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अप्रैल 24, 2024
आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) के लिए मास्टर निदेश

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनी) निदेश, 2024 जारी किया है। इन निदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इस मास्टर निदेश में, एआरसी संबंधी मास्टर निदेश और मास्टर निदेश - प्रायोजकों के लिए उचित और उपयुक्त मानदंड - आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 द्वारा एआरसी को जारी मौजूदा विनियामक दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक  प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/169

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनी) निदेश, 2024 जारी किया है। इन निदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इस मास्टर निदेश में, एआरसी संबंधी मास्टर निदेश और मास्टर निदेश - प्रायोजकों के लिए उचित और उपयुक्त मानदंड - आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 द्वारा एआरसी को जारी मौजूदा विनियामक दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक  प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/169

अप्रैल 24, 2024
दिनांक 23 अप्रैल 2024 को मुद्रा बाजार परिचालन

(Amount in ₹ Crore, Rate in Per cent) MONEY MARKETS@ Volume (One Leg) Weighted Average Rate Range A. Overnight Segment (I+II+III+IV) 5,58,929.08 6.59 0.01-7.25 I. Call Money 11,337.69 6.65 5.10-6.78 II. Triparty Repo 3,79,227.10 6.64 6.59-6.80 III. Market Repo 1,67,582.29 6.48 0.01-6.78 IV. Repo in Corporate Bond 782.00 6.82 6.75-7.25

(Amount in ₹ Crore, Rate in Per cent) MONEY MARKETS@ Volume (One Leg) Weighted Average Rate Range A. Overnight Segment (I+II+III+IV) 5,58,929.08 6.59 0.01-7.25 I. Call Money 11,337.69 6.65 5.10-6.78 II. Triparty Repo 3,79,227.10 6.64 6.59-6.80 III. Market Repo 1,67,582.29 6.48 0.01-6.78 IV. Repo in Corporate Bond 782.00 6.82 6.75-7.25

अप्रैल 23, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S592/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 23 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।

जन सामान्य के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश संदर्भ सं. CO.DOS.SED.No.S592/45-11-001/2024-2025 द्वारा दि कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उल्हासनगर को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 23 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति से बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 23 अप्रैल 2024 के निदेश, जिसकी एक प्रति इच्‍छुक जन सामान्य के अवलोकनार्थ बैंक की वेबसाइट/ परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथाअधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम को संस्वीकृत या नवीकृत नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना भी शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। बैंक की वर्तमान चलनिधि स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों में निर्धारित शर्तों के अधीन जमा के एवज में ऋण को समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी जा सकती है।

अप्रैल 23, 2024
राज्य सरकार प्रतिभूतियों की नीलामी का पूर्ण परिणाम

आंध्र प्रदेश 2032 आंध्र प्रदेश 2040 आंध्र प्रदेश 2044 केरल 20 39 अधिसूचित राशि 1000 1000 1000 1000 अवधि 816 20 15 प्राप्‍त प्रतिस्‍पर्धी बोलियां (i) संख्या 79 57 39 55 (ii) राशि 5810

आंध्र प्रदेश 2032 आंध्र प्रदेश 2040 आंध्र प्रदेश 2044 केरल 20 39 अधिसूचित राशि 1000 1000 1000 1000 अवधि 816 20 15 प्राप्‍त प्रतिस्‍पर्धी बोलियां (i) संख्या 79 57 39 55 (ii) राशि 5810

अप्रैल 23, 2024
प्रतिचक्रीय पूंजी बफर की आवश्यकता की समीक्षा

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 5 फरवरी 2015 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रतिचक्रीय पूंजी बफर (सीसीवाईबी) संबंधी ढांचा तैयार किया गया था, जिसमें यह सूचित किया गया था कि सीसीवाईबी को तब सक्रिय किया जाएगा, जब परिस्थितियों के अनुसार ऐसा जरूरी हो, और इस निर्णय की सामान्य रूप से पूर्व में घोषणा की जाएगी। इस ढांचे में मुख्य संकेतक के रूप में ऋण से जीडीपी के अंतर की परिकल्पना की गई है, जिसका उपयोग अन्य पूरक संकेतकों के साथ संयोजन में किया जा सकता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 5 फरवरी 2015 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रतिचक्रीय पूंजी बफर (सीसीवाईबी) संबंधी ढांचा तैयार किया गया था, जिसमें यह सूचित किया गया था कि सीसीवाईबी को तब सक्रिय किया जाएगा, जब परिस्थितियों के अनुसार ऐसा जरूरी हो, और इस निर्णय की सामान्य रूप से पूर्व में घोषणा की जाएगी। इस ढांचे में मुख्य संकेतक के रूप में ऋण से जीडीपी के अंतर की परिकल्पना की गई है, जिसका उपयोग अन्य पूरक संकेतकों के साथ संयोजन में किया जा सकता है।

