प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।
वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (7 जून 2024) अपनी बैठक में यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत् रखा जाए। परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.25 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर यथावत् बनी हुई है। एमपीसी ने निभाव को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो। ये निर्णय, संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को +/- 2 प्रतिशत के दायरे में रखते हुए 4 प्रतिशत का मध्यावधि लक्ष्य प्राप्त करने के अनुरूप है।
हाल के वर्षों में, दुनिया एक के बाद एक संकटों से गुज़री है; और यह सिलसिला जारी है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और सकारात्मक संवृद्धि की गति के साथ, मजबूत बुनियादी ढांचे प्रदर्शित करती है। फिर भी, हमें इस अस्थिर वैश्विक माहौल में सतर्क रहने की आवश्यकता है। तकनीकी प्रगति; आपूर्ति शृंखला पुनर्गठन, व्यापार और वित्तीय विखंडन; तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न नई वास्तविकताएं, अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करती हैं। इस परिस्थिति में, भारत अनुकूल जनसांख्यिकी[1], बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी तथा अनुकूल नीतिगत माहौल की सहायता से परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। इन कारकों का संगम आने वाले वर्षों में भारत में सतत उच्च संवृद्धि की संभावनाओं को उजागर करता है।[2]
हाल के वर्षों में, दुनिया एक के बाद एक संकटों से गुज़री है; और यह सिलसिला जारी है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिरता और सकारात्मक संवृद्धि की गति के साथ, मजबूत बुनियादी ढांचे प्रदर्शित करती है। फिर भी, हमें इस अस्थिर वैश्विक माहौल में सतर्क रहने की आवश्यकता है। तकनीकी प्रगति; आपूर्ति शृंखला पुनर्गठन, व्यापार और वित्तीय विखंडन; तथा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न नई वास्तविकताएं, अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी प्रस्तुत करती हैं। इस परिस्थिति में, भारत अनुकूल जनसांख्यिकी[1], बेहतर उत्पादकता और प्रौद्योगिकी तथा अनुकूल नीतिगत माहौल की सहायता से परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। इन कारकों का संगम आने वाले वर्षों में भारत में सतत उच्च संवृद्धि की संभावनाओं को उजागर करता है।[2]
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 5 जून 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-21/12-28-015/2024-2025 के अनुसार उपर्युक्त निदेश बैंक पर 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश LKO.DOS.SED.No.S875/10.03.759/2022-23 द्वारा नेशनल मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र.) को 10 मार्च 2023 को कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा था। इन निदेशों की वैधता अवधि को समय-समय पर बढ़ाया गया था तथा इसे पिछली बार 10 जून 2024 तक बढ़ाया गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि दिनांक 5 जून 2024 के निदेश DOR.MON.No.D-21/12-28-015/2024-2025 के अनुसार उपर्युक्त निदेश बैंक पर 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से 10 सितंबर 2024 को कारोबार की समाप्ति तक लागू रहेंगे जो कि समीक्षाधीन होगा।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 561,495.64 6.40 1.00-7.50 I. मांग मुद्रा 10,728.30 6.51 5.40-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 384,754.55 6.39 6.00-6.50 III. बाज़ार रेपो 165,084.79 6.40 1.00-7.37 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 928.00 6.73 6.55-7.50
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 561,495.64 6.40 1.00-7.50 I. मांग मुद्रा 10,728.30 6.51 5.40-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 384,754.55 6.39 6.00-6.50 III. बाज़ार रेपो 165,084.79 6.40 1.00-7.37 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 928.00 6.73 6.55-7.50
7 जून 2024 से 6 दिसंबर 2024 तक की छमाही के लिए भारत सरकार के अस्थिर दर वाले बॉण्ड 2031 (एफ़आरबी 2031) पर लागू ब्याज दर 7.98 प्रतिशत प्रति वर्ष होगी।
