सूचना का अधिकार अधिनियम - आरबीआई - Reserve Bank of India
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
भारत सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (http://righttoinformation.gov.in/rti-actinhindi.pdf) बनाया है जो 12 अक्तूबर 2005 से लागू हो गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत सूचना का अधिकार सार्वजनिक प्राधिकरणों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए इन प्राधिकरणों के नियंत्रण में रहने वाली सूचना तक भारतीय नागरिकों की पहुंचके लिए एक साधन है। इस अधिनियम की धारा 8 और 9 में सूचना की कतिपय श्रेणियां दी गयी है जिन्हें प्रकटीकरण से छूट दी गयी है। इस अधिनियम में एक मुख्य जनसूचना अधिकारी नियुक्त करने की व्यवस्था भी की गयी है जो सूचना के अनुरोधों का कार्य देखेगा।


इस अधिनियम के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक का दायित्व
भारतीय रिज़र्व बैंक एक सार्वजनिक प्राधिकरण है जैसा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में परिभाषित है। इस प्रकार, भारतीय रिज़र्व बैंक का यह दायित्व है कि वह जनसाधारण को सूचना उपलब्ध कराए।
In pursuance of the Central Information Commission’s directive dated November 15, 2010 issued to all Public Authorities under the powers vested in the Central Information Commission under Section 19 (8) (a) of The Right to Information Act, 2005 the details of the Transparency Officer are as under:
श्रीमती नम्रता शुक्ला
केंद्रीय जन सूचना अधिकारी / महाप्रबंधक
मानव संसाधन प्रबंध विभाग
भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय
21वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन,
शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट
मुंबई– 400001
पुस्तकालय सुविधा
केन्द्रीय कार्यालय में रिज़र्व बैंक पुस्तकालय का समय प्रात: 9.45 से सायं 5.45 तक है। मुख्य रूप से यह सुविधा रिज़र्व बैंक स्टाफ के लिए है, तथापि अकादमिक, शोधकर्ताओं और विद्ययार्थियों के लिए भी यह सुविधा खुली है।
भारतीय रिज़र्व बैंक में एक सुस्थापित संप्रेषण नीति है। इसके अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंकिंग और वित्त से संबंधित सूचना और आंकड़े नियमित रूप से प्रसारित करता है। यह नियमित आवधिकता – दैनिक, साप्ताहिक ,मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक आधार पर सूचना और आंकड़े प्रसारित करता है। इसके अलावा, जब भी जरूरत होती है अध्ययनों और रिपोर्टों जैसे आकस्मिक प्रकाशनों क जरिये भी सूचना प्रसारित करता है।
रिज़र्व बैंक बैंकिंग, वित्त, विदेशी मुद्रा तथा अन्य संबद्ध विषयों से संबंधित अपने अनुदेश पब्लिक डोमेन पर भी डालता है। इसके अलावा, रिज़र्व बैंक खासतौर से जनरुचि के विषयों से संबंधित सूचना दैनिक प्रेस विज्ञप्ति के ज़रिये भी प्रसारित करता है।
रिज़र्व बैंक द्वारा नेमी रूप से प्रसारित की जाने वाली सूचना और आंकड़े इसकी वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पहले से ही जा रही सूचनाओं के ब्यौरे निम्नानुसार है:
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर का नीतिगत वक्तव्य
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर का नीतिगत वक्तव्य मौद्रिक, संरचनात्मक और विवेकपूर्ण उपाय तय करने के लिए मार्गदर्शी तत्वों के रूप में कार्य करते हैं। ये उपाय समष्टि आर्थिक और मौद्रिक गतिविधियों के मूल्यांकन के आधार पर तय किए जाते हैं। वर्ष 2004 तक वार्षिक नीतिगत वक्तव्य प्रति वर्ष अप्रैल/मई में घोषित किया जाता था और अक्तूबर/नवंबर में उसकी मध्यावधि समीक्षा की जाती थी। मौद्रिक नीति और विकासात्मक नीतियों की अलग-अलग विशिष्टताओं पर प्रकाश डालने की दृष्टि से अप्रैल 2005 के वार्षिक नीतिगत वक्तव्य में नीतिगत