प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 जुलाई 2024 से श्रीमती चारुलता एस कर को कार्यपालक निदेशक के रूप में नियुक्त किया। कार्यपालक निदेशक के रूप में पदोन्नत होने से पूर्व, श्रीमती कर मानव संसाधन प्रबंध विभाग में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थीं।
श्रीमती कर को रिज़र्व बैंक में भुगतान एवं निपटान प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी, सरकारी बैंकिंग, आंतरिक लेखा और मानव संसाधन प्रबंध के क्षेत्रों में कार्य करने का तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने बीआईएस के कई कार्य दल में रिज़र्व बैंक का प्रतिनिधित्व किया है और अन्य आंतरिक और बाह्य समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1 जुलाई 2024 से श्रीमती चारुलता एस कर को कार्यपालक निदेशक के रूप में नियुक्त किया। कार्यपालक निदेशक के रूप में पदोन्नत होने से पूर्व, श्रीमती कर मानव संसाधन प्रबंध विभाग में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थीं।
श्रीमती कर को रिज़र्व बैंक में भुगतान एवं निपटान प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी, सरकारी बैंकिंग, आंतरिक लेखा और मानव संसाधन प्रबंध के क्षेत्रों में कार्य करने का तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने बीआईएस के कई कार्य दल में रिज़र्व बैंक का प्रतिनिधित्व किया है और अन्य आंतरिक और बाह्य समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 जून 2024 के आदेश द्वारा दि गुजरात राज्य कर्मचारी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण - प्रस्तुति और प्रकटीकरण', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना', 'सहकारी बैंक - जमाराशियों पर ब्याज दर' संबंधी निदेशों के अननुपालन और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 की उप-धारा (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के साथ-साथ बीआर अधिनियम की धाराओं 46(2) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(ए) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 जून 2024 के आदेश द्वारा दि गुजरात राज्य कर्मचारी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'वित्तीय विवरण - प्रस्तुति और प्रकटीकरण', 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना', 'सहकारी बैंक - जमाराशियों पर ब्याज दर' संबंधी निदेशों के अननुपालन और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 की उप-धारा (2) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹7.50 लाख (सात लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के साथ-साथ बीआर अधिनियम की धाराओं 46(2) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(ए) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 जून 2024 के आदेश द्वारा दि रोहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मधुबनी, बिहार (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 जून 2024 के आदेश द्वारा दि रोहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मधुबनी, बिहार (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 जून 2024 के आदेश द्वारा दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 जून 2024 के आदेश द्वारा दि नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 जून 2024 के आदेश द्वारा दि बैंक एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 जून 2024 के आदेश द्वारा दि बैंक एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी निदेशों के अननुपलान के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 3 जून 2024 से श्री अर्णब कुमार चौधरी को कार्यपालक निदेशक के रूप में नियुक्त किया। कार्यपालक निदेशक के रूप में पदोन्नत होने से पूर्व, श्री चौधरी पर्यवेक्षण विभाग में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 3 जून 2024 से श्री अर्णब कुमार चौधरी को कार्यपालक निदेशक के रूप में नियुक्त किया। कार्यपालक निदेशक के रूप में पदोन्नत होने से पूर्व, श्री चौधरी पर्यवेक्षण विभाग में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे।
अस्थिर दर वाले बचत बॉण्ड, 2020 (कर योग्य) - एफ़आरएसबी 2020 (टी) पर भारत सरकार की दिनांक 26 जून 2020 की अधिसूचना एफ़.संख्या.4(10)-बी(डब्ल्यूएंडएम)/2020 के पैरा 13 (ii) के अनुसार, बॉण्ड के कूपन/ ब्याज दर को छमाही में पुनर्निर्धारित किया जाएगा, जो 1 जनवरी 2021 से शुरू होगा और कूपन/ ब्याज दर को प्रचलित राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) दर से अधिक (+) 35 बीपीएस के स्प्रेड पर निर्धारित किया जाएगा।
अस्थिर दर वाले बचत बॉण्ड, 2020 (कर योग्य) - एफ़आरएसबी 2020 (टी) पर भारत सरकार की दिनांक 26 जून 2020 की अधिसूचना एफ़.संख्या.4(10)-बी(डब्ल्यूएंडएम)/2020 के पैरा 13 (ii) के अनुसार, बॉण्ड के कूपन/ ब्याज दर को छमाही में पुनर्निर्धारित किया जाएगा, जो 1 जनवरी 2021 से शुरू होगा और कूपन/ ब्याज दर को प्रचलित राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) दर से अधिक (+) 35 बीपीएस के स्प्रेड पर निर्धारित किया जाएगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मई 2023 की प्रेस प्रकाशनी 2023-2024/257 के माध्यम से ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोटों को संचलन से वापस लेने की घोषणा की थी। ₹2000 के बैंकनोटों को वापस लेने संबंधी स्थिति को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर प्रकाशित किया जा रहा है। इस संबंध में पिछली प्रेस प्रकाशनी 3 जून 2024 को प्रकाशित की गई थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 मई 2023 की प्रेस प्रकाशनी 2023-2024/257 के माध्यम से ₹2000 मूल्यवर्ग के बैंकनोटों को संचलन से वापस लेने की घोषणा की थी। ₹2000 के बैंकनोटों को वापस लेने संबंधी स्थिति को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर प्रकाशित किया जा रहा है। इस संबंध में पिछली प्रेस प्रकाशनी 3 जून 2024 को प्रकाशित की गई थी।
अवधिअधिसूचित राशि(₹ करोड़ में) प्राप्तप्रस्तावों की कुल राशि(₹ करोड़ में)स्वीकृतराशि(₹ करोड़ में)कट ऑफ दर (%)भारित औसत दर (%)कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत
अवधिअधिसूचित राशि(₹ करोड़ में) प्राप्तप्रस्तावों की कुल राशि(₹ करोड़ में)स्वीकृतराशि(₹ करोड़ में)कट ऑफ दर (%)भारित औसत दर (%)कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत
भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत की तेज़ भुगतान प्रणाली (एफपीएस) - एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) को सीमापारीय व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतान के लिए विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधित एफपीएस से संबद्धता के लिए द्विपक्षीय सहयोग कर रहा है। जबकि भारत और उसके सहभागी देश, तेज़ भुगतान प्रणालियों की ऐसी द्विपक्षीय संबद्धता के माध्यम से लाभ लेना जारी रख सकते हैं, एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण, भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने के हमारे प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत की तेज़ भुगतान प्रणाली (एफपीएस) - एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) को सीमापारीय व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतान के लिए विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधित एफपीएस से संबद्धता के लिए द्विपक्षीय सहयोग कर रहा है। जबकि भारत और उसके सहभागी देश, तेज़ भुगतान प्रणालियों की ऐसी द्विपक्षीय संबद्धता के माध्यम से लाभ लेना जारी रख सकते हैं, एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण, भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने के हमारे प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2024