7 जून 2024 से 6 दिसंबर 2024 तक की छमाही के लिए भारत सरकार के अस्थिर दर वाले बॉण्ड 2031 (एफ़आरबी 2031) पर लागू ब्याज दर 7.98 प्रतिशत प्रति वर्ष होगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹30,000.000 करोड़ प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 8,631.914 करोड़ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 7,287.563 करोड़
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹30,000.000 करोड़ प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तावित कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 8,631.914 करोड़ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत कुल राशि (अंकित मूल्य) ₹ 7,287.563 करोड़
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. CDG.DOS.RSG.No.S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को समय-समय पर यथा संशोधित 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा निदेश की अवधि को
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत दिनांक 9 मार्च 2023 के निदेश सं. CDG.DOS.RSG.No.S1645/16-03-46/2022-23 द्वारा दि इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर को समय-समय पर यथा संशोधित 10 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति तक छह माह के लिए निदेश जारी किए थे जिसे पिछली बार 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति तक बढ़ाया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि निदेश की परिचालन अवधि को 10 जून 2024 को कारोबार की समाप्ति से और आगे बढ़ाया जाए।
2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा निदेश की अवधि को
भारत सरकार ने 7 जून 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी (पीडी) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं: (₹ करोड़) प्रतिभूति अधिसूचित राशि प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी के लिए न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी के लिए अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) नीलामी के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता 7.10% जीएस 2034 20,000 477 477 7.30% जीएस 2053 9,000 215 215 हामीदारी नीलामियां 7 जून 2024 (शुक्रवार) को एकाधिक मूल्य आधारित पद्धति का उपयोग करते हुए आयोजित की जाएंगी। प्राथमिक व्यापारी (पीडी) एसीयू नीलामी के लिए अपनी बोलियां कोर बैंकिंग समाधान (ई-कुबेर) प्रणाली का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में हामीदारी नीलामी के दिन पूर्वाह्न 10.30 बजे से पूर्वाह्न 11.00 बजे के बीच प्रस्तुत कर सकते हैं।
भारत सरकार ने 7 जून 2024 को आयोजित की जाने वाली नीलामियों के माध्यम से निम्नलिखित विवरण के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री (पुनर्निर्गम) की घोषणा की है। दिनांक 14 नवंबर 2007 को अधिसूचित वर्तमान हामीदारी योजना के अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी (पीडी) के लिए लागू हामीदारी नीलामियों में न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) तथा अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता की राशियाँ निम्नानुसार हैं: (₹ करोड़) प्रतिभूति अधिसूचित राशि प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी के लिए न्यूनतम हामीदारी वचनबद्धता (एमयूसी) प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी के लिए अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक हामीदारी (एसीयू) नीलामी के अंतर्गत न्यूनतम बोली वचनबद्धता 7.10% जीएस 2034 20,000 477 477 7.30% जीएस 2053 9,000 215 215 हामीदारी नीलामियां 7 जून 2024 (शुक्रवार) को एकाधिक मूल्य आधारित पद्धति का उपयोग करते हुए आयोजित की जाएंगी। प्राथमिक व्यापारी (पीडी) एसीयू नीलामी के लिए अपनी बोलियां कोर बैंकिंग समाधान (ई-कुबेर) प्रणाली का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में हामीदारी नीलामी के दिन पूर्वाह्न 10.30 बजे से पूर्वाह्न 11.00 बजे के बीच प्रस्तुत कर सकते हैं।
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 558,158.40 6.43 0.01-7.50 I. मांग मुद्रा 12,547.11 6.52 5.10-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 387,115.95 6.44 6.35-6.64 III. बाज़ार रेपो 157,487.34 6.39 0.01-6.75 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 1,008.00 6.70 6.60-7.50