वक्तव्य के प्रस्तुतिकरण के स्वरूप में परिवर्तन किया गया। वक्तव्य में अब दो भाग शामिल हैं : भाग-I में वर्ष की मौद्रिक नीति पर वार्षिक वक्तव्य और भाग-II में वर्ष की विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वार्षिक वक्तव्य। पहले की भांति अक्तूबर में वार्षिक नीतिगत वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा की जाती है जिसमें वक्तव्य के भाग-I और भाग-II का समावेश होता है। इसके अलावा, प्रति वर्ष जुलाई में वक्तव्य के भाग-I की पहली तिमाही समीक्षा और जनवरी में तीसरी तिमाही समीक्षा की जाती है। मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा से बाजार का रुख जानने के अधिक अवसर मिलते हैं और परिस्थिति की आवश्यकता के अनुसार विशिष्ट उपाय करने के लिए लचीलापन बना रहता है।
वार्षिक प्रकाशन
वार्षिक रिपोर्ट रिज़र्व बैंक का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो प्रतिवर्ष अगस्त के अंत में जारी किया जाता है। यह अर्थव्यवस्था की स्थिति, रिज़र्व बैंक की कार्यशैली और रिज़र्व बैंक के तुलनपत्र के बारे में निदेशक मंडल का वक्तव्य है। इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन और संभावनाएं भी प्रस्तुत की जाती है।
वार्षिक रिपोर्ट रिज़र्व बैंक के वित्तीय वर्ष (जुलाई से जून) से संबंधित सांविधिक दस्तावेज़ है और यह अगस्त में जारी किया जाता है।
ओम्बड्समैन योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट
रिज़र्व बैंक द्वारा प्रत्येक वर्ष ओम्बड्समैन योजनाओं के कामकाज के संबंध में एक वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है, जिसमें आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के विरुद्ध, आरबीआई ओम्बड्समैन कार्यालयों में प्राप्त शिकायतों की स्थिति और उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण के क्षेत्र में विभिन्न अन्य घटनाक्रमों पर प्रकाश डाला जाता है।
भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति संबंधी रिपोर्ट
यह भी केंद्रीय बैंक द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला सांवधिक प्रकाशन है। यह वार्षिक रूप से प्रकाशित किया जाता है। इस दस्तावेज में विगत वर्ष से संबंधित वित्तीय क्षेत्र की नीतियों और कार्य निष्पादन की समीक्षा की जाती है। इस प्रकाशन में अप्रैल से मार्च तक की अवधि को कवर किया जाता है और सामान्यत: नवंबर/दिसंबर में इसे प्रकाशित किया जाता है।
मुद्रा और वित्त संबंधी रिपोर्ट
यह वार्षिक दस्तावेज़ केंद्रीय बैंक के स्टाफ द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। सन 1998-1999 से यह रिपोर्ट एक विशेष विषय पर आधारित रही है और इससे संबद्ध विषयों का विस्तृत आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत करती है। जहां इस रिपोर्ट का केंद्र बिंदु भारत से संबंधित नीतिगत दृष्टिकोण, मुद्दों और चुनौतियों पर रहता है वहीं विभिन्न खण्डों में हाल ही की सैद्धांतिक गतिविधियों और संचित विदेशी अनुभवित साक्ष्यों की तुलना में इन गतिविधियों को दर्शाया गया है। चूंकि यह प्रकाशन दिसंबर में प्रकाशित किया जाता है अत: यह अर्थव्यवस्था की मध्यावधि समीक्षा को दर्शाने का प्रयोजन भी पूरा करता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित आंकड़ों की हैंडबुक
यह प्रकाशन रिज़र्व बैंक द्वारा उठाया गया एक प्रमुख कदम है जिसका लक्ष्य एक स्थान पर सांख्यिकीय सूचना का उपयोगी भंडार उपलब्ध करा कर आंकड़ा प्रसार में सुधार लाना है। इस प्रकाशन में राष्ट्रीय आय, उत्पादन, मूल्य, मुद्रा, बैंकिंग, वित्तीय बाजार, लोक वित्त, व्यापार और भुगतान संतुलन से संबंधित आंकड़ों सहित आर्थिक चरों (वैरिएबल) के व्यापक स्पेक्ट्रम से संबंधित समय शृंखला विषयक आंकड़े (वार्षिक/तिमाही/माहिक/पाक्षिक/दैनिक) दिये जाते हैं। यह प्रकाशन पुस्तकाकार और सीडी-रोम दोनों ही फार्मेंट में उपलब्ध हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस
