प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा सुवर्णयुग सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा सुवर्णयुग सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– जुलाई 2024 परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– जुलाई 2024 विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2023-24 की चौथी तिमाही 2024-25 की पहली तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 89वां दौर[1] 2024-25 की पहली तिमाही के लिए बैंक ऋण सर्वेक्षण 2024-25 की पहली तिमाही के लिए सेवाएं और आधारभूत संरचना संभावना सर्वेक्षण सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– जुलाई 2024 परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– जुलाई 2024 विनिर्माण क्षेत्र पर ओबीआईसीयूएस सर्वेक्षण - 2023-24 की चौथी तिमाही 2024-25 की पहली तिमाही के लिए विनिर्माण क्षेत्र का औद्योगिक संभावना सर्वेक्षण समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 89वां दौर[1] 2024-25 की पहली तिमाही के लिए बैंक ऋण सर्वेक्षण 2024-25 की पहली तिमाही के लिए सेवाएं और आधारभूत संरचना संभावना सर्वेक्षण सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा निधि को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा निधि को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 14 पूर्वाह्न 10:30 बजे से पूर्वाह्न 11:00 बजे 23 अगस्त 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 13 फरवरी 2020 की प्रेस प्रकाशनी 2019-20/1947 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/855
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 9 अगस्त 2024, शुक्रवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है: क्रम संख्या अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) अवधि (दिन) समयावधि प्रत्यावर्तन की तारीख 1 1,00,000 14 पूर्वाह्न 10:30 बजे से पूर्वाह्न 11:00 बजे 23 अगस्त 2024 (शुक्रवार) 2. भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 13 फरवरी 2020 की प्रेस प्रकाशनी 2019-20/1947 में दिए गए नीलामी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश यथावत् रहेंगे। (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/855
दिनांक 31 मार्च 2021 को शिमशा सहकारी बैंक नियामिता, मद्दुर, मंड्या जिला (इसके बाद "बैंक" के रूप में संदर्भित) के वित्तीय स्थिति के संबंध में किए गए इसके सांविधिक निरीक्षण, जिसमें सीआरएआर (-) 79.74%, निवल मालियत ₹(-) 4.67 करोड़ और जमा क्षरण 19.61% का मूल्यांकन किया गया, से यह पता चला कि इसके वित्तीय स्थिति में काफी गिरावट आई है, अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा बैंक को दिनांक 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से सर्वसमावेशी निदेश(एआईडी) के अंतर्गत रखा। एआईडी को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछला विस्तार 24 अगस्त 2024 को कारोबार समाप्ति तक वैध है।
दिनांक 31 मार्च 2021 को शिमशा सहकारी बैंक नियामिता, मद्दुर, मंड्या जिला (इसके बाद "बैंक" के रूप में संदर्भित) के वित्तीय स्थिति के संबंध में किए गए इसके सांविधिक निरीक्षण, जिसमें सीआरएआर (-) 79.74%, निवल मालियत ₹(-) 4.67 करोड़ और जमा क्षरण 19.61% का मूल्यांकन किया गया, से यह पता चला कि इसके वित्तीय स्थिति में काफी गिरावट आई है, अतः भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2023 के निदेश BLR.DOS.SSMS.No.S2174/12-08-295/2022-23 द्वारा बैंक को दिनांक 24 फरवरी 2023 को कारोबार की समाप्ति से सर्वसमावेशी निदेश(एआईडी) के अंतर्गत रखा। एआईडी को समय-समय पर बढ़ाया गया तथा पिछला विस्तार 24 अगस्त 2024 को कारोबार समाप्ति तक वैध है।
भारत सरकार ने 9 अगस्त 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (निर्गम/ पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी (पीडी) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं:
भारत सरकार ने 9 अगस्त 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (निर्गम/ पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी (पीडी) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं:
