तत्व, किसी न किसी रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उपयोग करके जनता को धोखा देने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे धोखेबाजों द्वारा अपनाई गई विभिन्न कार्यप्रणालियों का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 30 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है:
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 30 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है:
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से मुद्रास्फीति पर घरेलू अपेक्षाओं से संबंधित सर्वेक्षण कराता रहा है। सर्वेक्षण के सितंबर 2024 दौर की शुरुआत की जा रही है। सर्वेक्षण का उद्देश्य 19 शहरों, अर्थात्, अहमदाबाद, बेंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ, चेन्नई, दिल्ली,
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) आयोजित करता रहा है। सर्वेक्षण का सितंबर 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण में परिवारों से सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और खर्च पर उनके मनोभावों के बारे में गुणात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है। यह सर्वेक्षण नियमित रूप से 19 शहरों, अर्थात् अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरुवनंतपुरम में किया जाता है। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) आयोजित करता रहा है। सर्वेक्षण का सितंबर 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण में परिवारों से सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और खर्च पर उनके मनोभावों के बारे में गुणात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है। यह सर्वेक्षण नियमित रूप से 19 शहरों, अर्थात् अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरुवनंतपुरम में किया जाता है। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा उत्तरकाशी जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, उत्तरकाशी (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20(1) और धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा उत्तरकाशी जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, उत्तरकाशी (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 20(1) और धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा महोबा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महोबा, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – यूसीबी’ तथा ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक /अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹8.00 लाख (आठ लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा महोबा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महोबा, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए(2) के प्रावधानों के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – यूसीबी’ तथा ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक /अन्य प्रतिबंध – यूसीबी’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹8.00 लाख (आठ लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा यू.पी. पोस्टल प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा यू.पी. पोस्टल प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारत सरकार ने 30 अगस्त 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (निर्गम/ पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी (पीडी) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं:
भारत सरकार ने 30 अगस्त 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (निर्गम/ पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी (पीडी) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं:
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 548,800.05 6.46 2.00-7.60 I. मांग मुद्रा 12,698.71 6.56 5.10-6.75 II. ट्राइपार्टी रेपो 396,098.90 6.46 6.41-6.58 III. बाज़ार रेपो 139,122.44 6.43 2.00-6.75 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 880.00 6.65 6.60-7.60
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 548,800.05 6.46 2.00-7.60 I. मांग मुद्रा 12,698.71 6.56 5.10-6.75 II. ट्राइपार्टी रेपो 396,098.90 6.46 6.41-6.58 III. बाज़ार रेपो 139,122.44 6.43 2.00-6.75 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 880.00 6.65 6.60-7.60
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'फिनटेक क्षेत्र में स्व-विनियामक संगठन(नों) के लिए रूपरेखा' (रूपरेखा) जारी की थी और फिनटेक क्षेत्र में स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ-एफटी) के रूप में मान्यता के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। 2. एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता हेतु तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस रूपरेखा के अंतर्गत संबद्ध आवश्यकताओं के आधार पर प्रत्येक आवेदन की जांच की गई। 3. यह निर्णय लिया गया है कि फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (एफ़एसीई) को एसआरओ-एफ़टी के रूप में मान्यता दी जाए। शेष दो आवेदनों में से एक आवेदन को कतिपय आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद पुनः प्रस्तुत करने के प्रावधान के साथ वापस कर दिया गया है। तीसरे आवेदन की जांच की जा रही है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'फिनटेक क्षेत्र में स्व-विनियामक संगठन(नों) के लिए रूपरेखा' (रूपरेखा) जारी की थी और फिनटेक क्षेत्र में स्व-विनियामक संगठन (एसआरओ-एफटी) के रूप में मान्यता के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। 2. एसआरओ-एफटी के रूप में मान्यता हेतु तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस रूपरेखा के अंतर्गत संबद्ध आवश्यकताओं के आधार पर प्रत्येक आवेदन की जांच की गई। 3. यह निर्णय लिया गया है कि फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (एफ़एसीई) को एसआरओ-एफ़टी के रूप में मान्यता दी जाए। शेष दो आवेदनों में से एक आवेदन को कतिपय आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद पुनः प्रस्तुत करने के प्रावधान के साथ वापस कर दिया गया है। तीसरे आवेदन की जांच की जा रही है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2024