प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक अपना तीसरा वैश्विक हैकथॉन - ‘HaRBInger 2024- परिवर्तन के लिए नवाचार' आयोजित कर रहा है। यह हैकथॉन प्रतिभागियों को निम्नलिखित विषयों और समस्या विवरणों के अंतर्गत प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी दृष्टिकोणों का उपयोग करके समाधान विकसित करने के लिए आमंत्रित करता है:
भारतीय रिज़र्व बैंक अपना तीसरा वैश्विक हैकथॉन - ‘HaRBInger 2024- परिवर्तन के लिए नवाचार' आयोजित कर रहा है। यह हैकथॉन प्रतिभागियों को निम्नलिखित विषयों और समस्या विवरणों के अंतर्गत प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी दृष्टिकोणों का उपयोग करके समाधान विकसित करने के लिए आमंत्रित करता है:
निम्नलिखित राज्य सरकारों ने नीलामी के माध्यम से कुल ₹ 7,750 करोड़ (अंकित मूल्य) की राशि के लिए स्टॉक की बिक्री का प्रस्ताव किया है। क्र. सं. राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) अतिरिक्त उधार (ग्रीन शू) विकल्प (₹ करोड़) अवधि (वर्ष) नीलामी का प्रकार 1 आंध्र प्रदेश 500 - 15 प्रतिफल 500 - 19 प्रतिफल 1000 - 21 प्रतिफल
निम्नलिखित राज्य सरकारों ने नीलामी के माध्यम से कुल ₹ 7,750 करोड़ (अंकित मूल्य) की राशि के लिए स्टॉक की बिक्री का प्रस्ताव किया है। क्र. सं. राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) अतिरिक्त उधार (ग्रीन शू) विकल्प (₹ करोड़) अवधि (वर्ष) नीलामी का प्रकार 1 आंध्र प्रदेश 500 - 15 प्रतिफल 500 - 19 प्रतिफल 1000 - 21 प्रतिफल
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की: क्रम सं. खज़ाना बिल अधिसूचित राशि
(₹ करोड़ में) नीलामी की तारीख निपटान की तारीख
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित विवरणों के अनुसार भारत सरकार के खज़ाना बिलों की नीलामी की घोषणा की: क्रम सं. खज़ाना बिल अधिसूचित राशि
(₹ करोड़ में) नीलामी की तारीख निपटान की तारीख
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– मई 2024 ii) परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– मई 2024 iii) समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 88वां दौर सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: i) उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस)– मई 2024 ii) परिवारों की मुद्रास्फीति प्रत्याशा संबंधी सर्वेक्षण (आईईएसएच)– मई 2024 iii) समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर पेशेवर पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण - 88वां दौर सर्वेक्षण के परिणाम सर्वेक्षणों पर उत्तरदाताओं से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं और अनिवार्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार नहीं हैं।
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 2 जून 24 मई 31 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 16049 18822 10723 -8099 -5325 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।
1. भारतीय रिज़र्व बैंक–देयताएं और आस्तियां * (₹ करोड़) मद 2023 2024 घट-बढ़ 2 जून 24 मई 31 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार 0 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 16049 18822 10723 -8099 -5325 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।
नीलामी का परिणाम 7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ III. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 338 259 (ii) राशि ₹49,274 करोड़ ₹27,845 करोड़ IV. कट-ऑफ मूल्य / प्रतिफल 100.54 101.96 (परिपक्वता प्रतिफल:7.0210%) (परिपक्वता प्रतिफल: 7.1388%) V. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 169 68
नीलामी का परिणाम 7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ III. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 338 259 (ii) राशि ₹49,274 करोड़ ₹27,845 करोड़ IV. कट-ऑफ मूल्य / प्रतिफल 100.54 101.96 (परिपक्वता प्रतिफल:7.0210%) (परिपक्वता प्रतिफल: 7.1388%) V. स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 169 68
7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्य / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 100.54 / 7.0210% 101.96 / 7.1388% III. नीलामी में स्वीकृत राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ IV. प्राथमिक व्यापारियों का अभिदान शून्य शून्य
7.10% जीएस 2034 7.30% जीएस 2053 I. अधिसूचित राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ II. कट ऑफ मूल्य / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल 100.54 / 7.0210% 101.96 / 7.1388% III. नीलामी में स्वीकृत राशि ₹20,000 करोड़ ₹9,000 करोड़ IV. प्राथमिक व्यापारियों का अभिदान शून्य शून्य
निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 7 जून 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्नानुसार निर्धारित की हैं:
निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्त प्रतिस्पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 7 जून 2024 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्नानुसार निर्धारित की हैं:
यह वक्तव्य (i) विनियमन; तथा (ii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), लघु वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि की सीमा की समीक्षा बैंकों के पास अपनी आवश्यकताओं और आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) पूर्वानुमानों के अनुसार थोक जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर प्रदान करने का विवेकाधिकार होता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों (एसएफ़बी) के लिए वर्ष 2019 में थोक जमाराशि सीमा को ‘₹2 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मीयादी जमाराशि’ के रूप में बढ़ाया गया था। समीक्षा करने पर, एससीबी (आरआरबी को छोड़कर) और एसएफ़बी के लिए थोक जमाराशि की परिभाषा को ‘₹3 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में संशोधित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि सीमा को आरआरबी के मामले में लागू ‘₹1 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है। आवश्यक दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।
यह वक्तव्य (i) विनियमन; तथा (ii) भुगतान प्रणाली और फिनटेक से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीतिगत उपाय निर्धारित करता है। I. विनियमन 1. अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी को छोड़कर), लघु वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि की सीमा की समीक्षा बैंकों के पास अपनी आवश्यकताओं और आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) पूर्वानुमानों के अनुसार थोक जमाराशियों पर विभेदक ब्याज दर प्रदान करने का विवेकाधिकार होता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और लघु वित्त बैंकों (एसएफ़बी) के लिए वर्ष 2019 में थोक जमाराशि सीमा को ‘₹2 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मीयादी जमाराशि’ के रूप में बढ़ाया गया था। समीक्षा करने पर, एससीबी (आरआरबी को छोड़कर) और एसएफ़बी के लिए थोक जमाराशि की परिभाषा को ‘₹3 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में संशोधित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमाराशि सीमा को आरआरबी के मामले में लागू ‘₹1 करोड़ और उससे अधिक की एकल रुपया मियादी जमाराशि’ के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है। आवश्यक दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 16, 2024