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जुलाई 06, 2023
डीआरजी अध्ययन संख्या 49: भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण
6 जुलाई 2023 डीआरजी अध्ययन संख्या 49: भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन का सह-लेखन पूजा पाढी, हिमानी शेखर और आकांक्षा हांडा द्वारा किया गया है। अध्ययन तीन प्रमुख सब्जियों अर्थात टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) के लिए क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर अस्थिरता संचारण की जांच करता है। क्षैतिज अस्थिरता संचारण का सं
6 जुलाई 2023 डीआरजी अध्ययन संख्या 49: भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन का सह-लेखन पूजा पाढी, हिमानी शेखर और आकांक्षा हांडा द्वारा किया गया है। अध्ययन तीन प्रमुख सब्जियों अर्थात टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) के लिए क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर अस्थिरता संचारण की जांच करता है। क्षैतिज अस्थिरता संचारण का सं
जनवरी 17, 2023
डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन
17 जनवरी 2023 डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक भारतेंदु सिंह, राज राजेश, रमेश गोलैट और के. सैमुअल एल. हैं। इस अध्ययन में मिजोरम राज्य में किए गए एक सर्वेक्षण के मा
17 जनवरी 2023 डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक भारतेंदु सिंह, राज राजेश, रमेश गोलैट और के. सैमुअल एल. हैं। इस अध्ययन में मिजोरम राज्य में किए गए एक सर्वेक्षण के मा
अगस्त 19, 2022
डीआरजी अध्ययन संख्या 47: भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता
19 अगस्त 2022 डीआरजी अध्ययन संख्या 47: भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया। अध्ययन के सह-लेखक रचिता गुलाटी, सुनील कुमार, एस. चिंनगैहलियन, राजेंद्र रघुमान्डा और प्रबल बिलंतू है। यह अध्ययन एक विस्तृत अनुसंधान दृष्टिकोण को अपनाता है और डायनेमिक पैनल डेटा मॉडल का उपयोग करके विभिन्न पृथक्करण स्तरों पर भारतीय बैंकिंग उद्योग में सुशासन, दक्षता और
19 अगस्त 2022 डीआरजी अध्ययन संख्या 47: भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारतीय बैंकों का सुशासन, दक्षता और सुदृढ़ता" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया। अध्ययन के सह-लेखक रचिता गुलाटी, सुनील कुमार, एस. चिंनगैहलियन, राजेंद्र रघुमान्डा और प्रबल बिलंतू है। यह अध्ययन एक विस्तृत अनुसंधान दृष्टिकोण को अपनाता है और डायनेमिक पैनल डेटा मॉडल का उपयोग करके विभिन्न पृथक्करण स्तरों पर भारतीय बैंकिंग उद्योग में सुशासन, दक्षता और
मई 24, 2021
डीआरजी अध्ययन सं. 46: भारत में जोखिम प्रीमियम झटके और व्यापार चक्र परिणाम
24 मई 2021 डीआरजी अध्ययन सं. 46: भारत में जोखिम प्रीमियम झटके और व्यापार चक्र परिणाम भारतीय रिज़र्व  बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत में जोखिम प्रीमियम झटके और व्यापार चक्र परिणाम" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया। अध्ययन के सह-लेखक डॉ. शेषाद्री बनर्जी, श्री जिबिन जोस और श्री राधेश्याम वर्मा हैं। यह अध्ययन व्यापार चक्र पर वित्तीय झटकों के गतिशील प्रभावों की जांच करता है। बैंकों की उच्च गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की पृष्ठभूमि में, एक वित्तीय झटके को उधारकर्त
24 मई 2021 डीआरजी अध्ययन सं. 46: भारत में जोखिम प्रीमियम झटके और व्यापार चक्र परिणाम भारतीय रिज़र्व  बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत में जोखिम प्रीमियम झटके और व्यापार चक्र परिणाम" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया। अध्ययन के सह-लेखक डॉ. शेषाद्री बनर्जी, श्री जिबिन जोस और श्री राधेश्याम वर्मा हैं। यह अध्ययन व्यापार चक्र पर वित्तीय झटकों के गतिशील प्रभावों की जांच करता है। बैंकों की उच्च गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की पृष्ठभूमि में, एक वित्तीय झटके को उधारकर्त
मई 24, 2021