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 558,158.40 6.43 0.01-7.50 I. मांग मुद्रा 12,547.11 6.52 5.10-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 387,115.95 6.44 6.35-6.64 III. बाज़ार रेपो 157,487.34 6.39 0.01-6.75 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 1,008.00 6.70 6.60-7.50
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 मई 2024 को समाप्त सप्ताह के लिए आरक्षित मुद्रा पर आंकड़े आज जारी किए।
नीलामी का परिणाम 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय I. अधिसूचित राशि ₹4000 करोड़ ₹4000 करोड़ ₹4000 करोड़ II. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 62 77 96 (ii) राशि ₹12821.325 करोड़ ₹12948.200 करोड़ ₹16629.280 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य/ प्रतिफल 98.3180 96.6185 93.4445 (परिपक्वता प्रतिफल:6.8619%) (परिपक्वता प्रतिफल:7.0189%) (परिपक्वता प्रतिफल:7.0347%)
नीलामी का परिणाम 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय I. अधिसूचित राशि ₹4000 करोड़ ₹4000 करोड़ ₹4000 करोड़ II. प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां (i) संख्या 62 77 96 (ii) राशि ₹12821.325 करोड़ ₹12948.200 करोड़ ₹16629.280 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य/ प्रतिफल 98.3180 96.6185 93.4445 (परिपक्वता प्रतिफल:6.8619%) (परिपक्वता प्रतिफल:7.0189%) (परिपक्वता प्रतिफल:7.0347%)
I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य और कट-ऑफ मूल्य पर निहित प्रतिफल 98.3180 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.8619%) 96.6185 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0189%) 93.4445 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0347%) IV. स्वीकृत कुल अंकित मूल्य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़
I. खज़ाना बिल 91 दिवसीय 182 दिवसीय 364 दिवसीय II. अधिसूचित कुल अंकित मूल्य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ III. कट-ऑफ मूल्य और कट-ऑफ मूल्य पर निहित प्रतिफल 98.3180 (परिपक्वता प्रतिफल: 6.8619%) 96.6185 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0189%) 93.4445 (परिपक्वता प्रतिफल: 7.0347%) IV. स्वीकृत कुल अंकित मूल्य ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़ ₹4,000 करोड़
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 520,476.60 6.34 0.01-7.45 I. मांग मुद्रा 11,424.72 6.46 5.10-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 342,588.90 6.34 6.20-6.69 III. बाज़ार रेपो 165,707.98 6.35 0.01-6.85 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 755.00 6.55 6.50-7.45
(राशि करोड़ रुपये में और दर प्रतिशत में) मुद्रा बाज़ार@ मात्रा (एक चरण) भारित औसत दर सीमा क. ओवरनाइट खंड (I+II+III+IV) 520,476.60 6.34 0.01-7.45 I. मांग मुद्रा 11,424.72 6.46 5.10-6.60 II. ट्राइपार्टी रेपो 342,588.90 6.34 6.20-6.69 III. बाज़ार रेपो 165,707.98 6.35 0.01-6.85 IV. कॉरपोरेट बॉण्ड में रेपो 755.00 6.55 6.50-7.45
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि – मार्च 2024 ’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित)}, वार्षिक ‘आधारभूत सांख्यिकी विवरणी’ (बीएसआर) - 2 विवरणी में, जमाराशि के प्रकार (चालू, बचत और मियादी), इसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, व्यक्तियों से संबंधित जमाराशियों के आयु-वार वितरण, मियादी जमाराशियों की परिपक्वता पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर शाखा-वार आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। ये आंकड़े अलग-अलग स्तर (अर्थात्, जमाराशियों का प्रकार, जनसंख्या समूह , बैंक समूह, राज्यों, जिले, केन्द्रों, ब्याज दर विस्तार, आकार, मूल तथा अवशिष्ट परिपक्वता) पर जारी किए जाते हैं।