RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

rbi-speeches-home-page-banner-carousel

RBISpeechesInterviewSearchFilters

सर्च रिफाइन करें

श्रेणी पहलू

केटेगरी

खोज परिणाम

भाषण

  • लिस्ट व्यू
  • जाली देखना
जून 09, 2025
Moving the Boundaries of Financial Inclusion- A Regulatory Perspective - Address delivered by Shri M Rajeshwar Rao, Deputy Governor, Reserve Bank of India - June 05, 2025 - at HSBC's event for Financial Inclusion in Mumbai

Distinguished guests, participants, ladies and gentlemen, Good evening. At the outset, let me thank the organisers for inviting me to share some of my thoughts on the theme of financial inclusion. Before that, let me take a moment to acknowledge that today i.e., June 05, 2025, is the World Environment Day, an UN-recognized day that brings together people across the globe in a shared mission to safeguard and restore our planet. This year’s theme of ending plastic pollution is a call to all of us to make a behavioural shift in our daily life choices. In the spirit of preserving the purity of our environment and safeguarding our well-being, let us commit toward making more sustainable choices.

Shri M. Rajeshwar Rao, Deputy Governor, Reserve Bank of India

Distinguished guests, participants, ladies and gentlemen, Good evening. At the outset, let me thank the organisers for inviting me to share some of my thoughts on the theme of financial inclusion. Before that, let me take a moment to acknowledge that today i.e., June 05, 2025, is the World Environment Day, an UN-recognized day that brings together people across the globe in a shared mission to safeguard and restore our planet. This year’s theme of ending plastic pollution is a call to all of us to make a behavioural shift in our daily life choices. In the spirit of preserving the purity of our environment and safeguarding our well-being, let us commit toward making more sustainable choices.

मार्च 17, 2025
शिकायत निवारण का बदलता स्वरूप: एआइ का लाभ श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक का उद्घाटन भाषण आरबीआई ओम्बड्समैन का वार्षिक सम्मेलन, 17 मार्च 2025, मुंबई

मुझे भारतीय रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन के इस वर्ष के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। रिज़र्व बैंक इस सम्मेलन का आयोजन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, अर्थात् 15 मार्च को या इसके आसपास करता आ रहा है। उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। हम उपभोक्ता सेवाओं के संबंध में अपनी उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करने और सेवाओं को और बेहतर बनाने और शिकायतों को कम करने के तरीके पर चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं। हमें उपभोक्ता सेवाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, न केवल इसलिए कि ऐसा करना हमारा कर्तव्य है, बल्कि इसलिए कि ऐसा करना हमारे अपने हित में है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में, यदि हम अपने उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान नहीं करते हैं तो हम लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे।

श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

मुझे भारतीय रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन के इस वर्ष के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। रिज़र्व बैंक इस सम्मेलन का आयोजन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, अर्थात् 15 मार्च को या इसके आसपास करता आ रहा है। उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। हम उपभोक्ता सेवाओं के संबंध में अपनी उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करने और सेवाओं को और बेहतर बनाने और शिकायतों को कम करने के तरीके पर चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं। हमें उपभोक्ता सेवाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, न केवल इसलिए कि ऐसा करना हमारा कर्तव्य है, बल्कि इसलिए कि ऐसा करना हमारे अपने हित में है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में, यदि हम अपने उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान नहीं करते हैं तो हम लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे।

मार्च 15, 2024
आरबीआई ओम्बड्समैन वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर उद्घाटन भाषण - शक्तिकान्त दास

We are holding this conference of the Reserve Bank of India Ombudsmen on a very important day, namely, the World Consumer Day. This event underscores our unwavering dedication to the well-being of the consumer in the financial sector. As custodians of the financial system – whether as a regulator or regulated entities such as banks, NBFCs or other financial institutions – our success hinges not only on promoting the resilience of the system, but also significantly on the value we bring to the lives of our citizens, who form the core of the financial ecosystem. Protection of consumer interest is one of the core guiding principles of the Reserve Bank’s policies and actions. I take it that similar is the case with the regulated entities of the Reserve Bank also.

श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

We are holding this conference of the Reserve Bank of India Ombudsmen on a very important day, namely, the World Consumer Day. This event underscores our unwavering dedication to the well-being of the consumer in the financial sector. As custodians of the financial system – whether as a regulator or regulated entities such as banks, NBFCs or other financial institutions – our success hinges not only on promoting the resilience of the system, but also significantly on the value we bring to the lives of our citizens, who form the core of the financial ecosystem. Protection of consumer interest is one of the core guiding principles of the Reserve Bank’s policies and actions. I take it that similar is the case with the regulated entities of the Reserve Bank also.

जनवरी 25, 2024
ग्राहक केंद्रित वित्तीय उत्कृष्टता सुनिश्चित करने में आंतरिक ओम्बड्समैन की महत्वपूर्ण भूमिका - 16 जनवरी 2024 को मुंबई में आयोजित आंतरिक ओम्बड्समैन सम्मेलन में श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर महोदय का उद्बोधन

विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक ओम्बड्समैन।आप सभी को मेरा नमस्कार ।

श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

विनियमित संस्थाओं के एमडी और सीईओ, ग्राहक सेवा प्रमुख, प्रधान नोडल अधिकारी, कार्यपालक निदेशक, श्री नीरज निगम, रिज़र्व बैंक ओम्बड्समैन, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ साथियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आज के हमारे इस सम्मेलन के प्रमुख श्रोता, विनियमित संस्थाओं के आंतरिक ओम्बड्समैन।आप सभी को मेरा नमस्कार ।