अप्रैल 23, 2024
आरबीआई बुलेटिन– अप्रैल 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने मासिक बुलेटिन का अप्रैल 2024 अंक आज जारी किया। बुलेटिन में मौद्रिक नीति वक्तव्य (3-5 अप्रैल) 2024-2025, पाँच भाषण, छह आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। छह आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. भारत के सेवा निर्यात को क्या संचालित करता है?; III. खाद्य और ईंधन की कीमतें: भारत में हेडलाइन मुद्रास्फीति पर दूसरे दौर के प्रभाव; IV. उच्च अस्थिरता वाले प्रकरणों में भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि- एक अनुभवजन्य मूल्यांकन ; V. विनियामक संचार की भाषाई जटिलता का आकलन: भारत के लिए एक मामला अध्ययन; और VI. सर्वेक्षणों के लिए परोक्ष निगरानी प्रणाली (ओएमओएसवाईएस): गुणवत्ता आश्वासन के लिए एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित दृष्टिकोण।   I. अर्थव्यवस्था की स्थिति  2024 की पहली तिमाही में वैश्विक संवृद्धि की गति बरकरार रही और वैश्विक व्यापार की संभावना सकारात्मक हो रही है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में खजाना प्रतिफल और बंधक दरें बढ़ रही हैं क्योंकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो रही हैं। भारत में, मजबूत निवेश मांग तथा उत्साहित कारोबारी और उपभोक्ता मनोभावों के समर्थन से, वास्तविक जीडीपी संवृद्धि में बढ़ोत्तरी की प्रवृत्ति के विस्तार के लिए स्थितियां बन रही हैं। मार्च में सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले दो महीनों में औसतन 5.1 प्रतिशत के बाद कम होकर 4.9 प्रतिशत हो गई है। तथापि, निकट अवधि में, चरम मौसम की घटनाओं के साथ-साथ दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव, जो कच्चे तेल की कीमतों को अस्थिर रख सकता है, के कारण मुद्रास्फीति के लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने मासिक बुलेटिन का अप्रैल 2024 अंक आज जारी किया। बुलेटिन में मौद्रिक नीति वक्तव्य (3-5 अप्रैल) 2024-2025, पाँच भाषण, छह आलेख और वर्तमान आंकड़े शामिल हैं। छह आलेख हैं: I. अर्थव्यवस्था की स्थिति; II. भारत के सेवा निर्यात को क्या संचालित करता है?; III. खाद्य और ईंधन की कीमतें: भारत में हेडलाइन मुद्रास्फीति पर दूसरे दौर के प्रभाव; IV. उच्च अस्थिरता वाले प्रकरणों में भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि- एक अनुभवजन्य मूल्यांकन ; V. विनियामक संचार की भाषाई जटिलता का आकलन: भारत के लिए एक मामला अध्ययन; और VI. सर्वेक्षणों के लिए परोक्ष निगरानी प्रणाली (ओएमओएसवाईएस): गुणवत्ता आश्वासन के लिए एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित दृष्टिकोण।   I. अर्थव्यवस्था की स्थिति  2024 की पहली तिमाही में वैश्विक संवृद्धि की गति बरकरार रही और वैश्विक व्यापार की संभावना सकारात्मक हो रही है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में खजाना प्रतिफल और बंधक दरें बढ़ रही हैं क्योंकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो रही हैं। भारत में, मजबूत निवेश मांग तथा उत्साहित कारोबारी और उपभोक्ता मनोभावों के समर्थन से, वास्तविक जीडीपी संवृद्धि में बढ़ोत्तरी की प्रवृत्ति के विस्तार के लिए स्थितियां बन रही हैं। मार्च में सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले दो महीनों में औसतन 5.1 प्रतिशत के बाद कम होकर 4.9 प्रतिशत हो गई है। तथापि, निकट अवधि में, चरम मौसम की घटनाओं के साथ-साथ दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव, जो कच्चे तेल की कीमतों को अस्थिर रख सकता है, के कारण मुद्रास्फीति के लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है।

अप्रैल 23, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा – अवधि बढ़ाना

एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।

एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 28 जुलाई 2022 के निदेश HYD.DOS.INSP4.No.S241/15-36-070/2022-2023 द्वारा दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा को 29 जनवरी 2023 तक छः माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे पिछली बार दिनांक 24 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON/D-117/12.24.020/2023-24 द्वारा 29 अप्रैल 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जन हित में, उक्त निदेश की परिचलान अवधि को 29 अप्रैल 2024 से आगे बढ़ाना आवश्यक है।

अप्रैल 23, 2024
दिनांक 22 अप्रैल 2024 को मुद्रा बाजार परिचालन

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,78,249.63 6.57 1.00-7.25 I. मांग मुद्रा 12,385.90 6.61 5.10-6.80 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,79,471.05 6.64 6.46-6.82 III. बाज़ार रेपो 1,85,595.68 6.43 1.00-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 797.00 6.83 6.75-7.25

(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 5,78,249.63 6.57 1.00-7.25 I. मांग मुद्रा 12,385.90 6.61 5.10-6.80 II. ट्राइपार्टी रेपो 3,79,471.05 6.64 6.46-6.82 III. बाज़ार रेपो 1,85,595.68 6.43 1.00-6.90 IV. कॉरपोरेट बॉण्‍ड में रेपो 797.00 6.83 6.75-7.25

अप्रैल 23, 2024
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – अवधि बढ़ाना – दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी, पश्चिम बंगाल

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित    22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 21 जुलाई 2022 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S-2574/12-07-005/2022-23 द्वारा दि सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरी (पश्चिम बंगाल) को समय-समय पर यथासंशोधित    22 जनवरी 2023 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 15 जनवरी 2024 के निदेश सं. DOR.MON.D-114/12.29.046/ 2023-24 के माध्यम से 22 अप्रैल 2024 तक बढ़ाया गया था।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2024