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमाराशि – मार्च 2024 ’ शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित)}, वार्षिक ‘आधारभूत सांख्यिकी विवरणी’ (बीएसआर) - 2 विवरणी में, जमाराशि के प्रकार (चालू, बचत और मियादी), इसके संस्थागत क्षेत्र-वार स्वामित्व, व्यक्तियों से संबंधित जमाराशियों के आयु-वार वितरण, मियादी जमाराशियों की परिपक्वता पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर शाखा-वार आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। ये आंकड़े अलग-अलग स्तर (अर्थात्, जमाराशियों का प्रकार, जनसंख्या समूह , बैंक समूह, राज्यों, जिले, केन्द्रों, ब्याज दर विस्तार, आकार, मूल तथा अवशिष्ट परिपक्वता) पर जारी किए जाते हैं।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी– मार्च 2024’[1] शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल[2] (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। यह प्रकाशन वार्षिक 'आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर) - 1' प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित} द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के आधार पर भारत में बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो खाते के प्रकार, संगठन, व्यवसाय/गतिविधि और उधारकर्ता की श्रेणी, ऋण के उपयोग के स्थान का जिला और जनसंख्या समूह[3], ब्याज दर, ऋण सीमा और बकाया राशि के बारे में सूचना एकत्र करता है। [1] मार्च 2023 के लिए एससीबी (आरआरबी सहित) द्वारा ऋण पर पिछले वार्षिक बीएसआर-1 श्रृंखला के परिणाम 30 जून 2023 को आरबीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए थे; एससीबी (आरआरबी के अलावा) के लिए त्रैमासिक बीएसआर-1 के कुल परिणाम दिसंबर 2014 से नियमित रूप से जारी किए जा रहे हैं। तदनुसार, वार्षिक बीएसआर-1 मार्च 2024 के साथ मार्च 2024 के लिए त्रैमासिक प्रकाशन भी जारी किया जाता है (वेब-लिंक:- https://dbie.rbi.org.in >होमपेज> प्रकाशन>मूल सांख्यिकीय रिटर्न (बीएसआर)-1 - (तिमाही) - अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण)।[2] मार्च 2024 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के तहत एकत्रित) पर आधारित बैंकिंग समुच्चय पहले हमारी वेबसाइट (https://website.rbi.org.in/web/rbi >होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक>भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) पर प्रकाशित किए गए थे और मार्च 2024 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्रीय अभिनियोजन पर समग्र स्तर का मासिक डेटा, जो चुनिंदा प्रमुख बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए थे, भी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>डेटा रिलीज>मासिक>बैंक ऋण के क्षेत्रीय परिनियोजन पर डेटा) पर जारी किए गए थे। [3] बीएसआर के लिए प्रयुक्त जनसंख्या समूह मानदंड 2011 की जनगणना के अनुसार, संबंधित राजस्व केन्द्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और उन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है: क) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), ख) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम जनसंख्या), ग) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम जनसंख्या), घ) 'महानगरीय' (10 लाख और उससे अधिक जनसंख्या)।
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा ऋण पर आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी– मार्च 2024’[1] शीर्षक से अपना वेब प्रकाशन, भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल[2] (https://dbie.rbi.org.in Homepage > Publications) पर जारी किया। यह प्रकाशन वार्षिक 'आधारभूत सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर) - 1' प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों {क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित} द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के आधार पर भारत में बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो खाते के प्रकार, संगठन, व्यवसाय/गतिविधि और उधारकर्ता की श्रेणी, ऋण के उपयोग के स्थान का जिला और जनसंख्या समूह[3], ब्याज दर, ऋण सीमा और बकाया राशि के बारे में सूचना एकत्र करता है। [1] मार्च 2023 के लिए एससीबी (आरआरबी सहित) द्वारा ऋण पर पिछले वार्षिक बीएसआर-1 श्रृंखला के परिणाम 30 जून 2023 को आरबीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए थे; एससीबी (आरआरबी के अलावा) के लिए त्रैमासिक बीएसआर-1 के कुल परिणाम दिसंबर 2014 से नियमित रूप से जारी किए जा रहे हैं। तदनुसार, वार्षिक बीएसआर-1 मार्च 2024 के साथ मार्च 2024 के लिए त्रैमासिक प्रकाशन भी जारी किया जाता है (वेब-लिंक:- https://dbie.rbi.org.in >होमपेज> प्रकाशन>मूल सांख्यिकीय रिटर्न (बीएसआर)-1 - (तिमाही) - अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण)।