भारतीय रिज़र्व बैंक वेबसाईट पर डाटाबेस भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित है जो भारत की अर्थव्यवस्था से संबंधित तमाम विविध विषयों से संबंधित समय शृंखला के आंकड़े उपलब्ध कराता है। यह साईट अपने विजिटर को आंकड़े लेने और उसे अनुसंधान हेतु उपयोग में लाने की अनुमति भी प्रदान करती है।
राज्य बजट एक अध्ययन, इस प्रकाशन में राज्य सरकारों के वित्त का विस्तृत विश्लेषणात्मक मूल्यांकन उपलब्ध कराया जाता है। इसमें नीतिगत निहितार्थ निकालने के लिए राज्यवार विश्लेषण करने के अतिरिक्त सभी राज्य सरकारों के समेकित आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है।
भारत में बैंकों से संबंधित सांख्यिकीय सारणियां
इस वार्षिक प्रकाशन में वाणिज्यिक बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित व्यापक आंकड़े दिये जाते हैं। इसमें विदेश में पंजीकृत बैंकों सहित भारत स्थित प्रत्येक वाणिज्यिक बैंक के तुलनपत्रों से संबंधित सूचना के साथ-साथ कार्यनिष्पादन संबंधी संकेतकों का समावेश रहता है। इसमें आंकड़े बैंक समूहवार और राज्यवार दर्शाये जाते है।
वार्षिक आधार पर, आरआरबी सहित सभी एससीबी से प्राप्त ऋण डाटा के आधार पर खाता प्रकार, संगठन, व्यवसाय/गतिविधि और उधारकर्ता की श्रेणी, ऋण प्राप्त करने के स्थान का जिला और जनसंख्या समूह, ब्याज दर, ऋण सीमा और बकाया राशि की जानकारी संकलित करना।
वार्षिक आधार पर आरआरबी सहित सभी एससीबी से प्राप्त शाखा-वार जमाराशि डेटा के आधार पर जमाराशि के प्रकार, सावधि जमाराशि की परिपक्वता पैटर्न, जमाराशि के स्वामित्व पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर डेटा एकत्र, संकलित, विश्लेषण और प्रसारित करना।
बैंकों के रिपोर्टिंग बोझ को कम करने के लिए, मार्च 2023 से बीएसआर -7 रिटर्न पर आधारित त्रैमासिक प्रकाशन (अर्थात् अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशि और ऋण पर त्रैमासिक सांख्यिकी) बंद कर दिया गया है। हालाँकि, वार्षिक बीएसआर-1 और बीएसआर-2 रिटर्न से इसका डाटा लेकर शीर्षक "जमाराशि और ऋण का स्थानिक वितरण (वार्षिक)" के तहत सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
यह तालिकाएं मार्च के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित) की जमाराशि और ऋण पर केंद्र, राज्य, जनसंख्या समूह और बैंक समूह के अनुसार आंकड़े प्रस्तुत करती हैं।
तिमाही प्रकाशन
तिमाही आधार पर, आरआरबी को छोड़कर सभी एससीबी से प्राप्त ऋण डेटा के आधार पर खाता प्रकार, संगठन, व्यवसाय/गतिविधि और उधारकर्ता की श्रेणी, ऋण प्राप्त करने के स्थान का जिला और जनसंख्या समूह, ब्याज दर, ऋण सीमा और बकाया राशि की जानकारी संकलित करना।
तिमाही आधार पर आरआरबी को छोड़कर सभी एससीबी से प्राप्त शाखा-वार जमाराशि डेटा के आधार पर जमाराशि के प्रकार, सावधि जमाराशि की परिपक्वता पैटर्न, जमाराशि के स्वामित्व पैटर्न के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या पर डेटा एकत्र, संकलित, विश्लेषण और प्रसारित करना।
बैंकों के रिपोर्टिंग बोझ को कम करने के लिए, मार्च 2023 से बीएसआर -7 रिटर्न पर आधारित त्रैमासिक प्रकाशन (अर्थात् अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशि और ऋण पर त्रैमासिक सांख्यिकी) बंद कर दिया गया है। हालाँकि, वार्षिक बीएसआर-1 और बीएसआर-2 रिटर्न से इसका डाटा लेकर शीर्षक "जमाराशि और ऋण का स्थानिक वितरण (त्रैमासिक)" के तहत सारणीबद्ध रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
यह तालिकाएं मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर) की जमाराशि और ऋण पर केंद्र, राज्य, जनसंख्या समूह और बैंक समूह के अनुसार आंकड़े प्रस्तुत करती हैं।
मासिक प्रकाशन
