प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा प्रोग्रेसिव को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' तथा 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा प्रोग्रेसिव को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' तथा 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे' के अंतर्गत दिनांक 24 जनवरी 2020 के पत्र के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी परिचालन निर्देशों के अननुपालन के लिए ₹23.30 लाख (तेईस लाख तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे' के अंतर्गत दिनांक 24 जनवरी 2020 के पत्र के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी परिचालन निर्देशों के अननुपालन के लिए ₹23.30 लाख (तेईस लाख तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
फरवरी 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।
फरवरी 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े तालिका 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।
तिमाही बीएसआर-2: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि[1]– दिसंबर 2023[2]आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि– दिसंबर 2023’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल[3] (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया।
तिमाही बीएसआर-2: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि[1]– दिसंबर 2023[2]आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि– दिसंबर 2023’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल[3] (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का बकाया ऋण, दिसंबर 2023’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन,
भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। यह खाता-स्तरीय जानकारी के आधार पर, बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं, यथा, उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते के प्रकार और ब्याज दरों को प्रस्तुत करता है । 90 एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़े, बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए गए हैं ।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘तिमाही आधारभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर)-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का बकाया ऋण, दिसंबर 2023’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन,
भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। यह खाता-स्तरीय जानकारी के आधार पर, बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं, यथा, उधारकर्ता का व्यवसाय/ गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते के प्रकार और ब्याज दरों को प्रस्तुत करता है । 90 एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़े, बैंक समूहों, जनसंख्या समूहों और राज्यों के लिए प्रस्तुत किए गए हैं ।
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) आयोजित करता रहा है। सर्वेक्षण के मार्च 2024 दौर की शुरुआत की जा रही है। सर्वेक्षण में परिवारों से सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और व्यय पर उनके मनोभावों के बारे में गुणात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है। यह सर्वेक्षण नियमित रूप से 19 शहरों, अर्थात् अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरुवनंतपुरम में किया जाता है। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) आयोजित करता रहा है। सर्वेक्षण के मार्च 2024 दौर की शुरुआत की जा रही है। सर्वेक्षण में परिवारों से सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, मूल्य स्तर, परिवारों की आय और व्यय पर उनके मनोभावों के बारे में गुणात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है। यह सर्वेक्षण नियमित रूप से 19 शहरों, अर्थात् अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरुवनंतपुरम में किया जाता है। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से मुद्रास्फीति पर परिवारों की अपेक्षाओं से संबंधित सर्वेक्षण करा रहा है। सर्वेक्षण का मार्च 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण का उद्देश्य 19 शहरों, अर्थात्, अहमदाबाद, बेंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरूवनंतपुरम, में परिवारों का उनके व्यक्तिगत खपत समूह पर आधारित मूल्य गतिविधि और मुद्रास्फीति पर वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन कराना है। इस सर्वेक्षण में परिवारों से अगले तीन माह तथा एक वर्ष मे कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव (सामान्य कीमतें और विशिष्ट उत्पाद समूहों की कीमतें) पर गुणात्मक प्रतिक्रियाएं मांगी जाती हैं तथा वर्तमान, अगले तीन माह और अगले एक वर्ष में मुद्रास्फीति दरों पर मात्रात्मक प्रक्रियाएं मांगी जाती हैं। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति निर्माण के लिए उपयोगी सूचना प्रदान करते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से मुद्रास्फीति पर परिवारों की अपेक्षाओं से संबंधित सर्वेक्षण करा रहा है। सर्वेक्षण का मार्च 2024 दौर शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण का उद्देश्य 19 शहरों, अर्थात्, अहमदाबाद, बेंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची और तिरूवनंतपुरम, में परिवारों का उनके व्यक्तिगत खपत समूह पर आधारित मूल्य गतिविधि और मुद्रास्फीति पर वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन कराना है। इस सर्वेक्षण में परिवारों से अगले तीन माह तथा एक वर्ष मे कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव (सामान्य कीमतें और विशिष्ट उत्पाद समूहों की कीमतें) पर गुणात्मक प्रतिक्रियाएं मांगी जाती हैं तथा वर्तमान, अगले तीन माह और अगले एक वर्ष में मुद्रास्फीति दरों पर मात्रात्मक प्रक्रियाएं मांगी जाती हैं। इस सर्वेक्षण के परिणाम मौद्रिक नीति निर्माण के लिए उपयोगी सूचना प्रदान करते हैं।
जनवरी 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।
जनवरी 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा नोबल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नोएडा, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा नोबल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नोएडा, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा आदर्श महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों' संबंधी निदेशों और पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा आदर्श महिला को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनके हित हों' संबंधी निदेशों और पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 18, 2024