भाषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भाषण
Distinguished guests, participants, ladies and gentlemen, Good evening. At the outset, let me thank the organisers for inviting me to share some of my thoughts on the theme of financial inclusion. Before that, let me take a moment to acknowledge that today i.e., June 05, 2025, is the World Environment Day, an UN-recognized day that brings together people across the globe in a shared mission to safeguard and restore our planet. This year’s theme of ending plastic pollution is a call to all of us to make a behavioural shift in our daily life choices. In the spirit of preserving the purity of our environment and safeguarding our well-being, let us commit toward making more sustainable choices.
Distinguished guests, participants, ladies and gentlemen, Good evening. At the outset, let me thank the organisers for inviting me to share some of my thoughts on the theme of financial inclusion. Before that, let me take a moment to acknowledge that today i.e., June 05, 2025, is the World Environment Day, an UN-recognized day that brings together people across the globe in a shared mission to safeguard and restore our planet. This year’s theme of ending plastic pollution is a call to all of us to make a behavioural shift in our daily life choices. In the spirit of preserving the purity of our environment and safeguarding our well-being, let us commit toward making more sustainable choices.
मुझे भारतीय रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन के इस वर्ष के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। रिज़र्व बैंक इस सम्मेलन का आयोजन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, अर्थात् 15 मार्च को या इसके आसपास करता आ रहा है। उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। हम उपभोक्ता सेवाओं के संबंध में अपनी उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करने और सेवाओं को और बेहतर बनाने और शिकायतों को कम करने के तरीके पर चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं। हमें उपभोक्ता सेवाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, न केवल इसलिए कि ऐसा करना हमारा कर्तव्य है, बल्कि इसलिए कि ऐसा करना हमारे अपने हित में है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में, यदि हम अपने उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान नहीं करते हैं तो हम लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे।
मुझे भारतीय रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन के इस वर्ष के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। रिज़र्व बैंक इस सम्मेलन का आयोजन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, अर्थात् 15 मार्च को या इसके आसपास करता आ रहा है। उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। हम उपभोक्ता सेवाओं के संबंध में अपनी उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करने और सेवाओं को और बेहतर बनाने और शिकायतों को कम करने के तरीके पर चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं। हमें उपभोक्ता सेवाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, न केवल इसलिए कि ऐसा करना हमारा कर्तव्य है, बल्कि इसलिए कि ऐसा करना हमारे अपने हित में है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में, यदि हम अपने उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान नहीं करते हैं तो हम लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे।
We are holding this conference of the Reserve Bank of India Ombudsmen on a very important day, namely, the World Consumer Day. This event underscores our unwavering dedication to the well-being of the consumer in the financial sector. As custodians of the financial system – whether as a regulator or regulated entities such as banks, NBFCs or other financial institutions – our success hinges not only on promoting the resilience of the system, but also significantly on the value we bring to the lives of our citizens, who form the core of the financial ecosystem. Protection of consumer interest is one of the core guiding principles of the Reserve Bank’s policies and actions. I take it that similar is the case with the regulated entities of the Reserve Bank also.
We are holding this conference of the Reserve Bank of India Ombudsmen on a very important day, namely, the World Consumer Day. This event underscores our unwavering dedication to the well-being of the consumer in the financial sector. As custodians of the financial system – whether as a regulator or regulated entities such as banks, NBFCs or other financial institutions – our success hinges not only on promoting the resilience of the system, but also significantly on the value we bring to the lives of our citizens, who form the core of the financial ecosystem. Protection of consumer interest is one of the core guiding principles of the Reserve Bank’s policies and actions. I take it that similar is the case with the regulated entities of the Reserve Bank also.
विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक ओम्बड्समैन।आप सभी को मेरा नमस्कार ।
विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक ओम्बड्समैन।आप सभी को मेरा नमस्कार ।
नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य ओम्बड्समैन श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, ओम्बड्समैन और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई ओम्बड्समैन के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।
नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य ओम्बड्समैन श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, ओम्बड्समैन और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई ओम्बड्समैन के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।
A very warm good morning and Namaskar. 1. On behalf of the Central Board of the Reserve Bank of India, I have the privilege of welcoming the Hon’ble Prime Minister to this event to launch two major initiatives of the Reserve Bank. Sir, your participation in this event is a source of great motivation for all of us in the RBI. I would also like to welcome the Hon’ble Finance Minister to this event and thank her for her continuing support. We are also honoured by the est
A very warm good morning and Namaskar. 1. On behalf of the Central Board of the Reserve Bank of India, I have the privilege of welcoming the Hon’ble Prime Minister to this event to launch two major initiatives of the Reserve Bank. Sir, your participation in this event is a source of great motivation for all of us in the RBI. I would also like to welcome the Hon’ble Finance Minister to this event and thank her for her continuing support. We are also honoured by the est
श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
पृष्ठभूमि
2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।
श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
पृष्ठभूमि
2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।
प्लैटिनम जुबिली महोत्सव : स्टाफ सदस्यों को गवर्नर महोदय का संबोधन 1 अप्रैल 2009 प्रिय साथियो 75 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक आज इस महान सरकारी संस्था के इतिहास में मील के पत्थर जैसा एक यादगार क्षण बना रहा है । इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी एवं भारतीय रिज़र्व बैंक परिवार को संबोधित करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है । 2. 75 वीं वर्षगांठ मनाने का समय खुशी एवं उत्सव का है। आज का अवसर आत्म विश्लेषण का भी है, एक ऐसा अवसर जब संस्था के विकास पर नजर डालें
प्लैटिनम जुबिली महोत्सव : स्टाफ सदस्यों को गवर्नर महोदय का संबोधन 1 अप्रैल 2009 प्रिय साथियो 75 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक आज इस महान सरकारी संस्था के इतिहास में मील के पत्थर जैसा एक यादगार क्षण बना रहा है । इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी एवं भारतीय रिज़र्व बैंक परिवार को संबोधित करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है । 2. 75 वीं वर्षगांठ मनाने का समय खुशी एवं उत्सव का है। आज का अवसर आत्म विश्लेषण का भी है, एक ऐसा अवसर जब संस्था के विकास पर नजर डालें
मित्रो,
मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।
मित्रो,
मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 17, 2025