बैंकों द्वारा जानकारी प्रदर्शित करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों द्वारा जानकारी प्रदर्शित करना
आरबीआई/2014-15/422 22 जनवरी 2015 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय/ महोदया बैंकों द्वारा जानकारी प्रदर्शित करना कृपया बैंकों के परिचालन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए जानकारी प्रदर्शित करने से संबंधित 22 अगस्त 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.एलईजी.सं.बीसी 33/09.07.005/2008-09 तथा 12 सितंबर 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.एलईजी.बीसी.42/09.07.005/2008-09 देखेँ । 2. ऋण के मूल्य निर्धारण पर गठित कार्यदल की सिफारिशों के आधार पर ऋण के मूल्य निर्धारण में और अधिक पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे निम्नलिखित अतिरिक्त अनुदेशों का भी पालन करें: (क) वेबसाइट: (i) बैंकों को वैयक्तिक उधारकर्ता को दिए गए विभिन्न श्रेणी के अग्रिम तथा ऐसे ऋण के लिए मध्यवर्ती ब्याज दर सहित पिछली तिमाही के संविदागत ऋणों की ब्याज दर की विस्तार-सीमा अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करनी चाहिए । (ii) वैयक्तिक उधारकर्ता को दिए जानेवाले विभिन्न प्रकार के ऋणों पर प्रयोज्य कुल शुल्क और प्रभार ऋण प्रोसेसिंग के समय प्रकट करने चाहिए और इसके साथ ही पारदर्शिता और तुलना के लिए बैंक की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित करने चाहिए ताकि ग्राहकों को निर्णय लेने में आसानी हो। (iii) बैंको से अपेक्षित है कि वे वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) या वैयक्तिक उधारकर्ता को ऋण पर कुल उधार लागत दर्शानेवाली इस प्रकार की अन्य व्यवस्था अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करें ताकि ग्राहक सभी उत्पाद तथा / या उधारकर्तावार ऋण की लागत की तुलना कर सके । (ख) प्रमुख विवरण / तथ्य विवरण बैंकों को अनुबंध में निर्धारित किए गए अनुसार सभी वैयक्तिक उधारकर्ताओं को ऋण प्रक्रिया की प्रत्येक स्तर पर तथा ऋण के नियम और शर्तों में कोई परिवर्तन करने की स्थिति में एक पृष्ठ का स्पष्ट, संक्षिप्त प्रमुख तथ्य विवरण / तथ्य विवरण देना चाहिए। इसे ऋण करार में सारांश बाक्स के रूप में भी शामिल किया जाना चाहिए । 3. उपर्युक्त अनुदेशों के कार्यान्वयन के लिए बैंकों को पर्याप्त समय देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त अतिरिक्त दिशानिर्देश 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी होंगे । भवदीय (ए. के. पांडे) प्रमुख तथ्य विवरण
|