प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
निम्नलिखित राज्य सरकारों ने नीलामी के माध्यम से कुल ₹16,100 करोड़ (अंकित मूल्य) की राशि के लिए स्टॉक की बिक्री का प्रस्ताव किया है। क्र. सं. राज्य जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) अतिरिक्त उधार (ग्रीन शू) विकल्प (₹ करोड़) अवधि (वर्ष) नीलामी का प्रकार 1 आंध्र प्रदेश 500 - 06 प्रतिफल 1000 - 17 प्रतिफल 500 - 18 प्रतिफल 1000 - 19 प्रतिफल 1000 - 20 प्रतिफल
निम्नलिखित राज्य सरकारों ने नीलामी के माध्यम से कुल ₹16,100 करोड़ (अंकित मूल्य) की राशि के लिए स्टॉक की बिक्री का प्रस्ताव किया है। क्र. सं. राज्य जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) अतिरिक्त उधार (ग्रीन शू) विकल्प (₹ करोड़) अवधि (वर्ष) नीलामी का प्रकार 1 आंध्र प्रदेश 500 - 06 प्रतिफल 1000 - 17 प्रतिफल 500 - 18 प्रतिफल 1000 - 19 प्रतिफल 1000 - 20 प्रतिफल
भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) के परामर्श से घोषणा की है कि अप्रैल – जून 2024 तिमाही के लिए राज्य सरकारों/ यूटी द्वारा कुल बाज़ार उधार की मात्रा ₹2,54,040 करोड़ रहने की संभावना है। तिमाही के दौरान आयोजित की जाने वाली नीलामियों की साप्ताहिक सूची, उन राज्यों/ यूटी के नामों के साथ जिन्होंने अपनी सहभागिता और अस्थायी सांकेतिक राशि की पुष्टि की है, निम्नानुसार है:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) के परामर्श से घोषणा की है कि अप्रैल – जून 2024 तिमाही के लिए राज्य सरकारों/ यूटी द्वारा कुल बाज़ार उधार की मात्रा ₹2,54,040 करोड़ रहने की संभावना है। तिमाही के दौरान आयोजित की जाने वाली नीलामियों की साप्ताहिक सूची, उन राज्यों/ यूटी के नामों के साथ जिन्होंने अपनी सहभागिता और अस्थायी सांकेतिक राशि की पुष्टि की है, निम्नानुसार है:
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2023 के अंत के भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए [1]। [1] भारत की तिमाही आईआईपी एक तिमाही के अंतराल पर प्रसारित की जाती है और सितंबर 2023 के अंत के लिए पिछली तिमाही की आईआईपी 29 दिसंबर 2023 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर जारी की गई थी।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2023 के अंत के भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति से संबंधित आंकड़े जारी किए [1]। [1] भारत की तिमाही आईआईपी एक तिमाही के अंतराल पर प्रसारित की जाती है और सितंबर 2023 के अंत के लिए पिछली तिमाही की आईआईपी 29 दिसंबर 2023 को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर जारी की गई थी।
वार्षिक लेखाबंदी संबंधी परिचालनों के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में ₹2000 के बैंक नोटों को बदलने/ जमा करने की सुविधा सोमवार, 1 अप्रैल 2024 को उपलब्ध नहीं होगी। यह सुविधा मंगलवार, 2 अप्रैल 2024 से पुनः उपलब्ध होगी।
वार्षिक लेखाबंदी संबंधी परिचालनों के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में ₹2000 के बैंक नोटों को बदलने/ जमा करने की सुविधा सोमवार, 1 अप्रैल 2024 को उपलब्ध नहीं होगी। यह सुविधा मंगलवार, 2 अप्रैल 2024 से पुनः उपलब्ध होगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की: क्रम सं. खज़ाना बिल अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) नीलामी की तारीख निपटान की तारीख 1 91 दिवसीय 12,000 3 अप्रैल 2024 (बुधवार) 4 अप्रैल 2024 (गुरुवार) 2 182 दिवसीय 7,000 3 364 दिवसीय 8,000 कुल 27,000
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की: क्रम सं. खज़ाना बिल अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) नीलामी की तारीख निपटान की तारीख 1 91 दिवसीय 12,000 3 अप्रैल 2024 (बुधवार) 4 अप्रैल 2024 (गुरुवार) 2 182 दिवसीय 7,000 3 364 दिवसीय 8,000 कुल 27,000
मार्च 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।
मार्च 2024 माह के दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) की ऋण और जमा दरों के संबंध में प्राप्त आंकड़े सारणी 1 से 7 में दर्शाए गए हैं।
फरवरी 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं। [1] आंकड़े माह के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार से संबंधित हैं।
फरवरी 2024[1] महीने के लिए 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए बैंक ऋण के क्षेत्र-वार अभिनियोजन संबंधी आंकड़े, जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा अभिनियोजित कुल खाद्येतर ऋण का लगभग 95 प्रतिशत होता है, विवरण I और II में दिए गए हैं। [1] आंकड़े माह के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार से संबंधित हैं।
(राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 496,185.17 6.65 5.00-7.00 I. मांग मुद्रा 14,998.99 6.64 5.00-6.90
II. ट्राइपार्टी रेपो 316,548.50 6.66 6.56-6.85 III. बाज़ार रेपो 164,189.68 6.64 5.25-7.00 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 448.00 6.80 6.75-6.95
(राशि करोड़ ₹ में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 496,185.17 6.65 5.00-7.00 I. मांग मुद्रा 14,998.99 6.64 5.00-6.90
II. ट्राइपार्टी रेपो 316,548.50 6.66 6.56-6.85 III. बाज़ार रेपो 164,189.68 6.64 5.25-7.00 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 448.00 6.80 6.75-6.95
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि राजपलायम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, राजपलायम, तमिल नाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनकी रुचि है' और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' के साथ पठित 'निदेशक मंडल- यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹75,000लाख (पचहत्तर हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा दि राजपलायम को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, राजपलायम, तमिल नाडु (बैंक) पर 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और उन फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिनमें उनकी रुचि है' और 'एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/अन्य प्रतिबंध - यूसीबी' के साथ पठित 'निदेशक मंडल- यूसीबी' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹75,000लाख (पचहत्तर हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2024) के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) की सीमा ₹1,50,000 करोड़ होगी। जब भारत सरकार अर्थोपाय अग्रिम सीमा के 75 प्रतिशत का उपयोग कर लेगी तब भारतीय रिज़र्व बैंक नए बाजार ऋणों को जारी कर सकता है।
भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2024) के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) की सीमा ₹1,50,000 करोड़ होगी। जब भारत सरकार अर्थोपाय अग्रिम सीमा के 75 प्रतिशत का उपयोग कर लेगी तब भारतीय रिज़र्व बैंक नए बाजार ऋणों को जारी कर सकता है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2024