यह एक मासिक प्रकाशन है जो हर महीने के पहले सप्ताह में प्रकाशित किया जाता है। बुलेटिन में रिज़र्व बैंक द्वारा संग्रहित आंकड़ों और अक्सर किसी विशेष प्रयोजन के आधार पर संग्रहीत आंकड़ों के आधार पर विश्लेषणात्मक लेख प्रकाशित किये जाते हैं। इसमें गवर्नर, उप गवर्नरों और कार्यपालक निदेशकों के भाषण रहते हैं। यह भाषण केंद्रीय बैंक की नीतियों की समझ को सुधारने में उपयोगी रहते हैं। बुलेटिन में शामिल किये जाने वाले अन्य उपयोगी विषय हैं – रिज़र्व बैंक की प्रेस प्रकाशनियां और विभिन्न विभागों द्वारा जारी किये जाने वाले परिपत्र तथा अर्थव्यवस्था और वित्त तथा बैंकिंग से संबंधित आंकड़े। अक्सर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये जाने वाली महत्वपूर्ण रिपोर्टें इस मासिक प्रकाशन के अनुपूरक के रूप में जारी की जाती हैं जिनमें वार्षिक रिपोर्ट और भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति संबंधी रिपोर्ट शामिल है।
मोनेटरी एण्ड क्रेडिट इन्फ़र्मेशन रिव्यू
यह चार पृष्ठ का मासिक पत्र है जो परिचालन स्तर के बैंकरों के लिए उपयोगी है। इस पत्र में महीने के दौरान केंद्रीय बैंक द्वारा जारी महत्वपूर्ण परिपत्रों का सारांश रहता है। यह प्रत्येक महीने की एक से पांच तारीख के बीच प्रकाशित किया जाता है।
साप्ताहिक प्रकाशन
भारतीय रिज़र्व बैंक के बुलेटिन का साप्ताहिक सांख्यिकीय संपूरक
इस प्रकाशन में रिज़र्व बैंक का साप्ताहिक तुलनपत्र और वित्तीय, पण्य और बुलियन बाज़ारों से संबंधित गतिविधियां प्रस्तुत की जाती है। यह प्रकाशन हर शुक्रवार को शाम 5.00 बजे प्रकाशित किया जाता है।
दैनिक
रिज़र्व बैंक मुद्रा बाजार परिचालनों और चार प्रमुख मुद्राओं – यथा - अमेरिकी डालर, यूरो, पाउण्ड स्टर्लिंग और जापानी येन के लिए संदर्भ दरों से संबंधित आंकड़े अपनी दैनिक प्रेस प्रकाशनियों के ज़रिये प्रकाशित करता है। अन्य विषयों के संबंध में भी प्रेस प्रकाशनियां जारी की जाती हैं जो सामान्यजन की रुचि से संबंधित हो सकती है जैसे महत्वपूर्ण बैंकिंग विनियम, नये करेंसी नोट, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पंजीकरण प्रमाणपत्र हेतु आवेदनों को अस्वीकार करना अथवा प्रमाणपत्र रद्द करना, शहरी सहकारी बैंकों की स्थितियां, आदि।
सामयिक प्रकाशन
सामयिक आलेख
यह प्रकाशन चार महीने में एक बार जारी किया जाता है और इसमें रिज़र्व बैंक के विशेषज्ञ स्टाफ द्वारा प्रस्तुत किये गये अनुसंधान पत्र रहते हैं। इस प्रकाशन में दर्शाये गये दृष्टिकोण लेखकों के रहते हैं। सामयिक पत्र का प्रकाशन 1999 से वर्ष में तीन बार होता चला आ रहे हैं।
यह भारत में बाहरी विशेषज्ञों द्वारा रिज़र्व बैंक के आंतरिक स्टाफ सदस्यों के सहयोग से आयोजित किया जाने वाला अनुसंधान अध्ययन है। विकास अनुसंधान समूह अध्ययन समूह एक ऐसा मंच है जो आंतरिक अनुसंधान में बाहरी विशेषज्ञता की सहभागिता स्थापित करता है।
इनके अलावा रिज़र्व बैंक, उसके द्वारा गठित समितियों की रिपोर्टें फीडबैक और जानकारी के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए प्रकाशित करता है।
रिज़र्व बैंक सामयिक पुस्तिकाएं जारी करता है ताकि जनसाधारण को उपलब्ध सुविधाओं के बारे में अवगत कराया जा सके, विशेषत: विदेशी मुद्रा के क्षेत्र में।
भारतीय रिज़र्व बैंक तीन वार्षिक व्याख्यान आयोजित करता है। इनमें से दो व्याख्यान रिज़र्व बैंक के भूतपूर्व गवर्नरों के स्मरण में और एक व्याख्यान प्रसिद्ध मौद्रिक अर्थशास्त्री के स्मरण में आयोजित किये जाते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट
रिज़र्व बैंक की एक सक्रिय वेबसाइट (URL:http://www.rbi.org.in) है। रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली सभी जानकारी वेबसाइट पर पीडीएफ और एमएस वर्ड फार्मेट में साथ-साथ उपलब्ध करायी जाती है। आंकड़े एक्सेल फार्मेट में दिये जाते हैं। यह साइट दिन में अनेक बार अद्यतन की जाती है।
अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया में व्यापक पारदर्शिता लाने के अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए रिज़र्व बैंक पब्लिक डोमैन में अधिकाधिक जानकारी प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय बोर्ड की 20 दिसंबर 2024 को गुवाहाटी में आयोजित 612वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 16 अक्तूबर 2024 को भुवनेश्वर में आयोजित 611वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 04 सितंबर 2024 को मुंबई में आयोजित 610 वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 10 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में आयोजित 609 वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 22 मई 2024 को मुंबई में आयोजित 608 वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 22 मार्च 2024 को नागपुर में आयोजित 607 वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 12 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में आयोजित 606 वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 18 दिसंबर 2023 को केवड़िया में आयोजित 605 वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 27 अक्तूबर 2023 को ऋषिकेश में आयोजित 604वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 01 सितंबर 2023 को इंदौर में आयोजित 603वीं बैठक का कार्यवृत्तत
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केंद्रीय बोर्ड की 19 मई 2023 को मुंबई में आयोजित 602वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 24 मार्च 2023 को हैदराबाद में आयोजित 601वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 11 फरवरी 2023 को नई दिल्ली में आयोजित 600वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 16 दिसंबर 2022 को कोलकाता में आयोजित 599वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 31 अक्टूबर 2022 को मुंबई में आयोजित 598वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 26 अगस्त 2022 को जयपुर में आयोजित 597वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 20 मई 2022 को मुंबई में आयोजित 596वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 02 मई 2022 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 595वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 25 मार्च 2022 को बेंगलुरु में आयोजित 594वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 14 फरवरी 2022 को नई दिल्ली में आयोजित 593वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 17 दिसंबर 2021 को लखनऊ में आयोजित 592वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 29 अक्तूबर 2021 को मुंबई में आयोजित 591वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 13 अगस्त 2021 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 590वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 21 मई 2021 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 589वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 19 मार्च 2021 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 588वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 16 फरवरी 2021 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 587वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 18 दिसंबर 2020 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 586वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 23 अक्तूबर 2020 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 585वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 14 अगस्त 2020 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 584वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 26 जून 2020 को मुंबई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित 583वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 15 फरवरी 2020 को नई दिल्ली में आयोजित 582वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 29 जनवरी 2020 को मुंबई में आयोजित 581वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 13 दिसंबर 2019 को भुवनेश्वर में आयोजित 580वीं बैठक का कार्यवृत्त
