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जून 06, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक – बुलेटिन साप्ताहिक सांख्यिकी संपूरक – सारांश

1. भारतीय रिज़र्व बैंक – देयताएं और आस्तियां* (₹ करोड़) मद 2024 2025 घट-बढ़ 31 मई 23 मई 30 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार - 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 10723 24410 27482 3072 16759 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

1. भारतीय रिज़र्व बैंक – देयताएं और आस्तियां* (₹ करोड़) मद 2024 2025 घट-बढ़ 31 मई 23 मई 30 मई सप्ताह वर्ष 1 2 3 4 5 4. ऋण और अग्रिम 4.1 केंद्र सरकार - 0 0 0 0 4.2 राज्य सरकारें 10723 24410 27482 3072 16759 * आंकडे अनंतिम हैं; घट-बढ़, यदि कोई है, तो पूर्णांक के कारण है।

जून 06, 2025
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक – पुनर्निर्धारित

भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 26 मार्च 2025 की प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2464, में घोषित किए अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक 5-7 अगस्त 2025 के दौरान निर्धारित की गई थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक की दिनांक 26 मार्च 2025 की प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2464, में घोषित किए अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अगली बैठक 5-7 अगस्त 2025 के दौरान निर्धारित की गई थी।

जून 06, 2025
सरकारी स्टॉक – नीलामी का पूर्ण परिणाम

नीलामी का परिणाम 6.92% जीएस 2039 6.90% जीएस 2065 I. अधिसूचित राशि ₹16,000 करोड़ ₹16,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹16,000 करोड़ ₹16,000 करोड़

नीलामी का परिणाम 6.92% जीएस 2039 6.90% जीएस 2065 I. अधिसूचित राशि ₹16,000 करोड़ ₹16,000 करोड़ II. हामीदारी की अधिसूचित राशि ₹16,000 करोड़ ₹16,000 करोड़

जून 06, 2025
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर – अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 12 जून 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S1931/12.23.001/2024-2025  के माध्यम से 12 दिसंबर 2024 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अमानाथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बैंगलोर को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 12 जून 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S1931/12.23.001/2024-2025  के माध्यम से 12 दिसंबर 2024 तक छह माह की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया

जून 06, 2025
सरकारी स्टॉक – नीलामी का परिणाम: कट-ऑफ

6.92% जीएस 2039    6.90% जीएस 2065 I.    अधिसूचित राशि     ₹16,000 करोड़    ₹16,000 करोड़ II.    कट ऑफ मूल्‍य (₹) / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल    103.85/6.5043%    99.33/6.9489%

6.92% जीएस 2039    6.90% जीएस 2065 I.    अधिसूचित राशि     ₹16,000 करोड़    ₹16,000 करोड़ II.    कट ऑफ मूल्‍य (₹) / कट-ऑफ पर निहित प्रतिफल    103.85/6.5043%    99.33/6.9489%

जून 06, 2025
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दि कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कारवार - अवधि बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कारवार को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 12 जून 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S1932/12-23-065/2024-2025 के माध्यम से 12 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-स

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कारवार को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 12 जून 2024 के निदेश सं. CO.DOS.SED.No.S1932/12-23-065/2024-2025 के माध्यम से 12 दिसंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक छह महीने की अवधि के लिए निदेश जारी किए थे, जिसे समय-स

जून 06, 2025
6 जून 2025 को आयोजित दैनिक परिवर्ती दर रेपो (वीआरआर) नीलामी का परिणाम

अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 3,550 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 3,550 कट ऑफ दर (%) 5.51 भारित औसत दर (%) 5.51 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं

अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 25,000 प्राप्त बोलियों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 3,550 आबंटित राशि (₹ करोड़ में) 3,550 कट ऑफ दर (%) 5.51 भारित औसत दर (%) 5.51 कट ऑफ दर पर प्राप्त बोलियों के आंशिक आबंटन का प्रतिशत (%) लागू नहीं

जून 06, 2025
दिनांक 6 जून 2025 को आयोजित हामीदारी नीलामियों के परिणाम

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 6 जून 2025 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं: प्रतिभूति का नाम अधिसूचित राशि (₹ करोड़) न्‍यूनतम हामीदारी वायदा (एमयूसी) की राशि (₹ करोड़) अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी की स्‍वीकृत राशि (₹ करोड़) हामीदारी की कुल राशि (₹ करोड़) एसीयू कमीशन की कट-ऑफ दर (पैसे प्रति 100)

निम्नलिखित सरकारी प्रतिभूतियों की अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी (एसीयू) के लिए 6 जून 2025 को आयोजित हामीदारी नीलामियों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक व्‍यापारियों को देय हामीदारी कमीशन के लिए कट-ऑफ दर निम्‍नानुसार निर्धारित की हैं: प्रतिभूति का नाम अधिसूचित राशि (₹ करोड़) न्‍यूनतम हामीदारी वायदा (एमयूसी) की राशि (₹ करोड़) अतिरिक्‍त प्रतिस्‍पर्धी हामीदारी की स्‍वीकृत राशि (₹ करोड़) हामीदारी की कुल राशि (₹ करोड़) एसीयू कमीशन की कट-ऑफ दर (पैसे प्रति 100)

जून 06, 2025
गवर्नर का वक्तव्य: 6 जून 2025

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 55वीं बैठक मानसून ऋतु की शीघ्र और आशाजनक शुरुआत, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई। इसके विपरीत, वैश्विक पृष्ठभूमि कमजोर और अत्यधिक अस्थिर बनी हुई है। अप्रैल में एमपीसी की बैठक के बाद से वैश्विक आर्थिक संभावना के संबंध में अनिश्चितता कुछ हद तक कम हुई है, जो अस्थायी टैरिफ राहत और व्यापार वार्ता के बारे में आशावाद के कारण हुई। तथापि, मनोभावों को कमजोर करने और वैश्विक संवृद्धि की संभावनाओं को कम करने के लिए यह अभी भी उच्च है। तदनुसार, बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा वैश्विक संवृद्धि और व्यापार अनुमानों को अधोगामी संशोधित किया गया है। इसके अलावा, अवस्फीति का अंतिम मील अधिक लंबा होता जा रहा है। चूंकि संवृद्धि-मुद्रास्फीति ट्रेड-ऑफ अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, मौद्रिक प्राधिकरण अधिक सतर्क और सावधानीपूर्वक सुविचारित नीति प्रक्षेपवक्र तैयार कर रहे हैं।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 55वीं बैठक मानसून ऋतु की शीघ्र और आशाजनक शुरुआत, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई। इसके विपरीत, वैश्विक पृष्ठभूमि कमजोर और अत्यधिक अस्थिर बनी हुई है। अप्रैल में एमपीसी की बैठक के बाद से वैश्विक आर्थिक संभावना के संबंध में अनिश्चितता कुछ हद तक कम हुई है, जो अस्थायी टैरिफ राहत और व्यापार वार्ता के बारे में आशावाद के कारण हुई। तथापि, मनोभावों को कमजोर करने और वैश्विक संवृद्धि की संभावनाओं को कम करने के लिए यह अभी भी उच्च है। तदनुसार, बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा वैश्विक संवृद्धि और व्यापार अनुमानों को अधोगामी संशोधित किया गया है। इसके अलावा, अवस्फीति का अंतिम मील अधिक लंबा होता जा रहा है। चूंकि संवृद्धि-मुद्रास्फीति ट्रेड-ऑफ अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, मौद्रिक प्राधिकरण अधिक सतर्क और सावधानीपूर्वक सुविचारित नीति प्रक्षेपवक्र तैयार कर रहे हैं।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अगस्त 02, 2025