डीआरजी अध्ययन सं. 45: मुद्रास्फीति का प्रारंभिक स्तर - अवधारणा और मापन
24 मई 2021 डीआरजी अध्ययन सं. 45: मुद्रास्फीति का प्रारंभिक  स्तर - अवधारणा और मापन भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर डीआरजी अध्ययन* जारी किया है जिसका शीर्षक है – “मुद्रास्फीति का प्रारंभिक (थ्रेशोल्ड) स्तर - अवधारणा और मापन" जारी किया।  उक्त अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर रवींद्र एच. ढोलकिया, डॉ. जय चंदर, श्रीमती. इप्सिता पाधी और श्री भानु प्रताप हैं। अध्ययन प्रारंभिक मुद्रास्फीति की अवधारणा की जांच करता है और इसे मुद्रास्फीति की दीर्घकालिक संतुलन दर के
24 मई 2021 डीआरजी अध्ययन सं. 45: मुद्रास्फीति का प्रारंभिक  स्तर - अवधारणा और मापन भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर डीआरजी अध्ययन* जारी किया है जिसका शीर्षक है – “मुद्रास्फीति का प्रारंभिक (थ्रेशोल्ड) स्तर - अवधारणा और मापन" जारी किया।  उक्त अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर रवींद्र एच. ढोलकिया, डॉ. जय चंदर, श्रीमती. इप्सिता पाधी और श्री भानु प्रताप हैं। अध्ययन प्रारंभिक मुद्रास्फीति की अवधारणा की जांच करता है और इसे मुद्रास्फीति की दीर्घकालिक संतुलन दर के
मार्च 27, 2018
डीआरजी अध्ययन सं. 44: भारत में मौद्रिक नीति अंतरण में वित्तीय घर्षण की भूमिका
27 मार्च 2018 डीआरजी अध्ययन सं. 44: भारत में मौद्रिक नीति अंतरण में वित्तीय घर्षण की भूमिका भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर डीआरजी अध्ययन जारी किया है जिसका शीर्षक है – “भारत में मौद्रिक नीति अंतरण में वित्तीय घर्षण की भूमिका”। उक्त अध्ययन डॉ. शेसाद्री बनर्जी, डॉ. हरेन्द्र बेहेरा, श्री संजीब बोरदोलोई और श्री राकेश कुमार द्वारा सह-लेखित है। इस अध्ययन में एक अपूर्ण रूप से प्रतिस्पर्धी बैंकिंग क्षेत्र के साथ न्यू कीन्सेनियन डायनेमिक स्टेकास्टिक जनरल इक्विलिब्रि
27 मार्च 2018 डीआरजी अध्ययन सं. 44: भारत में मौद्रिक नीति अंतरण में वित्तीय घर्षण की भूमिका भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर डीआरजी अध्ययन जारी किया है जिसका शीर्षक है – “भारत में मौद्रिक नीति अंतरण में वित्तीय घर्षण की भूमिका”। उक्त अध्ययन डॉ. शेसाद्री बनर्जी, डॉ. हरेन्द्र बेहेरा, श्री संजीब बोरदोलोई और श्री राकेश कुमार द्वारा सह-लेखित है। इस अध्ययन में एक अपूर्ण रूप से प्रतिस्पर्धी बैंकिंग क्षेत्र के साथ न्यू कीन्सेनियन डायनेमिक स्टेकास्टिक जनरल इक्विलिब्रि
सितंबर 12, 2017
डीआरजी अध्ययन संख्या 43: भारत में विभिन्न प्रकार के सार्वजनिक व्यय का कुछ समष्टि-आर्थिक प्रभाव-गणनीय सामान्य संतुलन मॉडल का उपयोग कर विश्लेषण
12 सितंबर 2017 डीआरजी अध्ययन संख्या 43: भारत में विभिन्न प्रकार के सार्वजनिक व्यय का कुछ समष्टि-आर्थिक प्रभाव-गणनीय सामान्य संतुलन मॉडल का उपयोग कर विश्लेषण भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “भारत में विभिन्न प्रकार के सार्वजनिक व्यय का कुछ समष्टि-आर्थिक प्रभाव- गणनीय सामान्य संतुलन मॉडल का उपयोग कर विश्लेषण” शीर्षक का डीआरजी अध्ययन जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर ए.गणेश-कुमार, विपुल के.घोष, ख्याजमंग मेट और प्रयाग सिंह रावत हैं। यह अध्ययन 2011-12 से 2
12 सितंबर 2017 डीआरजी अध्ययन संख्या 43: भारत में विभिन्न प्रकार के सार्वजनिक व्यय का कुछ समष्टि-आर्थिक प्रभाव-गणनीय सामान्य संतुलन मॉडल का उपयोग कर विश्लेषण भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “भारत में विभिन्न प्रकार के सार्वजनिक व्यय का कुछ समष्टि-आर्थिक प्रभाव- गणनीय सामान्य संतुलन मॉडल का उपयोग कर विश्लेषण” शीर्षक का डीआरजी अध्ययन जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर ए.गणेश-कुमार, विपुल के.घोष, ख्याजमंग मेट और प्रयाग सिंह रावत हैं। यह अध्ययन 2011-12 से 2
मार्च 30, 2017
डीआरजी अध्ययन: आघात और मुद्रास्फीति
