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भारतीय रिज़र्व बैंक ने मार्केटयार्ड कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उंझा जिला, मेहसाणा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 जनवरी 2025 के आदेश द्वारा मार्केटयार्ड कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उंझा जिला, मेहसाणा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘यूसीबी के लाभ में से सार्वजनिक/ धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान/ अंशदान’, ‘न्यासों और संस्थाओं, जिनमें निदेशक, उनके रिश्तेदार पदाधिकारी हैं या हित रखते हैं, को दान’, ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.50 लाख (पाँच लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4) (i) और 56  के साथ पठित धारा 47ए (1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।      

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:  

बैंक ने:

i) न्यासों को निर्धारित सीमा से अधिक दान दिया;

ii) कतिपय ऐसे न्यासों को दान दिया जिनमें बैंक के निदेशकों के हित थे;

iii) कतिपय निदेशक संबंधी ऋण स्वीकृत किए; और

iv) कतिपय खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा न्यूनतम छह माह में एक बार करने में विफल रहा।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।       

 

(पुनीत पंचोली
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2015

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