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केंद्रीय बोर्ड की 11 अक्तूबर 2019 को चंडीगढ़ में आयोजित 579वीं बैठक का कार्यवृत्त
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पात्र आवेदको को सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जानकारी अधिनियम के प्रावधानों और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रदान की जाएगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक यदि यह समझता है कि कोई विशिष्ट जानकारी सामान्य जनता के हित की हो सकती है, तो सूचना का अधिकार, 2005 के अंतर्गत प्राप्त अनुरोधों की प्रतिक्रिया में जारी सभी जानकारी भी अपनी वेबसाइट पर प्रस्तुत करेगा।
आपके सुझाव
यदि आपको ऐसा लगता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पहले जारी की गयी जानकारी के अलावा उसे और कोई जानकारी जारी करनी चाहिए तो कृपया अपने सुझाव ईमेल से प्रेषित करें। तथापि, यदि आपको तदर्थ आधार पर किसी विशिष्ट जानकारी की आवश्यकता हो, तो आप सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। इस बात पर बल देना जरूरी है कि यह पद्धति केवल जानकारी प्राप्त करने के लिए निर्धारित की गयी है, न कि शिकायतें करने के लिए। भारतीय रिज़र्व बैंक के पास बैंकों और अपने स्वयं के विभागों के विरुद्ध शिकायतों के निवारण के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली है।
आरबीआई विनियमित संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के विरुद्ध शिकायतें
भारतीय रिजर्व बैंक ने विनियमित संस्था द्वारा प्रदान की गई ‘सेवाओं में कमी’* के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने के लिए एक अलग चैनल की व्यवस्था की है।
किसी विशिष्ट आरई के विरुद्ध शिकायतों के लिए, शिकायतकर्ता पहले आरई के पास लिखित शिकायत दर्ज कर सकता है। यदि आरई द्वारा शिकायत को पूर्णत: या आंशिक रूप से अस्वीकार कर दिया गया है, या शिकायतकर्ता आरई के जवाब से संतुष्ट नहीं है; या, आरई को शिकायत प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर शिकायतकर्ता को कोई जवाब प्राप्त नहीं होता है, तो शिकायतकर्ता रिज़र्व बैंक के शिकायत प्रबंध प्रणाली पोर्टल https://cms.rbi.org.in पर आरई के विरुद्ध ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है या आरबीआई, 4 वीं मंजिल, सेक्टर 17, चंडीगढ़ – 160017 में स्थापित 'केंद्रीकृत प्राप्ति और प्रसंस्करण केंद्र' को शिकायत भौतिक रूप में प्रेषित कर सकता है। प्राप्त शिकायतों को आरबीआई ओम्बड्समैन कार्यालयों द्वारा रिज़र्व बैंक – एकीकृत ओम्बड्समैन योजना, 2021 के तहत संचलित किया जाता है। जो आरई आरबी-आईओएस के दायरे में नहीं आती हैं, उनके विरुद्ध शिकायतों का संचलन भारतीय रिजर्व बैंक के उपभोक्ता शिक्षण एवं संरक्षण कक्षों द्वारा किया जाता है।
अधिक जानकारी के लिए आप निम्न लिंक देख सकते हैं:
इसके अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक में शिकायत निवारण प्रक्रिया और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में उपभोक्ताओं का मार्गदर्शन/शिक्षित करने के साथ-साथ आरबीआईओ/सीईपीसी के पास पहले से ही दर्ज शिकायतों की स्थिति के बारे में शिकायतकर्ताओं का मार्गदर्शन करने के लिए टोल-फ्री नंबर-14448 के साथ एक संपर्क केंद्र भी संचालित किया गया है। संपर्क केंद्र सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक (सोमवार से शनिवार, राष्ट्रीय अवकाश को छोड़कर) अंग्रेजी, हिंदी और दस क्षेत्रीय भाषाओं (असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, मलयालम, ओडिया, पंजाबी, तेलुगु और तमिल) में उपलब्ध है।