30 मार्च 2017 डीआरजी अध्ययन: आघात और मुद्रास्फीति भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “आघात और मुद्रास्फीति” शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया है। यह अध्ययन प्रोफेसर एम.रामचंद्रन, पुदुच्चेरी विश्वविद्यालय और श्री राकेश कुमार, सहायक परामर्शदाता, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया गया है। सामान्य तौर पर, मानना है कि आपूर्ति पक्ष कारकों द्वारा प्रेरित आघातों का मुद्रास्फीति पर कोई दीर्घकालीन प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए, आपूर्ति आघातों से प्रेरित मुद्रास्फीति नीति हस्
30 मार्च 2017 डीआरजी अध्ययन: आघात और मुद्रास्फीति भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “आघात और मुद्रास्फीति” शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया है। यह अध्ययन प्रोफेसर एम.रामचंद्रन, पुदुच्चेरी विश्वविद्यालय और श्री राकेश कुमार, सहायक परामर्शदाता, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया गया है। सामान्य तौर पर, मानना है कि आपूर्ति पक्ष कारकों द्वारा प्रेरित आघातों का मुद्रास्फीति पर कोई दीर्घकालीन प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए, आपूर्ति आघातों से प्रेरित मुद्रास्फीति नीति हस्
जनवरी 29, 2016
डीआरजी अध्ययन सं. 41- व्यापार नीति और विनिर्माण कार्यनिष्पादन: वर्ष 1990-2010 की अवधि में भारत के संगठित विनिर्माण में व्यापार खुलेपन के स्तर को तलाशना
29 जनवरी 2016 डीआरजी अध्ययन सं. 41- व्यापार नीति और विनिर्माण कार्यनिष्पादन: वर्ष 1990-2010 की अवधि में भारत के संगठित विनिर्माण में व्यापार खुलेपन के स्तर को तलाशना भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “व्यापार नीति और विनिर्माण कार्यनिष्पादन: वर्ष 1990-2010 की अवधि में भारत के संगठित विनिर्माण में व्यापार खुलेपन के स्तर को तलाशना” शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया है। यह अध्ययन डॉ. देब कुसुम दास, अर्थशास्त्र विभाग, रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा किया
29 जनवरी 2016 डीआरजी अध्ययन सं. 41- व्यापार नीति और विनिर्माण कार्यनिष्पादन: वर्ष 1990-2010 की अवधि में भारत के संगठित विनिर्माण में व्यापार खुलेपन के स्तर को तलाशना भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “व्यापार नीति और विनिर्माण कार्यनिष्पादन: वर्ष 1990-2010 की अवधि में भारत के संगठित विनिर्माण में व्यापार खुलेपन के स्तर को तलाशना” शीर्षक से डीआरजी अध्ययन* जारी किया है। यह अध्ययन डॉ. देब कुसुम दास, अर्थशास्त्र विभाग, रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा किया
मार्च 04, 2014
डीआरजी अध्ययन सं. 40 - ‘भारत में कंपनी बांड बाजार का अध्ययन: सैद्धांतिक और नीतिगत प्रभाव’
4 मार्च 2014 डीआरजी अध्ययन सं. 40 -‘भारत में कंपनी बांड बाजार का अध्ययन: सैद्धांतिक और नीतिगत प्रभाव’ भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत में कंपनी बांड बाजार का अध्ययनः सैद्धांतिक और नीतिगत प्रभाव" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक प्रो. सुंदर राघवन, वित्त प्रोफेसर, एंब्री रिड्डल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी; और श्री अशोक साहू, निदेशक, वित्तीय स्थिरता इकाई; श्री अंगशुमान हाइत, सहायक सलाहकार, सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग; और डॉ. सौरभ घोष,
4 मार्च 2014 डीआरजी अध्ययन सं. 40 -‘भारत में कंपनी बांड बाजार का अध्ययन: सैद्धांतिक और नीतिगत प्रभाव’ भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत में कंपनी बांड बाजार का अध्ययनः सैद्धांतिक और नीतिगत प्रभाव" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक प्रो. सुंदर राघवन, वित्त प्रोफेसर, एंब्री रिड्डल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी; और श्री अशोक साहू, निदेशक, वित्तीय स्थिरता इकाई; श्री अंगशुमान हाइत, सहायक सलाहकार, सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग; और डॉ. सौरभ घोष,

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जनवरी 18, 2023

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