[2] मार्च 2024 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 42(2) के तहत एकत्रित) पर आधारित बैंकिंग समुच्चय पहले हमारी वेबसाइट (https://website.rbi.org.in/web/rbi >होम>सांख्यिकी>जारी आंकड़े>पाक्षिक>भारत में अनुसूचित बैंक की स्थिति का विवरण) पर प्रकाशित किए गए थे और मार्च 2024 के लिए बैंक ऋण के क्षेत्रीय अभिनियोजन पर समग्र स्तर का मासिक डेटा, जो चुनिंदा प्रमुख बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए थे, भी वेबसाइट (होम>सांख्यिकी>डेटा रिलीज>मासिक>बैंक ऋण के क्षेत्रीय परिनियोजन पर डेटा) पर जारी किए गए थे। [3] बीएसआर के लिए प्रयुक्त जनसंख्या समूह मानदंड 2011 की जनगणना के अनुसार, संबंधित राजस्व केन्द्र की जनसंख्या के आकार पर आधारित है, जहां एससीबी की शाखाएं संचालित हो रही हैं और उन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है: क) 'ग्रामीण' (10,000 से कम जनसंख्या), ख) 'अर्ध-शहरी' (10,000 से 1 लाख से कम जनसंख्या), ग) 'शहरी' (1 लाख से 10 लाख से कम जनसंख्या), घ) 'महानगरीय' (10 लाख और उससे अधिक जनसंख्या)।
आंध्र प्रदेश 2042आंध्र प्रदेश 2044आंध्र प्रदेश 2046आंध्र प्रदेश 2049अधिसूचित राशि1000100010001000अवधि18202225प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां
(i)संख्या32141013(ii)राशि1680211514151540कट-ऑफ प्रतिफल (प्रतिशत)7.437.437.437.38स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां
(i) संख्या6442(ii) राशि999.971999.66994.997996.298
आंध्र प्रदेश 2042आंध्र प्रदेश 2044आंध्र प्रदेश 2046आंध्र प्रदेश 2049अधिसूचित राशि1000100010001000अवधि18202225प्राप्त प्रतिस्पर्धी बोलियां
(i)संख्या32141013(ii)राशि1680211514151540कट-ऑफ प्रतिफल (प्रतिशत)7.437.437.437.38स्वीकृत प्रतिस्पर्धी बोलियां
(i) संख्या6442(ii) राशि999.971999.66994.997996.298
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,700 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 2,700 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 2,700 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 2,700 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.49 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं
क्रम सं. राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष) 1. आंध्र प्रदेश 1000 1000 7.43 18 1000 1000 7.43 20 1000 1000 7.43 22 1000 1000 7.38 25 2. हरियाणा 1500 1500 7.43 10 3. हिमाचल प्रदेश 500 500 7.44 10 700 700 7.46 12 4. जम्मू और कश्मीर 800 800 7.43 22 5. केरल 2000 2000 7.38 31
क्रम सं. राज्य/ यूटी जुटाई जाने वाली राशि (₹ करोड़) स्वीकृत राशि (₹ करोड़) कट-ऑफ प्रतिफल (%) अवधि (वर्ष) 1. आंध्र प्रदेश 1000 1000 7.43 18 1000 1000 7.43 20 1000 1000 7.43 22 1000 1000 7.38 25 2. हरियाणा 1500 1500 7.43 10 3. हिमाचल प्रदेश 500 500 7.44 10 700 700 7.46 12 4. जम्मू और कश्मीर 800 800 7.43 22 5. केरल 2000 2000 7.38 31
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 4 जून 2024, मंगलवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है
वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों की समीक्षा के बाद, 4 जून 2024, मंगलवार को निम्नानुसार परिवर्ती दर प्रतिवर्ती रेपो (वीआरआरआर) नीलामी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 41,730 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 41,730 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.48 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/434
अवधि 3-दिवसीय अधिसूचित राशि (₹ करोड़ में) 50,000 प्राप्त प्रस्तावों की कुल राशि (₹ करोड़ में) 41,730 स्वीकृत राशि (₹ करोड़ में) 41,730 कट ऑफ दर (%) 6.49 भारित औसत दर (%) 6.48 कट ऑफ दर पर प्राप्त प्रस्तावों के आंशिक स्वीकृति का प्रतिशत लागू नहीं (अजीत प्रसाद) उप महाप्रबंधक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/434
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 18, 2024