* “सेवा में कमी” का अर्थ विनियमित संस्था द्वारा वैधानिक रुप से या अन्यथा प्रदान करने के लिए अपेक्षित किसी भी वित्तीय सेवा में कमी या अपर्याप्तता से है, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक को वित्तीय नुकसान या क्षति हो सकती है या नहीं भी हो सकती है।“
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के विरुद्ध शिकायतें
कोई भी व्यक्ति जिसे रिज़र्व बैंक के किसी भी विभाग के विरुद्ध शिकायत है, वह अपनी शिकायत crpc@rbi.org.in पर दर्ज कर सकता है। शिकायत में शिकायतकर्ता का नाम और पता, उस विभाग का नाम जिसके विरुद्ध शिकायत की जा रही है, और दस्तावेजों द्वारा समर्थित मामले के तथ्य, यदि कोई हो, शामिल होने चाहिए।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत आवेदन करना
भारतीय नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनिय, 2005 के अंतर्गत मांगी जाने वाली विशिष्ट जानकारी का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए सूचना के लिए लिखित अनुरोध करना होगा। अनुरोध आवेदन में संपर्क के विवरण (डाक पता, टेलीफोन संख्या, फैक्स संख्या, ई-मेल पता) दिये जाने होंगे ताकि स्पष्टीकरण या सूचना के लिए आवेदक से संपर्क किया जा सकता है। चूंकि अधिनियम के अनुसार, सूचना केवल भारतीय नागरिकों को दी जा सकती है आपको अपनी नागरिकता की स्थिति भी बतानी होगी। हमारे लिंक https://rtionline.gov.in/ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी हमारे नागरिक अपना अनुरोध दायर कर सकते हैं। इस माध्यम से अनुरोधकर्ता को शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा और उसे एक पंजीकरण नम्बर दिया जाएगा, ऑनलाइन आवेदनों की ट्रैकिंग भी की जा सकेगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचना देने के लिए कितना समय लगेगा?
अनुरोधकर्ता से शुल्क के साथ सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्राप्ति के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक 30 दिन के भीतर अनुरोधकर्ता को यह सूचित करेगा कि क्या वह सूचना दे सकता है या नहीं दे सकता।
क्या सूचना प्राप्त करने के लिए मुझे पारिश्रमिक देना होगा?
सूचना का अधिकार (शुल्क और लागत का विनियम) नियम, 2005 के अनुसार सरकारी अधिकारी निम्नानुसार मूल्य प्राप्त करेंगे -
• बनाये गये या कॉपी किये गये हर पृष्ठ (ए-4 या ए-3 आकार का कागज) के लिए 2 रुपये।
• बड़े आकार के कागज में कॉपी का वास्तविक मूल्य या लागत मूल्य; नमूनों या मॉडलों के लिए वास्तविक मूल्य या कीमत।
• अभिलेखों के निरीक्षण के लिए पहले घंटे के लिए कोई शूल्क नहीं; बाद में हर घन्टे (या उसके बाद के खंड के लिए) के लिए 5 रुपये का शुल्क।
आगे सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 7(5) के अंतर्गत सूचना देने के लिए सरकारी अधिकारी निम्नानुसार मूल्य प्राप्त करेंगे –
• प्रति डिस्केट या फ्लॉपी के लिए 50 रुपये; और मुद्रित रूप में दी जाने वाली सूचना के लिए इस तरह के प्रकाशन के लिए निर्धारित मूल्य या प्रकाशन से उद्धरणों के लिए फोटोकॉपी के प्रति पृष्ठ के लिए 2 रुपये।
मुझे इस मूल्य का भुगतान किस चरण पर करना होगा?
यदि भारतीय रिज़र्व बैंक के पास सूचना उपलब्ध है और यथोचित शल्क के साथ आवेदन की प्राप्ति के 30 दिन के भीतर वह आपको सूचना दे सकता है तो सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 7 (1) के अंतर्गत निर्धारित किये अनुसार सूचना देने की लागत के बारे में वह आपको सूचित करेगा।
मुझे सूचना कब प्राप्त होगी?