यह वक्तव्य (i) विनियमन; और (ii) भुगतान प्रणाली से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. डिजिटल ऋण ऐप्स की सार्वजनिक रिपोज़िटरी ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, ब्याज दरों और वसूली पद्धतियों संबंधी चिंताओं, अपविक्रय आदि के संबंध में डिजिटल ऋण पर दिशानिर्देश 2 सितंबर 2022 को जारी किए गए थे। तथापि, मीडिया रिपोर्टों ने डिजिटल ऋण में अनैतिक लोगों की निरंतर उपस्थिति को उजागर किया है जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के साथ अपने जुड़ाव का झूठा दावा करते हैं। तदनुसार, डिजिटल ऋण ऐप (डीएलए) के आरई के साथ जुड़ाव के दावे को सत्यापित करने में ग्राहकों की सहायता के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक आरई द्वारा नियोजित डीएलए की एक सार्वजनिक रिपोज़िटरी बना रहा है जो रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यह रिपोज़िटरी, आरई द्वारा (रिज़र्व बैंक के किसी मध्यक्षेप के बिना) सीधे रिपोज़िटरी को प्रस्तुत किए गए डेटा पर आधारित होगी और जब भी आरई विवरण रिपोर्ट करेंगे, अर्थात नए डीएलए को जोड़ना या किसी मौजूदा डीएलए को हटाना, तो यह अद्यतित हो जाएगी।
यह वक्तव्य (i) विनियमन; और (ii) भुगतान प्रणाली से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. डिजिटल ऋण ऐप्स की सार्वजनिक रिपोज़िटरी ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, ब्याज दरों और वसूली पद्धतियों संबंधी चिंताओं, अपविक्रय आदि के संबंध में डिजिटल ऋण पर दिशानिर्देश 2 सितंबर 2022 को जारी किए गए थे। तथापि, मीडिया रिपोर्टों ने डिजिटल ऋण में अनैतिक लोगों की निरंतर उपस्थिति को उजागर किया है जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के साथ अपने जुड़ाव का झूठा दावा करते हैं। तदनुसार, डिजिटल ऋण ऐप (डीएलए) के आरई के साथ जुड़ाव के दावे को सत्यापित करने में ग्राहकों की सहायता के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक आरई द्वारा नियोजित डीएलए की एक सार्वजनिक रिपोज़िटरी बना रहा है जो रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। यह रिपोज़िटरी, आरई द्वारा (रिज़र्व बैंक के किसी मध्यक्षेप के बिना) सीधे रिपोज़िटरी को प्रस्तुत किए गए डेटा पर आधारित होगी और जब भी आरई विवरण रिपोर्ट करेंगे, अर्थात नए डीएलए को जोड़ना या किसी मौजूदा डीएलए को हटाना, तो यह अद्यतित हो जाएगी।
सितंबर 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की यह 50वीं बैठक थी। लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) ढांचा जल्द ही अपने कामकाज के आठ वर्ष पूरे कर लेगा। इस ढांचे ने अत्यधिक तनाव के समय में भी समष्टि-आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में अच्छा काम किया है। इसका अंतर्निहित लचीलापन, महामारी से संबंधित तनाव, यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव-प्रसार और जारी भू-राजनीतिक संकट का सामना कर सका है। आज, जबकि भारत की संवृद्धि सुदृढ़ बनी हुई है, मुद्रास्फीति में मोटे तौर पर गिरावट देखी जा रही है। मजबूत समष्टि-आर्थिक बुनियाद ने भारत की संभावनाओं में अधिक विश्वास उत्पन्न किया है।
सितंबर 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की यह 50वीं बैठक थी। लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) ढांचा जल्द ही अपने कामकाज के आठ वर्ष पूरे कर लेगा। इस ढांचे ने अत्यधिक तनाव के समय में भी समष्टि-आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में अच्छा काम किया है। इसका अंतर्निहित लचीलापन, महामारी से संबंधित तनाव, यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव-प्रसार और जारी भू-राजनीतिक संकट का सामना कर सका है। आज, जबकि भारत की संवृद्धि सुदृढ़ बनी हुई है, मुद्रास्फीति में मोटे तौर पर गिरावट देखी जा रही है। मजबूत समष्टि-आर्थिक बुनियाद ने भारत की संभावनाओं में अधिक विश्वास उत्पन्न किया है।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 अगस्त 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 अगस्त 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 501,423.01 6.37 5.00-7.00 I. मांग मुद्रा 10,908.38 6.48 5.10-6.75 II. ट्राइपार्टी रेपो 342,161.25 6.36 6.27-6.85 III. बाज़ार रेपो 147,380.38 6.39 5.00-7.00 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 973.00 6.50 6.50-6.51
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 501,423.01 6.37 5.00-7.00 I. मांग मुद्रा 10,908.38 6.48 5.10-6.75 II. ट्राइपार्टी रेपो 342,161.25 6.36 6.27-6.85 III. बाज़ार रेपो 147,380.38 6.39 5.00-7.00 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 973.00 6.50 6.50-6.51
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2024