अक्‍तूबर 28, 2022
वित्तीय सेवाओं के बदलते परिप्रेक्ष्य में ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता - 28 अक्टूबर, 2022 को जोधपुर में आयोजित भारतीय रिजर्व बैंक लोकपाल वार्षिक सम्मेलन में गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक श्री शक्तिकान्त दास का उद्घाटन भाषण

नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य ओम्बड्समैन श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, ओम्बड्समैन और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई ओम्बड्समैन के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।

श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

नमस्कार, ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल कंप्लेंट्स अथॉरिटी (एएफसीए), ऑस्ट्रेलिया के सीईओ और मुख्य ओम्बड्समैन श्री डेविड लॉक, उप गवर्नर, आरबीआई श्री एम के जैन, कार्यपालक निदेशक, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री एस सी मुर्मू , बैंकों और एनबीएफसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री गौर गोपाल दास, प्रोफेसर एम एस श्रीराम, ओम्बड्समैन और भारतीय रिज़र्व बैंक के मेरे साथियों। 1. आरबीआई ओम्बड्समैन के इस वार्षिक सम्मेलन, जो कोविड-19 महामारी के कारण तीन वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है, में आप सभी को संबोधित करते हुए मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है। जहाँ एक ओर महामारी ने अपने पीछे कई निशान छोड़े हैं, मुझे कुछ उम्मीद की किरणें दिखाई देती हैं। विशेष रूप से, महामारी के कारण डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी आई है और इसने वित्तीय सेवाओं के प्रौद्योगिकी संचालित परिवर्तनों को उत्प्रेरित किया है।

नवंबर 12, 2021
12 नवंबर 2021 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा आरबीआई- रीटेल डायरेक्ट योजना और रिज़र्व बैंक-एकीकृत ओम्बड्समैन योजना का शुभारंभ - श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्वागत भाषण

A very warm good morning and Namaskar. 1. On behalf of the Central Board of the Reserve Bank of India, I have the privilege of welcoming the Hon’ble Prime Minister to this event to launch two major initiatives of the Reserve Bank. Sir, your participation in this event is a source of great motivation for all of us in the RBI. I would also like to welcome the Hon’ble Finance Minister to this event and thank her for her continuing support. We are also honoured by the est

गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

A very warm good morning and Namaskar. 1. On behalf of the Central Board of the Reserve Bank of India, I have the privilege of welcoming the Hon’ble Prime Minister to this event to launch two major initiatives of the Reserve Bank. Sir, your participation in this event is a source of great motivation for all of us in the RBI. I would also like to welcome the Hon’ble Finance Minister to this event and thank her for her continuing support. We are also honoured by the est

मार्च 03, 2015
साख सूचना साझा करने के लिए नई नीतिगत पहल - आर गांधी

श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।

पृष्ठभूमि

2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।

श्री आर. गांधी, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।

पृष्ठभूमि

2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।

सितंबर 22, 2011
वैश्विक वित्तीय संकट का वित्तीय उपभोक्ताओं पर प्रभाव : उपभोक्ता संरक्षण की आवश्यकता के सबंध में वैश्विक और भारतीय परिप्रेक्ष्य - ओम्बड्समैन की भूमिका : के. सी. चक्रवर्ती
Introduction Mr. Douglas Melville, Chairman INFO 2011, all the delegates attending the annual conference of INFO, Ladies and Gentlemen, It gives me immense pleasure to be here in British Columbia and particularly, Vancouver, the beautiful city and share my thoughts on a subject that has occupied centre stage ever since the global financial system has been hit by crisis leading to concerns being raised about the efficacy of laws, regulations and their implementation wi
डॉ. के.सी. चक्रवर्ती, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक
Introduction Mr. Douglas Melville, Chairman INFO 2011, all the delegates attending the annual conference of INFO, Ladies and Gentlemen, It gives me immense pleasure to be here in British Columbia and particularly, Vancouver, the beautiful city and share my thoughts on a subject that has occupied centre stage ever since the global financial system has been hit by crisis leading to concerns being raised about the efficacy of laws, regulations and their implementation wi
अप्रैल 02, 2009
प्लैटिनम जुबिली महोत्सव : स्टाफ सदस्यों को गवर्नर महोदय का संबोधन 1 अप्रैल 2009

प्लैटिनम जुबिली महोत्सव : स्टाफ सदस्यों को गवर्नर महोदय का संबोधन 1 अप्रैल 2009 प्रिय साथियो 75 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक आज इस महान सरकारी संस्था के इतिहास में मील के पत्थर जैसा एक यादगार क्षण बना रहा है । इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी एवं भारतीय रिज़र्व बैंक परिवार को संबोधित करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है । 2. 75 वीं वर्षगांठ मनाने का समय खुशी एवं उत्सव का है। आज का अवसर आत्म विश्लेषण का भी है, एक ऐसा अवसर जब संस्था के विकास पर नजर डालें

डॉ. डी. सुब्बाराव, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

प्लैटिनम जुबिली महोत्सव : स्टाफ सदस्यों को गवर्नर महोदय का संबोधन 1 अप्रैल 2009 प्रिय साथियो 75 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक आज इस महान सरकारी संस्था के इतिहास में मील के पत्थर जैसा एक यादगार क्षण बना रहा है । इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी एवं भारतीय रिज़र्व बैंक परिवार को संबोधित करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है । 2. 75 वीं वर्षगांठ मनाने का समय खुशी एवं उत्सव का है। आज का अवसर आत्म विश्लेषण का भी है, एक ऐसा अवसर जब संस्था के विकास पर नजर डालें

फ़रवरी 27, 2007
आम आदमी और रिज़र्व बैंक

मित्रो,

 

मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।

डॉ. वाइ.वी. रेड्डी, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक

मित्रो,

 

मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RBIPageLastUpdatedOn

पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 17, 2025

श्रेणी पहलू

केटेगरी

Custom Date Facet