भारतीय रिज़र्व बैंक के पास सूचना देने के लिए भुगतान प्राप्त होते ही आपको सूचना मिल जाएगी।
क्या भारतीय रिज़र्व बैंक मुझे सूचना देने से इन्कार कर सकता है?
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 और 9 सूचना की कतिपय श्रेणियों को प्रकटीकरण से छूट देती है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं -
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ऐसी सूचना, जिसके प्रकटीकरण से भारत की प्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीतिगत, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेशी राज्य के साथ संबंध प्रतिकूलत: प्रभावित होंगे या किसी अपराध के लिए उत्तेजन मिलेगी।
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ऐसी सूचना, जिसे किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा प्रकाशित करने के लिए स्पष्ट रूप से मना कर दिया गया है या ऐसी किसी बात का प्रकटीकरण जिससे न्यायालय का अवमान हो सकता हो। ऐसी सूचना, जिसके प्रकटीकरण से संसद या राज्य विधान मण्डल के विशेषाधिकार का उल्लंघन होता हो।
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वाणिज्यिक गोपनीयता, व्यापारिक गोपनीयता या बौद्धिक संपदा सहित ऐसी सूचना जिसे प्रकट करने से अन्य व्यक्ति की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को हानि पहुंच सकती है, जब तक सक्षम प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट न हो कि इस तरह की सूचना का प्रकटीकरण अधिकांश जनता के हित में है।
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किसी व्यक्ति को उसके विश्वास्थ संबंधों से उपलब्ध सूचना, जब तक सक्षम प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट न हो कि इस तरह की सूचना का प्रकटीकरण अधिकांश जनता के हित में है।
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विदेशी सरकार से गोपनीय रूप से प्राप्त सूचना, ऐसी सूचना जिसके प्रकटीकरण से किसी व्यक्ति के जीवित को या शारीरिक सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता हो या कानून लागू करने या सुरक्षा प्रयोजनों के लिए गोपनीय रूप से दिये गये सूचना स्रोत या सहायता की पहचान कराता हो।
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ऐसी सूचना को छानबीन या गिरफ्तारी या मुज़रिम या मुक़दमा चलाने की प्रक्रिया में बाधा डालेगी।
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मंत्रिमण्डल के कागज़ात, जिसमें मंत्री, सचिव और अन्य अधिकारी परिषद की चर्चाओं के अभिलेखों का समावेश हो। वैयक्तिक जानकारी से संबंधित ऐसी सूचना जिसके प्रकटीकरण का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है, या जिसके कारण व्यक्तिगत गोपनीयता को अवांछित क्षति पहुंचती हो।
क्या मुझे अपील करने का अधिकार है?
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत यदि आप रिज़र्व बैंक द्वारा दी गयी सूचना या आपके द्वारा अनुरोध की गयी सूचना न देने के उसके निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं, तो आपको अपील करने का अधिकार है।
मुझे अपनी अपील किसे भेजनी होगी?
आप अपनी अपील निम्नलिखित को संबोधित कर सकते हैं
1) श्री अविरल जैन
कार्यपालक निदेशक
(प्रथम अपीलीय प्राधिकारी)
भारतीय रिज़र्व बैंक
20वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग,
मुंबई-400 001.
ई-मेल आईडी - aaria@rbi.org.in
टेलीफोन: 022-2270 2533
2) श्री विवेक दीप
कार्यपालक निदेशक
(वैकल्पिक अपीलीय प्राधिकारी)
भारतीय रिज़र्व बैंक
17वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग,
मुंबई-400 001.
ई-मेल आईडी - aaria@rbi.org.in
टेलीफोन: 022-2261 4228
नागरिक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से https://rtionline.gov.in लिंक को एक्सेस कर प्रस्तुत किए गए आरटीआई अनुरोध के लिए अपनी पहली अपील प्रस्तुत कर सकते हैं और पहली अपील प्रस्तुत करने पर अनुरोधकर्ता को एक पंजीकरण संख्या प्राप्त होती है और वह अपनी अपील की स्थिति का पता लगा सकता है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 23, 2022